दिल्ली-एनसीआर में दिवाली से पहले GRAP का स्टेज 1 लागू: प्रदूषण रोकने के लिए सख्त कदम।
उत्तर भारत के राजधानी क्षेत्र दिल्ली-एनसीआर में सर्दी का आगमन होते ही प्रदूषण का संकट फिर से गहरा गया है। मंगलवार 14 अक्टूबर 2025 को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक
उत्तर भारत के राजधानी क्षेत्र दिल्ली-एनसीआर में सर्दी का आगमन होते ही प्रदूषण का संकट फिर से गहरा गया है। मंगलवार 14 अक्टूबर 2025 को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एQI 211 दर्ज किया गया, जो खराब श्रेणी में आता है। इस स्थिति को देखते हुए केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग यानी सीएक्यूएम ने तुरंत प्रभाव से ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान का पहला चरण यानी जीआरएपी स्टेज 1 लागू कर दिया। यह फैसला मौसम विभाग और भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान की पूर्वानुमान रिपोर्ट के आधार पर लिया गया, जिसमें अगले कुछ दिनों तक एQI के खराब स्तर पर बने रहने की चेतावनी दी गई थी। जीआरएपी स्टेज 1 के तहत दिल्ली और एनसीआर के सभी जिलों में 27 सख्त उपायों को अमल में लाया जाएगा। इनमें धूल नियंत्रण, वाहनों से उत्सर्जन कम करना और औद्योगिक इकाइयों पर निगरानी शामिल है। यह कदम दिवाली जैसे त्योहार से ठीक पहले उठाया गया है, जब पटाखों और अन्य गतिविधियों से प्रदूषण बढ़ने का खतरा रहता है। आयोग ने सभी राज्यों को निर्देश जारी किए हैं कि वे इन उपायों को सख्ती से लागू करें और एQI में और गिरावट न आने दें।
दिल्ली का एQI 14 अक्टूबर को सुबह से ही बढ़ता नजर आया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, सुबह 5:30 बजे यह 200 के आसपास था, जो मध्यम से खराब श्रेणी में प्रवेश कर गया। दोपहर तक यह 211 पर पहुंच गया। कुछ इलाकों में स्थिति और गंभीर थी। आनंद विहार में एQI 374, वजीरपुर में 261, बावना में 259 और मथुरा रोड पर 248 दर्ज किया गया। ये आंकड़े बताते हैं कि प्रदूषण का असर पूरे शहर पर पड़ा है। जून 11 के बाद यह पहली बार है जब दिल्ली का एQI खराब श्रेणी में पहुंचा है। तब जून में यह 245 था। इस साल मानसून की अच्छी बारिश के कारण जुलाई से अक्टूबर तक 124 दिनों तक साफ हवा बनी रही, लेकिन अब हवाओं की गति कम होने और रात के तापमान में गिरावट से प्रदूषक तत्व जमीन के करीब फंस गए हैं। मौसम विभाग ने बताया कि 14 से 16 अक्टूबर तक एQI खराब रहेगा और उसके बाद यह बहुत खराब स्तर पर पहुंच सकता है। कुछ पूर्वानुमानों में 16 अक्टूबर को 281 तक जाने की बात कही गई है।
जीआरएपी एक ऐसा आपातकालीन प्लान है, जो प्रदूषण को चरणबद्ध तरीके से नियंत्रित करने के लिए बनाया गया है। सुप्रीम कोर्ट के 2016 के आदेश पर आधारित यह योजना सीएक्यूएम द्वारा दिसंबर 2024 में अपडेट की गई थी। इसमें चार चरण हैं। स्टेज 1 तब लागू होता है जब एQI 201 से 300 के बीच हो। यह चरण प्रदूषण को रोकने के लिए सतर्कता बढ़ाने पर जोर देता है। अगर एQI 301 से 400 हो जाए तो स्टेज 2, 401 से 450 पर स्टेज 3 और 450 से ऊपर स्टेज 4 लागू होता है। इस बार स्टेज 1 को जल्दी लागू करने का मकसद दिवाली से पहले स्थिति बिगड़ने से रोकना है। आयोग के सब-कमिटी ने मंगलवार को बैठक कर फैसला लिया। इसमें भारत मौसम विभाग और आईआईटीएम की रिपोर्ट का आधार लिया गया। सीएक्यूएम ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान सरकारों को पत्र भेजा है, क्योंकि एनसीआर इन राज्यों के हिस्सों को भी कवर करता है। सभी एजेंसियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे उपायों की निगरानी करें और उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई करें।
जीआरएपी स्टेज 1 के तहत कई महत्वपूर्ण प्रतिबंध लगाए गए हैं। सबसे पहले, लकड़ी, कूड़ा या कोई भी सामग्री खुले में जलाने पर पूर्ण रोक है। लैंडफिल साइट्स पर आग लगने या खुले जलाने की घटनाओं पर सख्त नजर रखी जाएगी। निर्माण कार्यों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। सभी निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण के लिए एंटी-स्मॉग गन्स, पानी की छिड़काव और मैकेनिकल सफाई अनिवार्य होगी। सड़क निर्माण, मरम्मत या रखरखाव में धूल दमन के उपाय बढ़ाए जाएंगे। उद्योगों और थर्मल पावर प्लांट्स पर भी निगरानी होगी। दिल्ली से 300 किलोमीटर के दायरे में चल रहे प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर कार्रवाई की जाएगी। ईंट भट्ठों और हॉट मिक्स प्लांट्स को उत्सर्जन मानकों का पालन करना होगा। गैर-अनुपालन वाले इकाइयों पर कानूनी कार्रवाई होगी। वाहनों से जुड़े उपायों में पुराने डीजल वाहनों (10 साल से पुराने) और पेट्रोल वाहनों (15 साल से पुराने) को दिल्ली-एनसीआर में चलने से रोका जाएगा। ट्रकों को दिल्ली के लिए न जाने वाले वाहनों को पूर्वी और पश्चिमी परिधि एक्सप्रेसवे से डायवर्ट किया जाएगा। प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र यानी पीयूसी चेक सख्त होगा। दिखने में प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर जुर्माना लगेगा।
दिवाली को देखते हुए पटाखों पर भी सख्ती बढ़ाई गई है। एनसीआर में पटाखों का उत्पादन, बिक्री और भंडारण 1 जनवरी 2026 तक प्रतिबंधित रहेगा। केवल हरे पटाखों की सीमित बिक्री की अनुमति है, लेकिन आयोग ने चेतावनी दी है कि यहां तक कि हरे पटाखे भी प्रदूषण बढ़ा सकते हैं। सीएसआईआर-एनईईआरआई द्वारा विकसित हरे पटाखे पीएम 2.5 को 30-35 प्रतिशत कम करते हैं, लेकिन बेसलाइन प्रदूषण ऊंचा होने पर खतरा बना रहता है। बिजली वितरण कंपनियों को बाधाओं को कम करने को कहा गया है। सड़कों पर नियमित सफाई और पानी छिड़काव अनिवार्य है। सभी एजेंसियों को 27 उपायों की सूची दी गई है, जिन्हें तुरंत लागू करना होगा। नागरिकों के लिए भी दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। इसमें बाहर कम समय बिताना, सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल, पेड़ लगाना और प्रदूषण की शिकायत 311 ऐप, ग्रीन दिल्ली ऐप या समीर ऐप पर करना शामिल है। शाम के समय व्यायाम से बचें और घर में एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें।
यह फैसला दिल्लीवासियों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। खराब एQI से सांस की बीमारियां, आंखों में जलन और हृदय संबंधी समस्याएं बढ़ जाती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जीआरएपी एक अस्थायी उपाय है। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट की कार्यकारी निदेशक अनुमिता रॉयचौधरी ने कहा कि फसल अवशेष जलाना और अंतरराज्यीय समन्वय न होने से समस्या बनी रहती है। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण से जीवन प्रत्याशा 8.2 साल कम हो जाती है। 2022 से 2024 तक दो लाख से ज्यादा लोग प्रदूषण से अस्पताल पहुंचे। इस साल मानसून की अच्छी बारिश ने मदद की, लेकिन अब सर्दी में धुंध का खतरा है। सरकार ने कहा कि एQI पर नजर रखी जाएगी। अगर स्थिति बिगड़ी तो स्टेज 2 लागू हो सकता है, जिसमें स्कूलों में ऑनलाइन क्लास और 50 प्रतिशत सरकारी कर्मचारियों को घर से काम करने का आदेश शामिल है।
एनसीआर के सभी जिलों में एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं। दिल्ली नगर निगम, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिला प्रशासन निगरानी कर रहे हैं। हेल्पलाइन 1800-180-1708 पर शिकायत दर्ज की जा सकती है। पूर्वानुमान के मुताबिक, 17 अक्टूबर को एQI 346 तक पहुंच सकता है। कुछ इलाकों में 350 से ऊपर जाने की आशंका है। नागरिकों से अपील की गई है कि वे त्योहार पर्यावरण अनुकूल तरीके से मनाएं। पटाखे न जलाएं, डीआईवाई सजावट करें और कार पूलिंग अपनाएं। यह समय सामूहिक प्रयास का है। अगर सभी मिलकर कदम उठाएं तो प्रदूषण पर काबू पाया जा सकता है। सीएक्यूएम लगातार समीक्षा करेगा और जरूरत पड़ने पर और सख्ती करेगा। दिल्ली की हवा फिर से साफ करने का संघर्ष जारी है। उम्मीद है कि ये उपाय कामयाब होंगे और त्योहार खुशी से मनाया जाएगा।
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