Politics News: पहलगाम हमले पर राजनाथ सिंह का कड़ा बयान: आतंकियों ने धर्म पूछकर मारा, हमने कर्म के आधार पर जवाब दिया। 

सिंह ने कहा, आतंकियों ने पहलगाम में धर्म पूछकर 26 लोगों की हत्या की, भारत ने कर्म के आधार पर ऑपरेशन सिंदूर के तहत जवाबी कार्रवाई की....

Jun 11, 2025 - 10:39
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Politics News: पहलगाम हमले पर राजनाथ सिंह का कड़ा बयान: आतंकियों ने धर्म पूछकर मारा, हमने कर्म के आधार पर जवाब दिया। 

हाइलाइट्स:

  • देहरादून में एक कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पहलगाम आतंकी हमले पर पाकिस्तान को निशाने पर लिया।
  • ऑपरेशन सिंदूर में 70 से अधिक आतंकियों को मार गिराया गया, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को निशाना बनाया गया।
  • सिंह ने पाकिस्तान को आतंकवाद का पनाहगाह बताते हुए वैश्विक समुदाय से इसका बहिष्कार करने की अपील की।
  • देहरादून में आयोजित ‘राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद’ विषय पर संवाद में सिंह ने उत्तराखंड के सामरिक महत्व पर भी जोर दिया।

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में मंगलवार को ‘राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद’ विषय पर आयोजित एक संवाद कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि आतंकवादियों ने धर्म पूछकर मासूम लोगों की हत्या की, लेकिन भारत ने उनके कर्म के आधार पर जवाबी कार्रवाई की। सिंह ने 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसारन घाटी में हुए आतंकी हमले का उल्लेख किया, जिसमें 26 लोग, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे, मारे गए थे। इस हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में आतंकवादी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ), जो पाकिस्तान समर्थित लश्कर-ए-तैयबा का एक सहयोगी संगठन है, ने बैसारन घाटी में पर्यटकों पर हमला किया। हमलावरों ने कथित तौर पर पर्यटकों से उनकी धार्मिक पहचान पूछी और गैर-मुस्लिम पुरुषों को नजदीक से गोली मार दी। इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई, जिनमें दो विदेशी नागरिक और एक स्थानीय घुड़सवार शामिल थे। हमले में कई अन्य लोग घायल भी हुए। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि आतंकियों ने धार्मिक ताने मारते हुए लोगों को भीड़ से अलग करने की कोशिश की और फिर गोलीबारी शुरू कर दी।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देहरादून में अपने संबोधन में इस हमले को “कायरतापूर्ण और अमानवीय” करार दिया। उन्होंने कहा, “पहलगाम में आतंकवादियों ने धर्म पूछकर लोगों को निशाना बनाया, लेकिन हमने उनका धर्म नहीं, बल्कि उनके कर्म देखकर जवाब दिया। ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के खिलाफ भारत के इतिहास की सबसे बड़ी कार्रवाइयों में से एक है।” सिंह ने यह भी जोर देकर कहा कि यह हमला न केवल भारत के लोगों, बल्कि देश की सामाजिक एकता पर भी प्रहार था। रक्षा मंत्री ने अपने भाषण में ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर प्रकाश डाला, जिसे पहलगाम हमले के जवाब में 7 मई को शुरू किया गया था। इस ऑपरेशन में भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पीओके में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर 24 सटीक मिसाइल हमले किए। सरकारी सूत्रों के अनुसार, इन हमलों में 70 से अधिक आतंकी मारे गए और लगभग 60 अन्य घायल हुए। ऑपरेशन में ब्रह्मोस और आकाश मिसाइलों जैसी स्वदेशी तकनीकों का उपयोग किया गया, जिसे सिंह ने भारत की रक्षा नीपालगाम में आतंकियों ने धर्म पूछकर मारा, हमने कर्म पूछकर मारा,

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में मंगलवार को आयोजित एक कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शिरकत की. इसमें उन्होंने पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा. रक्षा मंत्री ने कहा कि पहलगाम में आतंकवादियों ने धर्म पूछ कर मारा, लेकिन हमने धर्म नहीं कर्म पूछकर मारा. उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सेनाओं ने आतंकियों के ठिकानों और बुनियादी ढांचे को नष्ट किया। यह कार्रवाई सावधानीपूर्वक और संवेदनशीलता के साथ की गई ताकि नागरिकों को नुकसान न हो।” 

सिंह ने यह भी बताया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी “जारी है,” और भारतीय सेना किसी भी उकसावे का जवाब देने के लिए तैयार है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत और युद्ध नहीं चाहता, लेकिन यदि पाकिस्तान ने फिर से ऐसी गलती की, तो भारत का जवाब और सख्त होगा। रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान को आतंकवाद का “नर्सरी” करार देते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इसका बहिष्कार करने की अपील की। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान ने हमेशा आतंकवादियों को पनाह दी, उन्हें प्रशिक्षित किया और उनकी मदद की। हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकी वहां खुलेआम घूमते हैं।” सिंह ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के हालिया फैसले पर भी सवाल उठाया, जिसमें पाकिस्तान को काउंटर-टेररिज्म पैनल का उपाध्यक्ष बनाया गया। उन्होंने इसे “दूध की रखवाली के लिए बिल्ली को बिठाने” जैसा बताया।

सिंह ने कहा, “भारत और पाकिस्तान एक ही समय में आजाद हुए थे, लेकिन आज भारत को ‘लोकतंत्र की मां’ के रूप में मान्यता मिली है, जबकि पाकिस्तान वैश्विक आतंकवाद का जनक बन गया है।” उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पाकिस्तान को दी जाने वाली वित्तीय सहायता बंद करने की मांग की, क्योंकि इसका बड़ा हिस्सा आतंकवाद पर खर्च होता है। रक्षा मंत्री का यह बयान देहरादून में अमर उजाला द्वारा आयोजित ‘राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद’ विषय पर एक संवाद के दौरान आया। इस कार्यक्रम में सिंह ने उत्तराखंड के सामरिक महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “मैं उत्तराखंड से जुड़ा हुआ हूं। जब उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश अलग हुए थे, तब मैं उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री था। हमने सीमावर्ती राज्यों के विकास पर विशेष ध्यान दिया है, क्योंकि ये राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं।”

सिंह ने भारत की रक्षा रणनीति पर भी बात की और कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत का रक्षा क्षेत्र आयात-निर्भर से वैश्विक निर्यातक बन गया है। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को इस बदलाव का उदाहरण बताया, जिसमें स्वदेशी हथियारों का उपयोग हुआ। पहलगाम हमले के बाद भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने क्षेत्र में तलाशी और नष्ट करने के अभियान तेज कर दिए। हमले के लिए जिम्मेदार आतंकियों को पकड़ने के लिए अतिरिक्त सैनिकों को तैनात किया गया है। सुरक्षा एजेंसियों ने तीन आतंकियों के स्केच जारी किए हैं और दावा किया है कि हमले में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की भूमिका थी। रक्षा मंत्री ने अपने भाषण में सेना की तारीफ की और कहा, “हमारी सेनाओं ने ऑपरेशन सिंदूर में इतिहास रचा। मैं उनकी बहादुरी को सलाम करता हूं।” उन्होंने यह भी कहा कि भारत का आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति है और सरकार हर जरूरी कदम उठाएगी।

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सिंह के बयान को X पर व्यापक रूप से साझा किया गया। @DefenceMinIndia ने पोस्ट किया, “पहलगाम में हुए आतंकी हमलों में आतंकवादियों ने जिस तरह धर्म पूछकर लोगों को निशाना बनाया, उसने पूरे देश को झकझोरा। वह हमला भारत की सामाजिक एकता पर किया गया हमला था।” @Bharat24Liv ने लिखा, “आतंकवादियों को भारतीय सेना ने जवाब दिया- राजनाथ सिंह। आतंकवाद मानवता का सबसे बड़ा अभिशाप।” @AnbNewstv और @BSTVdigital ने भी सिंह के बयान को उद्धृत करते हुए लिखा, “पहलगाम में आतंकवादियों ने धर्म पूछकर मारा, लेकिन हमने धर्म नहीं कर्म पूछकर मारा।”  पहलगाम हमले की जांच में सुरक्षा एजेंसियां पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों के नेटवर्क की जांच कर रही हैं। दो स्थानीय आतंकियों, आदिल हुसैन ठोकर और आसिफ शेख, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े थे, के घरों को ध्वस्त कर दिया गया है। पुलिस और सेना संयुक्त रूप से उन आतंकियों की तलाश में हैं जो हमले के बाद फरार हो गए। रक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि भारत उन सभी को जवाबदेह ठहराएगा जो इस हमले में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल थे।

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