Politics: बिहार मंत्री संजय सरावगी का तेजस्वी पर तंज, 'घर की महिलाओं का सम्मान न करने वाले बिहार की बहनों का क्या सम्मान करेंगे'
बिहार की राजनीति में चुनावी सरगर्मी के बीच एक नया विवाद खड़ा हो गया है। बिहार सरकार के मंत्री संजय सरावगी ने विपक्षी नेता तेजस्वी यादव की 'माई-बहन सम्मान

बिहार की राजनीति में चुनावी सरगर्मी के बीच एक नया विवाद खड़ा हो गया है। बिहार सरकार के मंत्री संजय सरावगी ने विपक्षी नेता तेजस्वी यादव की 'माई-बहन सम्मान योजना' पर कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा कि जो लोग अपने घर की महिलाओं का सम्मान नहीं कर सकते, वे बिहार की महिलाओं का क्या सम्मान करेंगे। यह बयान तेजस्वी की योजना पर सवाल उठाते हुए आया, जिसमें उन्होंने महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये देने का वादा किया है। सरावगी का यह बयान आरजेडी पर व्यक्तिगत हमला माना जा रहा है, जिससे विपक्ष ने पलटवार किया है। यह घटना बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से ठीक पहले हुई, जब सभी दल महिलाओं को लुभाने के लिए योजनाएं ला रहे हैं।
घटना 26 सितंबर 2025 को पटना में एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान घटी। संजय सरावगी, जो बिहार सरकार में श्रम संसाधन विभाग के मंत्री हैं, एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने तेजस्वी की योजना का जिक्र करते हुए कहा कि यह महज चुनावी जुमला है। सरावगी ने कहा, 'तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी आरजेडी महिलाओं के सम्मान की बात तो करते हैं, लेकिन उनके अपने घर में क्या हाल है, यह सब जानते हैं। जो अपने घर की महिला का सम्मान नहीं कर सकता, वह बिहार की बहनों का क्या सम्मान करेगा।' यह बयान सुनते ही माहौल गरमा गया। पत्रकारों ने सरावगी से स्पष्टीकरण मांगा, तो उन्होंने कहा कि आरजेडी का इतिहास महिलाओं के प्रति संवेदनशील नहीं रहा है। उन्होंने लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल का हवाला दिया, जब बिहार में महिलाओं की सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा था।
तेजस्वी यादव की 'माई-बहन सम्मान योजना' बिहार चुनाव का प्रमुख मुद्दा बन चुकी है। 26 सितंबर को ही तेजस्वी ने पटना में एक प्रेस वार्ता में इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि अगर महागठबंधन सत्ता में आया तो हर आर्थिक रूप से कमजोर महिला को महीने में 2500 रुपये सीधे बैंक खाते में दिए जाएंगे। योजना का नाम 'माई बहन मान योजना' रखा गया है, जो मां और बहन के सम्मान पर जोर देता है। तेजस्वी ने कहा, 'मां योजना शुरू होगी, बेटी योजना शुरू होगी और माई बहन मान योजना शुरू होगी। बिहार के हर ब्लॉक और पंचायत से महिलाएं इकट्ठी हो रही हैं, यह बदलाव की मांग है।' उन्होंने वर्तमान एनडीए सरकार पर निशाना साधा और कहा कि नीतीश कुमार की सरकार नकलू है, जिसमें कोई विजन नहीं। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि कुछ अधिकारी भ्रष्टाचार के रैकेट चला रहे हैं और नीतीश कुमार की छवि का दुरुपयोग कर रहे हैं।
यह योजना दिसंबर 2024 में तेजस्वी ने सबसे पहले घोषित की थी। तब नीतीश कुमार की 'महिला संवाद यात्रा' शुरू होने से ठीक पहले यह घोषणा हुई थी। तेजस्वी ने दावा किया कि यह योजना पिछड़ी और आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को सशक्त बनाएगी। अगर लागू हुई तो बिहार में करीब 2 करोड़ महिलाएं लाभान्वित होंगी। योजना का फंड कहां से आएगा, इस पर तेजस्वी ने कहा कि सरकार बनने पर वित्तीय व्यवस्था की जाएगी। विपक्षी दलों ने इसे सराहा, लेकिन सत्ताधारी दल ने इसे अव्यवहारिक बताया। कांग्रेस नेता अलका लांबा ने भी मई 2025 में इसी नाम से योजना का समर्थन किया और कहा कि महागठबंधन सत्ता में आया तो इसे लागू करेंगे।
संजय सरावगी का बयान सुनते ही आरजेडी ने तीखा पलटवार किया। पार्टी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि सरावगी जैसे मंत्री महिलाओं का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'एनडीए सरकार में महिलाओं की हालत खराब है। बिहार में अपराध की दर बढ़ी है, लेकिन मंत्री व्यक्तिगत हमले कर रहे हैं।' तेजस्वी ने खुद ट्वीट कर कहा कि ऐसे बयान से साबित होता है कि एनडीए महिलाओं के प्रति संवेदनशील नहीं। विपक्ष ने इसे सत्ताधारी दल की हताशा बताया। एक तरफ जहां योजना पर बहस हो रही है, वहीं दारभंगा में इसकी आड़ में धोखाधड़ी की घटना भी सामने आई। एक महिला गुड़िया देवी ने शिकायत की कि आरजेडी कार्यकर्ताओं ने योजना के नाम पर 200 रुपये लिए। इस पर तेजस्वी समेत चार नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई। पुलिस ने जांच शुरू की है।
बिहार में महिलाओं के लिए योजनाएं हमेशा चुनावी हथियार रहीं हैं। नीतीश कुमार ने 50 प्रतिशत पंचायत आरक्षण दिया, जो महिलाओं को सशक्त बनाने का बड़ा कदम था। लेकिन विपक्ष कहता है कि जमीनी स्तर पर बदलाव कम है। एनडीए ने 'कन्या उत्थान योजना' शुरू की, जिसमें लड़कियों को साइकिल और छात्रवृत्ति मिलती है। लेकिन तेजस्वी की योजना कैश ट्रांसफर पर केंद्रित है, जो तेलंगाना और कर्नाटक की योजनाओं से प्रेरित लगती है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी योजनाएं वोट बैंक मजबूत करती हैं, लेकिन फंडिंग और लागू करने में चुनौतियां हैं। बिहार का बजट महिलाओं पर 20 प्रतिशत से कम खर्च करता है। अगर 2500 रुपये योजना बनी तो सालाना 6 लाख करोड़ रुपये लगेंगे, जो राज्य के बजट से ज्यादा है।
सरावगी का बयान आरजेडी के परिवार पर इशारा करता प्रतीत होता है। लालू प्रसाद यादव के चारा घोटाले के समय परिवार पर कई आरोप लगे, लेकिन महिलाओं के सम्मान से जुड़ा कोई सीधा मामला नहीं। फिर भी, सत्ताधारी दल अक्सर विपक्ष के पुराने कार्यकाल का जिक्र करता है। 1990 के दशक में आरजेडी शासन में बिहार में अपराध बढ़ा था, जिसमें महिलाओं पर अत्याचार के मामले शामिल थे। सरावगी ने कहा कि एनडीए ने कानून व्यवस्था सुधारी है। बिहार पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, 2015 से महिलाओं पर अपराध के केस 30 प्रतिशत कम हुए हैं। लेकिन एनसीआरबी डेटा कहता है कि बलात्कार के मामले अभी भी ज्यादा हैं।
यह विवाद सोशल मीडिया पर फैल गया। ट्विटर पर माईबहनमानयोजना और संजयसरावगी ट्रेंड करने लगे। आरजेडी समर्थकों ने सरावगी की निंदा की, जबकि बीजेपी ने कहा कि विपक्षी नेता खोखले वादे कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा कि मंत्री का बयान शर्मनाक है, दूसरा बोला कि तेजस्वी की योजना जुमला है। मीडिया ने इसे प्रमुखता से दिखाया। न्यूज चैनलों पर डिबेट हुई, जहां पैनलिस्टों ने कहा कि चुनाव महिलाओं के इश्यू पर लड़े जाएं। बिहार में महिलाओं की साक्षरता 60 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत से कम है। योजनाएं शिक्षा और स्वास्थ्य पर भी फोकस करें।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान एनडीए की रणनीति का हिस्सा है। चुनाव अक्टूबर-नवंबर 2025 में हैं। महागठबंधन 200 सीटें जीतने का दावा कर रहा है, जबकि एनडीए 150 पर नजर है। महिलाएं 48 प्रतिशत वोटर हैं, इसलिए उनका वोट निर्णायक होगा। नीतीश कुमार ने हाल ही में 'महिला संवाद यात्रा' निकाली, जिसमें 10 लाख महिलाओं से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि एनडीए महिलाओं के लिए कई योजनाएं चला रहा है। तेजस्वी ने यात्रा को नकल बताया। सरावगी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि आरजेडी पुरानी राजनीति कर रही है।
यह घटना बिहार की राजनीति को और गर्माती है। मंत्री का बयान व्यक्तिगत लगता है, लेकिन राजनीति में ऐसा आम है। विपक्ष ने कहा कि सरावगी माफी मांगे। सरकार ने सफाई दी कि बयान योजना पर था, न कि व्यक्तिगत। लेकिन विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुप्पी साधी है। उनके सहयोगी जेडीयू नेता आरसीपी सिंह ने कहा कि विपक्ष के वादे खोखले हैं। तेजस्वी ने कहा कि एनडीए भ्रष्टाचार कर रहा है।
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