दिल्ली से खाटू श्याम जी और सालासर बालाजी के लिए हेलिकॉप्टर सेवा 23 अगस्त से शुरू, 6 घंटे में करें दर्शन।

Trending News: दिल्ली से राजस्थान के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों खाटू श्याम जी और सालासर बालाजी के दर्शन के लिए अब भक्तों को लंबी सड़क यात्रा की जरूरत नहीं....

Aug 19, 2025 - 11:53
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दिल्ली से खाटू श्याम जी और सालासर बालाजी के लिए हेलिकॉप्टर सेवा 23 अगस्त से शुरू, 6 घंटे में करें दर्शन।
दिल्ली से खाटू श्याम जी और सालासर बालाजी के लिए हेलिकॉप्टर सेवा 23 अगस्त से शुरू, 6 घंटे में करें दर्शन।

दिल्ली से राजस्थान के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों खाटू श्याम जी और सालासर बालाजी के दर्शन के लिए अब भक्तों को लंबी सड़क यात्रा की जरूरत नहीं पड़ेगी। निजी एविएशन कंपनी स्यंदन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड 23 अगस्त 2025 से दिल्ली के रोहिणी हेलीपोर्ट से इन दोनों धामों के लिए हेलिकॉप्टर सेवा शुरू करने जा रही है। इस सेवा के जरिए श्रद्धालु मात्र साढ़े छह घंटे में दोनों मंदिरों के दर्शन कर वापस दिल्ली लौट सकेंगे। यह सेवा न केवल समय बचाएगी, बल्कि भक्तों को वीआईपी दर्शन, सात्विक भोजन, और अन्य सुविधाएं भी प्रदान करेगी। इस खबर ने देशभर के खाटू श्याम जी और सालासर बालाजी के भक्तों में उत्साह पैदा कर दिया है।

खाटू श्याम जी और सालासर बालाजी राजस्थान के दो प्रमुख धार्मिक स्थल हैं, जो हर साल लाखों भक्तों को आकर्षित करते हैं। खाटू श्याम जी मंदिर सीकर जिले में स्थित है और भगवान श्रीकृष्ण के कलयुग अवतार माने जाने वाले बर्बरीक को समर्पित है। मान्यता है कि बर्बरीक, जो पांडव पुत्र भीम के पोते थे, को भगवान श्रीकृष्ण ने वरदान दिया था कि कलयुग में उनकी पूजा श्याम बाबा के रूप में होगी। दूसरी ओर, सालासर बालाजी मंदिर चूरू जिले में जयपुर-बीकानेर राजमार्ग पर स्थित है और भगवान हनुमान को समर्पित है। यह भारत का एकमात्र हनुमान मंदिर है, जहां उनकी मूर्ति दाढ़ी और मूंछों के साथ स्थापित है। दोनों मंदिरों में सालभर भक्तों की भीड़ रहती है, खासकर चैत्र और आश्विन पूर्णिमा के दौरान आयोजित होने वाले मेलों में। पहले इन धामों तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को सड़क मार्ग से लंबी यात्रा करनी पड़ती थी। दिल्ली से खाटू श्याम जी की दूरी लगभग 265 किलोमीटर और सालासर बालाजी की दूरी लगभग 340 किलोमीटर है। खाटू श्याम जी से सालासर बालाजी की दूरी लगभग 100-110 किलोमीटर है। सड़क मार्ग से यह यात्रा करने में 16 से 24 घंटे लग सकते हैं, खासकर तीर्थ सीजन में जब ट्रैफिक और भीड़ बढ़ जाती है। इस लंबी और थकाऊ यात्रा को आसान बनाने के लिए स्यंदन एविएशन ने हेलिकॉप्टर सेवा शुरू करने का फैसला किया। इस सेवा की शुरुआत 23 अगस्त 2025 को सुबह 9:30 बजे दिल्ली के रोहिणी हेलीपोर्ट से होगी, जिसमें विशेष रूप से आमंत्रित विशिष्ट अतिथि शामिल होंगे।

स्यंदन एविएशन के प्रबंध निदेशक अभिनव सहाय ने इस सेवा की घोषणा करते हुए कहा, “भारत में धार्मिक यात्राएं सड़क मार्ग से अक्सर लंबी और थकाऊ होती हैं। खाटू श्याम जी और सालासर बालाजी की यात्रा में आमतौर पर 16 से 24 घंटे लगते हैं। हमारी हेलिकॉप्टर सेवा इस समय को एक चौथाई कर देगी। अब श्रद्धालु केवल साढ़े छह घंटे में दोनों मंदिरों के दर्शन कर घर लौट सकेंगे।” उन्होंने बताया कि इस सेवा का उद्देश्य भक्तों को सुविधाजनक और आरामदायक यात्रा अनुभव प्रदान करना है। यह सेवा विशेष रूप से बुजुर्गों, व्यस्त लोगों, और उन भक्तों के लिए उपयोगी होगी जो लंबी सड़क यात्रा नहीं कर सकते। इस हेलिकॉप्टर सेवा की कुल दूरी लगभग 700 किलोमीटर होगी, जिसमें दिल्ली से खाटू श्याम जी, खाटू श्याम जी से सालासर बालाजी, और फिर वापस दिल्ली तक का सफर शामिल है। हेलिकॉप्टर सुबह 9:30 बजे रोहिणी हेलीपोर्ट से उड़ान भरेगा और उसी दिन शाम तक श्रद्धालुओं को वापस दिल्ली लाएगा। इस सेवा का किराया प्रति व्यक्ति 95,000 रुपये तय किया गया है। हालांकि यह किराया अधिक लग सकता है, लेकिन इसमें कई सुविधाएं शामिल हैं, जो इसे एक लग्जरी और सुविधाजनक विकल्प बनाती हैं। किराए में हेलीपैड से मंदिर तक परिवहन, दर्शन से पहले तरोताजा होने के लिए होटल में कमरा, सात्विक भोजन, दोनों मंदिरों में वीआईपी दर्शन, और प्रसाद की व्यवस्था शामिल है।

स्यंदन एविएशन ने अपनी वेबसाइट syandanaviation.com पर बुकिंग की सुविधा शुरू कर दी है। कंपनी के अनुसार, यह सेवा सीमित सीटों के साथ शुरू होगी, और पहली उड़ान में विशेष अतिथियों को आमंत्रित किया गया है। भविष्य में मांग के आधार पर इस सेवा को और विस्तार देने की योजना है। कंपनी ने यह भी सुनिश्चित किया है कि यात्रा के दौरान सभी सुरक्षा मानकों का पालन किया जाएगा। हेलिकॉप्टर में अनुभवी पायलट और प्रशिक्षित कर्मचारी होंगे, जो यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा का ध्यान रखेंगे। इस हेलिकॉप्टर सेवा की घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर भक्तों ने उत्साह जताया है। एक यूजर ने लिखा, “यह उन लोगों के लिए बहुत अच्छी खबर है जो खाटू श्याम बाबा और सालासर बालाजी के दर्शन करना चाहते हैं, लेकिन समय की कमी के कारण नहीं जा पाते।” एक अन्य यूजर ने कहा, “95,000 रुपये का किराया थोड़ा महंगा है, लेकिन वीआईपी दर्शन और अन्य सुविधाओं को देखते हुए यह सही है।” कई लोगों ने इस सेवा को धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने वाला कदम बताया। इसके अलावा, हरियाणा और राजस्थान सरकारें भी खाटू श्याम जी और सालासर बालाजी तक पहुंच को आसान बनाने के लिए कई योजनाएं बना रही हैं। हरियाणा सरकार ने गुरुग्राम, हिसार, और फरीदाबाद से इन धामों के लिए हेलिकॉप्टर सेवा शुरू करने की योजना बनाई है। हरियाणा के नागर विमानन मंत्री विपुल गोयल ने राजस्थान के नागर विमानन मंत्री से इस बारे में चर्चा की है। इसके साथ ही, राजस्थान सरकार ने खाटू श्याम जी और सालासर बालाजी के बीच 254.06 करोड़ रुपये के बजट से 17.49 किलोमीटर की नई रेल लाइन बिछाने की घोषणा की है। यह परियोजना भक्तों को सीधी रेल सुविधा प्रदान करेगी और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगी।

राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने खाटू श्याम मंदिर कॉरिडोर के विकास के लिए एक उत्कृष्ट डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इस कॉरिडोर में सड़क, परिवहन, ठहरने की सुविधा, भीड़ नियंत्रण, और दर्शन की सुगमता जैसे पहलुओं पर ध्यान दिया जाएगा। इसका उद्देश्य खाटू श्याम मंदिर को एक मॉडल धार्मिक स्थल के रूप में विकसित करना है। एक अनुमान के अनुसार, खाटू श्याम जी मंदिर में प्रतिदिन 8,000 से 10,000 श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं, और वार्षिक लक्खी मेले में सात दिनों में 35 से 40 लाख भक्त आते हैं। सालासर बालाजी मंदिर भी अपनी चमत्कारी शक्तियों के लिए प्रसिद्ध है। मान्यता है कि यहां नारियल बांधने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मंदिर में 1755 से अखंड ज्योति प्रज्वलित है, जो भक्तों के लिए आस्था का प्रतीक है। मंदिर प्रांगण में कई धर्मशालाएं और रेस्तरां हैं, जो श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बनाए गए हैं। सालासर बालाजी मंदिर की स्थापना संत मोहनदास जी महाराज की भक्ति से हुई, जिन्हें स्वयं हनुमान जी ने दर्शन दिए थे। यह हेलिकॉप्टर सेवा धार्मिक पर्यटन को नई दिशा देगी। यह न केवल समय बचाएगी, बल्कि भक्तों को एक आरामदायक और आध्यात्मिक अनुभव भी प्रदान करेगी। बुजुर्गों और उन लोगों के लिए यह सेवा विशेष रूप से लाभकारी होगी, जिनके लिए लंबी सड़क यात्रा मुश्किल होती है। इसके अलावा, यह सेवा स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगी, क्योंकि इससे पर्यटन और संबंधित व्यवसायों को प्रोत्साहन मिलेगा।

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