Political News: चिनाब ब्रिज पर वंदे भारत एक्सप्रेस की ऐतिहासिक यात्रा, पीएम मोदी ने पूरा किया कश्मीर को जोड़ने का सपना। 

भारत के रेल इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गया, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में चिनाब नदी...

Jun 7, 2025 - 12:37
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Political News: चिनाब ब्रिज पर वंदे भारत एक्सप्रेस की ऐतिहासिक यात्रा, पीएम मोदी ने पूरा किया कश्मीर को जोड़ने का सपना। 

6 जून 2025 का दिन भारत के रेल इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गया, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च ब्रिज का उद्घाटन किया। इस अवसर पर, वंदे भारत एक्सप्रेस ने इस ऐतिहासिक चिनाब ब्रिज को पार किया, जो कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से रेल मार्ग के माध्यम से जोड़ने का एक लंबे समय से देखा गया सपना था। इस ब्रिज और वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत ने न केवल भारत की इंजीनियरिंग क्षमता को विश्व पटल पर प्रदर्शित किया, बल्कि जम्मू-कश्मीर के सामाजिक-आर्थिक विकास को भी नई दिशा दी। चिनाब ब्रिज, उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक (USBRL) परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

यह ब्रिज चिनाब नदी के ऊपर 359 मीटर की ऊंचाई पर बना है, जो पेरिस के एफिल टावर से 35 मीटर अधिक है। 1,315 मीटर लंबा और 467 मीटर के आर्च स्पैन वाला यह ब्रिज दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज है। इसे भूकंपीय क्षेत्र 5 में बनाया गया है, जहां भूकंप और तेज हवाओं (260 किमी/घंटा तक) का खतरा रहता है। इसकी डिजाइन ऐसी है कि यह -10 डिग्री सेल्सियस से 40 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान को सहन कर सकता है, और इसकी अनुमानित उम्र 120 वर्ष से अधिक है। इस ब्रिज के निर्माण में 28,660 मेगाटन स्टील का उपयोग हुआ, और इसे 1,486 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया। यह ब्लास्ट-प्रूफ डिजाइन के साथ तैयार किया गया है, जो इसे सामरिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण बनाता है। इसकी नींव 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रखी थी, और इसके निर्माण में 22 वर्ष लगे। यह ब्रिज रियासी जिले के बक्कल और कौरी गांवों को जोड़ता है, और USBRL परियोजना के तहत कश्मीर को देश के रेल नेटवर्क से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

  • वंदे भारत एक्सप्रेस की ऐतिहासिक यात्रा

6 जून 2025 को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिनाब ब्रिज का उद्घाटन करने के बाद कटरा से श्रीनगर के लिए दो वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई। इन ट्रेनों ने चिनाब ब्रिज और भारत की पहली केबल-स्टे रेलवे ब्रिज, अंजी खड्ड ब्रिज, को पार किया। यह यात्रा न केवल तकनीकी उपलब्धि थी, बल्कि यह जम्मू-कश्मीर के लिए एक नए युग की शुरुआत थी। वंदे भारत एक्सप्रेस को विशेष रूप से कश्मीर की कठिन जलवायु के लिए डिजाइन किया गया है। यह ट्रेन -20 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान में काम कर सकती है, और इसमें हीटेड विंडस्क्रीन, इंसुलेटेड शौचालय, और उन्नत हीटिंग सिस्टम जैसे फीचर्स शामिल हैं। यह ट्रेन कटरा से श्रीनगर के बीच 272 किलोमीटर की दूरी को केवल 3 घंटे में तय करती है, जो पहले सड़क मार्ग से 8-10 घंटे का सफर था। ट्रेन नंबर 26401 कटरा से सुबह 8:10 बजे रवाना होकर 11:08 बजे श्रीनगर पहुंचती है, जबकि ट्रेन नंबर 26402 श्रीनगर से दोपहर 2:00 बजे रवाना होकर 4:48 बजे कटरा पहुंचती है। दूसरी सेवा, ट्रेन नंबर 26404, श्रीनगर से सुबह 8:00 बजे रवाना होकर 10:58 बजे कटरा पहुंचती है, और इसका रिटर्न लेग, ट्रेन नंबर 26403, कटरा से दोपहर 2:55 बजे रवाना होकर 5:53 बजे श्रीनगर पहुंचती है। ये ट्रेनें सप्ताह में छह दिन चलेंगी।

  • प्रधानमंत्री का उद्घाटन और संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन समारोह के दौरान रियासी जिले में चिनाब ब्रिज का निरीक्षण किया और इसके निर्माण में शामिल इंजीनियरों, मजदूरों, और अधिकारियों से मुलाकात की। उन्होंने कटरा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, "कश्मीर घाटी में रेल कनेक्टिविटी का सपना कई पीढ़ियां देखते-देखते गुजर गईं। आज यह सपना साकार हुआ है। चिनाब ब्रिज और अंजी ब्रिज न केवल स्टील और कंक्रीट की संरचनाएं हैं, बल्कि भारत की ताकत और उज्ज्वल भविष्य का प्रतीक हैं।" उन्होंने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा, "पाकिस्तान ने पहलगाम में आतंकवाद के जरिए कश्मीरियत और इंसानियत पर हमला किया। लेकिन जम्मू-कश्मीर के लोगों ने इसका करारा जवाब दिया।

यह ब्रिज और रेल सेवा न केवल विकास का प्रतीक है, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की मजबूत इच्छाशक्ति का भी संदेश है।" जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस अवसर पर पीएम मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा, "जो काम अंग्रेज नहीं कर पाए, वह आपके हाथों पूरा हुआ।" उन्होंने बताया कि वह आठवीं कक्षा में थे जब इस परियोजना की नींव रखी गई थी, और अब 55 वर्ष की आयु में वह इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बने। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भी श्रेय दिया, जिन्होंने 2003 में इस परियोजना की नींव रखी थी। उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया पर चिनाब और अंजी ब्रिज की तस्वीरें और वीडियो साझा करते हुए लिखा, "यह कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने का एक ऐतिहासिक दिन है।" उनके इस बयान ने इस परियोजना के महत्व को और रेखांकित किया।

चिनाब ब्रिज और USBRL परियोजना जम्मू-कश्मीर के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण हैं: यह रेल लिंक कश्मीर के सेब, सूखे मेवे, पश्मीना शॉल, और हस्तशिल्प को देश के बड़े बाजारों तक समय पर पहुंचाएगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। उमर अब्दुल्ला ने कहा, "जब बारिश के कारण नेशनल हाईवे बंद हो जाता है, तो यह रेल सेवा हर मौसम में कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगी।" चिनाब ब्रिज अपने आप में एक पर्यटक आकर्षण बनने की क्षमता रखता है। पीएम मोदी ने कहा, "लोग पेरिस में एफिल टावर देखने जाते हैं, लेकिन चिनाब ब्रिज उससे भी ऊंचा है। यह अब एक सेल्फी पॉइंट बनेगा।" इससे कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, खासकर श्री माता वैष्णो देवी मंदिर, श्रीनगर, और उत्तरी कश्मीर के पर्यटक स्थलों के लिए। इस परियोजना से स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। रेल कनेक्टिविटी के कारण व्यापार और उद्योगों में वृद्धि होगी, जिससे क्षेत्र में आर्थिक समृद्धि आएगी। चिनाब ब्रिज का निर्माण सामरिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। यह नियंत्रण रेखा के पास बना है और ब्लास्ट-प्रूफ डिजाइन के साथ तैयार किया गया है, जो इसे आतंकवाद और सीमा पार की साजिशों के खिलाफ मजबूत बनाता है। चिनाब ब्रिज और वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत जम्मू-कश्मीर में विकास और एकता का प्रतीक है। पहलगाम में अप्रैल 2025 में हुए आतंकी हमले के बाद पीएम मोदी का यह दौरा और ब्रिज का उद्घाटन एक मजबूत संदेश देता है कि भारत आतंकवाद के आगे नहीं झुकेगा। उमर अब्दुल्ला और पीएम मोदी के बीच इस अवसर पर दिखी सौहार्दपूर्ण केमिस्ट्री भी महत्वपूर्ण है।

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यह केंद्र और राज्य सरकार के बीच बेहतर समन्वय को दर्शाता है, जो जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए आवश्यक है। कुछ विपक्षी नेताओं, जैसे कांग्रेस के जयराम रमेश, ने दावा किया कि USBRL परियोजना का अधिकांश काम यूपीए सरकार के दौरान हुआ था। हालांकि, यह सच है कि इस परियोजना की शुरुआत 2003 में हुई थी, लेकिन इसके पूरा होने में कई सरकारों और इंजीनियरों की मेहनत शामिल है। फिर भी, यह निर्विवाद है कि पीएम मोदी के कार्यकाल में इस परियोजना को गति मिली और इसे अंतिम रूप दिया गया। चिनाब ब्रिज पर वंदे भारत एक्सप्रेस की पहली यात्रा भारत की इंजीनियरिंग क्षमता और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है। यह ब्रिज और रेल सेवा न केवल कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ेगी, बल्कि यह क्षेत्र के आर्थिक, सामाजिक, और सामरिक विकास को भी नई दिशा देगी। पीएम मोदी ने इस परियोजना को पूरा करके एक ऐसा सपना साकार किया है, जिसे कभी असंभव माना जाता था। जैसा कि उमर अब्दुल्ला ने कहा, "जो अंग्रेज नहीं कर पाए, वह पीएम मोदी ने कर दिखाया।" यह उपलब्धि न केवल जम्मू-कश्मीर के लिए, बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का क्षण है।

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