Politics: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का त्रिनिदाद और टोबैगो में भव्य स्वागत: भोजपुरी चौताल ने बांधा सांस्कृतिक सेतु।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी त्रिनिदाद और टोबैगो की राजधानी पोर्ट ऑफ स्पेन पहुंचे, जहां उनका स्वागत भोजपुरी चौताल की मधुर धुनों और भारतीय...

Jul 4, 2025 - 11:47
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Politics: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का त्रिनिदाद और टोबैगो में भव्य स्वागत: भोजपुरी चौताल ने बांधा सांस्कृतिक सेतु।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी त्रिनिदाद और टोबैगो की राजधानी पोर्ट ऑफ स्पेन पहुंचे, जहां उनका स्वागत भोजपुरी चौताल की मधुर धुनों और भारतीय प्रवासी समुदाय के उत्साह के साथ हुआ। यह यात्रा, जो पांच देशों के दौरे का दूसरा चरण थी, भारत और त्रिनिदाद और टोबैगो के बीच गहरे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों को और मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर थी। इस दौरे पर पीएम मोदी ने भारतीय प्रवासियों के योगदान की सराहना की और दोनों देशों के बीच साझा विरासत को रेखांकित किया। भोजपुरी चौताल की प्रस्तुति ने इस स्वागत को और भी यादगार बना दिया, जो भारत, खासकर पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार, के साथ त्रिनिदाद और टोबैगो के सांस्कृतिक जुड़ाव का प्रतीक थी।

  • ऐतिहासिक यात्रा का प्रारंभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दौरा 2 से 9 जुलाई 2025 तक के उनके पांच देशों घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील, और नामीबिया के दौरे का हिस्सा था। त्रिनिदाद और टोबैगो की यह यात्रा 1999 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली द्विपक्षीय यात्रा थी, जिसे त्रिनिदाद और टोबैगो की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर के निमंत्रण पर आयोजित किया गया। पोर्ट ऑफ स्पेन के पियारको अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पीएम मोदी का स्वागत स्वयं प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर, उनके मंत्रिमंडल के 38 मंत्रियों, और चार सांसदों ने किया। इस अवसर पर औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर भी प्रदान किया गया, जो इस यात्रा के महत्व को दर्शाता है। हवाई अड्डे पर भारतीय प्रवासी समुदाय की भीड़ ने उत्साह के साथ पीएम मोदी का स्वागत किया। पारंपरिक वेशभूषा में सजे लोग, ढोल-नगाड़ों की थाप, और भोजपुरी चौताल की प्रस्तुति ने इस स्वागत को एक सांस्कृतिक उत्सव का रूप दे दिया। पीएम मोदी ने इस अवसर पर अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा, “एक ऐसा सांस्कृतिक जुड़ाव जो किसी और से अलग है! पोर्ट ऑफ स्पेन में भोजपुरी चौताल की प्रस्तुति देखकर बहुत खुशी हुई। त्रिनिदाद और टोबैगो और भारत, खासकर पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के बीच का जुड़ाव उल्लेखनीय है।”

  • भोजपुरी चौताल- सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक

भोजपुरी चौताल, जो एक पारंपरिक लोक संगीत शैली है, ने इस स्वागत समारोह में विशेष स्थान रखा। यह संगीत शैली उत्तर प्रदेश और बिहार के भोजपुरी भाषी क्षेत्रों से उत्पन्न हुई है और त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय प्रवासियों के बीच जीवित है। 19वीं शताब्दी में, जब भारतीय मजदूर (जिन्हें गिरमिटिया मजदूर कहा जाता था) ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के तहत त्रिनिदाद और टोबैगो के गन्ना बागानों में काम करने आए, तो वे अपने साथ अपनी संस्कृति, भाषा, और संगीत भी लाए। आज, त्रिनिदाद और टोबैगो की 13 लाख की आबादी में लगभग 45% लोग भारतीय मूल के हैं, जिनमें से अधिकांश उत्तर प्रदेश और बिहार के भोजपुरी भाषी जिलों जैसे छपरा, आरा, बलिया, सिवान, गोपालगंज, और बनारस से हैं।

भोजपुरी चौताल की प्रस्तुति ने न केवल सांस्कृतिक संबंधों को उजागर किया, बल्कि यह भी दिखाया कि कैसे भारतीय प्रवासियों ने अपनी जड़ों को संरक्षित रखा है। इस प्रस्तुति में ढोल, मंजीरा, और झाल की थाप के साथ गायकों ने भोजपुरी गीतों के माध्यम से अपनी विरासत को जीवंत किया। पीएम मोदी ने इस सांस्कृतिक प्रदर्शन की प्रशंसा करते हुए इसे दोनों देशों के बीच साझा इतिहास का प्रतीक बताया।
भारतीय प्रवासियों से मुलाकात

पीएम मोदी ने पोर्ट ऑफ स्पेन में भारतीय प्रवासी समुदाय के साथ मुलाकात की और उनके योगदान को सराहा। उन्होंने अपने एक्स पोस्ट में लिखा, “कई साल पहले भारत से लोग त्रिनिदाद और टोबैगो आए थे। इन वर्षों में, उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाई और त्रिनिदाद और टोबैगो के विकास में योगदान दिया। साथ ही, उन्होंने भारत के साथ अपने संबंध को बनाए रखा और भारतीय संस्कृति के प्रति अपनी लगन को भी संजोया।” इस दौरान, उन्होंने भारत को जानिए (Bharat Ko Janiye) क्विज के विजेताओं शंकर रामजत्तन, निकोलस माराज, और विंस महातो से भी मुलाकात की, जिन्होंने भारत के साथ अपनी सांस्कृतिक और बौद्धिक कड़ी को मजबूत किया।

इस अवसर पर, पीएम मोदी ने प्रवासी भारतीय दिवस के दौरान घोषित कई पहलों का उल्लेख किया, जो विश्व भर के गिरमिटिया समुदाय को सम्मानित करने और उनके साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए शुरू की गई हैं। भारतीय प्रवासियों ने ‘भारत माता की जय’ और ‘मोदी-मोदी’ के नारों के साथ उनका स्वागत किया, जो उनके प्रति समुदाय के प्रेम और सम्मान को दर्शाता है। इस यात्रा का उद्देश्य केवल सांस्कृतिक आदान-प्रदान तक सीमित नहीं था। पीएम मोदी ने त्रिनिदाद और टोबैगो की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू और प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर के साथ उच्च-स्तरीय वार्ता की, जिसमें डिजिटल फाइनेंस, सूचना प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा, और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने पर चर्चा हुई। इसके अलावा, पीएम मोदी ने त्रिनिदाद और टोबैगो की संसद को संबोधित किया, जहां उन्होंने भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों और वैश्विक दक्षिण के साथ भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

इस यात्रा के दौरान, त्रिनिदाद और टोबैगो ने पीएम मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान द ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो (ORTT) से सम्मानित किया। इस सम्मान को स्वीकार करते हुए, पीएम मोदी ने इसे 1.4 अरब भारतीयों की ओर से स्वीकार किया और इसे दोनों देशों की दोस्ती का प्रतीक बताया। हालांकि, इस सम्मान को लेकर त्रिनिदाद और टोबैगो के मुस्लिम समुदाय ने मानवाधिकारों से संबंधित कुछ चिंताएं व्यक्त कीं, जिससे यह यात्रा कुछ विवादों का विषय भी बनी।

त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय प्रवासियों की उपस्थिति 19वीं शताब्दी से शुरू हुई, जब ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के तहत हजारों भारतीय मजदूर वहां पहुंचे। इनमें से अधिकांश लोग उत्तर प्रदेश और बिहार के भोजपुरी भाषी क्षेत्रों से थे। आज, यह समुदाय न केवल त्रिनिदाद और टोबैगो की अर्थव्यवस्था और संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है, बल्कि भारत के साथ अपने सांस्कृतिक संबंधों को भी जीवित रखता है। पीएम मोदी ने इस सांस्कृतिक जुड़ाव को और मजबूत करने के लिए योग, ध्यान, हिंदी, और संस्कृत जैसी भारतीय परंपराओं को बढ़ावा देने की बात कही। आध्यात्मिक नेता स्वामी स्वरूपानंद ने इस यात्रा को भारतीय संस्कृति, शिक्षा, और योग के वैश्विक प्रचार के लिए महत्वपूर्ण बताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की त्रिनिदाद और टोबैगो यात्रा ने दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और राजनयिक संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। भोजपुरी चौताल की मधुर धुनों के साथ हुआ उनका स्वागत न केवल एक सांस्कृतिक उत्सव था, बल्कि यह भारत और त्रिनिदाद और टोबैगो के बीच गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक बंधन का प्रतीक भी था।

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