क्या आप भी यूज कर रहे हैं ये फ्रिज तो जान लीजिये इन चीजों के बारे में, कई जगह हो चुके हैं फ्रिज- ब्लास्ट

गर्मियों का मौसम आते ही घरेलू उपकरणों, विशेष रूप से एयर कंडीशनर और रेफ्रिजरेटर, पर दबाव बढ़ जाता है। जहाँ एयर कंडीशनर के शॉर्ट सर्किट....

Jul 6, 2025 - 13:19
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क्या आप भी यूज कर रहे हैं ये फ्रिज तो जान लीजिये इन चीजों के बारे में, कई जगह हो चुके हैं फ्रिज- ब्लास्ट

गर्मियों का मौसम आते ही घरेलू उपकरणों, विशेष रूप से एयर कंडीशनर और रेफ्रिजरेटर, पर दबाव बढ़ जाता है। जहाँ एयर कंडीशनर के शॉर्ट सर्किट या ब्लास्ट की खबरें आम हैं, वहीं हाल के वर्षों में फ्रिज में आग लगने और ब्लास्ट होने की घटनाएँ भी सामने आ रही हैं। ये हादसे न केवल संपत्ति को नुकसान पहुँचाते हैं, बल्कि जानलेवा भी हो सकते हैं। विशेष रूप से 10-15 साल पुराने फ्रिज, जो नियमित रखरखाव के बिना लगातार चल रहे हैं, इन खतरों का जोखिम अधिक उठाते हैं। गलत उपयोग, खराब रखरखाव, और पुराने उपकरणों में ज्वलनशील सामग्री का उपयोग इन हादसों के प्रमुख कारण हैं।

  • फ्रिज में आग और ब्लास्ट के कारण

फ्रिज में आग लगने या ब्लास्ट होने की घटनाएँ दुर्लभ हैं, लेकिन जब ये होती हैं, तो परिणाम विनाशकारी हो सकते हैं। इन हादसों के कई कारण हैं:

कंप्रेसर की खराबी: फ्रिज का कंप्रेसर, जो रेफ्रिजरेंट गैस को संपीड़ित और प्रसारित करता है, इसके पीछे स्थित होता है। गर्मियों में लगातार चलने से कंप्रेसर गर्म हो सकता है, जिससे कॉइल्स में दबाव बढ़ता है। यदि रेफ्रिजरेंट गैस (जैसे R600a, जो ज्वलनशील है) लीक होती है और कोई चिंगारी (जैसे थर्मोस्टेट या डीफ्रॉस्ट साइकिल से) उत्पन्न होती है, तो यह आग या विस्फोट का कारण बन सकती है।
ज्वलनशील सामग्री: पुराने फ्रिजों में अक्सर ज्वलनशील प्लास्टिक और फोम इन्सुलेशन का उपयोग होता है, जो आग को तेजी से फैलाने में मदद करता है। आधुनिक फ्रिजों में धातु की शील्डिंग होती है, लेकिन पुराने मॉडल्स में यह कमी होती है, जिससे आग का खतरा बढ़ता है।
विद्युत दोष: दोषपूर्ण वायरिंग, शॉर्ट सर्किट, या खराब पावर कॉर्ड आग का कारण बन सकते हैं। यदि फ्रिज को एक्सटेंशन कॉर्ड या कम क्षमता वाले सॉकेट से जोड़ा जाता है, तो यह ओवरलोडिंग और शॉर्ट सर्किट का कारण बन सकता है।
रखरखाव की कमी: फ्रिज के पीछे धूल और लिंट का जमाव कंप्रेसर और कॉइल्स की दक्षता को कम करता है, जिससे ओवरहीटिंग होती है। अवरुद्ध वेंटिलेशन भी आग का खतरा बढ़ाता है।
मानवीय त्रुटियाँ: फ्रिज के ऊपर मोमबत्तियाँ, केरोसिन लैंप, या ज्वलनशील पदार्थ रखना, और अनुचित स्थापना (जैसे पानी के पास या बिना अर्थिंग के) भी हादसों को बढ़ावा देता है।
पुराने फ्रिजों में अधिक जोखिम

  • 10-15 साल पुराने फ्रिजों में आग और ब्लास्ट का जोखिम अधिक होता है क्योंकि:

पुरानी तकनीक: पुराने फ्रिजों में आधुनिक सुरक्षा सुविधाएँ, जैसे हीट शील्ड्स या उन्नत कंप्रेसर डिज़ाइन, नहीं होतीं।
ज्वलनशील रेफ्रिजरेंट: 1990 के दशक से पहले R12 जैसे गैर-ज्वलनशील रेफ्रिजरेंट का उपयोग होता था, लेकिन अब R600a (आइसोब्यूटेन) का उपयोग आम है, जो पर्यावरण के लिए बेहतर है, लेकिन ज्वलनशील होने के कारण जोखिम बढ़ाता है।
घिसे हुए पुर्जे: पुराने फ्रिजों में कंप्रेसर, कैपेसिटर, या डीफ्रॉस्ट टाइमर जैसे पुर्जे खराब हो सकते हैं, जो आग का कारण बनते हैं।
कम रखरखाव: पुराने फ्रिजों का नियमित रखरखाव अक्सर नहीं होता, जिससे धूल, लीक, और वायरिंग की समस्याएँ बढ़ती हैं।
हाल की घटनाएँ

भारत में फ्रिज ब्लास्ट की कई घटनाएँ सामने आई हैं। उदाहरण के लिए, चेन्नई में 2020 में एक परिवार के तीन सदस्यों की मौत फ्रिज ब्लास्ट से हुई, जिसका कारण कंप्रेसर से गैस लीक और बिना स्टेबलाइजर के हाई वोल्टेज था। इसी तरह, रांची में 2021 में एक परिवार बाल-बाल बचा जब उनका फ्रिज फट गया। हैदराबाद के सनतनगर में जुलाई 2025 में एक फ्रिज ब्लास्ट ने पूरे घर को नष्ट कर दिया। ये घटनाएँ दर्शाती हैं कि फ्रिज ब्लास्ट दुर्लभ लेकिन घातक हो सकते हैं।

  • गर्मियों में फ्रिज के सुरक्षित उपयोग के लिए सावधानियाँ

गर्मियों में फ्रिज का उपयोग बढ़ जाता है, जिससे ओवरलोडिंग और ओवरहीटिंग का खतरा बढ़ता है। निम्नलिखित सावधानियाँ अपनाकर जोखिम को कम किया जा सकता है:

समर्पित सॉकेट का उपयोग: फ्रिज को कभी भी एक्सटेंशन कॉर्ड या मल्टी-प्लग से न चलाएँ। एक समर्पित, अर्थिंग युक्त सॉकेट का उपयोग करें। स्टेबलाइजर का उपयोग वोल्टेज के उतार-चढ़ाव से बचाने के लिए करें।
नियमित सफाई: फ्रिज के पीछे और नीचे जमा धूल और लिंट को हर तीन महीने में साफ करें। कॉइल्स और वेंट्स को साफ रखने से कंप्रेसर पर दबाव कम होता है और ओवरहीटिंग का खतरा घटता है।
उचित वेंटिलेशन: फ्रिज को दीवार से कम से कम 10-15 सेंटीमीटर दूर रखें ताकि हवा का प्रवाह बना रहे। इसे रसोईघर में खाना पकाने की जगह, रेडिएटर, या धूप में न रखें।
ज्वलनशील पदार्थों से दूरी: फ्रिज के पास या ऊपर मोमबत्तियाँ, केरोसिन लैंप, या रसायन न रखें। ज्वलनशील रेफ्रिजरेंट गैस के रिसाव की स्थिति में ये आग को भड़का सकते हैं।
नियमित निरीक्षण: पुराने फ्रिजों की वायरिंग, पावर कॉर्ड, और कंप्रेसर की हर छह महीने में जाँच करें। यदि कोई असामान्य आवाज, गंध, या गर्मी महसूस हो, तो तुरंत तकनीशियन को बुलाएँ।
नया फ्रिज खरीदें: यदि आपका फ्रिज 10-15 साल पुराना है, तो इसे नए मॉडल से बदलने पर विचार करें, जिसमें आधुनिक सुरक्षा सुविधाएँ होती हैं। नए फ्रिजों में धातु की शील्डिंग और कम ज्वलनशील सामग्री होती है।
उत्पाद रजिस्ट्रेशन: नया फ्रिज खरीदने पर इसे निर्माता के साथ रजिस्टर करें ताकि किसी खराबी या रिकॉल की स्थिति में आपको सूचित किया जा सके।
स्मोक अलार्म: घर में प्रत्येक मंजिल पर स्मोक अलार्म लगाएँ और उनकी नियमित जाँच करें। यह आग की शुरुआती चेतावनी दे सकता है।

फ्रिज ब्लास्ट की घटनाएँ भारत में कम दर्ज की जाती हैं, लेकिन इनका प्रभाव गंभीर होता है। सोशल मीडिया पर इन हादसों को लेकर जागरूकता बढ़ रही है। उदाहरण के लिए, एक एक्स पोस्ट में चेतावनी दी गई, “यदि आप फ्रिज का गलत उपयोग करते हैं, तो यह ब्लास्ट हो सकता है। नियमित रखरखाव जरूरी है।” तकनीकी दृष्टिकोण से, निर्माताओं को गैर-ज्वलनशील रेफ्रिजरेंट और बेहतर सुरक्षा मानकों पर ध्यान देना चाहिए। गर्मियों में फ्रिज का उपयोग बढ़ने से इसके ब्लास्ट और आग के खतरे बढ़ जाते हैं, खासकर पुराने मॉडल्स में। कंप्रेसर की खराबी, ज्वलनशील सामग्री, और गलत उपयोग इसके प्रमुख कारण हैं। नियमित रखरखाव, समर्पित सॉकेट का उपयोग, उचित वेंटिलेशन, और ज्वलनशील पदार्थों से दूरी जैसे कदम इन जोखिमों को कम कर सकते हैं। पुराने फ्रिजों को नए मॉडल्स से बदलना और स्मोक अलार्म का उपयोग सुरक्षित घर सुनिश्चित कर सकता है। जागरूकता और सावधानी के साथ, हम अपने घर को इस गर्मी में सुरक्षित रख सकते हैं।

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