देश- विदेश: महिला सांसद ने छूए पैर, PM ने दिया आशीर्वाद, वीडियो वायरल, साइप्रस में PM मोदी का भावुक स्वागत। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की साइप्रस यात्रा के दौरान एक ऐतिहासिक और भावनात्मक क्षण ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा। 16 जून 2025 को...

Jun 17, 2025 - 12:08
Jun 17, 2025 - 12:09
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देश- विदेश: महिला सांसद ने छूए पैर, PM ने दिया आशीर्वाद, वीडियो वायरल, साइप्रस में PM मोदी का भावुक स्वागत। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की साइप्रस यात्रा के दौरान एक ऐतिहासिक और भावनात्मक क्षण ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा। 16 जून 2025 को साइप्रस की राजधानी निकोसिया में, नगर परिषद की सदस्य माइकेला किथ्रियोटी म्लापा ने भारतीय संस्कृति के प्रति सम्मान दर्शाते हुए PM मोदी के पैर छूकर उनका स्वागत किया। इस हृदयस्पर्शी पल को कैमरे में कैद किया गया, और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। PM मोदी ने इस सम्मान को विनम्रता से स्वीकार करते हुए माइकेला के सिर पर हाथ रखकर उन्हें आशीर्वाद दिया।

  • निकोसिया में हृदयस्पर्शी स्वागत

16 जून 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साइप्रस की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा के दूसरे दिन निकोसिया के ऐतिहासिक केंद्र में पहुंचे। उनके साथ साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिड्स भी थे। निकोसिया का ऐतिहासिक केंद्र, जो अपनी वेनेशियन युग की दीवारों, पारंपरिक वास्तुकला, और जीवंत बाजारों के लिए प्रसिद्ध है, इस स्वागत समारोह का गवाह बना। जैसे ही PM मोदी वहां पहुंचे, नगर परिषद की सदस्य माइकेला किथ्रियोटी म्लापा ने भारतीय परंपरा के अनुसार उनके पैर छूकर सम्मान व्यक्त किया। यह भारतीय संस्कृति में बड़ों और सम्मानित व्यक्तियों के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है।

PM मोदी, जो अक्सर महिलाओं को अपने पैर छूने से रोकते हैं, ने इस बार इस भावनात्मक इशारे को विनम्रता से स्वीकार किया। उन्होंने माइकेला के सिर पर हाथ रखकर उन्हें आशीर्वाद दिया और मुस्कुराते हुए उनकी भारतीय संस्कृति के प्रति समझ की सराहना की। इस पल का वीडियो समाचार एजेंसी ANI और अन्य मीडिया हाउस द्वारा सोशल मीडिया पर साझा किया गया, जिसके बाद यह तेजी से वायरल हो गया। X पर पोस्ट किए गए इस वीडियो को लाखों लोगों ने देखा, और इसे भारतीय संस्कृति के वैश्विक प्रभाव का प्रतीक बताया गया।

  • भारत की सांस्कृतिक विरासत की जीत

इस घटना ने सोशल मीडिया पर व्यापक चर्चा को जन्म दिया। X पर कई यूजर्स ने इस पल को भारत की सांस्कृतिक विरासत और PM मोदी की वैश्विक छवि का प्रतीक बताया। @Bharat24Liv ने लिखा, “PM मोदी के प्रति आदर भाव दिखाते हुए महिला सांसद ने पैर छूए। PM मोदी ने बड़ी विनम्रता से उनका अभिवादन स्वीकार किया।” इसी तरह, @IBC24News ने टिप्पणी की, “साइप्रस दौरे पर एक भावुक पल देखने को मिला जब एक महिला सांसद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चरण स्पर्श किए।”

कई लोगों ने इस घटना की तुलना 2023 में पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे द्वारा PM मोदी के पैर छूने की घटना से की। बीजेपी प्रवक्ता सी.आर. केसवन ने X पर लिखा, “पहले पापुआ न्यू गिनी, अब साइप्रस—ऐसे इशारे भारत की सांस्कृतिक विरासत और PM मोदी के नेतृत्व के प्रति वैश्विक सम्मान को दर्शाते हैं।” यूजर्स ने इस घटना को भारत के सॉफ्ट पावर और ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की भावना का प्रतीक बताया।

  • साइप्रस यात्रा का महत्व: कूटनीतिक और सांस्कृतिक मील का पत्थर

PM मोदी की साइप्रस यात्रा, जो 15 जून 2025 को शुरू हुई, 23 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली साइप्रस यात्रा थी। यह यात्रा तीन देशों—साइप्रस, कनाडा, और क्रोएशिया—के दौरे का हिस्सा थी। साइप्रस पहुंचने पर राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिड्स ने लारनाका अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया, जो दोनों देशों के बीच गहरे संबंधों का प्रतीक था।

यात्रा के दौरान, PM मोदी को साइप्रस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकैरियस III’ से सम्मानित किया गया। यह सम्मान साइप्रस के पहले राष्ट्रपति आर्कबिशप मकैरियस III के नाम पर है और इसे राष्ट्रीय सेवा के लिए प्रमुख हस्तियों को दिया जाता है। PM मोदी ने इस सम्मान को 140 करोड़ भारतीयों को समर्पित करते हुए कहा, “यह सम्मान मेरा नहीं, बल्कि भारत और साइप्रस के बीच दोस्ती और साझा मूल्यों का प्रतीक है।” इस यात्रा का उद्देश्य भारत और साइप्रस के बीच व्यापार, निवेश, रक्षा, और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करना था। दोनों देशों ने डिजिटल भुगतान, शिपिंग, और स्टार्टअप जैसे नए क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाएं तलाशीं। साइप्रस, जो 2026 में यूरोपीय संघ की अध्यक्षता संभालेगा, भारत के लिए यूरोप में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार के रूप में उभर रहा है।

माइकेला किथ्रियोटी म्लापा का PM मोदी के पैर छूना भारतीय संस्कृति के वैश्विक प्रभाव का एक जीवंत उदाहरण है। भारत में पैर छूना एक पारंपरिक रिवाज है, जो बड़ों, गुरुओं, या सम्मानित व्यक्तियों के प्रति श्रद्धा और सम्मान को दर्शाता है। माइकेला का यह इशारा उनकी भारतीय संस्कृति के प्रति गहरी समझ और सम्मान को दर्शाता है। PM मोदी ने उनकी इस भावना की सराहना करते हुए कहा कि यह भारत के सांस्कृतिक मूल्यों और वैश्विक प्रभाव का प्रतीक है।

यह घटना उस समय और भी महत्वपूर्ण हो जाती है, जब इसे 2023 में पापुआ न्यू गिनी के PM जेम्स मारापे द्वारा किए गए समान इशारे से जोड़ा जाता है। उस समय, पापुआ न्यू गिनी ने सूर्यास्त के बाद किसी भी नेता का औपचारिक स्वागत न करने के अपने सैन्य प्रोटोकॉल को तोड़कर PM मोदी का स्वागत किया था। साइप्रस की इस घटना ने एक बार फिर साबित किया कि भारत की सांस्कृतिक विरासत और PM मोदी की वैश्विक छवि दुनिया भर में सम्मान की पात्र है। साइप्रस यात्रा का कूटनीतिक और भू-राजनीतिक महत्व भी उल्लेखनीय है। साइप्रस, पूर्वी भूमध्य सागर में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक स्थान पर स्थित है, और भारत के लिए यह क्षेत्रीय साझेदारी का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन रहा है। खासकर तब, जब पाकिस्तान और तुर्की के बीच बढ़ते संबंधों और हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाक तनाव को देखते हुए साइप्रस का समर्थन महत्वपूर्ण है। साइप्रस ने पहले भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता की बोली का समर्थन किया है। राष्ट्रपति क्रिस्टोडौलिड्स ने PM मोदी के साथ मुलाकात में तुर्की के अवैध कब्जे और साइप्रस के पुनर्मिलन के प्रयासों पर चर्चा की। उन्होंने भारत के आतंकवाद विरोधी प्रयासों का भी समर्थन किया। यह यात्रा दोनों देशों के बीच रक्षा, व्यापार, और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करने की दिशा में एक कदम है।

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  • भारतीय डायस्पोरा का उत्साह

साइप्रस में भारतीय डायस्पोरा ने PM मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया। लिमासोल में भारतीय समुदाय के लोगों ने उनकी एक झलक पाने के लिए उत्साह दिखाया। एक भारतीय प्रवासी, नरेंद्र, ने कहा, “PM मोदी ने मेरी बेटी को आशीर्वाद दिया। यह हमारे लिए एक अविस्मरणीय पल है।” यह उत्साह भारत और साइप्रस के बीच लोगों से लोगों के संपर्क को और मजबूत करता है। माइकेला किथ्रियोटी म्लापा द्वारा PM मोदी के पैर छूने की घटना केवल एक सांस्कृतिक इशारा नहीं थी, बल्कि यह भारत की वैश्विक साख और सॉफ्ट पावर का प्रतीक थी। यह पल दर्शाता है कि भारतीय संस्कृति की गहरी जड़ें अब विश्व स्तर पर सम्मान और प्रशंसा पा रही हैं। PM मोदी की साइप्रस यात्रा ने न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत किया, बल्कि भारत की वैश्विक छवि को और चमकाया।

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