झांसी में अनोखा विवाह- चार ग्रेजुएट युवतियों ने भगवान शिव से रचाई शादी, लिया ब्रह्मचर्य का संकल्प। 

Jhansi News: उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में एक अनोखा और आध्यात्मिक विवाह समारोह चर्चा का विषय बना हुआ है। 21 जुलाई, 2025 को मऊरानीपुर ....

Jul 23, 2025 - 11:02
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झांसी में अनोखा विवाह- चार ग्रेजुएट युवतियों ने भगवान शिव से रचाई शादी, लिया ब्रह्मचर्य का संकल्प। 
झांसी में अनोखा विवाह- चार ग्रेजुएट युवतियों ने भगवान शिव से रचाई शादी, लिया ब्रह्मचर्य का संकल्प। 

उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में एक अनोखा और आध्यात्मिक विवाह समारोह चर्चा का विषय बना हुआ है। 21 जुलाई, 2025 को मऊरानीपुर के ब्रह्मकुमारी आश्रम में चार ग्रेजुएट युवतियों रेखा, वरदानी, कल्याणी, और आरती ने भगवान शिव के प्रतीक शिवलिंग से विवाह रचाया। इस समारोह में पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन किया गया, जिसमें शिवलिंग को रथ पर सजाकर बारात निकाली गई, वरमाला पहनाई गई, और सात वचनों के साथ आजीवन ब्रह्मचर्य और सेवा का संकल्प लिया गया।

यह अनोखा विवाह समारोह मऊरानीपुर के ब्रह्मकुमारी आश्रम में आयोजित किया गया। समारोह की शुरुआत पारंपरिक तरीके से हुई, जिसमें भगवान शिव के प्रतीक शिवलिंग को पगड़ी और सेहरा पहनाकर रथ पर सजाया गया। रथ के साथ नंदी की मूर्ति भी शामिल थी, जो इस बारात को और आकर्षक बनाती थी। स्थानीय लोगों ने बारात का स्वागत तिलक और अन्य पारंपरिक रस्मों के साथ किया। इसके बाद, मंच पर चारों युवतियों रेखा, वरदानी, कल्याणी, और आरती ने शिवलिंग पर वरमाला चढ़ाई और सात वचनों की शपथ ली। ये वचन भगवान शिव के प्रति समर्पण, ब्रह्मचर्य, और मानव सेवा से जुड़े थे।

समारोह में मेहंदी, हल्दी, और जयमाला जैसी रस्में भी शामिल थीं, जो सामान्य विवाह समारोहों की तरह ही पूरी भक्ति और उत्साह के साथ निभाई गईं। आयोजन में शामिल लोगों को भोज भी कराया गया। समारोह में भारी संख्या में स्थानीय लोग और ब्रह्मकुमारी आश्रम के सदस्य शामिल हुए, जिन्होंने इस अनोखे आयोजन की सराहना की। सोशल मीडिया पर इस समारोह का वीडियो वायरल हो गया, जिसमें युवतियों को शिवलिंग के साथ रस्में निभाते देखा जा सकता है।

चारों युवतियां रेखा, वरदानी, कल्याणी, और आरती सामान्य परिवारों से हैं, लेकिन सभी ने ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की है। ये युवतियां न केवल शिक्षा के क्षेत्र में पारंगत हैं, बल्कि आध्यात्मिकता और समाज सेवा के प्रति भी गहरी रुचि रखती हैं। रेखा और कल्याणी ने समारोह के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि वे संसारिक जीवन को छोड़कर भगवान शिव के मार्ग पर चलना चाहती हैं। उन्होंने बताया कि उनका लक्ष्य ब्रह्मकुमारी आश्रम के माध्यम से समाज सेवा और आध्यात्मिक जीवन जीना है।

इन युवतियों ने भगवान शिव को अपने जीवन का आधार मानते हुए आजीवन ब्रह्मचर्य का संकल्प लिया। उनके इस फैसले को उनके परिवारों और आश्रम की अन्य बहनों ने भी समर्थन दिया। ब्रह्मकुमारी आश्रम की एक वरिष्ठ सदस्य ने बताया कि इससे पहले भी देश भर में करीब 50 हजार युवतियां इस तरह का संकल्प ले चुकी हैं, और ये चार युवतियां भी अब उसी पथ पर अग्रसर हैं।

ब्रह्मकुमारी आश्रम, जो आध्यात्मिकता और समाज सेवा के लिए जाना जाता है, इस समारोह का आयोजक था। यह संस्था लंबे समय से लोगों को आध्यात्मिक शिक्षा और नैतिक मूल्यों के प्रति जागरूक करने का काम करती है। आश्रम की शिक्षाओं के अनुसार, भगवान शिव के प्रति समर्पण और ब्रह्मचर्य का जीवन अपनाकर व्यक्ति अपने जीवन को उच्च आध्यात्मिक स्तर तक ले जा सकता है। इस समारोह में आश्रम की बहनों ने सभी रस्मों को पारंपरिक और आध्यात्मिक तरीके से संपन्न करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

आश्रम की एक प्रवक्ता ने बताया कि इस तरह के विवाह समारोह का उद्देश्य युवाओं को यह संदेश देना है कि सच्चा सुख संसारिक बंधनों में नहीं, बल्कि ईश्वर के प्रति समर्पण और सेवा में है। उन्होंने यह भी कहा कि यह समारोह सामाजिक रूढ़ियों को तोड़ने और महिलाओं को आत्मनिर्भर और आध्यात्मिक जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है।

इस अनोखे विवाह समारोह ने न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक स्तर पर भी चर्चा को जन्म दिया है। भारतीय समाज में शादी को सामाजिक और पारिवारिक बंधन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है, लेकिन इन युवतियों ने इस परंपरा को एक नया आयाम दिया। भगवान शिव से विवाह रचाकर इन्होंने यह संदेश दिया कि सच्चा जीवनसाथी वह है, जो आत्मा को शांति और दिशा दे। यह समारोह उन युवतियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन सकता है, जो सामाजिक दबावों के बीच अपनी राह चुनना चाहती हैं।

स्थानीय लोगों ने इस समारोह को भक्ति और समर्पण का एक अनूठा उदाहरण बताया। कुछ लोगों ने इसे सामाजिक रूढ़ियों के खिलाफ एक कदम माना, तो कुछ ने इसे आध्यात्मिकता की नई परिभाषा के रूप में देखा। सोशल मीडिया पर इस आयोजन की तारीफ करने वाले कई पोस्ट देखे गए, जिनमें लोगों ने इन युवतियों के साहस और भक्ति की प्रशंसा की।

इसी तरह, मध्य प्रदेश के दतिया में फरवरी 2023 में एक एमबीए पास युवती, निकिता चौरसिया, ने भगवान शिव से शादी रचाई थी। इस समारोह में भी सभी रस्में पारंपरिक तरीके से पूरी की गई थीं, और निकिता ने अपने जीवन को भगवान शिव के प्रति समर्पित करने का संकल्प लिया था।

ये घटनाएं दर्शाती हैं कि ब्रह्मकुमारी आश्रम के तत्वावधान में इस तरह के समारोह समय-समय पर आयोजित होते रहे हैं, जो आध्यात्मिकता और महिलाओं के सशक्तिकरण को बढ़ावा देते हैं।

हालांकि इस समारोह को व्यापक सराहना मिली, लेकिन कुछ लोगों ने इसे शास्त्रविरुद्ध बताया। एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा गया कि गीता के अध्याय 23-24 में ऐसी साधना को निष्फल माना गया है। कुछ धार्मिक विद्वानों का मानना है कि शास्त्रों में विवाह को दो व्यक्तियों के बीच का बंधन बताया गया है, और इस तरह के प्रतीकात्मक विवाह को शास्त्रीय मान्यता नहीं है। फिर भी, ब्रह्मकुमारी आश्रम का कहना है कि यह समारोह एक आध्यात्मिक संकल्प है, न कि सामाजिक विवाह, और इसका उद्देश्य भक्ति और सेवा को बढ़ावा देना है।

झांसी के मऊरानीपुर में हुआ यह अनोखा विवाह समारोह भक्ति, समर्पण, और आध्यात्मिकता का एक अनूठा उदाहरण है। रेखा, वरदानी, कल्याणी, और आरती ने अपने इस फैसले से न केवल सामाजिक रूढ़ियों को चुनौती दी, बल्कि यह भी दिखाया कि सच्ची भक्ति और सेवा के सामने कोई बंधन मायने नहीं रखता। यह आयोजन समाज के लिए एक प्रेरणा है, जो यह सिखाता है कि जीवन का असली उद्देश्य आत्मिक शांति और दूसरों की सेवा में है।

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