4 जून 2025: भारत के प्रमुख शहरों में सोना, चांदी और प्लैटिनम की कीमतें—लखनऊ, दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, मुम्बई और हैदराबाद में नवीनतम दरें।
4 जून, 2025 को भारत के प्रमुख शहरों—लखनऊ, दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, मुम्बई और हैदराबाद—में सोने और चांदी की कीमतों में मामूली ....
4 जून, 2025 को भारत के प्रमुख शहरों—लखनऊ, दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, मुम्बई और हैदराबाद—में सोने और चांदी की कीमतों में मामूली उतार-चढ़ाव देखा गया, जबकि प्लैटिनम की कीमतें स्थिर रहीं। ये कीमतें वैश्विक बुलियन बाजार, रुपये-डॉलर विनिमय दर, और स्थानीय मांग-आपूर्ति पर निर्भर करती हैं। भारत में सोना और चांदी न केवल आभूषणों के लिए, बल्कि निवेश और सांस्कृतिक परंपराओं के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। प्लैटिनम, हालांकि कम प्रचलित, औद्योगिक उपयोग और निवेश के लिए लोकप्रिय हो रहा है। यह लेख विश्वसनीय स्रोतों जैसे Economic Times Hindi, Jansatta, Naidunia, और Goodreturns से प्राप्त नवीनतम आंकड़ों के आधार पर इन शहरों में सोने, चांदी, और प्लैटिनम की कीमतों का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत करता है।
प्रमुख शहरों में सोने, चांदी और प्लैटिनम की कीमतें (4 जून, 2025)
1. सोने की कीमतें
सोने की कीमतें भारतीय सर्राफा बाजारों में दैनिक आधार पर संशोधित होती हैं और वैश्विक बुलियन बाजार, रुपये की तुलना में डॉलर की कीमत, और मौसमी मांग पर निर्भर करती हैं। 4 जून, 2025 को प्रमुख शहरों में 24 कैरेट और 22 कैरेट सोने की कीमतें (प्रति 10 ग्राम) इस प्रकार थीं:
लखनऊ:
24 कैरेट: ₹96,680
22 कैरेट: ₹89,650
दिल्ली:
24 कैरेट: ₹96,680
22 कैरेट: ₹89,650
चेन्नई:
24 कैरेट: ₹97,310
22 कैरेट: ₹89,200
कोलकाता:
24 कैरेट: ₹97,310
22 कैरेट: ₹89,200
मुम्बई:
24 कैरेट: ₹97,310
22 कैरेट: ₹89,200
हैदराबाद:
24 कैरेट: ₹97,310
22 कैरेट: ₹89,200
ये कीमतें इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBA) और मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) के आधार पर हैं। दिल्ली और लखनऊ में सोने की कीमतें अन्य शहरों की तुलना में थोड़ी कम थीं, जो कम वैट और स्थानीय करों के कारण है। चेन्नई, कोलकाता, मुम्बई, और हैदराबाद में कीमतें समान रहीं, क्योंकि इन शहरों में परिवहन लागत और वैट की दरें अधिक हैं। 3 जून को दिल्ली में 24 कैरेट सोने की कीमत ₹96,680 थी, जो 2 जून के ₹97,460 से ₹780 कम थी, लेकिन 4 जून को कीमतें स्थिर रहीं।
2. चांदी की कीमतें
चांदी की कीमतें भी दैनिक आधार पर संशोधित होती हैं और औद्योगिक मांग, वैश्विक बाजार, और निवेशकों की रुचि पर निर्भर करती हैं। 4 जून, 2025 को प्रमुख शहरों में चांदी की कीमतें (प्रति किलोग्राम) इस प्रकार थीं:
लखनऊ: ₹99,800
दिल्ली: ₹99,800
चेन्नई: ₹1,10,900
कोलकाता: ₹99,900
मुम्बई: ₹99,900
हैदराबाद: ₹1,10,900
चेन्नई और हैदराबाद में चांदी की कीमतें अन्य शहरों की तुलना में अधिक थीं, जो दक्षिण भारत में उच्च परिवहन लागत और स्थानीय करों के कारण है। दिल्ली, लखनऊ, कोलकाता, और मुम्बई में कीमतें लगभग समान रहीं। 3 जून को चांदी की कीमत दिल्ली में ₹1,00,000 थी, लेकिन 4 जून को यह ₹99,800 पर स्थिर रही। चांदी की औद्योगिक मांग, खासकर इलेक्ट्रॉनिक्स और सौर ऊर्जा क्षेत्र में, इसे निवेशकों के लिए आकर्षक बनाती है।
3. प्लैटिनम की कीमतें
प्लैटिनम की कीमतें भारत में सोने और चांदी की तुलना में कम चर्चित हैं, लेकिन यह औद्योगिक उपयोग (विशेष रूप से ऑटोमोटिव उत्प्रेरक कनवर्टर) और आभूषणों में महत्वपूर्ण है। प्लैटिनम की कीमतें वैश्विक बाजार और स्थानीय मांग पर निर्भर करती हैं। 4 जून, 2025 को प्रमुख शहरों में प्लैटिनम की कीमतें (प्रति 10 ग्राम) इस प्रकार थीं:
लखनऊ: ₹24,500
दिल्ली: ₹24,500
चेन्नई: ₹24,800
कोलकाता: ₹24,600
मुम्बई: ₹24,600
हैदराबाद: ₹24,800
प्लैटिनम की कीमतें Goodreturns और अन्य विश्वसनीय स्रोतों के आधार पर हैं। ये कीमतें स्थिर रहीं, क्योंकि प्लैटिनम की मांग भारत में सोने और चांदी की तुलना में कम है। चेन्नई और हैदराबाद में कीमतें थोड़ी अधिक थीं, जो परिवहन लागत के कारण है। वैश्विक बाजार में प्लैटिनम $1,000 प्रति औंस (लगभग ₹85,760 प्रति 31.1 ग्राम) पर कारोबार कर रहा था, जो पिछले सप्ताह के समान था।
कीमतों को प्रभावित करने वाले कारक
वैश्विक बुलियन बाजार: सोने की कीमतें वैश्विक स्तर पर COMEX पर $3,278 प्रति औंस और चांदी $32.93 प्रति औंस पर थीं। हाल के महीनों में वैश्विक व्यापारिक अनिश्चितताओं, विशेष रूप से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ नीतियों और भारत-चीन व्यापार वार्ता के कारण, सोने की मांग बढ़ी है।
रुपये-डॉलर विनिमय दर: 4 जून, 2025 को 1 अमेरिकी डॉलर की कीमत लगभग ₹85.76 थी। रुपये की स्थिरता ने सोने और चांदी की कीमतों को नियंत्रित रखने में मदद की।
स्थानीय मांग और कर: भारत में सोने और चांदी पर 3% GST और आयात शुल्क लागू होता है, जो कीमतों को प्रभावित करता है। दक्षिण भारत में, जैसे चेन्नई और हैदराबाद में, उच्च वैट और परिवहन लागत के कारण कीमतें अधिक हैं।
भू-राजनीतिक और आर्थिक कारक: सोना एक सुरक्षित निवेश माना जाता है, और भू-राजनीतिक तनाव या आर्थिक अस्थिरता के समय इसकी मांग बढ़ती है। विशेषज्ञों का मानना है कि त्योहारी सीजन और शादी-विवाह के मौसम के कारण सोने की मांग में वृद्धि हो सकती है।
सोना और चांदी भारत में न केवल निवेश, बल्कि सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व भी रखते हैं। त्योहारी सीजन जैसे धनतेरस और शादी-विवाह के मौसम में इनकी मांग बढ़ती है, जिससे कीमतों में उछाल आ सकता है। प्लैटिनम, हालांकि कम प्रचलित, ऑटोमोटिव और ज्वैलरी उद्योग में महत्वपूर्ण है। हाल के वर्षों में, सोने ने मुद्रास्फीति को 2-4% से अधिक पीछे छोड़ा है, जिसने इसे निवेशकों के लिए आकर्षक बनाया है। सोशल मीडिया पर भी कीमतों को लेकर चर्चा होती रही। @Jansatta ने ट्वीट किया, "सोने की कीमतों में स्थिरता, दिल्ली में 24 कैरेट सोना ₹96,680 प्रति 10 ग्राम।" @Naidunia ने लिखा, "चांदी की कीमतें चेन्नई में ₹1,10,900 प्रति किग्रा, त्योहारी मांग बढ़ने की संभावना।"
भारत सरकार ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (SGB) और डिजिटल गोल्ड जैसे निवेश विकल्पों को बढ़ावा दिया है, जो भौतिक सोने की खरीदारी की तुलना में लागत-प्रभावी हैं। प्लैटिनम में निवेश भी बढ़ रहा है, क्योंकि यह सोने की तुलना में सस्ता है और औद्योगिक मांग के कारण इसकी कीमतें स्थिर रहती हैं। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि निवेशक बाजार के रुझानों पर नजर रखें और दीर्घकालिक निवेश के लिए सोने और चांदी को प्राथमिकता दें। विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2025 में सोने की कीमतें त्योहारी और शादी के सीजन के कारण बढ़ सकती हैं। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं, जैसे अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता और यूरोपीय संघ के टैरिफ निर्णय, भी कीमतों को प्रभावित कर सकते हैं।
प्लैटिनम की मांग ऑटोमोटिव उद्योग में इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती लोकप्रियता के कारण स्थिर रहेगी। 4 जून, 2025 को भारत के प्रमुख शहरों में सोने, चांदी, और प्लैटिनम की कीमतें स्थिर रहीं, हालांकि चेन्नई और हैदराबाद में चांदी की कीमतें अधिक थीं। ये कीमतें वैश्विक बाजार, रुपये-डॉलर विनिमय दर, और स्थानीय करों पर निर्भर करती हैं। सोना और चांदी निवेश और सांस्कृतिक महत्व के लिए महत्वपूर्ण बने हुए हैं, जबकि प्लैटिनम औद्योगिक और निवेश के लिए आकर्षक विकल्प है। त्योहारी सीजन और वैश्विक आर्थिक रुझानों के कारण कीमतों में उछाल की संभावना है, जिसके लिए निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए।
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