UP News: 1991 बैच के IPS राजीव कृष्ण बने नए कार्यवाहक DGP, सीएम योगी के भरोसेमंद अधिकारी को सौंपी गई यूपी पुलिस की कमान। 

उत्तर प्रदेश सरकार ने 1991 बैच के वरिष्ठ भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी राजीव कृष्ण को राज्य का नया कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (DGP) नियुक्त ...

Jun 1, 2025 - 13:56
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UP News: 1991 बैच के IPS राजीव कृष्ण बने नए कार्यवाहक DGP, सीएम योगी के भरोसेमंद अधिकारी को सौंपी गई यूपी पुलिस की कमान। 

उत्तर प्रदेश सरकार ने 1991 बैच के वरिष्ठ भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी राजीव कृष्ण को राज्य का नया कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (DGP) नियुक्त किया है। यह नियुक्ति 31 मई 2025 को पूर्व कार्यवाहक DGP प्रशांत कुमार के सेवानिवृत्त होने के बाद की गई, जिन्होंने 1 फरवरी 2024 से इस पद को संभाला था। राजीव कृष्ण, जो वर्तमान में डीजी विजलेंस और उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में दोहरा प्रभार संभाल रहे थे, को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सबसे भरोसेमंद अधिकारियों में से एक माना जाता है। उनकी यह नियुक्ति उत्तर प्रदेश पुलिस के नेतृत्व में स्थिरता और पारदर्शिता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। 

  • राजीव कृष्ण का परिचय और करियर

राजीव कृष्ण, जिनका जन्म 20 जून 1969 को गौतम बुद्ध नगर, उत्तर प्रदेश में हुआ, एक इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में स्नातक और आईआईटी रुड़की के पूर्व छात्र हैं। उन्होंने 1991 में यूपीएससी परीक्षा पास कर भारतीय पुलिस सेवा में प्रवेश किया और उत्तर प्रदेश कैडर में अपनी सेवाएं शुरू कीं। 1993 में IPS के रूप में पुष्टि के बाद, उन्हें 10 अक्टूबर 1995 को सीनियर स्केल पर पदोन्नत किया गया। अपने 34 साल के करियर में, राजीव कृष्ण ने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया और अपनी कठोर कार्यशैली और पारदर्शी प्रशासन के लिए पहचाने जाते हैं।

  • उनके प्रमुख पदों में शामिल हैं:

बरेली, कानपुर, और अलीगढ़ में सहायक पुलिस अधीक्षक (ASP) के रूप में सेवा।
अलीगढ़ में SP सिटी।
फिरोजाबाद, इटावा, मथुरा, फतेहगढ़, बुलंदशहर, नोएडा, आगरा, लखनऊ, और बरेली में पुलिस अधीक्षक (SP) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP)।
2007 में उत्तर प्रदेश में गठित एंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) के पहले उपमहानिरीक्षक (DIG)।
लखनऊ रेंज में DIG और लखनऊ जोन में महानिरीक्षक (IG)।
मेरठ रेंज में IG और आगरा जोन में अतिरिक्त महानिदेशक (ADG)।
सीमा सुरक्षा बल (BSF) में IG (ऑपरेशंस)।
अगस्त 2023 से ADG विजलेंस और जनवरी 2024 से DG विजलेंस।
मार्च 2024 से उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष।

राजीव कृष्ण ने विशेष रूप से 2004 में आगरा में SSP के रूप में अपहरण गिरोहों के खिलाफ कठोर कार्रवाई कर अपनी सख्त छवि बनाई। उनकी निगरानी में 2024 में पुलिस भर्ती परीक्षा का पारदर्शी और सफल आयोजन भी उनकी प्रशासनिक क्षमता का प्रमाण है, खासकर तब जब पिछली भर्ती परीक्षा पेपर लीक के कारण रद्द कर दी गई थी।

  • नियुक्ति

राजीव कृष्ण की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है, जब उत्तर प्रदेश पुलिस पिछले कुछ वर्षों से स्थायी DGP की नियुक्ति को लेकर चर्चा में रही है। मई 2022 में मुकुल गोयल को "कर्तव्यों की उपेक्षा" के आरोप में हटाए जाने के बाद से, राज्य में पांच कार्यवाहक DGP नियुक्त किए गए हैं—देवेंद्र सिंह चौहान, आर.के. विश्वकर्मा, विजय कुमार, प्रशांत कुमार, और अब राजीव कृष्ण। यह उत्तर प्रदेश में स्थायी DGP की नियुक्ति को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच तनाव का भी संकेत देता है।

नवंबर 2024 में, उत्तर प्रदेश सरकार ने DGP की नियुक्ति के लिए नए नियम पेश किए, जिनके तहत एक छह-सदस्यीय समिति, जिसका नेतृत्व एक सेवानिवृत्त हाई कोर्ट जज करेंगे, DGP का चयन करेगी। इस समिति में मुख्य सचिव, यूपीएससी और यूपीपीएससी के नामित सदस्य, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, और एक पूर्व DGP शामिल होंगे। यह समिति उम्मीदवारों का चयन उनकी सेवा रिकॉर्ड, अनुभव, और कम से कम छह महीने की शेष सेवा अवधि के आधार पर करेगी। हालांकि, यह नियम अभी तक लागू नहीं हुआ है, और राजीव कृष्ण की नियुक्ति कार्यवाहक आधार पर की गई है।

राजीव कृष्ण की नियुक्ति पर समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "यूपी को आज फिर एक कार्यवाहक DGP मिला है। जाते-जाते प्रशांत कुमार सोच रहे होंगे कि उन्हें क्या मिला और किसके हर गलत को सही साबित करते रहे। अगर वह व्यक्ति के बजाय संविधान और कानून के प्रति वफादार होते, तो कम से कम अपनी नजरों में सम्मान तो पाते।" अखिलेश ने स्थायी DGP की नियुक्ति न होने को सरकार की विफलता बताया।

वहीं, बसपा नेता मायावती के समर्थक @Kaushal_bsp ने 'एक्स' पर लिखा, "1991 बैच के IPS अधिकारी राजीव कृष्ण को यूपी DGP का प्रभार मिला। आशा है कि वह अपने कठोर निर्णयों से प्रदेश में अमन, चैन और शांति लाएंगे और अपराध मुक्त बनाने में सक्षम होंगे।" यह दर्शाता है कि कुछ लोग इस नियुक्ति को सकारात्मक मान रहे हैं।

  • राजीव कृष्ण की पारिवारिक पृष्ठभूमि

राजीव कृष्ण का परिवार भी सार्वजनिक सेवा से गहराई से जुड़ा हुआ है। उनकी पत्नी, मीनाक्षी सिंह, भारतीय राजस्व सेवा (IRS) की अधिकारी हैं और वर्तमान में नोएडा में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) में उपसचिव के रूप में तैनात हैं। उनके साले, राजेश्वर सिंह, जो पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) में संयुक्त निदेशक थे, अब लखनऊ के सरोजिनी नगर से भाजपा विधायक हैं। राजेश्वर सिंह की पत्नी, लक्ष्मी सिंह, गौतम बुद्ध नगर की पुलिस आयुक्त हैं। मीनाक्षी सिंह की बड़ी बहन, अभा सिंह, भारतीय डाक सेवा में उत्तर प्रदेश की PMG रह चुकी हैं और अब बॉम्बे हाई कोर्ट में वरिष्ठ वकील हैं। उनके पति, वाई.पी. सिंह, पूर्व IPS अधिकारी हैं। यह पारिवारिक पृष्ठभूमि राजीव कृष्ण की मजबूत प्रशासनिक और सामाजिक नेटवर्क को दर्शाती है।

  • चुनौतियां और अपेक्षाएं

राजीव कृष्ण के सामने उत्तर प्रदेश पुलिस के नेतृत्व में कई चुनौतियां हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस, जो दुनिया की सबसे बड़ी पुलिस बलों में से एक है, 1,368 राजपत्रित अधिकारियों और 231,443 गैर-राजपत्रित कर्मियों के साथ 68 जिला पुलिस इकाइयों और सात कमिश्नरेट्स को संभालती है। कुछ प्रमुख चुनौतियां और अपेक्षाएं निम्नलिखित हैं:

अपराध नियंत्रण: योगी सरकार की "अपराध के प्रति शून्य सहिष्णुता" नीति को लागू करना और संगठित अपराध, साइबर अपराध, और सांप्रदायिक तनावों पर अंकुश लगाना।
पुलिस सुधार: उत्तर प्रदेश पुलिस पर अक्सर महिलाओं के खिलाफ अपराधों की अनदेखी और उच्च प्रोफाइल मामलों में पक्षपात के आरोप लगते रहे हैं। राजीव कृष्ण से अपेक्षा है कि वह पुलिस बल में पारदर्शिता और जवाबदेही लाएं।
भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता: 2024 में पुलिस भर्ती परीक्षा में पेपर लीक की घटना ने सरकार की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाया था। राजीव कृष्ण ने इस प्रक्रिया को पारदर्शी बनाकर अपनी क्षमता साबित की थी, और अब उनसे इसे और मजबूत करने की उम्मीद है।
स्थायी नियुक्ति का दबाव: सुप्रीम कोर्ट के 2006 के प्रकाश सिंह फैसले के अनुसार, DGP की नियुक्ति दो साल के लिए स्थायी होनी चाहिए, लेकिन उत्तर प्रदेश में यह नियम बार-बार उल्लंघन हुआ है। राजीव कृष्ण की कार्यवाहक नियुक्ति इस बहस को और हवा दे सकती है।

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राजीव कृष्ण की नियुक्ति उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था और पुलिस प्रशासन के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। उनकी सख्त और पारदर्शी छवि को देखते हुए, उनसे अपेक्षा है कि वह योगी सरकार की प्राथमिकताओं—जैसे अपराध नियंत्रण, महिलाओं की सुरक्षा, और पुलिस सुधार—को प्रभावी ढंग से लागू करेंगे। उनकी नियुक्ति को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विश्वास के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन विपक्षी दलों, विशेष रूप से सपा और बसपा, ने कार्यवाहक DGP की नियुक्ति पर सवाल उठाए हैं।

राजीव कृष्ण की कार्यवाहक DGP के रूप में नियुक्ति उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए एक नई शुरुआत का संकेत देती है। उनकी व्यापक अनुभव, तकनीकी शिक्षा, और पारदर्शी प्रशासन की छवि उन्हें इस महत्वपूर्ण भूमिका के लिए उपयुक्त बनाती है।

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