Ujjain: इंस्टाग्राम रील के चक्कर में पिता ने 9 साल के बेटे को चलती कार के दरवाजे से लटका दिया, सतर्क पुलिसकर्मी ने बचाई जान।
मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में एक पिता ने सोशल मीडिया पर वायरल होने की चाहत में अपने नौ साल के बेटे की जान को खतरे में डाल दिया। वह अपनी कार चलाते हुए बच्चे को दरवाजे से बाहर

मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में एक पिता ने सोशल मीडिया पर वायरल होने की चाहत में अपने नौ साल के बेटे की जान को खतरे में डाल दिया। वह अपनी कार चलाते हुए बच्चे को दरवाजे से बाहर लटका रहा था। यह खतरनाक हरकत सड़क पर मौजूद एक पुलिसकर्मी की नजर में आ गई। कांस्टेबल ने तुरंत कंट्रोल रूम को सूचना दी। कुछ ही मिनटों में पुलिस टीम ने कार को रोक लिया और पिता को कड़ी फटकार लगाई। आरोपी पिता ने सफाई दी कि वह मस्ती में ऐसा कर रहा था, लेकिन पुलिस ने इसे गंभीरता से लिया। पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे लोगों में गुस्सा भड़क उठा। यह घटना बच्चों की सुरक्षा और सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर सवाल खड़े कर रही है।
घटना मंगलवार, 23 सितंबर 2025 को दोपहर करीब 3 बजे की है। उज्जैन के विश्वा क्षेत्र के ऋषि नगर इलाके में रहने वाले दीपक पमनानी अपनी सफेद रंग की कार में बेटे के साथ घूमने निकले थे। दीपक एक निजी कंपनी में नौकरी करता है और सोशल मीडिया पर सक्रिय रहता है। वह इंस्टाग्राम पर रील बनाकर लाइक्स और फॉलोअर्स बढ़ाने की कोशिश करता रहता है। मंगलवार को भी वह कुछ नया करने के चक्कर में बच्चे को कार के अगले दरवाजे से बाहर लटका दिया। कार की स्पीड 40-50 किलोमीटर प्रतिघंटा थी। बच्चा दरवाजे की हैंडल पकड़े हुए सड़क पर लटक रहा था। सड़क पर अन्य वाहन चालक और राहगीर यह दृश्य देखकर स्तब्ध हो गए। कोई चिल्ला रहा था, तो कोई मोबाइल से वीडियो बना रहा था। बच्चा डर के मारे चीख रहा था, लेकिन पिता बेफिक्र होकर कार चला रहा था।
सड़क किनारे ड्यूटी पर तैनात कांस्टेबल सर्वेश मालवीय ने यह नजारा देखा। उन्होंने तुरंत वायरलेस सेट से कंट्रोल रूम को अलर्ट किया। कंट्रोल रूम से सूचना मिलते ही महिला थाना प्रभारी सब-इंस्पेक्टर लीला सोलंकी ने अपनी टीम के साथ कार का पीछा शुरू कर दिया। वे अपनी जीप में तेजी से दौड़े। करीब दो किलोमीटर दूर आईजी बंगला क्षेत्र के पास पुलिस ने कार को सिग्नल देकर रोका। कार रुकते ही दीपक के बेटे को अंदर खींचा गया। बच्चा कांप रहा था और उसके हाथों पर मामूली खरोंचें आ गई थीं। पुलिस ने सबसे पहले बच्चे को चेक किया। वह सुरक्षित था, लेकिन सदमे में था। दीपक को कार से उतारा गया और उसे कड़ी डांट दी गई। बच्चे की मां को सूचना दी गई, जो तुरंत मौके पर पहुंची।
वीडियो फुटेज में पूरी घटना साफ दिखाई दे रही है। राहगीरों ने मोबाइल से रिकॉर्ड किया था। इसमें कार का दरवाजा खुला हुआ है और नौ साल का बच्चा बाहर लटका हुआ है। पिता कैमरे की ओर देखकर मुस्कुरा रहा है, जैसे रील बना रहा हो। वीडियो में बच्चे की डरावनी चीखें सुनाई दे रही हैं। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया। हजारों लोगों ने इसे शेयर किया। कई यूजर्स ने लिखा कि ऐसे पिता को सजा मिलनी चाहिए। एक यूजर ने कहा कि बच्चे की जान बच गई, लेकिन अगली बार क्या होगा। वायरल वीडियो ने उज्जैन पुलिस की तारीफ भी कराई। लोग बोले कि सतर्क पुलिसकर्मी ने समय रहते कार्रवाई की।
पुलिस ने दीपक पमनानी को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पूछताछ में उसने कबूल किया कि वह इंस्टाग्राम रील के लिए ऐसा कर रहा था। वह सोच रहा था कि यह वीडियो वायरल हो जाएगा और उसे फेम मिलेगा। दीपक ने कहा कि मस्ती में किया, कोई नुकसान नहीं हुआ। लेकिन पुलिस ने इसे बच्चे के साथ खतरे का काम माना। भारतीय न्याय संहिता की धारा 316 (बच्चों को खतरे में डालना) और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपी को चालान कर कोर्ट में पेश किया जाएगा। बच्चे का बयान रिकॉर्ड किया गया। वह डर गया था, लेकिन अब ठीक है। परिवार ने कहा कि वे पिता की हरकत से शर्मिंदा हैं। मां ने रोते हुए कहा कि पति अक्सर रील बनाता है, लेकिन कभी इतना खतरनाक नहीं किया।
यह घटना उज्जैन में बच्चों की सुरक्षा पर बहस छेड़ रही है। शहर धार्मिक नगरी है, जहां लाखों पर्यटक आते हैं। लेकिन सोशल मीडिया का क्रेज युवाओं में इतना बढ़ गया है कि जान जोखिम में डाल ली जाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि रील बनाने के नाम पर लापरवाही बढ़ रही है। पहले भी कई मामले सामने आए हैं, जैसे ट्रेन से लटकना या ऊंचाई से कूदना। उज्जैन एसपी ने कहा कि ऐसी घटनाओं पर नजर रखी जाएगी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को भी जिम्मेदार बनाया जाएगा। जिला प्रशासन ने अभिभावकों को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम शुरू करने का फैसला किया। स्कूलों में बच्चों को सोशल मीडिया के सही इस्तेमाल की ट्रेनिंग दी जाएगी।
स्थानीय लोगो का गुस्सा फूट पड़ा। एक निवासी ने कहा कि ऐसे पिता समाज के लिए खतरा हैं। बच्चे की उम्र महज नौ साल है, वह कुछ समझता भी नहीं। अगर स्पीड ज्यादा होती या कोई वाहन टकरा जाता, तो क्या होता। कई महिलाओं ने कहा कि बच्चे को अकेले बाहर भेजना मुश्किल हो गया है। सोशल मीडिया पर अभियान चल रहा है। हैशटैग जैसे चाइल्ड सेफ्टी और रील डेंजर वायरल हो रहे हैं। उज्जैन कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सड़कों पर पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए। वन स्टॉप सेंटर में ऐसी घटनाओं की काउंसलिंग होगी।
कांस्टेबल सर्वेश मालवीय की बहादुरी की हर तरफ सराहना हो रही है। उन्होंने कहा कि ड्यूटी पर रहते हुए बच्चे को बचाना उनका फर्ज था। सब-इंस्पेक्टर लीला सोलंकी ने बताया कि टीम ने 10 मिनट के अंदर कार रोकी। बच्चे को अस्पताल ले जाकर चेकअप कराया गया। कोई गंभीर चोट नहीं थी। परिवार ने पुलिस का धन्यवाद दिया। लेकिन दीपक के दोस्तों ने कहा कि वह अक्सर मजाक करता है, लेकिन इस बार हद पार कर गया। सोशल मीडिया एक्सपर्ट्स का मानना है कि प्लेटफॉर्म्स को खतरनाक कंटेंट पर सख्ती करनी चाहिए। वीडियो अपलोड करने से पहले चेतावनी दी जाए।
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