Political News: मैनपुरी में भाजपा नेत्री के बेटे के 130 वीडियो वायरल, पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह का दावा - 2022 से नेत्री का भाजपा से कोई संबंध नहीं।
मैनपुरी जिले में एक सनसनीखेज घटना ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हड़कंप मचा दिया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की एक पूर्व महिला मोर्चा...

मैनपुरी जिले में एक सनसनीखेज घटना ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हड़कंप मचा दिया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की एक पूर्व महिला मोर्चा नेत्री के बेटे से जुड़े 130 से अधिक कथित अश्लील वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने से विवाद गहरा गया है। इस मामले ने न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि पूरे राज्य में चर्चा का केंद्र बन गया है। उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री जयवीर सिंह ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि उक्त महिला नेत्री को 2022 में ही पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। मैनपुरी में भाजपा महिला मोर्चा की एक पूर्व मंडल अध्यक्ष सीमा गुप्ता के बेटे शुभम गुप्ता के 130 से अधिक अश्लील वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं।
ये वीडियो कथित तौर पर शहर के विभिन्न होटलों, रेस्तरां और निजी स्थानों पर बनाए गए हैं, जिनमें शुभम गुप्ता एक अन्य महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति में दिखाई दे रहे हैं। वीडियो की संख्या और उनकी अश्लीलता ने स्थानीय लोगों को स्तब्ध कर दिया है। यह मामला तब और जटिल हो गया, जब शुभम की पत्नी शीतल गुप्ता ने अपने पति और ससुराल वालों के खिलाफ महिला थाने में शिकायत दर्ज कराई। शीतल ने आरोप लगाया कि शुभम ने न केवल दूसरी महिला के साथ अवैध संबंध रखे, बल्कि इन वीडियो को बनाकर उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित भी किया।
शीतल ने अपनी शिकायत में बताया कि उनकी शादी 2021 में शुभम गुप्ता से हुई थी, लेकिन शादी के बाद से ही उन्हें दहेज के लिए प्रताड़ित किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि शुभम ने उन्हें सिगरेट से जलाया, घर में कैद रखा, और भूखा रखकर मानसिक और शारीरिक रूप से यातना दी। शीतल ने यह भी दावा किया कि शुभम अपनी प्रेमिका के साथ बनाए गए अश्लील वीडियो उन्हें दिखाकर धमकाता था, कहता था कि उसकी मां भाजपा की बड़ी नेता है और वह उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकती।
- वायरल वीडियो का रहस्य
सबसे बड़ा सवाल यह है कि 130 से अधिक वीडियो एक साथ कैसे वायरल हुए। कुछ सूत्रों का दावा है कि इन वीडियो को शुभम की पत्नी शीतल गुप्ता ने वायरल किया, जबकि वीडियो में दिखाई देने वाली दूसरी महिला ने शीतल और उनके रिश्तेदारों के खिलाफ कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई है। इस महिला ने आरोप लगाया कि शीतल ने उसके निजी वीडियो चुराकर सोशल मीडिया पर वायरल किए, जिससे उसकी सामाजिक प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा। पुलिस ने इस मामले में आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
- राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस घटना ने राजनीतिक गलियारों में भूचाल ला दिया है। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मामले को लेकर भाजपा पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "भाजपाई नेताओं और उनके परिजनों के कुकृत्यों के सिलसिलेवार खुलासों की कड़ी में मैनपुरी से '130 वीडियो' का महाभंडाफोड़, भाजपाइयों के कुख्यात कर्नाटक कांड से टक्कर लेता दिख रहा है।" उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की घटनाएं भाजपा की 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' और 'नारी वंदन' जैसे अभियानों की पोल खोलती हैं।
सपा जिलाध्यक्ष आलोक शाक्य ने कहा कि जनता 2027 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को सबक सिखाएगी। उन्होंने पीड़ित महिला को सपा से संपर्क करने पर न्याय की लड़ाई लड़ने का आश्वासन दिया। वहीं, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के जिलाध्यक्ष मनीष सागर ने कहा कि एक विवाहित पुरुष का इस तरह की हरकतें करना भारतीय समाज की परंपराओं के खिलाफ है, और भाजपा को इस मामले में कार्रवाई करनी चाहिए।
- जयवीर सिंह का बयान
उत्तर प्रदेश के पर्यटन और संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि जिस महिला को भाजपा नेत्री बताया जा रहा है, उसे 2022 में ही पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण निष्कासित कर दिया गया था। उन्होंने दावा किया कि सीमा गुप्ता अब भाजपा की सदस्य नहीं हैं और न ही उन्हें पार्टी के किसी कार्यक्रम में बुलाया जाता है। जयवीर सिंह ने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि इस तरह के मुद्दों पर बयानबाजी करना उनके "हल्केपन" को दर्शाता है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन इस मामले की जांच कर रहा है, और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
- पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
महिला थाना प्रभारी हेमलता ने बताया कि शीतल गुप्ता की शिकायत के आधार पर शुभम गुप्ता, उनकी मां सीमा गुप्ता, और अन्य रिश्तेदारों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न और शारीरिक शोषण का मुकदमा दर्ज किया गया है। दूसरी ओर, वीडियो में दिखाई देने वाली महिला की शिकायत पर शीतल गुप्ता, उनकी बहन, और बहनोई के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। सीओ सिटी संतोष कुमार सिंह ने कहा कि मामले की जांच चल रही है, और जल्द ही सच्चाई सामने आएगी।
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हालांकि, विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि पुलिस और प्रशासन सत्ताधारी पार्टी के दबाव में काम कर रहे हैं, और इस मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है। इस घटना ने मैनपुरी में सामाजिक और नैतिक बहस को जन्म दिया है। लोग इस बात पर सवाल उठा रहे हैं कि इतनी बड़ी संख्या में वीडियो कैसे और क्यों बनाए गए, और इन्हें सार्वजनिक करने का मकसद क्या था। यह घटना न केवल व्यक्तिगत गोपनीयता के उल्लंघन को दर्शाती है, बल्कि यह भी सवाल उठाती है कि राजनीतिक प्रभाव का दुरुपयोग कैसे सामाजिक मूल्यों को प्रभावित कर सकता है। महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा को लेकर भाजपा की नीतियों पर भी सवाल उठ रहे हैं। विपक्षी दलों ने दावा किया है कि इस तरह की घटनाएं भाजपा की "पार्टी विद ए डिफरेंस" की छवि को धूमिल करती हैं। उधर यह भी बताया जा रहा है कि महिला का बीजेपी से कोई संबंध नहीं है।
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