Viral: जब वंदे भारत ट्रेन में आई पत्थरों की आवाज़ और टूटे शीशे के टुकड़े गिरने लगे, यात्रियों में दहशत, RPF ने शुरू की जांच।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक बार फिर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन पर पथराव की घटना ने यात्रियों और रेलवे प्रशासन को हिलाकर रख दिया है। यह घटना ...

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक बार फिर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन पर पथराव की घटना ने यात्रियों और रेलवे प्रशासन को हिलाकर रख दिया है। यह घटना 29 जून 2025 को लखनऊ के चारबाग आउटर स्टेशन के पास हुई, जब अयोध्या से आनंद विहार जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस (22425) पर कुछ अज्ञात लोगों ने पत्थर फेंके। इस हमले में ट्रेन की चेयरकार बोगी C-11 की खिड़की का शीशा टूट गया, जिससे यात्रियों में डर और अफरा-तफरी का माहौल बन गया। इस घटना की शिकायत रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के कंट्रोल रूम में दर्ज की गई है, और RPF ने मामले की जांच शुरू कर दी है। आसपास के इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है ताकि पत्थरबाजों की पहचान की जा सके। यह घटना शनिवार की शाम को उस समय हुई, जब वंदे भारत एक्सप्रेस आलमबाग वेस्ट केबिन के पास से गुजर रही थी। ट्रेन अपनी रफ्तार से आनंद विहार की ओर बढ़ रही थी, तभी अचानक कुछ पत्थर ट्रेन की खिड़की से टकराए। पत्थर इतनी जोर से मारे गए कि चेयरकार बोगी C-11 की खिड़की का शीशा चकनाचूर हो गया। इस बोगी में सीट नंबर 30, 31 और 32 पर बैठे यात्री उस समय हैरान रह गए, जब पत्थरों की आवाज़ और टूटे शीशे के टुकड़े उनके आसपास बिखर गए। सौभाग्य से, इस घटना में कोई यात्री घायल नहीं हुआ, लेकिन यात्रियों में डर का माहौल बन गया। एक यात्री, निर्मेश, ने तुरंत इसकी शिकायत RPF कंट्रोल रूम में दर्ज कराई, जिसके बाद रेलवे प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई शुरू की।
वंदे भारत एक्सप्रेस भारत की पहली सेमी हाई-स्पीड ट्रेन है, जिसे आधुनिक सुविधाओं और यात्रियों के आराम के लिए डिज़ाइन किया गया है। लेकिन पिछले कुछ समय से इस ट्रेन पर पथराव की घटनाएं बार-बार सामने आ रही हैं। खास तौर पर उत्तर प्रदेश में, वंदे भारत ट्रेन कई बार पत्थरबाजों का निशाना बन चुकी है। हाल के आंकड़ों के अनुसार, इस ट्रेन पर अब तक 12 से ज्यादा बार पथराव हो चुका है। यह ताजा घटना भी उसी कड़ी का हिस्सा है, जिसने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। चारबाग आउटर स्टेशन के पास का इलाका रिहायशी और व्यस्त होने के बावजूद, इस तरह की घटनाएं क्यों हो रही हैं, यह एक बड़ा सवाल है।
घटना की जानकारी मिलते ही RPF ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। उत्तर रेलवे के वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक कुलदीप तिवारी ने बताया कि RPF को जांच का जिम्मा सौंप दिया गया है। आसपास के इलाकों में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगाला जा रहा है, ताकि पत्थरबाजों की पहचान हो सके। रेलवे ने इस मामले में रेलवे अधिनियम की धारा 153 के तहत मुकदमा दर्ज किया है, जो रेल यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डालने से संबंधित है। RPF और स्थानीय पुलिस मिलकर इस मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही हैं। हालांकि, अभी तक कोई संदिग्ध पकड़ा नहीं गया है, और रेलवे अधिकारी इस मामले पर ज्यादा कुछ बोलने से बच रहे हैं।
यह पहली बार नहीं है जब वंदे भारत ट्रेन पर पथराव हुआ हो। कुछ समय पहले, प्रयागराज जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस पर भी पत्थर फेंके गए थे, जिसमें बच्चों समेत कई यात्री डर गए थे। इसी तरह, भगलपुर-हावड़ा वंदे भारत एक्सप्रेस पर भी अप्रैल 2025 में पथराव की घटना हुई थी। इन घटनाओं ने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि रेलवे ट्रैक के आसपास बस्तियों और खुले इलाकों में निगरानी बढ़ाने की जरूरत है। साथ ही, स्थानीय लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाने की भी आवश्यकता है, ताकि इस तरह की शरारतों को रोका जा सके।
स्थानीय लोगों और यात्रियों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं न केवल उनकी सुरक्षा के लिए खतरा हैं, बल्कि रेलवे की छवि को भी नुकसान पहुंचाती हैं। वंदे भारत जैसी आधुनिक ट्रेन को भारत की प्रगति का प्रतीक माना जाता है, लेकिन बार-बार होने वाली पथराव की घटनाएं इसकी प्रतिष्ठा को धूमिल कर रही हैं। कुछ यात्रियों ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर की है और रेलवे से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। एक यात्री ने लिखा, "वंदे भारत जैसी ट्रेन पर पथराव होना शर्मनाक है। रेलवे को चाहिए कि वह ट्रैक के आसपास सुरक्षा बढ़ाए और दोषियों को जल्द पकड़े।" रेलवे ने इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कई कदम उठाने की बात कही है। RPF ने पहले भी कई जगहों पर जागरूकता अभियान चलाए हैं, जिसमें लोगों से रेलवे ट्रैक के पास पत्थर फेंकने से बचने की अपील की गई थी। इसके अलावा, रेलवे ने टोल-फ्री नंबर 139 जारी किया है, जिसके जरिए लोग इस तरह की घटनाओं की शिकायत कर सकते हैं। कुछ इलाकों में RPF ने मोबाइल यूनिट्स भी तैनात की हैं, जो वंदे भारत जैसी हाई-स्पीड ट्रेनों के समय पर विशेष निगरानी रखती हैं। इसके बावजूद, पथराव की घटनाएं रुक नहीं रही हैं, जो रेलवे के लिए एक बड़ी चुनौती है।
यह घटना सामाजिक और प्रशासनिक दोनों स्तरों पर कई सवाल उठाती है। एक तरफ, यह शरारती तत्वों की हरकत हो सकती है, जो बिना सोचे-समझे पत्थर फेंकते हैं। दूसरी तरफ, यह भी हो सकता है कि कुछ लोग जानबूझकर ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हों। रेलवे ट्रैक के आसपास रहने वाले लोगों को जागरूक करना और बच्चों को ऐसी शरारतों से रोकना भी जरूरी है। कई बार, बच्चे खेल-खेल में पत्थर फेंक देते हैं, जिसका नतीजा गंभीर हो सकता है।
What's Your Reaction?






