IRCTC होटल घोटाला: लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी व तेजस्वी पर भ्रष्टाचार के आरोप तय, 27 अक्टूबर से रोजाना सुनवाई। 

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 13 अक्टूबर 2025 को एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। विशेष न्यायाधीश विशाल गोग्ने ने राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी व पूर्व बिहार

Oct 14, 2025 - 11:38
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IRCTC होटल घोटाला: लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी व तेजस्वी पर भ्रष्टाचार के आरोप तय, 27 अक्टूबर से रोजाना सुनवाई। 
IRCTC होटल घोटाला: लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी व तेजस्वी पर भ्रष्टाचार के आरोप तय, 27 अक्टूबर से रोजाना सुनवाई। 

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 13 अक्टूबर 2025 को एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। विशेष न्यायाधीश विशाल गोग्ने ने राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी व पूर्व बिहार मुख्यमंत्री राबड़ी देवी तथा पुत्र व बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव पर भारतीय रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) होटल घोटाले में भ्रष्टाचार, आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के आरोप तय कर दिए। कोर्ट ने कुल 14 नामजद लोगों पर आरोप तय किए, जिसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रेम चंद गुप्ता व अन्य भी शामिल हैं। सभी आरोपी ने आरोपों से इनकार किया और कहा कि वे मुकदमे का सामना करेंगे। कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया सबूत मौजूद हैं, इसलिए मुकदमा चलेगा। सुनवाई 27 अक्टूबर से रोजाना होगी। यह मामला लालू प्रसाद के 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहने के दौरान का है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आरोप लगाया है कि लालू ने रांची व पुरी के दो आईआरसीटीसी होटलों के रखरखाव के ठेके सुजाता होटल नामक निजी कंपनी को देने के लिए टेंडर प्रक्रिया में हेराफेरी की। बदले में उनकी फैमिली को पटना में करोड़ों रुपये की जमीन कम दामों पर दिलाई गई। यह फैसला बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आया है, जिससे राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।

मामला 2004 से जुड़ा है। लालू प्रसाद तब केंद्रीय रेल मंत्री थे। सीबीआई के अनुसार, रांची व पुरी के आईआरसीटीसी होटलों के संचालन व रखरखाव के लिए टेंडर निकाले गए। सामान्यतः ऐसी कंपनियों को प्राथमिकता दी जाती है जिनके पास होटल संचालन का अनुभव हो। लेकिन सुजाता होटल नामक कंपनी को योग्यता के बावजूद ठेके दिए गए। यह कंपनी रांची स्थित थी और उसके मालिक विजय शर्मा थे। सीबीआई का दावा है कि लालू ने मंत्रालय के अधिकारियों पर दबाव डाला। टेंडर की शर्तें बदल दी गईं। सुजाता होटल को फायदा पहुंचाने के लिए अन्य कंपनियों को बाहर किया गया। बदले में शर्मा ने लालू परिवार को पटना के सागर सिंह नगर इलाके में प्राइम लोकेशन की जमीन दी। यह जमीन मार्केट वैल्यू से बहुत कम दामों पर एक कंपनी के नाम ट्रांसफर हुई, जो कथित तौर पर राबड़ी देवी व तेजस्वी से जुड़ी थी। सीबीआई ने कहा कि जमीन की कीमत अंडरवैल्यूड थी। यह रिश्वत का रूप था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग का भी केस दर्ज किया। लेकिन मुख्य मुकदमा सीबीआई का है।

कोर्ट ने फैसले में कहा कि लालू प्रसाद साजिश के केंद्र में थे। उन्होंने अपनी पद की सुविधा का दुरुपयोग किया। टेंडर की पात्रता शर्तों में हेरा फेरी की। राबड़ी देवी व तेजस्वी यादव को जमीन का प्रभावी नियंत्रण दिलाने के लिए साजिश रची। कोर्ट ने लालू पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (पीसी एक्ट) की धाराओं के तहत आरोप तय किए। राबड़ी व तेजस्वी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) व 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत। अन्य आरोपियों पर भी समान धाराएं लगीं। सुनवाई के दौरान सभी आरोपी कोर्ट में हाजिर हुए। लालू प्रसाद व्हीलचेयर पर थे। उन्होंने कहा कि आरोप राजनीतिक साजिश हैं। कोई सबूत नहीं है। तेजस्वी ने बाहर पत्रकारों से कहा कि चुनाव आने वाले हैं, इसलिए यह सब हो रहा है। हम कोर्ट में लड़ेंगे। राबड़ी देवी ने कुछ नहीं कहा। कोर्ट ने 27 अक्टूबर से रोजाना सुनवाई का आदेश दिया। प्रत्येक आरोपी को पेश होना होगा। यह प्रक्रिया तेजी से चलेगी।

यह मामला 2022 में सीबीआई ने दर्ज किया था। जांच में पाया गया कि सुजाता होटल के ठेके के बाद जमीन ट्रांसफर हुई। कंपनी का नाम बाद में बदल दिया गया। लालू परिवार ने इसे खारिज किया। कहा कि जमीन वैध तरीके से ली गई। लेकिन कोर्ट ने सीबीआई के तर्क माने। 1 मार्च 2025 को सीबीआई ने आरोप तय करने पर बहस पूरी की। 29 मई को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा। 24 सितंबर को सभी को पेश होने का आदेश दिया। 13 अक्टूबर को फैसला आया। ईडी ने भी जमीन जब्त की कोशिश की। लेकिन कोर्ट ने कहा कि मुकदमा पहले चले। बिहार चुनाव नवंबर 2025 में हैं। यह फैसला आरजेडी व महागठबंधन के लिए झटका है। भाजपा ने इसे भ्रष्टाचार का सबूत बताया। कहा कि लालू परिवार की साजिश उजागर हुई। नीतीश कुमार की जेडीयू ने चुप्पी साधी। आरजेडी कार्यकर्ताओं ने दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया। कहा कि केंद्र सरकार विपक्ष को दबा रही है। तेजस्वी ने कहा कि हम निर्दोष हैं। सबूत गढ़े गए हैं।

लालू प्रसाद का इतिहास भ्रष्टाचार के मामलों से भरा है। चारा घोटाले में वे सजा काट चुके हैं। अब आईआरसीटीसी व लैंड फॉर जॉब्स के दो मामले चल रहे हैं। लैंड फॉर जॉब्स में भी आरोप तय हो चुके हैं। वहां रेलवे में ग्रुप डी की नौकरियां जमीन के बदले दी गईं। सीबीआई ने कहा कि अशिक्षित लोगों को नौकरी दी गई। लालू ने दबाव डाला। यह मामला भी राउज एवेन्यू कोर्ट में है। आईआरसीटीसी केस में 14 आरोपी हैं। इसमें आईआरसीटीसी के पूर्व अधिकारी भी शामिल हैं। कोर्ट ने कहा कि साजिश साफ दिख रही है। लालू ने मंत्रालय का दुरुपयोग किया। सुजाता होटल को फायदा पहुंचाया। जमीन का मूल्यांकन गलत किया। राबड़ी व तेजस्वी ने जमीन ली। तेजस्वी तब युवा थे लेकिन साजिश में शामिल थे। आरजेडी ने कहा कि यह राजनीतिक प्रतिशोध है। चुनाव से पहले ऐसा समय पर आया। हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। लेकिन कोर्ट ने साफ कहा कि ट्रायल चलेगा। गवाहों की जांच होगी। सबूत पेश होंगे।

यह फैसला बिहार की राजनीति को प्रभावित करेगा। महागठबंधन में सीट बंटवारे पर असर पड़ेगा। तेजस्वी की छवि पर सवाल उठे। वे युवा नेता हैं। भ्रष्टाचार के आरोप से नुकसान हो सकता है। भाजपा ने प्रचार में इस्तेमाल करने का संकेत दिया। कहा कि भ्रष्ट नेता को वोट न दें। आरजेडी ने काउंटर अटैक किया। कहा कि मोदी सरकार एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही। विपक्ष को कुचलना चाहती है। देशभर में ऐसे मामले हो रहे। लेकिन जनता समझदार है। कोर्ट की प्रक्रिया पारदर्शी होगी। रोजाना सुनवाई से जल्द फैसला आ सकता है। अगर दोषी साबित हुए तो सजा कड़ी होगी। पीसी एक्ट में कम से कम चार साल की सजा। लालू की सेहत खराब है। लेकिन कोर्ट ने पेशी का आदेश दिया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की गुजारिश की जा सकती है। परिवार ने एकजुटता दिखाई। सभी साथ कोर्ट गए। बाहर तेजस्वी ने कहा कि हम डरते नहीं। लड़ेंगे।

सीबीआई की जांच में दस्तावेज जुटाए गए। टेंडर फाइलें, जमीन रजिस्ट्री, बैंक रिकॉर्ड। सबूत मजबूत हैं। कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया अपराध हुआ। ट्रायल में सच्चाई सामने आएगी। यह मामला रेलवे में भ्रष्टाचार का उदाहरण है। मंत्री ने पद का लाभ उठाया। निजी कंपनी को फायदा पहुंचाया। सार्वजनिक धन का नुकसान। सुजाता होटल को ठेका मिलने से आईआरसीटीसी को नुकसान। जमीन सस्ते में बिकी। लालू परिवार को फायदा। आरजेडी ने कहा कि कोई गलती नहीं। वैध सौदा था। लेकिन कोर्ट ने नहीं माना। सुनवाई में गवाह बुलाए जाएंगे। पूर्व अधिकारी, शर्मा, परिवार के सदस्य। क्रॉस एग्जामिनेशन होगा। महीनों लग सकते हैं। लेकिन रोजाना सुनवाई से तेजी आएगी। बिहार चुनाव में यह मुद्दा बनेगा। विपक्षी दल इसका फायदा उठाएंगे। आरजेडी को बचाव करना पड़ेगा। लालू परिवार की राजनीतिक विरासत पर असर। तेजस्वी की अगुवाई पर सवाल। लेकिन वे कहते हैं कि इससे मजबूत बनेंगे। जनता का विश्वास है।

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