Political News: पहलगाम हमले को लेकर कांग्रेस-बीजेपी में छिड़ा पोस्टर वॉर, दुबे जी ने लिखा- अब कलमा सीख रहा हूं। 

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 से 28 पर्यटकों की जान गई और कई घायल हुए, ने देश में न केवल....

Apr 29, 2025 - 16:19
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Political News: पहलगाम हमले को लेकर कांग्रेस-बीजेपी में छिड़ा पोस्टर वॉर, दुबे जी ने लिखा- अब कलमा सीख रहा हूं। 


जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 से 28 पर्यटकों की जान गई और कई घायल हुए, ने देश में न केवल शोक की लहर दौड़ा दी, बल्कि राजनीतिक दलों के बीच तीखी जुबानी जंग और पोस्टर वॉर को भी जन्म दिया। इस हमले के बाद कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हुआ, जिसमें सोशल मीडिया पर पोस्टर वॉर ने विवाद को और गहरा दिया। 

बता दें कि आतंकियों ने पर्यटकों के एक समूह पर गोलीबारी की थी, जिसमें 26-28 लोग मारे गए थे। जिसके बाद भारत सरकार ने त्वरित कार्रवाई की, जिसमें अटारी-वाघा बॉर्डर बंद करना, सिंधु जल संधि पर रोक लगाना, और पाकिस्तानी राजनयिकों को देश छोड़ने का निर्देश देना शामिल था। सर्वदलीय बैठक में सरकार ने सुरक्षा चूक स्वीकार की और आतंकियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई का आश्वासन दिया। कांग्रेस और बीजेपी के बीच जुबानी जंगपहलगाम हमले के बाद दोनों प्रमुख दलों ने एक-दूसरे पर तीखे हमले किए, जिसने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया।

एक तरफ कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर सुरक्षा चूक का आरोप लगाया, दावा किया कि पहलगाम जैसे अत्यंत सुरक्षित क्षेत्र में त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद हमला हुआ। पार्टी ने कहा, "आपकी एक चूक ने 28 जानें ले ली," और सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अनुपस्थिति पर सवाल उठाए।कांग्रेस ने संसद का विशेष सत्र बुलाने और सुरक्षा तंत्र की निष्पक्ष जाँच की मांग की।

राहुल गांधी ने 25 अप्रैल को श्रीनगर का दौरा किया, घायलों से मुलाकात की, और कहा कि आतंकियों का मकसद समाज को बाँटना है, जिसे कामयाब नहीं होने देना है।उन्होंने सरकार को हर कार्रवाई में विपक्ष के समर्थन का आश्वासन दिया, लेकिन सुरक्षा में कमी पर सवाल उठाए।


कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने हमले की निंदा की और कश्मीर में शांति के लिए सरकार को सुझाव दिए। कुछ कांग्रेस नेताओं, जैसे कर्नाटक के मंत्री आरबी थिम्मापुर और महाराष्ट्र के विजय वडेट्टीवार, के बयानों को बीजेपी ने विवादित और पाकिस्तान समर्थक बताया।

उधर, बीजेपी ने कांग्रेस पर "पाकिस्तान के एजेंडे" को बढ़ावा देने का आरोप लगाया, दावा किया कि कांग्रेस नेताओं के बयान पाकिस्तान में प्रचारित हो रहे हैं।बीजेपी नेता रवि शंकर प्रसाद ने कांग्रेस नेताओं (सिद्धारमैया, रॉबर्ट वाड्रा, मणिशंकर अय्यर) के बयानों की आलोचना की, कहा कि ये "राष्ट्रविरोधी" हैं।बीजेपी ने कांग्रेस को "लश्कर-ए-कांग्रेस" करार दिया और दावा किया कि वह संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति कर रही है।

गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया पर लिखा, "आजकल कलमा सीख रहा हूँ, पता नहीं कब जरूरत पड़े," जिसने सनसनी मचा दी।उन्होंने गांधी परिवार पर "मुसलमानों को देखने" और नफरत फैलाने का आरोप लगाया, साथ ही नेहरू पर सिंधु जल संधि के लिए हिंदुओं का खून बहाने का इल्ज़ाम लगाया।दुबे ने बलूचिस्तान की निर्वासित नेता नायला कादरी के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि पीएम मोदी पाकिस्तान को "मिट्टी में मिला देंगे।" विवाद की जड़पहलगाम हमले के बाद सोशल मीडिया पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच पोस्टर वॉर ने विवाद को नया आयाम दिया।

कांग्रेस ने अपने आधिकारिक X हैंडल पर एक पोस्टर शेयर किया, जिसमें पीएम मोदी की तस्वीर थी, लेकिन उनका सिर और हाथ-पैर गायब दिखाए गए। पोस्टर पर लिखा था, "जिम्मेदारी के समय GAYAB।"

कांग्रेस ने इस पोस्टर के जरिए पीएम मोदी पर हमले के बाद त्वरित प्रतिक्रिया न देने और सर्वदलीय बैठक में अनुपस्थित रहने का आरोप लगाया।

बीजेपी ने इसे "घटिया" और "पाकिस्तान की टूलकिट" करार दिया, कहा कि कांग्रेस आतंकियों को समर्थन दे रही है।बीजेपी नेताओं ने दावा किया कि कांग्रेस का यह कदम संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति करने का सबूत है।

बीजेपी ने जवाब में पोस्टर जारी किए, जिनमें कांग्रेस नेताओं की तस्वीरें थीं और लिखा था, "कांग्रेस का हाथ, पाकिस्तान के साथ।" बीजेपी ने कांग्रेस पर आतंकियों के प्रति नरम रुख और पाकिस्तान समर्थक बयान देने का आरोप लगाया। बीजेपी ने एक कार्टून भी शेयर किया, जिसमें लिखा था, "आतंकियों ने धर्म पूछा, जाति नहीं," जिसे कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने "लाशों पर राजनीति" करार दिया।बीजेपी ने इस कार्टून को बाद में हटा लिया, लेकिन तब तक विवाद बढ़ चुका था।

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे पर हमला बोला, आरोप लगाया कि उन्होंने आतंकी हमले वाली जगह पर अपनी शादी की रजत जयंती मनाई, जहाँ कड़ी सुरक्षा थी, लेकिन पर्यटकों के लिए कोई सुरक्षा नहीं थी।

झारखंड के मंत्री सुदिव्य सोनू ने गलती से पहलगाम को हिमाचल बताकर हिमाचल के सीएम से इस्तीफा माँगा, बाद में सफाई दी कि यह जानबूझकर था।जन सुराज और अन्य: कई दलों ने हमले की निंदा की और सरकार के कठोर कदमों का समर्थन किया, लेकिन सुरक्षा चूक पर सवाल भी उठाए।

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हमले ने देश में आक्रोश और शोक की लहर पैदा की। स्थानीय कश्मीरियों की बहादुरी, जैसे नजाकत अली और सैयद हुसैन शाह ने पर्यटकों को बचाने में जान जोखिम में डाली, ने मानवता की मिसाल पेश की। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो, जैसे एक कश्मीरी द्वारा घायल बच्चे को पीठ पर ले जाने का, ने एकता का संदेश दिया।

पोस्टर वॉर और बयानबाजी ने राजनीतिक ध्रुवीकरण को बढ़ाया। बीजेपी ने कांग्रेस पर राष्ट्रविरोधी होने का आरोप लगाया, जबकि कांग्रेस ने सरकार की जवाबदेही पर सवाल उठाए।कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद आगामी चुनावों में सांप्रदायिक और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों को हवा दे सकता है।

उधर, विदेशी मीडिया (न्यूयॉर्क टाइम्स, सीएनएन) द्वारा आतंकियों को "गनमैन" या "मिलिटेंट्स" कहने पर विवाद हुआ। अमेरिकी कांग्रेस ने न्यूयॉर्क टाइम्स की आलोचना की।भारतीय मीडिया में भी पक्षपात के आरोप लगे, राजद ने "गोदी मीडिया" पर निशाना साधा। बता दें कि  24 अप्रैल को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा चूक स्वीकार की। सरकार ने बताया कि बेसरन घाटी को 20 अप्रैल को पर्यटकों के लिए खोला गया था, जिसकी जानकारी केंद्र, सेना, या CRPF को नहीं थी। त्राल और शोपियां में दो आतंकियों के घर ढहाए गए।उरी में घुसपैठ की कोशिश नाकाम कर दो आतंकी मारे गए।

भारत ने पाकिस्तान के साथ कूटनीतिक संबंध सीमित किए और उच्चायोग बंद किया।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पीएम मोदी से बात कर हमले की निंदा की।

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