UP News: 21 साल की उम्र में UPSC क्रैक कर आस्था सिंह बनीं भारत की सबसे युवा महिला IAS, पढिये एक प्रेरणादायक कहानी। 

यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) सिविल सर्विस परीक्षा 2024 के परिणाम 22 अप्रैल, 2025 को जारी हुए, जिसके साथ ही देश को...

Jun 3, 2025 - 11:25
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UP News: 21 साल की उम्र में UPSC क्रैक कर आस्था सिंह बनीं भारत की सबसे युवा महिला IAS, पढिये एक प्रेरणादायक कहानी। 

यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) सिविल सर्विस परीक्षा 2024 के परिणाम 22 अप्रैल, 2025 को जारी हुए, जिसके साथ ही देश को 1,009 नए सिविल सर्वेंट मिले। इस साल की सबसे उल्लेखनीय उपलब्धियों में से एक है पंजाब के पंचकुला की 21 वर्षीय आस्था सिंह का नाम, जिन्होंने अपने पहले ही प्रयास में UPSC परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक (AIR) 61 हासिल कर इतिहास रच दिया। आस्था सिंह को भारत की सबसे युवा महिला IAS अधिकारी के रूप में मान्यता मिली है, जिन्होंने बिना किसी कोचिंग के, केवल आत्म-अध्ययन के बल पर यह मुकाम हासिल किया। उनकी इस उपलब्धि ने न केवल उनके परिवार और पंजाब को गौरवान्वित किया, बल्कि लाखों युवाओं के लिए एक प्रेरणा का स्रोत भी बन गई है। 

  • आस्था सिंह की पृष्ठभूमि

आस्था सिंह का जन्म पंचकुला, पंजाब में हुआ, और उनका पैतृक गांव उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के डोभी तहसील में कुशाहन कनौरा है। उनके पिता, बृजेश सिंह, पंचकुला में एक फार्मा कंपनी में क्वालिटी हेड के रूप में कार्यरत हैं, जबकि उनकी मां, शालिनी सिंह, एक गृहिणी हैं। आस्था ने अपनी स्कूली शिक्षा भोपाल और पंचकुला में पूरी की। इसके बाद, उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (SRCC) से अर्थशास्त्र (ऑनर्स) में स्नातक की डिग्री हासिल की। कॉलेज के दौरान ही उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी शुरू कर दी थी, जो उनकी असाधारण लगन और अनुशासन को दर्शाता है। आस्था के परिवार में कोई भी पहले सिविल सर्वेंट नहीं रहा, जिससे उनकी यह उपलब्धि और भी खास हो जाती है। उनके पिता ने हमेशा उन्हें सिविल सेवा में जाने के लिए प्रेरित किया, और उनकी मां ने घर पर एक सहायक माहौल प्रदान किया। आस्था ने एक साक्षात्कार में बताया कि उनके पिता का सपना था कि वह IAS बनें, और उनकी यह सफलता उनके परिवार की मेहनत और बलिदान का परिणाम है।

  • UPSC की यात्रा: बिना कोचिंग के सफलता

UPSC सिविल सेवा परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है, जिसमें हर साल लाखों अभ्यर्थी भाग लेते हैं। 2024 में, 9,92,599 उम्मीदवारों ने इस परीक्षा के लिए आवेदन किया, जिनमें से 5,83,213 ने प्रारंभिक परीक्षा दी। आस्था ने इस अत्यंत प्रतिस्पर्धी परीक्षा को अपने पहले प्रयास में, बिना किसी कोचिंग के, केवल आत्म-अध्ययन के दम पर पास किया। उनकी इस उपलब्धि ने साबित कर दिया कि दृढ़ संकल्प और सही रणनीति के साथ असंभव को भी संभव किया जा सकता है। आस्था ने बताया कि उन्होंने अपनी पढ़ाई को व्यवस्थित और लक्षित रखा। उन्होंने कहा, “मैं गुणवत्ता में विश्वास करती हूं, न कि घंटों की पढ़ाई में। मैंने लक्षित अध्ययन किया और रोजाना 6-8 घंटे पढ़ाई की।” उनकी रणनीति में NCERT की किताबों पर विशेष ध्यान देना, समाचार पत्र पढ़ना, और पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों का विश्लेषण करना शामिल था। इसके अलावा, उन्होंने नियमित रूप से मॉक टेस्ट दिए और अपनी कमजोरियों को सुधारने पर काम किया। आस्था ने हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन (HPSC) की परीक्षा भी दी और पहले प्रयास में रैंक 31 हासिल कर अतिरिक्त आबकारी और कराधान अधिकारी (AETO) के रूप में हरियाणा सरकार में नियुक्त हुईं। UPSC की तैयारी के साथ-साथ HPSC में उनकी सफलता उनकी असाधारण मेहनत और समय प्रबंधन को दर्शाती है।

  • UPSC 2024: परीक्षा और परिणाम

UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2024 की प्रक्रिया तीन चरणों में पूरी हुई: प्रारंभिक परीक्षा (16 जून, 2024), मुख्य परीक्षा, और व्यक्तित्व परीक्षण (7 जनवरी से 17 अप्रैल, 2025)। इस साल कुल 1,009 उम्मीदवारों को अंतिम रूप से चुना गया, जिनमें से 180 IAS, 55 IFS, और 147 IPS के लिए चुने गए। आस्था सिंह ने ऑल इंडिया रैंक 61 हासिल की, जो उनकी पहली कोशिश में एक असाधारण उपलब्धि है। इस साल की टॉपर्स लिस्ट में शक्ति दुबे (AIR 1), हर्षिता गोयल (AIR 2), और राज कृष्ण झा (AIR 8) जैसे नाम शामिल हैं। चंडीगढ़ ट्राईसिटी से पांच उम्मीदवारों ने टॉप 300 में जगह बनाई, जिनमें चार महिलाएं थीं, और आस्था उनमें से एक थीं।

आस्था सिंह की कहानी लाखों UPSC अभ्यर्थियों के लिए एक प्रेरणा है, खासकर उन लोगों के लिए जो छोटे शहरों या मध्यमवर्गीय परिवारों से आते हैं। उनकी सफलता इस मिथक को तोड़ती है कि UPSC जैसी कठिन परीक्षा को पास करने के लिए कोचिंग अनिवार्य है। सोशल मीडिया पर उनकी उपलब्धि की व्यापक चर्चा हो रही है। एक एक्स पोस्ट में लिखा गया, “UPSC सिविल सर्विस का रिजल्ट आते ही देश को 1000 से ज्यादा नए अफसर मिल गए हैं। लेकिन इस बार सबसे ज्यादा चर्चा में हैं पंजाब की आस्था सिंह, जिन्होंने महज 21 साल की उम्र में ये टफेस्ट एग्जाम क्लियर करके सबको चौंका दिया है!”

आस्था ने अपने साक्षात्कार में कहा, “मैं हर उस अवसर के लिए आभारी हूं जो मुझे मिला है, और मैं समाज में सभी के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए काम करना चाहती हूं।” उनकी यह सोच उनकी सामाजिक जिम्मेदारी और समावेशी दृष्टिकोण को दर्शाती है। आस्था की उपलब्धि ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उजागर किया है। पहला, यह कि सिविल सेवा में युवा और विशेष रूप से महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है। 2024 में टॉपर्स लिस्ट में कई महिलाओं का नाम शामिल होना इस बात का प्रमाण है कि लैंगिक समानता की दिशा में प्रगति हो रही है। दूसरा, आस्था की बिना कोचिंग की सफलता ने शिक्षा के क्षेत्र में आत्म-अध्ययन और डिजिटल संसाधनों की शक्ति को रेखांकित किया है।

हालांकि, उनकी कहानी यह भी दर्शाती है कि UPSC की तैयारी के लिए आर्थिक और सामाजिक बाधाएं अभी भी मौजूद हैं। छोटे शहरों के कई अभ्यर्थी कोचिंग की ऊंची फीस वहन नहीं कर सकते। आस्था की सफलता सरकार और शैक्षिक संस्थानों को प्रेरित कर सकती है कि वे मुफ्त ऑनलाइन संसाधनों और मेंटरशिप प्रोग्राम्स को बढ़ावा दें।

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  • आस्था की रणनीति और सलाह

आस्था ने अपनी तैयारी के बारे में कई उपयोगी सुझाव साझा किए:

NCERT पर ध्यान: उन्होंने कक्षा 6 से 12 तक की NCERT किताबों को अपनी तैयारी का आधार बनाया।
समाचार पत्र और करंट अफेयर्स: नियमित रूप से ‘द हिंदू’ और ‘इंडियन एक्सप्रेस’ पढ़ना उनकी दिनचर्या का हिस्सा था।
मॉक टेस्ट: मॉक टेस्ट ने उन्हें समय प्रबंधन और कमजोरियों को पहचानने में मदद की।
सकारात्मक दृष्टिकोण: आस्था ने तनाव से बचने के लिए गाने सुनने और किताबें पढ़ने जैसे शौक को समय दिया।

उन्होंने अन्य अभ्यर्थियों को सलाह दी कि वे अपनी ताकत पर ध्यान दें और लगातार मेहनत करें। “UPSC एक लंबी यात्रा है, लेकिन अगर आप अपने लक्ष्य पर केंद्रित रहें, तो सफलता जरूर मिलेगी,” उन्होंने कहा। वर्तमान में हरियाणा सरकार में AETO के रूप में कार्यरत आस्था जल्द ही अपनी IAS प्रशिक्षण शुरू करेंगी। उनकी प्राथमिकता सामाजिक समानता और शिक्षा के क्षेत्र में काम करना है। वह विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में लड़कियों की शिक्षा और सशक्तिकरण पर ध्यान देना चाहती हैं। आस्था सिंह की कहानी मेहनत, लगन, और आत्मविश्वास का एक जीवंत उदाहरण है। 21 साल की उम्र में UPSC जैसी कठिन परीक्षा को पहले प्रयास में, बिना कोचिंग के पास करना उनकी असाधारण प्रतिभा और दृढ़ संकल्प को दर्शाता है।

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