कानपुर में शादी से इनकार करने पर महिला पर चाकू से हमला, आरोपी गिरफ्तार।
Kanpur Crime News: उत्तर प्रदेश के कानपुर में 16 जुलाई 2025 को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जिसमें एक विधवा महिला पर शादी का प्रस्ताव ठुकराने ....
उत्तर प्रदेश के कानपुर में 16 जुलाई 2025 को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जिसमें एक विधवा महिला पर शादी का प्रस्ताव ठुकराने के कारण एक युवक ने चाकू से कई बार हमला किया। यह घटना जाजमऊ इलाके में हुई, जहां आरोपी ने पहले महिला पर चाकू से वार किए और बाद में उसे अस्पताल ले जाते समय पुलिस की मौजूदगी में दोबारा हमला करने की कोशिश की। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, और पीड़िता का इलाज अस्पताल में चल रहा है। घटना कानपुर के जाजमऊ थाना क्षेत्र में हुई, जहां एक 32 वर्षीय विधवा महिला को उसके परिचित 28 वर्षीय युवक मोहम्मद फैज ने शादी का प्रस्ताव दिया। महिला ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया, जिससे नाराज होकर फैज ने उस पर चाकू से कई बार हमला कर दिया। हमले में महिला को गंभीर चोटें आईं, खासकर उसके गले, हाथ और पेट पर। स्थानीय लोगों ने उसे तुरंत जाजमऊ के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
हैरानी की बात यह है कि जब पुलिस और स्थानीय लोग पीड़िता को अस्पताल ले जा रहे थे, तब फैज ने दोबारा वहां पहुंचकर पुलिस की मौजूदगी में महिला पर हमला करने की कोशिश की। पुलिस ने तुरंत उसे हिरासत में ले लिया। यह घटना देर रात करीब 10 बजे की है, और आसपास के लोगों ने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा किया, जो तेजी से वायरल हो गया।
जाजमऊ थाना प्रभारी ने बताया कि पीड़िता की शिकायत पर मोहम्मद फैज के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है। प्रारंभिक जांच में पता चला कि फैज और पीड़िता एक ही मोहल्ले में रहते थे, और वह लंबे समय से महिला को परेशान कर रहा था। शादी के प्रस्ताव को बार-बार ठुकराए जाने से वह गुस्से में था, जिसके चलते उसने इस जघन्य वारदात को अंजाम दिया।
पुलिस ने यह भी बताया कि आरोपी के पास से हमले में इस्तेमाल किया गया चाकू बरामद कर लिया गया है। सीसीटीवी फुटेज और प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों के आधार पर जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है।
पीड़िता को गंभीर हालत में जाजमऊ के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसे प्राथमिक उपचार के बाद कानपुर के हैलट अस्पताल रेफर किया गया। चिकित्सकों के अनुसार, उसके गले और पेट पर गहरे घाव हैं, लेकिन उसकी हालत अब स्थिर है। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि फैज ने पहले भी कई बार उसका पीछा किया और शादी के लिए दबाव बनाया था। उसने इसकी शिकायत अपने परिवार से की थी, लेकिन औपचारिक रूप से पुलिस में शिकायत नहीं की थी।
इस घटना ने कानपुर और उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं। सोशल मीडिया पर लोग इस हमले की निंदा कर रहे हैं और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। कई यूजर्स ने लिखा कि महिलाओं को अपनी पसंद और नापसंद जाहिर करने की आजादी होनी चाहिए, और ऐसी हिंसक घटनाएं समाज में डर पैदा करती हैं।
समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने X पर इस घटना का जिक्र करते हुए उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए। उन्होंने लिखा, “कानपुर की यह घटना दिखाती है कि महिलाएं कितनी असुरक्षित हैं। सरकार को तुरंत कड़े कदम उठाने चाहिए।” वहीं, स्थानीय बीजेपी नेताओं ने पुलिस की त्वरित कार्रवाई की सराहना की और कहा कि दोषी को कठोर सजा मिलेगी।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के 2021 के आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या में वृद्धि हुई है। 2021 में 31,677 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए, जिनमें से उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा मामले सामने आए। कानपुर में भी हाल के वर्षों में ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं, जहां महिलाओं को उनकी पसंद या असहमति के कारण निशाना बनाया गया।
उदाहरण के लिए, 2024 में कानपुर के शिवराजपुर में एक युवती की हत्या और 2021 में एक महिला को 10वीं मंजिल से धक्का देने की घटना ने भी सुर्खियां बटोरी थीं। इन घटनाओं ने राज्य में महिलाओं की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि सामाजिक जागरूकता, सख्त कानूनी कार्रवाई और त्वरित पुलिस प्रतिक्रिया से ऐसी घटनाओं को कम किया जा सकता है।
इस घटना ने एक बार फिर समाज में महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत को उजागर किया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल के वर्षों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जैसे ‘मिशन शक्ति’ और ‘112’ आपातकालीन हेल्पलाइन। हालांकि, ऐसी घटनाएं दर्शाती हैं कि इन योजनाओं के कार्यान्वयन में और सुधार की जरूरत है।
महिला संगठनों ने मांग की है कि पीड़िताओं को तुरंत कानूनी और मनोवैज्ञानिक सहायता दी जाए। साथ ही, समाज में जागरूकता फैलाने के लिए स्कूलों और समुदायों में लैंगिक समानता और सम्मान पर आधारित कार्यक्रम शुरू किए जाएं।
कानपुर के जाजमऊ में हुई यह घटना महिलाओं के खिलाफ हिंसा और उनकी स्वतंत्रता पर हमले का एक और उदाहरण है। शादी से इनकार करने पर चाकू से हमला करने की यह वारदात न केवल अपराध है, बल्कि समाज में गहरी जड़ें जमाए पितृसत्तात्मक सोच को भी दर्शाती है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई और पीड़िता की स्थिर स्थिति राहत की बात है, लेकिन यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि महिलाओं को अपनी पसंद जाहिर करने की आजादी के लिए और क्या कदम उठाए जाने चाहिए। इस मामले में आगे की जांच और कानूनी कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी हैं।
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