Trending: मसूरी में ट्रैफिक जाम बना काल, समय पर इलाज न मिलने से दिल्ली के पर्यटक की मौत।

उत्तराखंड का मशहूर हिल स्टेशन मसूरी, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और ठंडी हवाओं के लिए जाना जाता है, इन दिनों भारी ट्रैफिक जाम

Jun 9, 2025 - 12:11
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Trending: मसूरी में ट्रैफिक जाम बना काल, समय पर इलाज न मिलने से दिल्ली के पर्यटक की मौत।

हाइलाइट्स:

  • दिल्ली से मसूरी घूमने आए 62 वर्षीय कमल किशोर टंडन की ट्रैफिक जाम के कारण समय पर अस्पताल न पहुंच पाने से मृत्यु।
  • एंबुलेंस की देरी के चलते परिवार ने निजी वाहन से लैंडौर कम्युनिटी अस्पताल ले जाने की कोशिश की, लेकिन जाम ने रोका रास्ता।
  • मसूरी की संकरी सड़कों, भारी पर्यटक भीड़ और अपर्याप्त ट्रैफिक व्यवस्था ने बढ़ाई समस्या।
  • प्रशासन ने ट्रैफिक नियंत्रण के लिए कुछ कदम उठाए, लेकिन पर्यटन सीजन में व्यवस्था नाकाम साबित हुई।

मसूरी : उत्तराखंड का मशहूर हिल स्टेशन मसूरी, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और ठंडी हवाओं के लिए जाना जाता है, इन दिनों भारी ट्रैफिक जाम की समस्या से जूझ रहा है। इस भीषण जाम ने न केवल पर्यटकों और स्थानीय लोगों का सफर मुश्किल बना दिया है, बल्कि एक दुखद घटना में एक पर्यटक की जान भी ले ली। दिल्ली से छह लोगों के दल के साथ मसूरी घूमने आए 62 वर्षीय कमल किशोर टंडन की अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद समय पर अस्पताल न पहुंच पाने के कारण रास्ते में ही मृत्यु हो गई। कमल किशोर टंडन अपने भतीजे अर्जुन कपूर और अन्य रिश्तेदारों के साथ मसूरी के मोतीलाल नेहरू रोड पर स्थित एक अपार्टमेंट में ठहरे हुए थे। गुरुवार की शाम को मसूरी में अचानक मौसम खराब हो गया और भारी बारिश के साथ ठंड बढ़ गई। इस दौरान टंडन को सीने में तेज दर्द की शिकायत हुई, जिसे परिवार ने संभावित हार्ट अटैक के रूप में समझा। तत्काल 108 एंबुलेंस सेवा को कॉल किया गया, लेकिन टेली ऑपरेटर ने सूचित किया कि एंबुलेंस देहरादून से आएगी और मसूरी पहुंचने में करीब एक घंटे का समय लग सकता है। आपात स्थिति को देखते हुए परिवार ने तुरंत फैसला लिया कि वे टंडन को निजी वाहन से नजदीकी लैंडौर कम्युनिटी अस्पताल ले जाएंगे।

परिवार ने टंडन को अपनी कार में बिठाया और अस्पताल की ओर रवाना हुआ, लेकिन मसूरी की संकरी सड़कों पर पर्यटकों की भारी भीड़ और वाहनों की लंबी कतारों ने उनका रास्ता रोक दिया। मोतीलाल नेहरू रोड, गांधी चौक और किंगक्रेग रोड पर भीषण ट्रैफिक जाम था, जिसके कारण उनकी गाड़ी करीब 45 मिनट से एक घंटे तक जाम में फंसी रही। बारिश ने स्थिति को और बदतर बना दिया, क्योंकि सड़कों पर फिसलन और वाहनों की भीड़ ने यातायात को पूरी तरह ठप कर दिया। स्थानीय लोगों और पुलिस ने जाम खुलवाने की कोशिश की, लेकिन इसमें काफी समय लग गया। जब तक परिवार टंडन को अस्पताल पहुंचा पाया, तब तक उनकी मृत्यु हो चुकी थी। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

  • ट्रैफिक जाम की वजहें

मसूरी में ट्रैफिक जाम की समस्या कोई नई बात नहीं है, लेकिन गर्मियों और वीकेंड के दौरान यह स्थिति और गंभीर हो जाती है। जून 2025 में मैदानी इलाकों में पड़ रही भीषण गर्मी के कारण बड़ी संख्या में पर्यटक मसूरी, हरिद्वार और ऋषिकेश जैसे हिल स्टेशनों का रुख कर रहे हैं। इस साल पर्यटकों की भारी भीड़ ने मसूरी की सड़कों पर दबाव बढ़ा दिया है। संकरी सड़कें, सीमित पार्किंग सुविधाएं, और अनियंत्रित वाहन प्रवेश इस समस्या को और बढ़ा रहे हैं।

मसूरी की प्रमुख सड़कों जैसे माल रोड, मोतीलाल नेहरू रोड, और किंगक्रेग रोड पर भारी वाहन, टेम्पो ट्रैवलर्स, और निजी गाड़ियों की भीड़ ने जाम को और जटिल बना दिया। 6 जून को माल रोड पर पालिका कर्मचारियों और एक अधिवक्ता के बीच विवाद के कारण बैरियर खोल दिए गए, जिससे बिना शुल्क के वाहन माल रोड पर प्रवेश करने लगे। इसने जाम की स्थिति को और गंभीर कर दिया। इसके अलावा, अनधिकृत पार्किंग और रोडसाइड पार्किंग ने भी यातायात को बाधित किया। मसूरी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय अग्रवाल के अनुसार, रोडसाइड पार्किंग और भारी वाहनों का अनियंत्रित प्रवेश जाम का प्रमुख कारण है।

मसूरी में ट्रैफिक जाम की समस्या से निपटने के लिए प्रशासन ने कुछ कदम उठाए हैं। भारी वाहनों जैसे टेम्पो ट्रैवलर्स और बड़ी बसों को कोथल गेट से मसूरी में प्रवेश करने से रोका जा रहा है। केम्प्टी फॉल्स की ओर जाने वाले वाहनों को गज्जी बेंड से जीरो पॉइंट की ओर डायवर्ट किया जा रहा है। इसके अलावा, हाथीपांव और किंगक्रेग में सैटेलाइट पार्किंग की सुविधा शुरू की गई है, जहां 900 से अधिक वाहनों के लिए पार्किंग यार्ड बनाया गया है।

जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देशन में मसूरी में शटल बस सेवा शुरू करने की योजना भी बनाई गई है, जिससे पर्यटकों को देहरादून से मसूरी तक रोपवे और शटल सेवाओं के माध्यम से लाया जा सके। इसके अलावा, 700 करोड़ रुपये की लागत वाली मसूरी सुरंग परियोजना के तहत 2.74 किलोमीटर लंबी दो लेन वाली सुरंग बनाई जा रही है, जो माल रोड और लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) जैसे मुख्य क्षेत्रों में ट्रैफिक को बायपास करेगी। हालांकि, ये योजनाएं अभी प्रारंभिक चरण में हैं और तत्काल राहत प्रदान करने में असमर्थ हैं। मसूरी ट्रैफिक प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार ने बताया कि पर्यटन सीजन और वीकेंड की भीड़ के कारण ट्रैफिक जाम की समस्या बढ़ गई है। पुलिस ने सभी प्रमुख चौराहों पर अतिरिक्त बल तैनात किए हैं, लेकिन संकरी सड़कों और भारी भीड़ के सामने ये प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं।

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कमल किशोर टंडन की मृत्यु एक दुखद घटना है, जो मसूरी की ट्रैफिक और आपातकालीन सेवाओं की खामियों को दर्शाती है। पर्यटकों की बढ़ती भीड़ और सीमित संसाधनों के बीच प्रशासन के लिए यातायात और चिकित्सा सेवाओं को बेहतर करना एक बड़ी चुनौती है। शटल सेवा, सैटेलाइट पार्किंग, और सुरंग परियोजना जैसे कदम भविष्य में राहत दे सकते हैं, लेकिन तत्काल समाधान की आवश्यकता है। कमल किशोर टंडन की मृत्यु ने मसूरी में आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं की कमी को भी उजागर किया। 108 एंबुलेंस सेवा की देरी एक गंभीर मुद्दा रहा। देहरादून से मसूरी की दूरी और खराब मौसम के कारण एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंच सकी। इसके अलावा, मसूरी के स्थानीय अस्पतालों में आपातकालीन चिकित्सा सुविधाओं की कमी भी एक बड़ी समस्या है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि होटलों में बुनियादी मेडिकल किट की उपलब्धता और पर्यटकों के लिए चिकित्सा सुविधाओं का प्रचार आवश्यक है।

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