बारिश के मौसम में स्वास्थ्य की रक्षा: भीगने से बचें, गीले कपड़े तुरंत बदलें, उबला हुआ पानी पिएं, और बाहर का खाना खाने से परहेज करें। 

बारिश का मौसम भारत में एक ऐसा समय है जो हर किसी के मन को मोह लेता है। बादलों की गड़गड़ाहट, ठंडी हवा, और बूंदों की फुहारें प्रकृति का...

Jul 1, 2025 - 10:45
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बारिश के मौसम में स्वास्थ्य की रक्षा: भीगने से बचें, गीले कपड़े तुरंत बदलें, उबला हुआ पानी पिएं, और बाहर का खाना खाने से परहेज करें। 

बारिश का मौसम भारत में एक ऐसा समय है जो हर किसी के मन को मोह लेता है। बादलों की गड़गड़ाहट, ठंडी हवा, और बूंदों की फुहारें प्रकृति का एक अनुपम उपहार हैं। जून से सितंबर तक फैला यह मानसून हरियाली और ताजगी तो लाता है, लेकिन साथ ही स्वास्थ्य के लिए कई चुनौतियाँ भी प्रस्तुत करता है। नमी, कीचड़, और प्रदूषित वातावरण के कारण सर्दी-जुकाम, बुखार, पेट की बीमारियाँ, और त्वचा संबंधी समस्याएँ तेजी से बढ़ जाती हैं। ऐसे में अपने स्वास्थ्य की रक्षा के लिए कुछ सावधानियाँ बरतना बेहद जरूरी हो जाता है।  

बारिश में भीगना कई लोगों के लिए आनंद का स्रोत हो सकता है, लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए जोखिम भरा भी हो सकता है। मानसून के दौरान हवा में नमी और प्रदूषण की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे बारिश का पानी पूरी तरह शुद्ध नहीं रहता। भीगने से त्वचा पर बैक्टीरिया और फंगस पनपने लगते हैं, जो त्वचा रोगों जैसे खुजली, एक्जिमा, और फंगल इंफेक्शन का कारण बन सकते हैं। इसके अलावा, भीगने से शरीर का तापमान अचानक कम हो जाता है, जिससे सर्दी, खांसी, और कभी-कभी निमोनिया जैसी गंभीर बीमारियाँ हो सकती हैं।

भीगने से बचने के लिए कुछ व्यावहारिक उपाय अपनाए जा सकते हैं। जब भी बाहर निकलें, छाता या रेनकोट का उपयोग करें। अगर संभव हो तो बारिश के दौरान घर के अंदर रहें और जरूरी होने पर ही बाहर निकलें। बच्चों और बुजुर्गों को विशेष ध्यान देना चाहिए, क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। भीगने की स्थिति में तुरंत घर पहुँचकर शरीर को साफ तौलिया से पोछ लें और सूखे कपड़े पहनें। यह छोटी-छोटी सावधानियाँ आपको बीमारियों से बचा सकती हैं और बारिश का मजा बिना जोखिम के लेने में मदद कर सकती हैं।

  • गीले कपड़े तुरंत बदलें: संक्रमण से बचाव का उपाय

बारिश में भीगने के बाद गीले कपड़ों को पहने रहना स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ी गलती हो सकती है। गीले कपड़े शरीर की नमी को बनाए रखते हैं, जो बैक्टीरिया और फंगस के पनपने के लिए आदर्श वातावरण प्रदान करते हैं। इससे त्वचा पर रैशेज, खुजली, और इंफेक्शन हो सकता है। इसके अलावा, गीले कपड़ों से ठंड लगने की संभावना बढ़ जाती है, जो जोड़ों के दर्द, मांसपेशियों में ऐंठन, और सांस संबंधी समस्याओं को जन्म दे सकती है।

गीले कपड़ों को तुरंत बदलने की आदत डालना बेहद जरूरी है। घर पहुँचते ही गीले कपड़ों को उतारें और उन्हें अच्छी तरह सुखाएँ। इसके बाद सूती और सूखे कपड़े पहनें, क्योंकि सूती कपड़े त्वचा को सांस लेने देते हैं और नमी को सोखते हैं। अगर बारिश में भीगने के बाद ठंड लग रही हो, तो गर्म पानी से नहाएँ और अपने शरीर को गर्म रखने के लिए हल्का कंबल या शॉल का इस्तेमाल करें। यह आदत न केवल संक्रमण से बचाती है, बल्कि आपकी जीवनशैली को भी अनुशासित बनाती है।

  • उबला हुआ पानी पिएं: स्वच्छता का आधार

बारिश के मौसम में पानी की शुद्धता एक बड़ी चिंता का विषय है। सड़कों पर बहता बारिश का पानी प्रदूषण, कीचड़, और कचरे के साथ मिलकर दूषित हो जाता है, जो पीने के पानी के स्रोतों को भी प्रभावित करता है। इस नम और गंदले वातावरण में बैक्टीरिया, वायरस, और परजीवी तेजी से बढ़ते हैं, जो पेट की बीमारियों जैसे दस्त, पेचिश, और टाइफाइड का कारण बन सकते हैं। ऐसे में उबला हुआ पानी पीना स्वास्थ्य की रक्षा का सबसे सुरक्षित तरीका है।

पानी को कम से कम 10-15 मिनट तक उबालें ताकि सभी हानिकारक सूक्ष्मजीव नष्ट हो जाएँ। इसके बाद इसे ठंडा करके स्टील या ग्लास के बर्तन में स्टोर करें। प्लास्टिक के बर्तनों से बचें, क्योंकि वे रसायनों को पानी में मिला सकते हैं। दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पीने की आदत डालें, खासकर अगर आप बाहर काम करते हैं। उबला हुआ पानी न केवल पेट को स्वस्थ रखता है, बल्कि शरीर को हाइड्रेटेड भी रखता है। इसके साथ ही, हर्बल चाय जैसे अदरक-तुलसी की चाय भी पी सकते हैं, जो ठंडक से राहत देती है और इम्यूनिटी बढ़ाती है।

  • बाहर का खाना खाने से परहेज करें: स्वच्छ भोजन की प्राथमिकता

बारिश के मौसम में बाहर का खाना खाना जोखिम भरा हो सकता है। सड़कों पर बिकने वाला भोजन अक्सर गंदे पानी, खराब स्वच्छता, और खुले में पड़े कच्चे माल के कारण दूषित होता है। नमी के कारण भोजन में फंगस और बैक्टीरिया पनपते हैं, जो खाने से पेट दर्द, उल्टी, और फूड पॉइजनिंग का कारण बन सकते हैं। इसके अलावा, तेल में बार-बार इस्तेमाल होने वाला खाना हृदय और पाचन तंत्र के लिए नुकसानदायक हो सकता है।

घर का बना ताजा और पौष्टिक भोजन ही इस मौसम में सबसे सुरक्षित विकल्प है। सुबह की चाय के साथ पोहा, उपमा, या दलिया, दोपहर में दाल-रोटी-सब्जी, और रात में हल्की खिचड़ी या सूप का सेवन करें। भोजन में हल्दी, अदरक, और लहसुन जैसे मसाले शामिल करें, जो एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होते हैं। बाहर का खाना खाने की बजाय अपने साथ घर का बना खाना ले जाएँ, खासकर अगर आप ऑफिस या स्कूल जाते हैं। यह आदत न केवल स्वास्थ्य को बेहतर करती है, बल्कि आपकी जेब पर भी बोझ कम करती है।

  • बारिश में स्वास्थ्य के लिए अतिरिक्त सावधानियाँ

उपरोक्त चार सुझावों के साथ-साथ कुछ और उपाय भी अपनाए जा सकते हैं:

  • व्यायाम और योग: हल्की एक्सरसाइज या योगासन जैसे सूर्य नमस्कार और प्राणायाम करें, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं।
  • साफ-सफाई: हाथों को बार-बार साबुन से धोएँ, खासकर बाहर से आने के बाद।
  • इम्यूनिटी बूस्टर: नींबू पानी, शहद, और तुलसी के पत्तों का सेवन करें।
  • आरामदायक कपड़े: नमी सोखने वाले कपड़ों से बचें और सूती वस्त्र पहनें।
  • घर की देखभाल: घर को सूखा रखें और मच्छरदानी का उपयोग करें ताकि मलेरिया और डेंगू से बचा जा सके।
  • इन सुझावों का जीवनशैली पर प्रभाव

भीगने से बचना, गीले कपड़े बदलना, उबला हुआ पानी पीना, और बाहर का खाना न खाना न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि आपकी दिनचर्या और जीवनशैली को भी अनुशासित बनाता है। ये आदतें आपको समय, पैसा, और ऊर्जा बचाने में मदद करती हैं। घर पर स्वच्छ भोजन बनाना परिवार के साथ समय बिताने का अवसर भी देता है, जबकि उबला हुआ पानी पीने की आदत पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाती है। ये छोटे-छोटे बदलाव लंबे समय तक आपके जीवन को स्वस्थ और सुखी बनाए रख सकते हैं।

  •   स्वस्थ जीवन का आधार

बारिश का मौसम आनंद और जोखिम दोनों लेकर आता है। भीगने से बचना, गीले कपड़े तुरंत बदलना, उबला हुआ पानी पीना, और बाहर का खाना खाने से परहेज करना—ये चार सुझाव आपके स्वास्थ्य की रक्षा के लिए एक मजबूत ढाल हैं। इनका पालन करने से आप न केवल बीमारियों से बचे रहेंगे, बल्कि इस मौसम का पूरा मजा भी ले पाएंगे। तो आज से ही इन आदतों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें और बारिश के साथ-साथ अपने स्वास्थ्य का भी ख्याल रखें। स्वस्थ जीवन के लिए यह छोटा सा कदम बड़ा बदलाव ला सकता है!

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