पुरुषोत्तम एक्सप्रेस के फर्स्ट एसी कोच से बेडशीट और तौलिए चुराते परिवार को पकड़ा गया, वायरल वीडियो से सोशल मीडिया पर हंगामा। 

भारतीय रेलवे की ट्रेनों में यात्रियों को दी जाने वाली सुविधाओं का दुरुपयोग करने की घटनाएं कभी-कभी सामने आती रहती हैं। हाल ही में दिल्ली-पूरी पुरुषोत्तम एक्सप्रेस के फर्स्ट एसी कोच में यात्रा कर रहे

Sep 25, 2025 - 12:10
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पुरुषोत्तम एक्सप्रेस के फर्स्ट एसी कोच से बेडशीट और तौलिए चुराते परिवार को पकड़ा गया, वायरल वीडियो से सोशल मीडिया पर हंगामा। 
पुरुषोत्तम एक्सप्रेस के फर्स्ट एसी कोच से बेडशीट और तौलिए चुराते परिवार को पकड़ा गया, वायरल वीडियो से सोशल मीडिया पर हंगामा। 

भारतीय रेलवे की ट्रेनों में यात्रियों को दी जाने वाली सुविधाओं का दुरुपयोग करने की घटनाएं कभी-कभी सामने आती रहती हैं। हाल ही में दिल्ली-पूरी पुरुषोत्तम एक्सप्रेस के फर्स्ट एसी कोच में यात्रा कर रहे एक परिवार को बेडशीट और तौलिए चुराते हुए पकड़े जाने का मामला सुर्खियों में है। एक महिला समेत दो पुरुषों वाला यह परिवार प्लेटफॉर्म पर ही रेलवे कर्मचारियों के हत्थे चढ़ गया। पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसके बाद लोगों ने परिवार की बेईमानी पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। रेलवे ने इसकी पुष्टि की है और कहा है कि ऐसी घटनाओं पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह मामला न केवल रेलवे संपत्ति की चोरी को उजागर करता है, बल्कि यात्रियों के सिविक सेंस पर भी सवाल खड़े करता है।

घटना 19 सितंबर 2025 को दिल्ली पहुंचने वाली पुरुषोत्तम एक्सप्रेस के साथ हुई। यह ट्रेन ओडिशा के पुरी से नई दिल्ली तक चलती है और पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार तथा उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से गुजरती है। ट्रेन नंबर 12801 है, जो सुपरफास्ट श्रेणी की है। फर्स्ट एसी कोच में यात्रा करने वाले इस परिवार में एक महिला और उसके दो रिश्तेदार शामिल थे। वे तीर्थयात्रा के लिए जा रहे थे। रेलवे के नियमों के अनुसार, लंबी दूरी की ट्रेनों में एसी कोच के यात्रियों को सफर के दौरान बेडशीट, कंबल, तकिए और तौलिए प्रदान किए जाते हैं। ये सामान सफर खत्म होने पर वापस करना होता है। रेलवे स्टाफ इन्हें साफ-सुथरा रखने के लिए नियमित रूप से धोता और मेंटेन करता है। लेकिन इस परिवार ने चार सेट बेडशीट, कंबल और तौलिए अपने सामान में पैक कर लिए।

ट्रेन के दिल्ली स्टेशन पर पहुंचने के बाद यात्री उतर रहे थे। ट्रैवलिंग टिकट एग्जामिनर यानी टीटीई और अन्य रेलवे कर्मचारी सामान चेक कर रहे थे। इसी दौरान उन्हें एक बैग से बेडशीट की चादरें झांकती दिखीं। कर्मचारियों ने परिवार को रोका और बैग खुलवाए। वीडियो में साफ दिखता है कि एक कर्मचारी ओड़िया भाषा में कह रहा है, सर, देखिए यहां सभी बैगों से बेडशीट और कंबल निकल रहे हैं। तौलिए, बेडशीट मिलाकर कुल चार सेट हैं। या तो इन्हें लौटा दें या 780 रुपये का जुर्माना दें। महिला बैग से बेडशीटें निकाल रही है, जबकि उसके साथ के दो पुरुष चुपचाप खड़े हैं। परिवार के सदस्यों ने सफाई दी कि यह गलती से हो गया। एक पुरुष ने कहा कि उनकी मां ने भूलकर इन्हें पैक कर लिया था। लेकिन कर्मचारी राजी नहीं हुए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सामान नहीं लौटाया तो रेलवे एक्ट के तहत मामला दर्ज हो सकता है। आखिरकार परिवार ने सामान लौटा दिया और चले गए।

यह वीडियो एक्स पर यूजर बापी साहू ने शेयर किया। कैप्शन में लिखा था, पुरुषोत्तम एक्सप्रेस के फर्स्ट एसी में यात्रा करना खुद में गर्व की बात है। लेकिन फिर भी कुछ लोग इन बेडशीटों को चुराने से नहीं हिचकते, जो यात्रियों की सुविधा के लिए दी जाती हैं। वीडियो को अब तक डेढ़ लाख से ज्यादा लोग देख चुके हैं। हजारों ने इसे शेयर किया और कमेंट्स में गुस्सा जाहिर किया। एक यूजर ने लिखा, अमीर लोग भी ऐसी छोटी चीजें चुराते हैं, शर्मनाक है। दूसरे ने कहा, सिविक सेंस की कमी ही ऐसी घटनाओं का कारण है। कई लोगों ने रेल मंत्रालय से सख्त कदम उठाने की मांग की। एक सुझाव आया कि रेल होस्टेस सिस्टम लागू हो, जहां सुविधाओं के लिए अतिरिक्त चार्ज लगे और नौकरियां भी पैदा हों। वायरल वीडियो ने पूरे देश में बहस छेड़ दी है।

रेलवे के अधिकारियों ने इस घटना की पुष्टि की है। एक प्रवक्ता ने बताया कि ऐसी चोरियां आम हैं, लेकिन फर्स्ट एसी में यह दुर्लभ है। रेलवे एक्ट 1989 की धारा 3 के तहत रेल संपत्ति चुराने या नुकसान पहुंचाने पर दो साल तक की कैद या जुर्माना हो सकता है। इस मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई, क्योंकि परिवार ने सामान लौटा दिया। लेकिन रेलवे ने चेतावनी दी कि भविष्य में दोबारा ऐसी कोशिश पर सख्ती होगी। दिल्ली डिवीजन के जीएम ने कहा कि स्टाफ को और सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। ट्रेनों में सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जा रही है। रेलवे सालाना करोड़ों का नुकसान चोरियों से झेलता है। बेडशीट और तौलिए बनाने वाली कंपनियां इन्हें खास कपड़े से बनाती हैं, जो महंगे पड़ते हैं। एक सेट की कीमत ही 200-300 रुपये है।

यह घटना यात्रियों के व्यवहार पर सवाल उठाती है। फर्स्ट एसी कोच महंगा होता है, टिकट की कीमत 3000 से 5000 रुपये तक। फिर भी कुछ लोग सार्वजनिक संपत्ति को निजी समझ लेते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है। स्क्रीन्स पर चेतावनी दिखाई जाए। कुछ देशों में सुविधाओं के लिए डिपॉजिट सिस्टम है, जो भारत में भी लागू हो सकता है। सोशल मीडिया पर कई मीम्स बने। एक में लिखा था, ट्रेन से उतरते समय बैग चेक करवाना पड़ सकता है। परिवार के एक सदस्य ने वीडियो के बाद सफाई दी कि यह सच में गलती थी। मां उम्रदराज हैं, उन्हें पता नहीं चला। लेकिन लोगों ने इसे बहाना बताया। एक यूजर ने लिखा, तीर्थयात्रा पर जाते हुए चोरी, भगवान भी नाराज होंगे।

भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा नेटवर्क है, जो रोज 2.3 करोड़ यात्रियों को ढोता है। सुविधाएं बढ़ाने के लिए वंदे भारत जैसी ट्रेनें चलाई जा रही हैं। लेकिन छोटी-छोटी चोरियां इसे प्रभावित करती हैं। इस घटना के बाद रेलवे ने ट्वीट किया कि हमारी संपत्ति सबकी है, इसका सम्मान करें। कई एनजीओ ने अभियान शुरू किया। स्कूलों में बच्चों को सिखाया जाए कि सार्वजनिक संपत्ति की देखभाल कैसे करें। दिल्ली स्टेशन पर अब सामान चेकिंग सख्त हो गई है। यात्री कहते हैं कि सफर आरामदायक है, लेकिन ऐसी घटनाएं खराब माहौल बनाती हैं। एक यात्री ने बताया कि वह पुरुषोत्तम एक्सप्रेस से अक्सर यात्रा करता है, लेकिन पहली बार ऐसी बात सुनी।

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