International News: व्हाइट हाउस में ट्रंप ने पाक पीएम शहबाज शरीफ को 30 मिनट इंतजार कराया, ओवल ऑफिस में बैठक देरी से शुरू।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख आसिम मुनीर के साथ बैठक में करीब 30 मिनट की देरी की। यह घटना

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख आसिम मुनीर के साथ बैठक में करीब 30 मिनट की देरी की। यह घटना 25 सितंबर 2025 को वाशिंगटन में हुई, जब शरीफ और मुनीर ओवल ऑफिस में ट्रंप का इंतजार कर रहे थे। ट्रंप उस समय कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर कर रहे थे और पत्रकारों से बात कर रहे थे। पाकिस्तानी पीएम कार्यालय ने पुष्टि की कि बैठक निर्धारित समय से लगभग 30 मिनट लेट हुई। ट्रंप ने पत्रकारों से कहा कि पाकिस्तानी नेता आ रहे हैं और शायद अभी कमरे में ही हों, लेकिन देरी के कारण वे इंतजार कर रहे हैं। यह बैठक अमेरिका और पाकिस्तान के बीच रिश्तों में सुधार का संकेत मानी जा रही है, लेकिन इंतजार की घटना ने पाकिस्तानी पक्ष को थोड़ी असहजता में डाल दिया।
बैठक की शुरुआत दोपहर चार बजकर 30 मिनट पर निर्धारित थी। शरीफ और मुनीर दोपहर चार बजकर 52 मिनट पर व्हाइट हाउस पहुंचे, जहां वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। लेकिन ट्रंप ओवल ऑफिस में व्यस्त थे। व्हाइट हाउस प्रेस पूल की तस्वीरों में शरीफ और मुनीर सोने की चमक वाली सोफों पर धैर्यपूर्वक इंतजार करते नजर आ रहे हैं। ट्रंप पत्रकारों से बात करते हुए बोले, हमारी देरी हो गई है, वे आ रहे हैं और शायद अभी इस कमरे में हों। मैं नहीं जानता क्योंकि हम लेट हैं। पाकिस्तानी पीएम का काफिला शाम छह बजकर 18 मिनट पर व्हाइट हाउस से रवाना हुआ, जो बताता है कि बैठक करीब एक घंटा 20 मिनट चली। यह पहली बार था जब ट्रंप ने शरीफ को व्हाइट हाउस में बुलाया, जो पिछले साल पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बने थे।
यह बैठक संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र के साइडलाइंस पर हुई। 23 सितंबर को न्यूयॉर्क में ट्रंप ने अरब-इस्लामी नेताओं के साथ बैठक की, जिसमें शरीफ भी शामिल थे। वहां ट्रंप ने गाजा पर इजरायल के हमले और अमेरिकी शांति प्रस्ताव पर चर्चा की। शरीफ ने ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने की सार्वजनिक तारीफ की, खासकर मई में भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम में अमेरिकी भूमिका के लिए। इससे पहले जून में ट्रंप ने मुनीर को व्हाइट हाउस में लंच पर आमंत्रित किया था। अप्रैल में पहलगाम आतंकी हमले के बाद यह मुलाकात भारत में चर्चा का विषय बनी थी। ट्रंप ने पत्रकारों से कहा कि शरीफ और मुनीर दोनों ही महान नेता हैं।
बैठक बंद कमरों में हुई, जिसमें क्षेत्रीय सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी सहयोग और व्यापार पर चर्चा हुई। शरीफ ने ट्रंप को पाकिस्तान यात्रा का निमंत्रण दिया और उन्हें शांति का व्यक्ति बताया। अमेरिका और पाकिस्तान के बीच हाल ही में व्यापार समझौता हुआ, जो रिश्तों को मजबूत कर रहा है। ट्रंप प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा कि यह बैठक दोनों देशों के बीच बढ़ते विश्वास का प्रतीक है। पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री इशाक डार भी न्यूयॉर्क में ट्रंप से मिले थे। शरीफ ने न्यूयॉर्क से वाशिंगटन की उड़ान भरी और बैठक के बाद संयुक्त राष्ट्र में संबोधन दिया। पाकिस्तानी सेना प्रमुख मुनीर की मौजूदगी महत्वपूर्ण थी, क्योंकि पाकिस्तान में सेना का प्रभाव ज्यादा है।
इंतजार की घटना ने पाकिस्तानी मीडिया में हलचल मचा दी। कुछ ने इसे अपमान बताया, जबकि अन्य ने कहा कि यह सामान्य है क्योंकि ट्रंप अक्सर पत्रकारों से बात करते हैं। ट्रंप की शैली हमेशा अनौपचारिक रही है, जो कभी-कभी विदेशी नेताओं को असहज कर देती है। पाकिस्तानी पीएम कार्यालय ने इसे न्यूनतम महत्व दिया और बैठक की सफलता पर जोर दिया। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुए, जहां ट्रंप के बयान को मजाक उड़ाया गया। एक यूजर ने लिखा कि ट्रंप ने पाक नेताओं को ओवल ऑफिस में ही छिपा रखा है। लेकिन आधिकारिक बयान सकारात्मक रहे। शरीफ ने कहा कि ट्रंप के साथ बातचीत रचनात्मक रही।
अमेरिका-पाकिस्तान रिश्ते पिछले कुछ महीनों में सुधरे हैं। अप्रैल के पहलगाम हमले के बाद तनाव बढ़ा था, लेकिन मई में युद्धविराम ने राहत दी। ट्रंप ने खुद को शांति मध्यस्थ बताया। जून में मुनीर की यात्रा के बाद व्यापार सौदा हुआ, जिसमें अमेरिकी निवेश पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को सहारा देगा। क्रिप्टोकरेंसी और आर्थिक विकास पर भी चर्चा हुई। शरीफ ने बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस से भी मुलाकात की। संयुक्त राष्ट्र में शरीफ ने गाजा मुद्दे पर बोलते हुए अमेरिकी शांति प्रयासों की सराहना की।
ट्रंप का दूसरा कार्यकाल विदेश नीति में बदलाव ला रहा है। उन्होंने मध्य पूर्व और दक्षिण एशिया पर फोकस किया है। पाकिस्तान को आतंकवाद विरोधी सहयोगी के रूप में देखा जा रहा है। बैठक के दौरान ट्रंप ने शरीफ को व्यापार बढ़ाने का आश्वासन दिया। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था संकट में है, और अमेरिकी मदद महत्वपूर्ण है। मुनीर ने क्षेत्रीय स्थिरता पर जोर दिया। बैठक के बाद ट्रंप ने ट्वीट किया कि पाकिस्तान के साथ मजबूत साझेदारी।
यह घटना अंतरराष्ट्रीय कूटनीति की एक झलक दिखाती है। विदेशी नेता अक्सर इंतजार करते हैं, लेकिन 30 मिनट की देरी चर्चा में आई। पाकिस्तानी पत्रकारों ने कहा कि शरीफ ने धैर्य दिखाया। व्हाइट हाउस पूल फोटो में मुनीर और शरीफ आराम से बैठे दिखे। ट्रंप की पत्रकार वार्ता में उन्होंने पाकिस्तान की तारीफ की। बैठक के बाद शरीफ वाशिंगटन से न्यूयॉर्क लौटे।
पाकिस्तान में इसकी प्रतिक्रिया मिश्रित रही। विपक्ष ने सरकार पर सवाल उठाए, लेकिन शरीफ समर्थकों ने इसे सफल बताया। भारत में यह खबर कम चर्चा में रही, लेकिन क्षेत्रीय संतुलन पर नजर रखी जा रही है। ट्रंप की नीति भारत-पाक तनाव कम करने पर है। शरीफ ने ट्रंप को नोबेल के लिए नामित कर उनके साथ रिश्ता मजबूत किया।
बैठक ने अमेरिका-पाकिस्तान व्यापार को बढ़ावा दिया। हाल का सौदा 5 अरब डॉलर का है। क्रिप्टो और तकनीक पर सहयोग बढ़ेगा। शरीफ ने कहा कि ट्रंप शांति के पुरुष हैं। मुनीर की भूमिका सेना के प्रभाव को दिखाती है। यह यात्रा पाकिस्तान की कूटनीतिक जीत मानी जा रही है।
ट्रंप की शैली हमेशा सुर्खियां बटोरती है। इंतजार की घटना ने मीम्स बनाए। लेकिन बैठक सकारात्मक रही। शरीफ ने अमेरिकी निवेश का स्वागत किया। आने वाले महीनों में और मुलाकातें हो सकती हैं। पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र में गाजा पर अमेरिकी प्रस्ताव का समर्थन करेगा।
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