ललितपुर में गोविंद की बहादुरी- सांप को हाथों से पकड़कर मार डाला, वीडियो वायरल।
Lalitpur: उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले के मड़ावरा थाना क्षेत्र के तिसगना गांव में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। यहां 32 वर्षीय गोविंद अहिरवार ....
उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले के मड़ावरा थाना क्षेत्र के तिसगना गांव में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। यहां 32 वर्षीय गोविंद अहिरवार ने अपनी हिम्मत और सूझबूझ से न केवल अपनी जान बचाई, बल्कि एक जहरीले सांप को अपने हाथों से मार डाला। यह घटना 17 अगस्त 2025 को दोपहर करीब 3 बजे हुई, जब गोविंद अपने खेत के पास बने घर में बिस्तर समेट रहा था। इस दौरान एक काला सांप अचानक उस पर गिर पड़ा और उसके हाथों में लिपट गया। गोविंद ने डर के बावजूद हिम्मत दिखाई और सांप के फन को कसकर पकड़ लिया, जिससे सांप की मौत हो गई।
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, और गोविंद की बहादुरी पूरे गांव में चर्चा का विषय बन गई है। घटना उस समय हुई जब गोविंद अपने घर में बिस्तर समेट रहा था। वह अपने खेत के पास बने घर में अकेला था। जैसे ही उसने बिस्तर उठाया, एक काला सांप अचानक उस पर गिर पड़ा और उसके बाएं हाथ में लिपट गया। यह देखकर गोविंद घबरा गया, लेकिन उसने तुरंत सांप के फन को अपनी मुट्ठी में कसकर दबा लिया। डर के मारे वह जमीन पर गिर गया और जोर-जोर से चीखने लगा। उसकी चीख सुनकर उसकी मां और आसपास के ग्रामीण कमरे में पहुंचे। उन्होंने देखा कि गोविंद जमीन पर लेटा हुआ है और उसकी मुट्ठी में सांप है, जो छटपटा रहा था। ग्रामीणों ने गोविंद को समझाने की कोशिश की कि वह सांप को छोड़ दे, लेकिन डर के कारण गोविंद ने सांप को लगभग आधे घंटे तक कसकर पकड़े रखा। इस दौरान सांप की हलचल धीरे-धीरे कम होती गई, और अंत में उसकी मौत हो गई।
गोविंद की चीख और सांप को पकड़े हुए देखकर उसके परिजनों को लगा कि सांप ने उसे काट लिया है। घबराए हुए परिजन उसे तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) मड़ावरा ले गए। वहां गोविंद बार-बार कहता रहा, “डॉक्टर साहब, मुझे बचा लो, सांप ने मुझे काट लिया है।” मड़ावरा स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. अभिनाश सोनी और उनकी टीम ने गोविंद की पूरी जांच की। जांच में पाया गया कि गोविंद के शरीर पर सांप के काटने का कोई निशान नहीं है, और न ही उसके शरीर में किसी प्रकार के जहर का असर है। डॉक्टरों ने उसे पूरी तरह स्वस्थ घोषित किया और कुछ समय बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। परिजनों की जिद पर उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया, जहां भी डॉक्टरों ने यही पुष्टि की कि गोविंद पूरी तरह ठीक है। इस घटना ने तिसगना गांव और आसपास के इलाकों में सनसनी फैला दी। स्थानीय लोगों ने गोविंद की बहादुरी की जमकर तारीफ की। एक ग्रामीण ने कहा, “गोविंद का साहस देखकर हम सब हैरान हैं। सांप को इतनी देर तक पकड़ना और उसे मार डालना आसान नहीं था।” हालांकि, डॉक्टरों और सांप विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इस तरह की कोशिश बेहद खतरनाक हो सकती है। डॉ. अभिनाश सोनी ने कहा, “अगर सांप ने सचमुच काट लिया होता, तो इतनी देर तक उसे हाथ में पकड़ना जानलेवा हो सकता था। गोविंद भाग्यशाली रहा कि सांप ने उसे नहीं काटा।” विशेषज्ञों का कहना है कि सांप को पकड़ने की कोशिश करने के बजाय तुरंत सुरक्षित दूरी बनाना और विशेषज्ञों की मदद लेना चाहिए।
गोविंद की इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में गोविंद को सांप को कसकर पकड़े हुए देखा जा सकता है, जबकि वह डर से चीख रहा है। वीडियो में ग्रामीण उसे समझाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन गोविंद सांप को छोड़ने को तैयार नहीं है। सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने गोविंद की हिम्मत की तारीफ की है। एक यूजर ने लिखा, “गोविंद ने जो किया, वह हर किसी के बस की बात नहीं है। उसकी हिम्मत को सलाम।” एक अन्य यूजर ने लिखा, “यह वीडियो देखकर डर और हिम्मत दोनों का अहसास होता है। गोविंद का साहस काबिल-ए-तारीफ है।” हालांकि, कुछ यूजर्स ने यह भी कहा कि सांप को मारने के बजाय उसे सुरक्षित छोड़ देना चाहिए था, क्योंकि सांप भी एक जीव है और वह केवल अपनी रक्षा में हमला करता है। गोविंद की यह कहानी तिसगना गांव के लिए एक अनोखी घटना बन गई है। गोविंद चार भाइयों में तीसरे नंबर का है और मजदूरी का काम करता है। उसके परिवार में उसकी मां और अन्य परिजन हैं। गोविंद ने बताया कि वह उस समय बहुत डर गया था, और उसे लगा कि सांप ने उसे काट लिया है। उसने कहा, “मैंने बस अपनी जान बचाने के लिए सांप को पकड़ा। मुझे नहीं पता था कि वह मुझे काटेगा या नहीं, लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी।” उसकी मां ने बताया कि गोविंद की चीख सुनकर उनका दिल बैठ गया था। उन्होंने कहा, “हमने सोचा कि सांप ने उसे काट लिया है, लेकिन भगवान की कृपा से वह सुरक्षित है।”
यह घटना ललितपुर जिले में सांपों से संबंधित खतरों को भी सामने लाती है। मानसून के मौसम में सांप अक्सर घरों में घुस आते हैं, क्योंकि बारिश के कारण उनके बिल पानी से भर जाते हैं। ललितपुर में हाल ही में बारिश के कारण कई इलाकों में पानी भर गया है, जिससे सांपों के घरों में घुसने की घटनाएं बढ़ गई हैं। एक अन्य घटना में आजमगढ़ के उत्तरगावा गांव में बारिश के कारण सांप के घर में घुसने से एक बालिका की सर्पदंश से मौत हो गई थी। इस तरह की घटनाएं लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी देती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून में घरों के आसपास साफ-सफाई रखना, बिस्तर और सामान को नियमित रूप से जांचना, और सांप दिखने पर तुरंत विशेषज्ञों से संपर्क करना चाहिए। ललितपुर के मड़ावरा थाना क्षेत्र के पुलिस अधिकारियों ने भी इस घटना की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि गोविंद की सूझबूझ ने उसकी जान बचाई, लेकिन इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए लोगों को जागरूक रहने की जरूरत है। पुलिस ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे सांपों से निपटने के लिए प्रशिक्षित सर्पमित्रों की मदद लें। उत्तर प्रदेश में सांपों से संबंधित घटनाओं को कम करने के लिए कई क्षेत्रों में सर्पमित्र सक्रिय हैं। उदाहरण के लिए, मध्य प्रदेश के शुभम शुक्ला, जो एक सर्पमित्र हैं, को हाल ही में सांप ने काट लिया था, लेकिन वह खतरे से बाहर हैं। इस घटना ने यह भी दिखाया कि डर के बावजूद सही समय पर सही निर्णय लेना कितना महत्वपूर्ण है। गोविंद ने अपनी हिम्मत से न केवल अपनी जान बचाई, बल्कि एक खतरनाक स्थिति से निपटने का उदाहरण भी पेश किया। हालांकि, विशेषज्ञों की सलाह है कि सांप को पकड़ने की कोशिश करने के बजाय सुरक्षित दूरी बनाए रखना और तुरंत मदद मांगना सबसे सुरक्षित तरीका है। गोविंद की इस घटना ने पूरे गांव में एक नई चर्चा शुरू कर दी है, और लोग अब सांपों से सावधानी बरतने के लिए अधिक जागरूक हो रहे हैं।
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