Jhansi: बबीना में आवारा सांड ने महिला को हवा में उछालकर पटका, सीसीटीवी वीडियो वायरल।
उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के बबीना थाना क्षेत्र के नंदपुरा इलाके में एक दिल दहला देने वाली घटना ने स्थानीय लोगों में दहशत पैदा कर दी है। यहां एक आवारा सांड ने अचानक पीछे से हमला

उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के बबीना थाना क्षेत्र के नंदपुरा इलाके में एक दिल दहला देने वाली घटना ने स्थानीय लोगों में दहशत पैदा कर दी है। यहां एक आवारा सांड ने अचानक पीछे से हमला कर 50 वर्षीय महिला फूलवती को जोरदार टक्कर मार दी, जिससे वह कई फीट हवा में उछलकर जमीन पर गिर पड़ीं। यह पूरी घटना आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई और मात्र 25 सेकंड का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। फूलवती को गंभीर चोटें आई हैं और उनका इलाज झांसी मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। स्थानीय लोग आवारा पशुओं के बढ़ते आतंक से परेशान हैं और प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
घटना बबीना कैंट के नंदनपुरा इलाके की है, जो एक घनी आबादी वाला क्षेत्र है। फूलवती पत्नी स्वर्गीय ध्यानचंद अपने घर के पास ही रोजाना की तरह सड़क पर टहल रही थीं। वह एक सामान्य गृहिणी हैं, जो परिवार के साथ रहती हैं। दोपहर के समय जब वह गली से गुजर रही थीं, तो अचानक एक काले रंग का आवारा सांड पीछे से दौड़ता हुआ आया। फुटेज के अनुसार, फूलवती ने पहले सांड को देखा और उसे भगाने की कोशिश की। वह सांड को हाथ हिलाकर दूर करने का प्रयास करती दिखाई देती हैं। सांड थोड़ी देर के लिए रुक जाता है, लेकिन जैसे ही फूलवती मुड़कर चलने लगती हैं, सांड फिर से तेजी से उनकी ओर लपकता है।
सीसीटीवी वीडियो में साफ दिख रहा है कि सांड ने अपनी पूरी ताकत से फूलवती के निचले हिस्से में सींग मारा। इससे वह हवा में उछल गईं और करीब चार-पांच फीट की ऊंचाई से नीचे गिर पड़ीं। गिरते समय उनका सिर और कमर जमीन पर जोर से लगी, जिससे तेज दर्द हुआ। फूलवती चीख उठीं और जमीन पर लोटने लगीं। आसपास के लोग दौड़े आए और सांड को भगाने के लिए डंडों और पत्थरों का इस्तेमाल किया। एक बाइक सवार युवक ने विशेष रूप से सांड को दूर भगाने में मदद की। यदि समय पर मदद न मिली होती, तो स्थिति और भी भयावह हो सकती थी।
घायल फूलवती को परिजनों ने तुरंत नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बबीना ले जाया। वहां प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने उनकी हालत गंभीर बताते हुए झांसी मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया। मेडिकल जांच में पता चला कि उनकी कमर और पीठ पर गंभीर चोटें हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर हो गया है। डॉक्टरों का कहना है कि फूलवती को अभी कई दिनों तक बेड रेस्ट पर रहना पड़ेगा और सर्जरी की भी संभावना है। उनके परिवार वाले परेशान हैं, क्योंकि फूलवती घर का मुख्य सहारा हैं। उनके पति का कुछ वर्ष पहले निधन हो चुका है, इसलिए परिवार आर्थिक रूप से भी कमजोर है। परिजनों ने बताया कि फूलवती को बचपन से ही स्वास्थ्य संबंधी कुछ समस्याएं थीं, लेकिन यह हमला उनकी जिंदगी को पूरी तरह बदल सकता है।
यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल होते ही लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गई। वीडियो में सांड की आक्रामकता और फूलवती का दर्द साफ नजर आ रहा है, जिससे हजारों लोग इसे शेयर कर रहे हैं। कई यूजर्स ने इसे देखकर दुख जताया है, जबकि कुछ ने प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठाए हैं। एक्स (पूर्व ट्विटर) पर कई पोस्ट्स में लोग बबीना छावनी परिषद और स्थानीय प्रशासन को टैग कर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। एक पोस्ट में लिखा गया है कि नंदपुरा जैसे इलाकों में आवारा सांडों का जमावड़ा बढ़ गया है, जो रोजाना खतरा पैदा कर रहे हैं। एक अन्य यूजर ने कहा कि वीडियो देखकर रोंगटे खड़े हो गए, और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए।
बबीना क्षेत्र में आवारा पशुओं की समस्या कोई नई नहीं है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि गलियों, सड़कों और बाजारों में सांड, गाय और कुत्तों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। ये पशु कचरे के ढेरों पर भोजन तलाशते हैं और अक्सर लोगों पर हमला कर देते हैं। एक दुकानदार ने बताया कि पिछले एक महीने में ही तीन-चार ऐसी घटनाएं हुई हैं, जहां सांडों ने बच्चों और महिलाओं को निशाना बनाया। बाजार क्षेत्र में भी सांड घूमते रहते हैं, जिससे ग्राहक डरते हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि बबीना छावनी परिषद का कांजी हाउस केवल नाम का ही रह गया है। यहां पशुओं को रखने की व्यवस्था है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती। इसके अलावा, मुख्यमंत्री कोष से बनी कई गौशालाएं खाली पड़ी हैं, जहां पशुओं को रखा जा सकता था। लोग कहते हैं कि यदि इनका सही उपयोग होता, तो ऐसी घटनाएं कम होतीं।
पुलिस और प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। बबीना थाना प्रभारी ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही टीम मौके पर पहुंची थी। सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है और आवारा सांड को पकड़ने का प्रयास जारी है। जिलाधिकारी कार्यालय से भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, लेकिन सोशल मीडिया पर दबाव बढ़ने से जल्द कार्रवाई की उम्मीद है। जानकारों का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने पहले भी आवारा पशुओं के लिए योजनाएं चलाई हैं, जैसे गौशाला निर्माण और पशु ट्रैकिंग सिस्टम। लेकिन जमीनी स्तर पर इनका क्रियान्वयन कमजोर है। झांसी जैसे जिलों में पशुधन अधिक होने से समस्या और गंभीर है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि स्थानीय निकायों को नियमित ड्राइव चलानी चाहिए, जहां पशुओं को पकड़कर सुरक्षित स्थान पर रखा जाए। साथ ही, लोगों को जागरूक किया जाए कि सांडों को भड़काने से बचें।
यह घटना न केवल फूलवती के परिवार के लिए दुखद है, बल्कि पूरे समुदाय के लिए चेतावनी का संदेश देती है। आवारा पशुओं का आतंक बढ़ रहा है, जो सड़क दुर्घटनाओं और स्वास्थ्य जोखिम को भी बढ़ा रहा है। यदि समय रहते प्रशासन ने कदम नहीं उठाए, तो ऐसी घटनाएं बार-बार होंगी। फूलवती की जल्द स्वस्थ होने की कामना की जा रही है। स्थानीय लोग एकजुट होकर प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि नंदपुरा और बबीना के अन्य इलाकों में पशु नियंत्रण अभियान चलाया जाए। एक ग्रामीण ने कहा कि हम रोज दहशत में जीते हैं, अब तो बच्चों को भी घर से निकलने में डर लगता है।
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