देश- विदेश : ईरान का जवाबी हमला- इजरायल पर मिसाइलों की बौछार, तेल अवीव और यरुशलम में दहशत। 

मध्य पूर्व में तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है, जब ईरान ने इजरायल के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर किए गए अभूतपूर्व हमले का जवाब देने...

Jun 14, 2025 - 11:09
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देश- विदेश : ईरान का जवाबी हमला- इजरायल पर मिसाइलों की बौछार, तेल अवीव और यरुशलम में दहशत। 

तेल अवीव/तेहरान: मध्य पूर्व में तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है, जब ईरान ने इजरायल के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर किए गए अभूतपूर्व हमले का जवाब देने के लिए शुक्रवार देर रात और शनिवार तड़के सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलें और ड्रोन दागे। इस हमले में इजरायल की राजधानी तेल अवीव और यरुशलम में जोरदार धमाकों की आवाजें गूंजीं, जिससे लाखों नागरिकों में दहशत फैल गई। इजरायल की वायु रक्षा प्रणाली, जिसमें आयरन डोम और एरो सिस्टम शामिल हैं, ने अधिकांश मिसाइलों को नष्ट कर दिया, लेकिन कुछ मिसाइलें तेल अवीव के आसपास सात स्थानों पर गिरीं, जिससे कम से कम एक व्यक्ति की मौत और 41 लोग घायल हो गए। यह हमला इजरायल के 'ऑपरेशन राइजिंग लायन' के जवाब में था, जिसमें शुक्रवार तड़के ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर बड़े पैमाने पर हमले किए गए थे, जिसमें 78 लोग मारे गए और 320 से अधिक घायल हुए।

शुक्रवार तड़के, इजरायल ने ईरान के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा सैन्य अभियान शुरू किया, जिसे 'ऑपरेशन राइजिंग लायन' नाम दिया गया। इस ऑपरेशन में इजरायली वायुसेना के लगभग 200 विमानों ने ईरान के परमाणु संवर्धन केंद्र नतांज, इस्फहान में एक अन्य परमाणु अनुसंधान केंद्र, और कई सैन्य ठिकानों पर हमले किए। इजरायली सेना ने दावा किया कि इस ऑपरेशन में ईरान की बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च साइट्स और स्टॉकपाइल्स को नष्ट कर दिया गया। इस हमले में ईरान की इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के शीर्ष कमांडर जनरल मोहम्मद बघेरी, जनरल होसैन सलामी, और मिसाइल प्रोग्राम के प्रमुख जनरल हाजीज़ादेह सहित कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और परमाणु वैज्ञानिक मारे गए। ईरान के संयुक्त राष्ट्र राजदूत अमीर सईद इरवानी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया कि इस हमले में 78 लोग मारे गए, जिनमें अधिकांश नागरिक थे, और 320 से अधिक घायल हुए। ईरान ने इस हमले को "युद्ध की घोषणा" करार देते हुए तत्काल जवाबी कार्रवाई शुरू की। शुक्रवार रात 8 बजे से शुरू हुए 'ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3' के तहत ईरान ने इजरायल पर तीन चरणों में सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलें और ड्रोन दागे। ईरानी समाचार एजेंसी तस्नीम के अनुसार, इन हमलों में तेल अवीव और यरुशलम में सैन्य और रक्षा उत्पादन केंद्रों को निशाना बनाया गया। ईरान ने दावा किया कि उसके मिसाइल हमले "सटीक और प्रभावी" थे, और कई रणनीतिक ठिकानों को नुकसान पहुंचा। हालांकि, इजरायली सेना ने कहा कि ईरान ने कुल 100 से कम मिसाइलें दागीं, जिनमें से अधिकांश को आयरन डोम और एरो सिस्टम ने नष्ट कर दिया। कुछ मिसाइलें और मलबा तेल अवीव के सात स्थानों पर गिरा, जिससे एक महिला की मौत और 34 लोग घायल हो गए।

  • इजरायल की वायु रक्षा प्रणाली

इजरायल की बहुस्तरीय वायु रक्षा प्रणाली, जिसमें आयरन डोम, एरो, और डेविड्स स्लिंग शामिल हैं, ने इस हमले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इजरायली सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डेफ्रिन ने कहा कि अधिकांश मिसाइलें वायुमंडल के बाहर ही नष्ट कर दी गईं। हालांकि, कुछ मिसाइलें रक्षा प्रणाली को भेदने में सफल रहीं, जिसके परिणामस्वरूप तेल अवीव में इमारतों को नुकसान पहुंचा और एक व्यक्ति की मौत हो गई। इजरायल की आपातकालीन सेवाओं ने सात स्थानों पर खोज और बचाव अभियान चलाया, जहां मिसाइलें या मलबा गिरा था। अमेरिका ने भी इजरायल की रक्षा में सक्रिय भूमिका निभाई। पेंटागन ने हाल के दिनों में मध्य पूर्व में अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ाई थी, जिसमें इजरायल के तट पर नौसेना के विध्वंसक तैनात किए गए थे। तीन अमेरिकी अधिकारियों ने एनबीसी न्यूज को बताया कि अमेरिकी सेना ने इजरायल के साथ मिलकर कई ईरानी मिसाइलों और ड्रोनों को नष्ट किया। हालांकि, अमेरिका ने स्पष्ट किया कि वह इजरायल के हमले में शामिल नहीं था।

  • ईरान का दावा

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनी ने इजरायल के हमले को "बड़ा अपराध" करार देते हुए कहा कि ईरान का जवाब "आधा-अधूरा नहीं होगा।" उन्होंने इजरायल को "कड़वा और दर्दनाक" परिणाम भुगतने की चेतावनी दी। ईरान के IRGC ने कहा कि उनके हमले में इजरायल के सैन्य और औद्योगिक केंद्रों को निशाना बनाया गया। ईरानी मीडिया ने दावा किया कि मिसाइलें तेल अवीव और यरुशलम में रणनीतिक ठिकानों पर गिरीं, लेकिन स्वतंत्र स्रोतों से इसकी पुष्टि नहीं हो सकी।

इस हमले ने वैश्विक स्तर पर चिंता बढ़ा दी है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों देशों से हमले रोकने और कूटनीति अपनाने की अपील की। संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने कहा कि नतांज में परमाणु संयंत्र के ऊपरी हिस्से को नष्ट कर दिया गया, जिससे रासायनिक और रेडियोलॉजिकल रिसाव हुआ, लेकिन स्थिति "नियंत्रणीय" है। उन्होंने परमाणु सुविधाओं पर हमले की निंदा की। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि ईरान के पास अभी भी परमाणु समझौते के लिए समय है, लेकिन उन्होंने इजरायल का समर्थन करते हुए कहा कि अमेरिका ईरान के जवाबी हमलों से इजरायल की रक्षा करेगा। चीन ने इजरायल के हमले को ईरान की संप्रभुता का उल्लंघन बताया और सैन्य कार्रवाइयों को तत्काल रोकने की मांग की।

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इस संघर्ष ने मध्य पूर्व में पहले से ही अस्थिर स्थिति को और जटिल बना दिया है। इजरायल के हमले ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बड़ा झटका दिया है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इससे क्षेत्र में और हिंसा भड़क सकती है। ईरान ने अपने क्षेत्रीय सहयोगियों, जैसे यमन के हूती विद्रोहियों और लेबनान के हिजबुल्लाह, को सक्रिय करने की धमकी दी है। शुक्रवार को यमन से एक बैलिस्टिक मिसाइल इजरायल के हेब्रोन क्षेत्र में गिरी, जिसे हूती विद्रोहियों का हमला माना जा रहा है। तेल की कीमतों में उछाल देखा गया है, क्योंकि निवेशक इस क्षेत्र में युद्ध की आशंका से चिंतित हैं। वैश्विक शेयर बाजारों में भी गिरावट दर्ज की गई। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि यह संघर्ष बढ़ता है, तो यह पूरे क्षेत्र को युद्ध की आग में झोंक सकता है। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक टेलीविजन संबोधन में कहा कि यह ऑपरेशन ईरान के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल खतरे को खत्म करने के लिए था। उन्होंने ईरानी जनता से कहा कि यह ऑपरेशन उनके "आजादी के रास्ते को साफ करेगा।" इजरायली सेना ने कहा कि यह ऑपरेशन कई दिनों तक चल सकता है। ईरान और इजरायल के बीच यह ताजा संघर्ष मध्य पूर्व में दशकों पुरानी शत्रुता का एक नया और खतरनाक अध्याय है। इजरायल के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हमले और ईरान के जवाबी मिसाइल हमलों ने क्षेत्र को युद्ध के कगार पर ला खड़ा किया है।

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