भारत का 79वाँ स्वतंत्रता दिवस 2025- इतिहास, महत्व, घटनाएँ और उत्सव की पूरी जानकारी।
79th Independence Day: भारत हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाता है। यह दिन देश के लोगों के लिए बहुत खास होता है, क्योंकि इसी दिन 1947 में भारत को ....
भारत हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाता है। यह दिन देश के लोगों के लिए बहुत खास होता है, क्योंकि इसी दिन 1947 में भारत को ब्रिटिश शासन से आजादी मिली थी। 2025 में यह 79वाँ स्वतंत्रता दिवस होगा। इस साल उत्सव में नागरिकों की भागीदारी और पर्यावरण संरक्षण पर विशेष जोर दिया जा रहा है। पूरा देश ध्वजारोहण, परेड और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से गूंज उठेगा। प्रधानमंत्री लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करेंगे और सफाई कर्मचारियों जैसे आम लोगों को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाएगा। आइए, इस दिन के इतिहास, महत्व, प्रमुख घटनाओं और 2025 के उत्सवों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
- स्वतंत्रता दिवस का इतिहास
भारत की आजादी की कहानी लंबे संघर्ष की है। ब्रिटिश लोग भारत में व्यापार करने आए थे। ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना 1600 में हुई थी। कंपनी ने सबसे पहले 1613 में गुजरात के सूरत में अपनी पहली फैक्टरी स्थापित की। धीरे-धीरे कंपनी ने व्यापार के बहाने भारत के कई हिस्सों पर कब्जा करना शुरू कर दिया। 1757 में प्लासी के युद्ध में ईस्ट इंडिया कंपनी की जीत हुई। इस युद्ध में कंपनी के सैनिकों ने बंगाल के नवाब सिराज उद दौला को हराया। इस जीत के बाद कंपनी का भारत पर नियंत्रण बढ़ गया। कंपनी ने भारत को व्यापारिक रूप से लूटना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे राजनीतिक शक्ति भी हासिल कर ली।
1857 में भारत में पहला स्वतंत्रता संग्राम हुआ, जिसे सिपाही विद्रोह भी कहा जाता है। इस विद्रोह के बाद ब्रिटिश सरकार ने ईस्ट इंडिया कंपनी से भारत का शासन सीधे अपने हाथ में ले लिया। 1858 में ब्रिटिश संसद ने भारत सरकार अधिनियम पारित किया, जिससे ब्रिटिश ताज के अधीन भारत आ गया। इस दौर में भारत के लोग ब्रिटिश शासन से परेशान थे। वे करों, भेदभाव और लूट से तंग आ चुके थे।
20वीं सदी में स्वतंत्रता आंदोलन ने जोर पकड़ा। महात्मा गांधी ने अहिंसा और सत्याग्रह का रास्ता अपनाया। उन्होंने नमक सत्याग्रह, असहयोग आंदोलन और अन्य आंदोलनों का नेतृत्व किया। भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद और सुखदेव जैसे क्रांतिकारियों ने बलिदान दिया। सरदार वल्लभभाई पटेल ने किसानों और रियासतों को एकजुट किया। जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस और मौलाना अबुल कलाम आजाद जैसे नेता भी सक्रिय थे। बोस ने आजाद हिंद फौज बनाई और "तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा" का नारा दिया।
1942 में भारत छोड़ो आंदोलन शुरू हुआ। गांधीजी ने "करो या मरो" का संदेश दिया। इस आंदोलन ने ब्रिटिश सरकार को हिला दिया। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ब्रिटिश कमजोर हो गए। 1946 में कैबिनेट मिशन आया और आजादी की योजना बनी। 1947 में ब्रिटिश संसद ने भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम पारित किया। इस अधिनियम से 15 अगस्त 1947 को भारत और पाकिस्तान दो अलग देश बने। लॉर्ड माउंटबेटन भारत के अंतिम वायसराय थे। जवाहरलाल नेहरू पहले प्रधानमंत्री बने और उन्होंने लाल किले से पहला भाषण दिया। दुर्भाग्य से, विभाजन के समय हिंसा हुई और लाखों लोग मारे गए या विस्थापित हुए।
- स्वतंत्रता दिवस का महत्व
स्वतंत्रता दिवस सिर्फ एक छुट्टी नहीं है, बल्कि यह देश की एकता, स्वतंत्रता और बलिदान की याद दिलाता है। यह दिन हमें बताता है कि आजादी कितनी मुश्किल से मिली। लाखों लोगों ने अपनी जान दी, जेल गए और यातनाएं सहीं। यह दिन युवाओं को प्रेरित करता है कि वे देश के विकास में योगदान दें। स्वतंत्रता दिवस पर हम राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं, जो तिरंगा है। लाल रंग बलिदान, सफेद शांति और हरा समृद्धि का प्रतीक है। बीच में अशोक चक्र न्याय का प्रतीक है।
यह दिन गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) और गांधी जयंती (2 अक्टूबर) के साथ तीन राष्ट्रीय अवकाशों में से एक है। महत्व यह है कि आजादी के बाद भारत ने अपना संविधान बनाया, लोकतंत्र अपनाया और दुनिया में अपनी जगह बनाई। आज भारत अर्थव्यवस्था, विज्ञान और संस्कृति में आगे बढ़ रहा है। स्वतंत्रता दिवस हमें याद दिलाता है कि स्वतंत्रता की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है। यह दिन विभाजन की दुखद यादों को भी सामने लाता है, लेकिन एकता का संदेश देता है।
- प्रमुख घटनाएँ और स्वतंत्रता सेनानी
स्वतंत्रता आंदोलन में कई महत्वपूर्ण घटनाएँ हुईं। 1857 का विद्रोह पहला बड़ा प्रयास था। मंगल पांडे, रानी लक्ष्मीबाई और तात्या टोपे जैसे लोग इसमें शामिल थे। 1915 में गांधीजी दक्षिण अफ्रीका से लौटे और चंपारण सत्याग्रह किया। 1920 में असहयोग आंदोलन शुरू हुआ। 1930 में नमक सत्याग्रह में गांधीजी ने दांडी यात्रा की। 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन अंतिम बड़ा आंदोलन था।
स्वतंत्रता सेनानियों की सूची लंबी है। महात्मा गांधी अहिंसा के पुजारी थे। भगत सिंह ने फांसी पर चढ़कर युवाओं को प्रेरित किया। सरदार पटेल ने 562 रियासतों को भारत में मिलाया। नेहरू ने आधुनिक भारत की नींव रखी। बोस ने विदेश में फौज बनाई। आजाद ने क्रांतिकारी संगठन चलाया। महिलाओं में सरोजिनी नायडू, अरुणा आसफ अली और लक्ष्मी सहगल जैसी वीरांगनाएं थीं। इन सबने मिलकर आजादी हासिल की।
- 2025 के उत्सव और अपडेट्स
2025 में 79वाँ स्वतंत्रता दिवस पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा। थीम "विकसित भारत" या नागरिक भागीदारी पर आधारित होगी। सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और युवा एकता पर जोर दिया है। दिल्ली के लाल किले पर मुख्य समारोह होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ध्वज फहराएंगे और राष्ट्र को संबोधित करेंगे। भाषण में पिछले सालों की उपलब्धियां, भविष्य की योजनाएं और चुनौतियां शामिल होंगी। इस साल विशेष अतिथि के रूप में सफाई कर्मचारी, किसान और युवा आमंत्रित हैं।
स्कूलों और कॉलेजों में सुबह ध्वजारोहण होगा। बच्चे देशभक्ति गीत गाएंगे और नाटक करेंगे। परेड में सेना, पुलिस और एनसीसी के जवान हिस्सा लेंगे। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में विभिन्न राज्यों की झांकियां दिखेंगी। कई जगह पतंगबाजी होगी। शाम को इमारतें रोशनी से सजेंगी। विदेशों में भारतीय समुदाय परेड निकालेगा। न्यूयॉर्क जैसे शहरों में "इंडिया डे" मनाया जाएगा।
इस साल सरकार ने "हर घर तिरंगा" अभियान चलाया है। लोग घरों पर तिरंगा फहराएंगे। युवाओं के लिए ऑनलाइन प्रतियोगिताएं होंगी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 14 अगस्त को राष्ट्र को संबोधित करेंगी। समारोह में सुरक्षा कड़ी होगी।
Also Read- जैसलमेर में रक्षाबंधन की गर्माहट- स्थानीय महिलाओं ने बीएसएफ जवानों को बांधी राखी।
What's Your Reaction?