Trending News: पूर्व रेलवे कर्मचारी ने CBI दफ्टर में ASI पर धनुष-बाण से किया जानलेवा हमला, गिरफ्तार।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के हजरतगंज स्थित केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) कार्यालय में 23 मई 2025 की सुबह एक हैरान...

मुख्य बिंदु:
- 65 वर्षीय पूर्व रेलवे कर्मचारी दिनेश मुर्मू ने धनुष-बाण से जानलेवा हमला किया
- 1993 के रेलवे भ्रष्टाचार मामले में बर्खास्तगी के बाद से CBI के प्रति रंजिश रखता था
- ASI वीरेंद्र सिंह के सीने में हमलावर ने मारा तीर
- हमले के बाद CBI कार्यालय में अफरा-तफरी मच गई
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के हजरतगंज स्थित केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) कार्यालय में 23 मई 2025 की सुबह एक हैरान करने वाली घटना ने पूरे शहर में सनसनी फैला दी। एक 65 वर्षीय पूर्व रेलवे कर्मचारी दिनेश मुर्मू ने CBI के सहायक उप-निरीक्षक (ASI) वीरेंद्र सिंह पर धनुष-बाण से जानलेवा हमला कर दिया। इस हमले में ASI वीरेंद्र सिंह के सीने में तीर लगा, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तत्काल सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। हमलावर, जो 1993 के रेलवे भ्रष्टाचार मामले में बर्खास्तगी के बाद से CBI के प्रति रंजिश रखता था, को हजरतगंज पुलिस ने तुरंत गिरफ्तार कर लिया। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह घटना न केवल CBI कार्यालय की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि पुरानी रंजिश कितने खतरनाक रूप ले सकती है।
23 मई को सुबह करीब 9:30 बजे, हजरतगंज के नवल किशोर मार्ग पर स्थित CBI कार्यालय के मुख्य द्वार पर तैनात ASI वीरेंद्र सिंह (55 वर्ष) अपनी ड्यूटी पर थे। तभी बिहार के मुंगेर जिले के निवासी दिनेश मुर्मू, जो एक आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, धनुष और लोहे की नोक वाले तीरों के साथ वहां पहुंचा। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दिनेश एक पेड़ के पास बैठा था, जिसे देखकर ASI वीरेंद्र ने उससे वहां बैठने का कारण पूछा। इसके जवाब में दिनेश ने अचानक धनुष-बाण निकाला और ASI के सीने पर तीर मार दिया। सीसीटीवी फुटेज में देखा गया कि उसने एक के बाद एक पांच तीर चलाए, जिनमें से एक तीर ASI के सीने में करीब पांच सेंटीमीटर गहराई तक धंस गया।
हमले के बाद CBI कार्यालय में अफरा-तफरी मच गई। अन्य कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत दिनेश को पकड़ लिया और उसे हजरतगंज पुलिस को सौंप दिया। घायल ASI को तत्काल सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में उनका इलाज चल रहा है। डॉक्टरों ने बताया कि तीर से गहरी चोट लगी, लेकिन ASI की हालत अब स्थिर है और वह खतरे से बाहर हैं।
पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला कि दिनेश मुर्मू 1993 में रेलवे में गैंगमैन के पद पर कार्यरत था, जब CBI ने रेलवे में भ्रष्टाचार से जुड़े एक ट्रैप केस में उसे आरोपी बनाया था। इस मामले में उसकी बर्खास्तगी हो गई थी, जिसके बाद से वह CBI और विशेष रूप से ASI वीरेंद्र सिंह के खिलाफ रंजिश रखता था। पुलिस सूत्रों के अनुसार, दिनेश ने 2005 में दिल्ली में एक CBI अधिकारी से मिलने की कोशिश की थी और वहां एक पुलिसकर्मी पर हमला किया था, जिसके लिए उसे जेल भी हुई थी। इसके अलावा, 2015 में जौनपुर रेलवे स्टेशन पर GRP जवान के साथ विवाद के बाद उसे करीब साढ़े तीन साल की जेल हुई थी। हजरतगंज थाने के SHO विक्रम सिंह ने बताया, "दिनेश मुर्मू ने ASI वीरेंद्र सिंह पर बदले की भावना से हमला किया। वह मानसिक रूप से अस्थिर भी बताया जा रहा है।" पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि तीरों की नोक पर संदिग्ध रासायनिक पदार्थ लगा था, जिसकी फोरेंसिक जांच की जा रही है। दिनेश के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 307 (हत्या का प्रयास) और सार्वजनिक सेवक पर हमले से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। FIR (नंबर 0165/2025) में दिनेश को रामाधार प्रसाद के पुत्र के रूप में पहचाना गया है।
घटना का सीसीटीवी फुटेज, जिसमें दिनेश मुर्मू को ASI पर तीर चलाते और कर्मचारियों को भागते हुए देखा गया, सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। X पर एक यूजर ने लिखा, "CBI ऑफिस में धनुष-बाण से हमला? यह तो किसी बॉलीवुड फिल्म का सीन लगता है!" एक अन्य यूजर ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए लिखा, "CBI जैसे संवेदनशील कार्यालय में कोई हथियार लेकर कैसे घुस गया? यह सुरक्षा में बड़ी चूक है।" फुटेज में दिख रहा है कि हमले के बाद कर्मचारियों ने गेट बंद कर दिए और दिनेश को पकड़ने के लिए दौड़ पड़े। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस कमिश्नर (CP) सहित वरिष्ठ अधिकारी अस्पताल पहुंचे और ASI वीरेंद्र का हालचाल लिया। हजरतगंज पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दिनेश को गिरफ्तार किया और उससे पूछताछ शुरू की। पुलिस का कहना है कि दिनेश ने शिकायत दर्ज कराने के बहाने CBI कार्यालय में प्रवेश किया था। CBI ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, एजेंसी अपनी आंतरिक सुरक्षा प्रोटोकॉल की समीक्षा कर रही है। यह घटना CBI कार्यालय जैसे संवेदनशील स्थान पर सुरक्षा व्यवस्था की कमियों को उजागर करती है।
धनुष-बाण से हमले की यह घटना भारत में असामान्य है, लेकिन वैश्विक स्तर पर भी ऐसी घटनाएं दुर्लभ ही हैं। उदाहरण के लिए, 2021 में नॉर्वे के कोंग्सबर्ग में एक व्यक्ति ने धनुष-बाण से हमला कर पांच लोगों की हत्या कर दी थी, जिसे आतंकी घटना माना गया था। भारत में, विशेष रूप से आदिवासी समुदायों में, धनुष-बाण का उपयोग पारंपरिक रूप से शिकार और आत्मरक्षा के लिए होता रहा है। दिनेश मुर्मू, जो मुंगेर के आदिवासी क्षेत्र से हैं, ने इस पारंपरिक हथियार का उपयोग अपराध के लिए किया, जो इस घटना को और भी असामान्य बनाता है। लखनऊ के CBI कार्यालय में धनुष-बाण से हुआ यह हमला न केवल एक सनसनीखेज घटना है, बल्कि यह सुरक्षा व्यवस्था और पुरानी रंजिशों के खतरनाक परिणामों को भी उजागर करता है।
दिनेश मुर्मू की 32 साल पुरानी रंजिश ने ASI वीरेंद्र सिंह पर जानलेवा हमले का रूप लिया, जिससे CBI कार्यालय की सुरक्षा पर सवाल उठे। यह घटना CBI जैसे संवेदनशील कार्यालयों में सुरक्षा प्रोटोकॉल को और सख्त करने की जरूरत को दर्शाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि कार्यालयों में प्रवेश करने वाले व्यक्तियों की कड़ाई से जांच और हथियारों की स्कैनिंग अनिवार्य होनी चाहिए। इसके अलावा, दिनेश मुर्मू के मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति को देखते हुए, यह भी जरूरी है कि पुराने मामलों में शामिल व्यक्तियों की मनोवैज्ञानिक स्थिति की निगरानी की जाए। सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ यूजर्स ने इसे एक गंभीर सुरक्षा चूक बताया, जबकि अन्य ने इसे मानसिक स्वास्थ्य और पुरानी रंजिश का परिणाम माना। एक X यूजर ने लिखा, "32 साल पुरानी रंजिश ने इतना खतरनाक रूप ले लिया। मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत है।" वहीं, कुछ ने इसे मजाकिया अंदाज में लिया, एक यूजर ने लिखा, "CBI ऑफिस में धनुष-बाण? अब तो बस तलवार और भाला बाकी रह गया!"
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