Politics: पूर्व CM जगन मोहन रेड्डी की कार से कुचलकर कार्यकर्ता की मौत के मामले में FIR दर्ज, ड्राईवर को बनाया मुख्य आरोपी, पुलिस ने की थी बचाने की कोशिश।
आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में 18 जून 2025 को एक दुखद हादसे में YSR कांग्रेस पार्टी (YSRCP) के कार्यकर्ता चीली सिंगैया (65) की मौत हो गई....
आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में 18 जून 2025 को एक दुखद हादसे में YSR कांग्रेस पार्टी (YSRCP) के कार्यकर्ता चीली सिंगैया (65) की मौत हो गई, जब वह पूर्व मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी के काफिले की गाड़ी के नीचे आ गए। यह घटना गुंटूर शहर के बाहरी इलाके एटुकुरु गांव के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुई, जब जगन सत्तेनपल्ली में एक पार्टी कार्यकर्ता के परिवार से मिलने जा रहे थे, जिसने एक साल पहले आत्महत्या कर ली थी। शुरुआत में पुलिस ने इसे काफिले की किसी अन्य गाड़ी से हुआ हादसा बताया था, लेकिन सीसीटीवी और ड्रोन फुटेज की जांच के बाद पुष्टि हुई कि सिंगैया को जगन की गाड़ी ने कुचला था। इस मामले में जगन, उनके ड्राइवर रमना रेड्डी, और चार अन्य YSRCP नेताओं के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं के तहत FIR दर्ज की गई है। 18 जून 2025 को, YSRCP अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ताडेपल्ली से सत्तेनपल्ली के रेंटापल्ला गांव जा रहे थे, ताकि एक साल पहले कथित पुलिस उत्पीड़न के कारण आत्महत्या करने वाले पार्टी कार्यकर्ता कोरलाकुंटा नागमल्लेश्वर राव के परिवार से मिलकर संवेदना व्यक्त कर सकें और उनकी प्रतिमा का अनावरण कर सकें। पुलिस ने इस रैली के लिए केवल तीन वाहनों और 100 समर्थकों को अनुमति दी थी, लेकिन ताडेपल्ली से रेंटापल्ला तक काफिले के साथ सैकड़ों समर्थक और 50 से अधिक वाहन शामिल हो गए।
चीली सिंगैया, जो वेंगलायापालेम गांव के निवासी थे, रैली में शामिल होने आए थे और जगन की गाड़ी पर फूल बरसाने की कोशिश कर रहे थे। भीड़ के दबाव और अव्यवस्था के बीच वह फिसलकर गाड़ी के सामने गिर गए, और गाड़ी का अगला दायां पहिया उनके गले के ऊपर से गुजर गया। वायरल हुए वीडियो फुटेज में सिंगैया को गाड़ी के नीचे कुचलते हुए दिखाई देता है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, गाड़ी नहीं रुकी और काफिला आगे बढ़ गया। स्थानीय पुलिसकर्मी ASI मनोहर ने सिंगैया को सड़क किनारे घायल अवस्था में देखा और उन्हें गुंटूर सरकारी अस्पताल पहुंचाया, जहां उनकी मृत्यु हो गई।
- पुलिस कार्रवाई
शुरुआत में, गुंटूर के पुलिस अधीक्षक (SP) सतीश कुमार ने बताया कि सिंगैया को काफिले की एक अज्ञात गाड़ी ने टक्कर मारी थी। हालांकि, 22 जून 2025 को सीसीटीवी, ड्रोन फुटेज, और प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों की जांच के बाद पुलिस ने पुष्टि की कि यह जगन की काली SUV थी, जो YSRCP के नाम पर पंजीकृत थी। इसके आधार पर, पुलिस ने FIR को संशोधित कर भारतीय न्याय संहिता की धारा 106(1) (लापरवाही से मृत्यु) से बदलकर धारा 105 (गैर-इरादतन हत्या) और धारा 49 (उकसाने) के तहत मामला दर्ज किया। FIR में जगन मोहन रेड्डी को आरोपी नंबर 2 (A2) और उनके ड्राइवर रमना रेड्डी को आरोपी नंबर 1 (A1) के रूप में नामित किया गया है। अन्य आरोपियों में जगन के निजी सहायक के. नागेश्वर रेड्डी, वरिष्ठ YSRCP नेता वाई.वी. सुब्बारेड्डी, पूर्व विधायक पेर्नी वेंकटरमैया, और पूर्व मंत्री विदादला राजिनी शामिल हैं। रमना रेड्डी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है, और पुलिस यह जांच कर रही है कि गाड़ी हादसे के बाद क्यों नहीं रुकी।
- YSRCP और विपक्ष की प्रतिक्रिया
YSRCP ने इस घटना को दुखद बताया और सिंगैया के परिवार को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी। YSRCP नेता और पूर्व मंत्री अंबाती रामबाबू ने दावा किया कि यह हादसा काफिले की किसी अन्य गाड़ी की वजह से हुआ था, और TDP समर्थक मीडिया जगन की छवि खराब करने के लिए झूठी कहानियां फैला रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि TDP-नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने जगन की सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं किए, जिससे यह हादसा हुआ।
दूसरी ओर, आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी (APCC) की अध्यक्ष वाई.एस. शर्मिला रेड्डी और कांग्रेस नेता मणिकम टैगोर ने जगन की कड़ी आलोचना की। शर्मिला ने इसे “भयावह” और “गैर-जिम्मेदाराना” व्यवहार बताया, और सवाल उठाया कि गाड़ी सिंगैया के नीचे आने के बावजूद क्यों नहीं रुकी। टैगोर ने इसे “आपराधिक लापरवाही” करार देते हुए कहा कि जगन को मानव जीवन की कोई कद्र नहीं है। राज्य के गृह मंत्री वी. अनिता और TDPP नेता लवु कृष्णदेवरायलु ने भी इस घटना की निंदा की और YSRCP पर सुरक्षा प्रोटोकॉल की अनदेखी का आरोप लगाया। एक विवादास्पद तख्ती, जिसमें लिखा था, “जब YSRCP 2029 में सत्ता में आएगी, रापा रापा नरुकुता” (पुश्पा 2 का डायलॉग, जिसका अर्थ है “एक-एक करके काट डालेंगे”), ने भी इस रैली को विवादों में घसीटा।
इस हादसे ने आंध्र प्रदेश में राजनीतिक तनाव को बढ़ा दिया है। सोशल मीडिया, विशेष रूप से एक्स पर, लोगों ने इस घटना पर गुस्सा और दुख जाहिर किया। एक यूजर ने लिखा, “यह स्पष्ट है कि जगन की गाड़ी ने सिंगैया को कुचला। भीड़ को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी नेताओं की होती है।” एक अन्य पोस्ट में कहा गया, “रैली में जोश की जगह सुरक्षा पहले होनी चाहिए। सिंगैया के परिवार को अब कौन जवाब देगा?” इस घटना ने राजनीतिक रैलियों में भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा प्रोटोकॉल की कमी को उजागर किया। उसी दिन, सत्तेनपल्ली के क्लॉक टावर के पास भीड़ में एक अन्य YSRCP समर्थक, 30 वर्षीय पी. जयवर्धन रेड्डी, की गिरने से मृत्यु हो गई, जिसने सुरक्षा चिंताओं को और गहरा कर दिया। चीली सिंगैया की मौत एक दुखद हादसा है, जो राजनीतिक रैलियों में अपर्याप्त सुरक्षा उपायों और भीड़ प्रबंधन की विफलता को दर्शाता है। वायरल वीडियो और सीसीटीवी फुटेज ने इस मामले को और गंभीर बना दिया है, जिसके कारण जगन मोहन रेड्डी और उनके सहयोगियों पर कानूनी कार्रवाई शुरू हो गई है।
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