देश विदेश: डोनाल्ड ट्रम्प ने पुतिन को पागल करार दिया, कहा- अगर मैं राष्ट्रपति होता तो.... यूक्रेन युद्ध और बढ़ते तनाव की नई कहानी।
हाल के दिनों में वैश्विक राजनीति में एक नया मोड़ आया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को "पूरा पागल" करार...
हाईलाइट्स:
- ट्रम्प की तीखी टिप्पणी: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को "पूरा पागल" करार दिया, यूक्रेन पर रूस के हालिया हमलों की निंदा करते हुए।
- यूक्रेन पर रूस का सबसे बड़ा हवाई हमला: रूस ने 2022 के बाद से यूक्रेन पर सबसे बड़े हवाई हमले किए, जिसमें 367 ड्रोन और मिसाइलें शामिल थीं, जिसके परिणामस्वरूप 12 लोगों की मौत और कई घायल।
- ट्रम्प का रुख: ट्रम्प ने पुतिन के साथ पहले के अच्छे संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि अब पुतिन का व्यवहार "पागलपन" की हद तक पहुंच गया है, और रूस पर और प्रतिबंध लगाने की धमकी दी।
- जेलेंस्की की मांग: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने ट्रम्प की चुप्पी की आलोचना करते हुए रूस पर और सख्त प्रतिबंधों की मांग की।
- यूरोप और नाटो की प्रतिक्रिया: यूरोपीय देशों ने रूस के खिलाफ नए प्रतिबंधों की घोषणा की, जबकि ट्रम्प के रुख से नाटो में दरार की आशंका बढ़ी।
- शांति वार्ता में असफलता: ट्रम्प और पुतिन के बीच हालिया दो घंटे की बातचीत में कोई ठोस प्रगति नहीं हुई, जिससे शांति की उम्मीदें धूमिल हो गईं।
देश विदेश: हाल के दिनों में वैश्विक राजनीति में एक नया मोड़ आया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को "पूरा पागल" करार दिया। यह बयान रूस द्वारा यूक्रेन पर किए गए सबसे बड़े हवाई हमलों के बाद आया, जिसमें 367 ड्रोन और मिसाइलों का उपयोग हुआ। इस हमले में कम से कम 12 लोग मारे गए, जिनमें तीन बच्चे शामिल थे, और दर्जनों घायल हो गए। डोनाल्ड ट्रम्प, जो पहले पुतिन के साथ अपने अच्छे संबंधों का दावा करते थे, ने हाल ही में रूस के खिलाफ अपनी अब तक की सबसे तीखी टिप्पणी की। न्यू जर्सी में संवाददाताओं से बात करते हुए, ट्रम्प ने कहा, "मैं पुतिन को लंबे समय से जानता हूं, हमेशा उनके साथ अच्छे संबंध रहे, लेकिन अब वह शहरों पर रॉकेट दाग रहे हैं और लोगों को मार रहे हैं, मुझे यह बिल्कुल पसंद नहीं है।" इसके बाद, उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, "पुतिन पूरी तरह पागल हो गए हैं।" यह बयान ट्रम्प के उस दावे के ठीक विपरीत है, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह 24 घंटे में यूक्रेन-रूस युद्ध को समाप्त कर सकते हैं। ट्रम्प ने रूस पर और प्रतिबंध लगाने की धमकी भी दी, जिससे यह संकेत मिलता है कि वह अब पुतिन के प्रति नरम रुख छोड़कर सख्ती की ओर बढ़ रहे हैं। हालांकि, यह धमकी तब आई है, जब ट्रम्प ने पहले शांति वार्ता को बढ़ावा देने की कोशिश की थी, जिसमें वह असफल रहे।
26 मई को रूस ने यूक्रेन पर 2022 के बाद से सबसे बड़ा हवाई हमला किया। इस हमले में 367 ड्रोन और मिसाइलों का उपयोग हुआ, जिसने कीव, खार्किव और अन्य शहरों को निशाना बनाया। हमले में कम से कम 12 लोग मारे गए, जिनमें तीन बच्चे शामिल थे, और कई लोग घायल हुए। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने इस हमले की कड़ी निंदा की और अमेरिका की "चुप्पी" को पुतिन के लिए प्रोत्साहन बताया। उन्होंने मांग की कि रूस पर और सख्त प्रतिबंध लगाए जाएं ताकि वह युद्ध को रोकने के लिए मजबूर हो। जेलेंस्की ने यह भी कहा कि वह ट्रम्प से उम्मीद करते हैं कि वह यूक्रेन के बिना कोई फैसला न लें। उन्होंने ट्रम्प के साथ दो बार फोन पर बात की, एक बार पुतिन के साथ उनकी बातचीत से पहले और दूसरी बार नाटो नेताओं के साथ एक सम्मेलन कॉल में। जेलेंस्की ने स्पष्ट किया कि यूक्रेन एक पूर्ण और बिना शर्त युद्धविराम के लिए तैयार है, लेकिन रूस को भी हत्याएं रोकनी होंगी।
- शांति वार्ता में असफलता
ट्रम्प ने अपने चुनाव अभियान के दौरान दावा किया था कि वह 24 घंटे में यूक्रेन-रूस युद्ध को समाप्त कर देंगे। इसके लिए, उन्होंने पुतिन के साथ एक शिखर सम्मेलन की योजना बनाई थी, जिसे वह एक टेलीविजन स्पेक्टेकल बनाना चाहते थे। हालांकि, 19 मई 2025 को ट्रम्प और पुतिन के बीच दो घंटे की फोन कॉल बिना किसी ठोस प्रगति के समाप्त हुई। ट्रम्प ने इस कॉल को "शानदार" बताया, लेकिन रूस ने अमेरिका द्वारा प्रस्तावित 30-दिवसीय बिना शर्त युद्धविराम को खारिज कर दिया। पुतिन ने बार-बार कहा कि युद्ध के "मूल कारणों" को संबोधित करना होगा, जिसमें यूक्रेन की संप्रभुता को कमजोर करने वाली मांगें शामिल हैं, जैसे कि यूक्रेन का "डी-नाज़ीकरण", सैन्यीकरण को कम करना और पश्चिमी सैन्य समर्थन पर रोक लगाना। इन मांगों को यूक्रेन और उसके सहयोगियों ने अस्वीकार कर दिया है, जिससे शांति वार्ता ठप हो गई है। यूरोपीय देशों ने रूस के खिलाफ नए प्रतिबंधों की घोषणा की है, जिसमें रूस की युद्ध अर्थव्यवस्था को लक्षित करने वाली कई कंपनियों और व्यक्तियों पर संपत्ति फ्रीज और यात्रा प्रतिबंध शामिल हैं। यूरोपीय संघ ने अपनी 17वीं प्रतिबंध सूची को मंजूरी दी, जिसमें पुतिन के "शैडो फ्लीट" को निशाना बनाया गया, जो रूस को तेल निर्यात करने में मदद करता है।
हालांकि, ट्रम्प के रुख ने नाटो में एक दरार पैदा कर दी है। जहां यूरोपीय देश रूस पर दबाव बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं ट्रम्प ने संकेत दिया है कि वह अब शांति प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग नहीं लेंगे और रूस-यूक्रेन को स्वयं समाधान खोजने के लिए कह रहे हैं। यह उनके पहले के दावों से एक बड़ा बदलाव है, जिससे यूरोपीय सहयोगियों में निराशा बढ़ी है।
- ट्रम्प और पुतिन
ट्रम्प और पुतिन के बीच संबंध हमेशा चर्चा का विषय रहे हैं। ट्रम्प ने पहले पुतिन के साथ अपने "अच्छे संबंधों" का दावा किया था, और इस साल की शुरुआत में पुतिन ने ट्रम्प को उनकी एक "खूबसूरत" तस्वीर भेंट की थी। हालांकि, हाल के हमलों और शांति वार्ता में असफलता के बाद, ट्रम्प का रुख सख्त हुआ है। उन्होंने पुतिन को "पागल" कहा और चेतावनी दी कि यूक्रेन पर पूरी तरह कब्जा करने की कोशिश रूस के "पतन" का कारण बन सकती है।
ट्रम्प की हालिया टिप्पणियों और रूस पर प्रतिबंधों की धमकी से यह स्पष्ट है कि वह अब पुतिन के प्रति पहले की तरह नरम रुख नहीं रखते। हालांकि, उनकी यह धमकी कितनी प्रभावी होगी, यह इस बात पर निर्भर करता है कि वह वास्तव में कितना दबाव डालते हैं। दूसरी ओर, यूक्रेन और उसके सहयोगी रूस पर और सख्त प्रतिबंधों की मांग कर रहे हैं, ताकि पुतिन को युद्ध रोकने के लिए मजबूर किया जा सके। इस बीच, पुतिन ने शांति वार्ता में कोई गंभीर रुचि नहीं दिखाई है। रूसी सेना पूर्वी यूक्रेन में धीमी लेकिन स्थिर प्रगति कर रही है, और पुतिन की मांगें यूक्रेन की संप्रभुता के लिए खतरा बनी हुई हैं।
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