कुशीनगर में पथरी निकालने के बहाने किसान की किडनी निकाली, जांच शुरू।
Kushinagar: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक निजी अस्पताल में पथरी निकालने के नाम पर एक किसान की किडनी...
उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक निजी अस्पताल में पथरी निकालने के नाम पर एक किसान की किडनी निकाल लिए जाने का गंभीर आरोप लगा है। यह घटना नेबुआ नौरंगिया थाना क्षेत्र के कोटवा बाजार में स्थित न्यू लाइफ केयर हॉस्पिटल में हुई। पीड़ित किसान, अलाउद्दीन, ने अस्पताल के संचालक इमामुद्दीन और डॉ. तार मोहम्मद पर उनकी किडनी चोरी करने का आरोप लगाया है। इस मामले ने स्थानीय लोगों और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा दिया है। पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, जबकि स्वास्थ्य विभाग ने भी इस मामले की गहन जांच शुरू की है। यह खबर सोशल मीडिया और समाचार चैनलों पर तेजी से फैल रही है, जिससे लोगों में गुस्सा और चिंता का माहौल है। घटना की शुरुआत तब हुई, जब कुशीनगर के रामपुर खुर्द गांव के 35 वर्षीय किसान अलाउद्दीन को पेट में तेज दर्द की शिकायत हुई।
उन्होंने बताया कि उन्हें किडनी में पथरी होने का संदेह था। इसके लिए वे 14 अप्रैल 2025 को कोटवा बाजार के न्यू लाइफ केयर हॉस्पिटल में इलाज के लिए गए। अस्पताल में संचालक इमामुद्दीन और डॉ. तार मोहम्मद ने अलाउद्दीन को बताया कि उनकी किडनी में पथरी है, जिसके लिए तुरंत ऑपरेशन की जरूरत है। अलाउद्दीन ने उनकी सलाह मान ली और ऑपरेशन के लिए तैयार हो गए। लेकिन, आरोप है कि ऑपरेशन के दौरान उनकी किडनी निकाल ली गई, जबकि उन्हें केवल पथरी निकालने की बात कही गई थी। कुछ दिनों बाद, जब अलाउद्दीन की तबीयत बिगड़ने लगी, तो वे दोबारा अस्पताल गए। वहां अल्ट्रासाउंड जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि उनकी एक किडनी गायब है। यह सुनकर अलाउद्दीन और उनके परिवार के लोग सदमे में आ गए। उन्होंने तुरंत इसकी शिकायत नेबुआ नौरंगिया थाने में दर्ज कराई। अलाउद्दीन ने अपनी तहरीर में बताया कि अस्पताल ने पथरी निकालने के नाम पर धोखा दिया और उनकी किडनी चोरी कर ली। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने 12 अगस्त 2025 की रात को इमामुद्दीन और डॉ. तार मोहम्मद के खिलाफ मामला दर्ज किया। पुलिस अधीक्षक संतोष मिश्रा के निर्देश पर जांच शुरू हो गई है।
पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला कि ऑपरेशन रात के समय किया गया था, और उस दौरान कोई योग्य सर्जन मौजूद नहीं था। आरोप है कि इमामुद्दीन और डॉ. तार मोहम्मद ने स्वयं ऑपरेशन किया, जो चिकित्सा नियमों का उल्लंघन है। नेबुआ नौरंगिया थाने के प्रभारी दीपक सिंह और सीओ खड्डा बसंत कुमार सिंह ने अस्पताल का दौरा किया और मामले की जांच शुरू की। पुलिस ने अस्पताल के रिकॉर्ड जब्त किए हैं और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि ऑपरेशन की प्रक्रिया में क्या गलतियां हुईं। स्वास्थ्य विभाग ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है।
कुशीनगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) ने एक जांच कमेटी गठित की है, जो न्यू लाइफ केयर हॉस्पिटल के लाइसेंस, चिकित्सा उपकरणों, और कर्मचारियों की योग्यता की जांच कर रही है। सीएमओ ने कहा कि अगर अस्पताल की ओर से लापरवाही या आपराधिक गतिविधि सिद्ध होती है, तो कठोर कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग यह भी जांच कर रहा है कि क्या अस्पताल में किडनी निकालने की सुविधा और योग्य स्टाफ मौजूद था। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, न्यू लाइफ केयर हॉस्पिटल एक छोटा निजी अस्पताल है, जो सामान्य चिकित्सा और छोटे ऑपरेशनों के लिए जाना जाता है। किडनी जैसे जटिल ऑपरेशन के लिए यहां विशेषज्ञ सर्जन की मौजूदगी संदिग्ध है।
इस घटना ने स्थानीय लोगों में गुस्सा पैदा कर दिया है। सोमवार, 11 अगस्त 2025 को, अलाउद्दीन और उनके परिवार ने पुलिस अधीक्षक संतोष मिश्रा से मुलाकात की और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। इस मामले ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है। समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस घटना पर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को घेरा। उन्होंने एक एक्स पोस्ट में लिखा कि यह मामला स्वास्थ्य विभाग की नाकामी को दर्शाता है और स्वास्थ्य मंत्री को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या स्वास्थ्य मंत्री खुद इस्तीफा देंगे या जनता को उन्हें हटाना पड़ेगा। इस पोस्ट ने मामले को और सुर्खियों में ला दिया।
यह मामला कुशीनगर में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर भी सवाल उठा रहा है। कुशीनगर जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में संसाधनों की कमी और लापरवाही की कई शिकायतें पहले भी सामने आ चुकी हैं। उदाहरण के लिए, 2022 में कुशीनगर जिला अस्पताल में एक घायल व्यक्ति के खून को कुत्ता चाटता हुआ दिखाई दिया था, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे थे। इसके अलावा, 2022 में नेबुआ नौरंगिया क्षेत्र में एक कुएं में 13 महिलाओं और बच्चों की मौत की घटना ने भी जिले की प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठाए थे।
न्यू लाइफ केयर हॉस्पिटल का यह मामला निजी अस्पतालों में चिकित्सा नैतिकता और जवाबदेही की कमी को भी सामने लाता है। उत्तर प्रदेश में पहले भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। उदाहरण के लिए, मुजफ्फरनगर के एक निजी अस्पताल में पथरी निकालने के नाम पर एक मरीज की किडनी निकालने का आरोप लगा था, जिसके बाद अस्पताल को सील कर दिया गया था। इसी तरह, अलीगढ़ में एक होम गार्ड की किडनी निकालने का मामला भी सुर्खियों में रहा था। ये घटनाएं दर्शाती हैं कि निजी अस्पतालों में चिकित्सा लापरवाही और अवैध गतिविधियों पर सख्त निगरानी की जरूरत है। सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर लोगों में गुस्सा और चिंता देखी जा रही है। एक एक्स पोस्ट में एक यूजर ने लिखा कि निजी अस्पताल गरीब मरीजों के साथ धोखा कर रहे हैं, और सरकार को ऐसे अस्पतालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। एक अन्य यूजर ने स्वास्थ्य विभाग से सवाल किया कि क्या ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस नीति है।
यह मामला न केवल कुशीनगर, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर सवाल उठा रहा है। अलाउद्दीन और उनके परिवार की स्थिति दयनीय है। किडनी निकाले जाने के बाद उनकी सेहत बिगड़ रही है, और परिवार आर्थिक तंगी से भी जूझ रहा है। स्थानीय लोगों ने उनके समर्थन में आवाज उठाई है और दोषियों को सजा देने की मांग की है। इस मामले ने निजी अस्पतालों में मरीजों के साथ होने वाले शोषण और लापरवाही को फिर से सामने ला दिया है। स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की जांच से यह स्पष्ट होगा कि क्या यह लापरवाही थी या सुनियोजित अपराध। अगर किडनी चोरी का आरोप सही साबित होता है, तो यह मानव अंग तस्करी जैसे गंभीर अपराध से जुड़ा हो सकता है। पुलिस ने कहा है कि वे सभी पहलुओं की जांच कर रहे हैं, और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। स्वास्थ्य विभाग ने भी वादा किया है कि जांच पूरी होने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
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