फिरोजाबाद में अधिशासी अधिकारी का नागिन डांस वायरल- शिकोहाबाद के होटल में मस्ती ने मचाया तहलका।
Viral News: उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में एक अनोखी घटना ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है। शिकोहाबाद नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी...
उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में एक अनोखी घटना ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है। शिकोहाबाद नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी (ईओ) सुरेंद्र प्रताप सिंह का एक निजी कार्यक्रम में नागिन धुन पर डांस करते हुए वीडियो वायरल हो गया है। वीडियो में वे जमीन पर लेटकर और लोट-लोटकर नागिन डांस करते नजर आ रहे हैं, जबकि एक स्थानीय सभासद, हृदय राम, बीन बजाने का अभिनय कर रहे हैं। यह वीडियो शिकोहाबाद के एक होटल में आयोजित एक निजी समारोह का बताया जा रहा है, जो 14 जुलाई 2025 को रिकॉर्ड किया गया। इस वीडियो ने न केवल लोगों का ध्यान खींचा, बल्कि सोशल मीडिया पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं भी बटोरीं। कुछ लोग इसे मजेदार मान रहे हैं, तो कुछ ने इस पर सवाल उठाए कि क्या एक वरिष्ठ अधिकारी का इस तरह का व्यवहार उचित है। फिरोजाबाद के जिला प्रशासन ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है, और यह घटना अब पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई है।
14 जुलाई 2025 को शिकोहाबाद के एक होटल में आयोजित एक निजी समारोह में सुरेंद्र प्रताप सिंह, जो शिकोहाबाद नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी हैं, ने नागिन धुन पर जमकर डांस किया। वायरल वीडियो में वे पारंपरिक नागिन डांस स्टाइल में जमीन पर लेटकर और रेंगते हुए नाचते दिख रहे हैं। उनके इस उत्साहपूर्ण प्रदर्शन ने वहां मौजूद लोगों को हंसा-हंसाकर लोटपोट कर दिया। वीडियो में सभासद हृदय राम को बीन बजाने का अभिनय करते देखा जा सकता है, जो इस मस्ती भरे माहौल को और रंगीन बनाता है। यह समारोह एक निजी आयोजन था, जिसमें स्थानीय लोग और कुछ गणमान्य व्यक्ति शामिल थे।
वीडियो के वायरल होने के बाद यह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, खासकर एक्स और इंस्टाग्राम, पर तेजी से फैल गया। एक्स पर @bstvlive और @ABPNews जैसे हैंडल्स ने इस वीडियो को साझा करते हुए लिखा, "फिरोजाबाद में अधिकारी का नागिन डांस वायरल, सुरेंद्र प्रताप सिंह जमीन पर लेटकर डांस कर रहे हैं।" वीडियो में दिखने वाला उनका उत्साह और अनोखा अंदाज लोगों के लिए मनोरंजन का विषय बन गया, लेकिन साथ ही इसने प्रशासनिक अनुशासन और अधिकारियों की सार्वजनिक छवि पर भी सवाल उठाए।
फिरोजाबाद, जिसे भारत की 'कांच नगरी' के रूप में जाना जाता है, चूड़ियों और कांच के सामान के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर आगरा से 40 किलोमीटर और दिल्ली से 250 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। शिकोहाबाद, फिरोजाबाद जिले का एक महत्वपूर्ण कस्बा, इस जिले का एक हिस्सा है और व्यापारिक गतिविधियों के लिए जाना जाता है। शिकोहाबाद नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी के रूप में सुरेंद्र प्रताप सिंह का पद महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे स्थानीय प्रशासन और विकास कार्यों की देखरेख करते हैं। ऐसे में, उनका यह वीडियो न केवल व्यक्तिगत, बल्कि प्रशासनिक दृष्टिकोण से भी चर्चा का विषय बन गया है।
वीडियो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं दीं। कुछ यूजर्स ने इसे मजेदार और हल्का-फुल्का मनोरंजन माना। एक एक्स यूजर ने लिखा, "नागिन धुन पर ईओ साहब का डांस देखकर हंसी नहीं रुक रही। यह तो मस्ती का माहौल है!" वहीं, कुछ लोगों ने इस पर सवाल उठाए। एक अन्य यूजर ने लिखा, "एक वरिष्ठ अधिकारी का इस तरह का व्यवहार क्या सही है? इससे प्रशासन की छवि पर असर पड़ता है।" कुछ लोगों ने इसे निजी स्वímetros
System: तंत्रता से जोड़ा, लेकिन कई लोगों ने इस बात पर जोर दिया कि सार्वजनिक पद पर बैठे व्यक्ति को अपनी छवि का ध्यान रखना चाहिए।
इस वीडियो ने न केवल स्थानीय लोगों, बल्कि पूरे देश में सोशल मीडिया यूजर्स का ध्यान खींचा। कुछ ने इसे हल्के-फुल्के अंदाज में लिया, तो कुछ ने इसे अनुचित माना, खासकर तब जब यह एक सरकारी अधिकारी से जुड़ा हो। एक्स पर एक यूजर ने टिप्पणी की, "यह वीडियो मजेदार है, लेकिन क्या एक ईओ को इस तरह का व्यवहार करना चाहिए? यह तो सोचने वाली बात है।"
वीडियो के वायरल होने के बाद फिरोजाबाद जिला प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया। जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं। डीएम ने कहा कि यह मामला उनकी जानकारी में है और यह जांच की जाएगी कि क्या यह व्यवहार प्रशासनिक नियमों और आचरण के खिलाफ है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह एक निजी आयोजन था, लेकिन सार्वजनिक पद पर बैठे व्यक्ति की छवि और जिम्मेदारी को ध्यान में रखते हुए उचित कार्रवाई की जाएगी।
पिछले कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में भी सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के डांस वीडियो वायरल होने के बाद कार्रवाई के उदाहरण सामने आए हैं। उदाहरण के लिए, 2022 में पीलीभीत के पूरनपुर थाने में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर एक इंस्पेक्टर और सिपाही का नागिन डांस वायरल हुआ था, जिसके बाद दोनों को लाइन हाजिर कर दिया गया था। इसी तरह, 2024 में नागपुर के तहसील थाने में पुलिस कर्मियों के डांस वीडियो वायरल होने पर चार कर्मचारियों को निलंबित किया गया था। इन मामलों को देखते हुए, यह संभावना है कि सुरेंद्र प्रताप सिंह के खिलाफ भी कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है, हालांकि यह जांच के परिणाम पर निर्भर करेगा।
नागिन डांस भारत में एक लोकप्रिय और मनोरंजक नृत्य शैली है, जो बॉलीवुड फिल्मों और लोक संस्कृति से प्रेरित है। यह डांस आमतौर पर ‘नागिन’ धुन पर किया जाता है, जिसमें नर्तक सांप की तरह रेंगने और लहराने का अभिनय करता है। यह नृत्य शादियों, उत्सवों, और निजी समारोहों में काफी लोकप्रिय है। हालांकि, जब यह डांस सरकारी कर्मचारियों या अधिकारियों द्वारा सार्वजनिक रूप से या वायरल वीडियो के रूप में सामने आता है, तो यह अक्सर विवाद का कारण बन जाता है।
पिछले कुछ वर्षों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां पुलिसकर्मियों, शिक्षकों, या अन्य सरकारी कर्मचारियों के डांस वीडियो ने सोशल मीडिया पर हंगामा मचाया। उदाहरण के लिए, 2022 में मध्य प्रदेश के जबलपुर में शहपुरा थाने के पुलिसकर्मियों का नागिन डांस वायरल हुआ था, जिसके बाद अधिकारियों ने जांच शुरू की थी। इन घटनाओं से पता चलता है कि सोशल मीडिया के युग में, निजी आयोजनों में किए गए कार्य भी सार्वजनिक जांच के दायरे में आ सकते हैं।
इस घटना ने न केवल मनोरंजन, बल्कि गंभीर सामाजिक और प्रशासनिक सवाल भी उठाए हैं। एक ओर, यह वीडियो लोगों के लिए हंसी का कारण बना, लेकिन दूसरी ओर, इसने सरकारी अधिकारियों की सार्वजनिक छवि और उनके आचरण पर चर्चा छेड़ दी। एक अधिशासी अधिकारी का यह कर्तव्य होता है कि वह अपने क्षेत्र में प्रशासनिक कार्यों को सुचारू रूप से चलाए और जनता के बीच एक आदर्श छवि बनाए रखे। ऐसे में, इस तरह का व्यवहार कुछ लोगों को अनुचित लग सकता है, खासकर जब यह सोशल मीडिया पर वायरल हो जाता है।
फिरोजाबाद, जो अपनी कांच की चूड़ियों और व्यापारिक गतिविधियों के लिए जाना जाता है, एक छोटा लेकिन घनी आबादी वाला शहर है। यहां के लोग अपने अधिकारियों से अनुशासन और जिम्मेदारी की उम्मीद करते हैं। इस वीडियो ने स्थानीय समुदाय में भी मिश्रित प्रतिक्रियाएं पैदा कीं। कुछ लोगों ने इसे एक निजी क्षण माना, जो अनजाने में सार्वजनिक हो गया, जबकि कुछ ने इसे प्रशासनिक लापरवाही का प्रतीक बताया।
सोशल मीडिया ने इस घटना को राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बना दिया। आज के दौर में, एक छोटा सा वीडियो भी कुछ ही घंटों में लाखों लोगों तक पहुंच सकता है। इस मामले में, वीडियो को स्थानीय लोगों ने रिकॉर्ड किया और इसे सोशल मीडिया पर साझा किया, जिसके बाद यह तेजी से वायरल हो गया। यह घटना दर्शाती है कि सोशल मीडिया न केवल मनोरंजन का साधन है, बल्कि यह सार्वजनिक जवाबदेही को भी प्रभावित करता है।
पिछले कुछ वर्षों में, सोशल मीडिया पर वायरल हुए कई वीडियो ने सरकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई को प्रेरित किया है। उदाहरण के लिए, 2020 में फिरोजाबाद के ही मक्खनपुर थाने में एक सिपाही का हरियाणवी गाने पर डांस वायरल हुआ था, जिसके बाद उसे निलंबित कर दिया गया था। इस तरह की घटनाएं बताती हैं कि सोशल मीडिया ने सार्वजनिक और निजी जीवन के बीच की रेखा को धुंधला कर दिया है।
जांच के परिणाम अभी सामने नहीं आए हैं, लेकिन यह संभावना है कि सुरेंद्र प्रताप सिंह को अपने व्यवहार के लिए जवाब देना पड़ सकता है। अगर प्रशासन इसे अनुशासनहीनता मानता है, तो उनके खिलाफ निलंबन या अन्य अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है। हालांकि, चूंकि यह एक निजी आयोजन था, इसलिए यह तर्क भी दिया जा सकता है कि यह उनका व्यक्तिगत मामला है। फिर भी, एक सार्वजनिक पद पर बैठे व्यक्ति की छवि को लेकर प्रशासन सख्त रवैया अपना सकता है।
इसके अलावा, यह घटना सोशल मीडिया के उपयोग और सरकारी अधिकारियों के आचरण पर नई नीतियों की जरूरत को भी उजागर करती है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि सरकारी कर्मचारियों के लिए सोशल मीडिया दिशानिर्देश और प्रशिक्षण अनिवार्य होना चाहिए, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
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