UP News: आगरा में सूरसदन रोड हादसे के बाद बवाल, तीन युवकों की मौत, परिजनों का प्रदर्शन और पुलिस पर पथराव। 

उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में सूरसदन रोड के पास 1 जून 2025 को हुए एक दर्दनाक सड़क हादसे ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला ....

Jun 12, 2025 - 13:39
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UP News: आगरा में सूरसदन रोड हादसे के बाद बवाल, तीन युवकों की मौत, परिजनों का प्रदर्शन और पुलिस पर पथराव। 

आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में सूरसदन रोड के पास 1 जून 2025 को हुए एक दर्दनाक सड़क हादसे ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी। इस हादसे में एक तेज रफ्तार वाहन ने बाइक सवार तीन युवकों को टक्कर मार दी, जिसके बाद वाहन चालक मौके से फरार हो गया। इस हादसे में गिहारन बस्ती, संजय प्लेस के रहने वाले दो युवकों, आशुतोष और रितिक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीसरा युवक साजन गंभीर रूप से घायल हो गया। साजन को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन इलाज के दौरान 10 जून को उसकी भी मौत हो गई। इस घटना के बाद गुस्साए परिजनों और स्थानीय लोगों ने सूरसदन चौराहे पर शव रखकर प्रदर्शन किया और सड़क जाम कर दी। प्रदर्शन के दौरान स्थिति तब बिगड़ गई, जब भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके जवाब में पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। परिजनों ने मुआवजे की मांग और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

1 जून 2025 को आगरा के सूरसदन रोड के पास करकुंज सिकंदरा में यह दुखद हादसा हुआ। स्थानीय सूत्रों और पुलिस के अनुसार, आशुतोष, रितिक और साजन एक मोटरसाइकिल पर सवार होकर जा रहे थे, तभी एक तेज रफ्तार वाहन ने उनकी बाइक को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि आशुतोष और रितिक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि साजन को गंभीर चोटें आईं। घायल साजन को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसे गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में रखा गया। हालांकि, चिकित्सकों के अथक प्रयासों के बावजूद साजन की हालत में सुधार नहीं हुआ और 10 जून को उसने दम तोड़ दिया। यह हादसा आगरा में सड़क सुरक्षा के मुद्दों को फिर से उजागर करता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सूरसदन रोड और आसपास के क्षेत्रों में तेज रफ्तार वाहनों और लापरवाही भरे ड्राइविंग के कारण अक्सर हादसे होते रहते हैं। इस घटना में वाहन चालक के मौके से फरार होने ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं।

  • परिजनों का प्रदर्शन और पुलिस से टकराव

साजन की मौत की खबर मिलते ही गिहारन बस्ती और संजय प्लेस के स्थानीय लोग आक्रोशित हो गए। 10 जून को परिजनों और बस्ती की महिलाओं ने साजन का शव सूरसदन चौराहे पर रखकर सड़क जाम कर दी। प्रदर्शनकारियों ने मुआवजे की मांग के साथ-साथ हादसे के लिए जिम्मेदार वाहन चालक के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की। उनका आरोप था कि पुलिस ने हादसे के बाद से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की और आरोपी अब तक फरार है। स्थानीय लोगों ने सड़क पर टायर जलाए और नारेबाजी की, जिससे क्षेत्र में तनाव की स्थिति बन गई। सूचना मिलते ही थाना हरिपर्वत की पुलिस मौके पर पहुंची और प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया। हालांकि, स्थिति तब और बिगड़ गई, जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा। इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारी घायल भी हुए, जिसने स्थिति को और उग्र कर दिया। पुलिस ने बताया कि लाठीचार्ज का सहारा केवल स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लिया गया। थाना हरिपर्वत के प्रभारी ने कहा, "हमने प्रदर्शनकारियों को शांत करने की पूरी कोशिश की, लेकिन पत्थरबाजी शुरू होने के बाद हमें मजबूरन हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। हम मामले की जांच कर रहे हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।"

  • परिजनों की मांग और पुलिस की प्रतिक्रिया

परिजनों का कहना है कि हादसे के बाद पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। उनका आरोप है कि 1 जून को हुए हादसे के बाद से वाहन चालक की पहचान नहीं हो सकी है और न ही कोई गिरफ्तारी हुई है। परिजनों ने मृतकों के परिवारों के लिए मुआवजे की मांग की है, साथ ही सूरसदन रोड पर सड़क सुरक्षा उपायों को मजबूत करने की मांग भी उठाई है। पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज कर ली है और जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है और हादसे के लिए जिम्मेदार वाहन की तलाश जारी है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस ने यह भी कहा कि प्रदर्शन के दौरान पत्थरबाजी करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

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यह हादसा आगरा में सड़क सुरक्षा की खराब स्थिति को उजागर करता है। उत्तर प्रदेश में सड़क हादसों की संख्या लगातार बढ़ रही है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में उत्तर प्रदेश में सड़क हादसों में 22,595 लोगों की मौत हुई थी, जो देश में सबसे अधिक है। आगरा जैसे शहरों में तेज रफ्तार, लापरवाही भरा ड्राइविंग, और अपर्याप्त सड़क सुरक्षा उपाय इन हादसों के प्रमुख कारण हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि सूरसदन रोड पर अक्सर तेज रफ्तार वाहन चलते हैं और स्पीड ब्रेकर या ट्रैफिक सिग्नल की कमी के कारण हादसे आम हैं। इस हादसे के बाद स्थानीय निवासियों ने सड़क पर स्पीड ब्रेकर, ट्रैफिक सिग्नल, और नियमित पुलिस गश्त की मांग की है। इस घटना ने स्थानीय समुदाय में गहरे आक्रोश को जन्म दिया है। गिहारन बस्ती के निवासियों का कहना है कि अगर पुलिस ने समय रहते कार्रवाई की होती, तो शायद स्थिति इतनी न बिगड़ती। कुछ सामाजिक संगठनों ने भी इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग की है।

जिला प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एक जांच कमेटी गठित करने की बात कही है। साथ ही, मृतकों के परिजनों को मुआवजे के लिए राज्य सरकार से संपर्क करने का आश्वासन दिया गया है। हालांकि, परिजनों का कहना है कि जब तक दोषी पकड़ा नहीं जाता, वे संतुष्ट नहीं होंगे।

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