डोनाल्ड ट्रंप ने बराक ओबामा पर लगाया देशद्रोह का आरोप- AI वीडियो और तुलसी गैबार्ड के दस्तावेजों से विवाद गहराया। 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर एक AI-जनित वीडियो साझा किया, जिसमें पूर्व राष्ट्रपति ...

Jul 28, 2025 - 14:17
 0  14
डोनाल्ड ट्रंप ने बराक ओबामा पर लगाया देशद्रोह का आरोप- AI वीडियो और तुलसी गैबार्ड के दस्तावेजों से विवाद गहराया। 
डोनाल्ड ट्रंप ने बराक ओबामा पर लगाया देशद्रोह का आरोप- AI वीडियो और तुलसी गैबार्ड के दस्तावेजों से विवाद गहराया। 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर एक AI-जनित वीडियो साझा किया, जिसमें पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को गिरफ्तार होते दिखाया गया। ट्रंप ने ओबामा पर 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हस्तक्षेप के झूठे दावे फैलाकर उनकी जीत को कमजोर करने का आरोप लगाया। इस दावे का समर्थन राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (DNI) तुलसी गैबार्ड ने किया, जिन्होंने 100 से अधिक दस्तावेजों के आधार पर ओबामा प्रशासन पर “देशद्रोही साजिश” का आरोप लगाया। गैबार्ड ने कहा कि ये दस्तावेज ओबामा और उनके अधिकारियों द्वारा रूस के हस्तक्षेप की गलत जानकारी तैयार करने का सबूत हैं। दूसरी ओर, ओबामा के प्रवक्ता पैट्रिक रोडेनबश ने इन आरोपों को “बेतुका” और “ध्यान भटकाने का कमजोर प्रयास” बताया। डेमोक्रेट्स ने इसे जेफरी एपस्टीन मामले से ध्यान हटाने की कोशिश करार दिया।

  • AI वीडियो और ट्रंप का बयान

20 जुलाई 2025 को ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल अकाउंट पर एक 45 सेकंड का AI-जनित वीडियो साझा किया, जो पहले टिकटॉक पर पोस्ट किया गया था। वीडियो में ओबामा और अन्य डेमोक्रेट नेताओं को यह कहते दिखाया गया कि “कोई भी कानून से ऊपर नहीं है।” इसके बाद, नवंबर 2016 में ओबामा और ट्रंप की ओवल ऑफिस मुलाकात के फुटेज का उपयोग कर एक काल्पनिक दृश्य बनाया गया, जिसमें FBI एजेंट्स ओबामा को हथकड़ी लगाते हैं। वीडियो में ओबामा को नारंगी जेल वर्दी में जेल की सलाखों के पीछे दिखाया गया, और बैकग्राउंड में विलेज पीपल का गाना “YMCA” बज रहा था, जो ट्रंप का पसंदीदा गाना है।

22 जुलाई 2025 को ओवल ऑफिस में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा, “उन्होंने (ओबामा ने) चुनाव को चुराने की कोशिश की। यह देशद्रोह था। वे ऐसी चीजें करने की कोशिश कर रहे थे, जो किसी ने पहले नहीं देखीं।” ट्रंप ने बिना सबूत के दावा किया कि ओबामा ने 2016 और 2020 के चुनावों को प्रभावित करने की साजिश रची। उन्होंने यह भी कहा कि तुलसी गैबार्ड ने ओबामा को “पकड़ लिया” और इसके लिए “गंभीर परिणाम” होने चाहिए।

  • तुलसी गैबार्ड का दावा

18 जुलाई 2025 को राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गैबार्ड ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की, जिसमें उन्होंने ओबामा प्रशासन पर 2016 के चुनाव में रूसी हस्तक्षेप की “झूठी खुफिया जानकारी” तैयार करने का आरोप लगाया। गैबार्ड ने 100 से अधिक गोपनीय दस्तावेजों को सार्वजनिक किया, जिनमें 18 सितंबर 2020 का एक हाउस इंटेलिजेंस कमेटी का दस्तावेज शामिल है। उनके अनुसार, ये दस्तावेज दिखाते हैं कि ओबामा और उनके शीर्ष अधिकारी, जैसे पूर्व CIA निदेशक जॉन ब्रेनन, पूर्व FBI निदेशक जेम्स कोमी, और पूर्व राष्ट्रीय खुफिया निदेशक जेम्स क्लैपर, ने रूस के हस्तक्षेप की गलत कहानी बनाकर ट्रंप की जीत को अवैध ठहराने की कोशिश की।

गैबार्ड ने 20 जुलाई 2025 को फॉक्स न्यूज के “संडे मॉर्निंग फ्यूचर्स” में कहा, “ये दस्तावेज साबित करते हैं कि ओबामा और उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम ने एक देशद्रोही साजिश रची, जिसका मकसद अमेरिकी जनता की इच्छा को कमजोर करना और ट्रंप के खिलाफ सालों तक चला तख्तापलट था।” उन्होंने इन दस्तावेजों को न्याय विभाग को आपराधिक जांच के लिए भेजने की बात कही। गैबार्ड ने यह भी दावा किया कि ओबामा प्रशासन ने क्रिस्टोफर स्टील के डोजियर का इस्तेमाल किया, जो ट्रंप और रूस के बीच संबंधों का दावा करता था, लेकिन जिसे बाद में अविश्वसनीय माना गया।

  • ओबामा का जवाब

22 जुलाई 2025 को ओबामा के प्रवक्ता पैट्रिक रोडेनबश ने एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया, “आम तौर पर हम इस व्हाइट हाउस से निकलने वाली बकवास और गलत सूचनाओं का जवाब नहीं देते, लेकिन ये आरोप इतने बेतुके हैं कि जवाब देना जरूरी है। ये हास्यास्पद और ध्यान भटकाने का कमजोर प्रयास हैं।” रोडेनबश ने कहा कि गैबार्ड के दस्तावेज 2016 में रूस के हस्तक्षेप की व्यापक रूप से स्वीकृत निष्कर्ष को कमजोर नहीं करते, जिसमें कहा गया था कि रूस ने हिलेरी क्लिंटन के अभियान को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन वोटों में हेरफेर नहीं किया।

ओबामा प्रशासन ने दिसंबर 2016 में कहा था कि रूस ने डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी (DNC) के ईमेल हैक किए और विकीलीक्स के जरिए उन्हें सार्वजनिक किया, ताकि क्लिंटन के अभियान को नुकसान पहुंचे। 2020 में रिपब्लिकन-नेतृत्व वाली सीनेट इंटेलिजेंस कमेटी ने भी इस निष्कर्ष का समर्थन किया था।

डेमोक्रेट्स ने गैबार्ड के दावों को “राजनीति से प्रेरित” और “गलत” बताया। हाउस इंटेलिजेंस कमेटी के वरिष्ठ डेमोक्रेट जिम हाइम्स ने कहा, “गैबार्ड का देशद्रोह का आरोप बेबुनियाद है। यह एपस्टीन मामले से ध्यान हटाने की कोशिश है।” सीनेट इंटेलिजेंस कमेटी के डेमोक्रेट मार्क वॉर्नर ने कहा, “गैबार्ड खुफिया जानकारी को तोड़-मरोड़ रही हैं। 2020 की सीनेट रिपोर्ट ने साफ कहा कि रूस ने ट्रंप के पक्ष में हस्तक्षेप किया।”

वॉशिंगटन पोस्ट और फैक्टचेक.ऑर्ग ने गैबार्ड के दावों को भ्रामक बताया। उनके अनुसार, गैबार्ड ने 2016 की खुफिया रिपोर्ट को गलत तरीके से पेश किया, जो वोटिंग सिस्टम में हेरफेर के बजाय DNC हैकिंग और प्रचार पर केंद्रित थी। पूर्व CIA निदेशक जॉन ब्रेनन ने कहा, “ये आरोप गलत हैं। मुझे नहीं पता कि ट्रंप प्रशासन क्या चाहता है, लेकिन यह गलत और परेशान करने वाला है।”

कई डेमोक्रेट्स और विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप और गैबार्ड के ये आरोप जेफरी एपस्टीन मामले से ध्यान हटाने की कोशिश हैं। एपस्टीन, एक दोषी यौन अपराधी, 2019 में जेल में मृत पाया गया था। ट्रंप प्रशासन पर उनके दस्तावेजों को सार्वजनिक न करने का दबाव है। ट्रंप ने 22 जुलाई को एपस्टीन पर सवालों का जवाब देने के बजाय ओबामा पर हमला बोला। सीनेटर मार्क वॉर्नर ने कहा, “ट्रंप प्रशासन सब कुछ डीक्लासिफाई कर रहा है, सिवाय एपस्टीन फाइलों के।”

ट्रंप ने गैबार्ड की घोषणा के बाद 17 बार उनके दावों को सोशल मीडिया पर साझा किया। 22 जुलाई को एक रिपब्लिकन सांसदों के साथ कार्यक्रम में ट्रंप ने गैबार्ड की तारीफ की और कहा, “वह इस समय कमरे की सबसे आकर्षक व्यक्ति हैं।” गैबार्ड ने 23 जुलाई को व्हाइट हाउस प्रेस ब्रीफिंग में अपने दावों को दोहराया और कहा कि ये दस्तावेज “ओबामा के नेतृत्व में खुफिया जानकारी के दुरुपयोग” को साबित करते हैं।

हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि गैबार्ड का दावा कानूनी रूप से कमजोर है, क्योंकि साजिश के लिए समय-सीमा (statute of limitations) लागू हो सकती है। जिम हाइम्स ने कहा, “कोई भी जज इन आरोपों को गंभीरता से नहीं लेगा। यह हंसी का विषय है।”

सोशल मीडिया पर इस विवाद ने तीखी बहस छेड़ दी। कुछ ट्रंप समर्थकों ने गैबार्ड के दावों का स्वागत किया। एक यूजर ने लिखा, “तुलसी ने ओबामा की साजिश को बेनकाब कर दिया। अब न्याय होना चाहिए।” दूसरी ओर, कई लोगों ने इसे राजनीतिक स्टंट बताया। एक यूजर ने लिखा, “AI वीडियो और देशद्रोह जैसे शब्दों का इस्तेमाल सिर्फ सुर्खियां बटोरने के लिए है।”

ट्रंप का ओबामा पर देशद्रोह का आरोप और AI वीडियो साझा करना, साथ ही गैबार्ड के दस्तावेजों ने अमेरिकी राजनीति में एक नया विवाद खड़ा कर दिया। ये आरोप 2016 के रूस हस्तक्षेप की जांच को फिर से जीवित करते हैं, जिसे ट्रंप हमेशा “धोखा” कहते रहे हैं। ओबामा और डेमोक्रेट्स ने इन दावों को खारिज किया है, और विशेषज्ञों ने गैबार्ड के सबूतों को भ्रामक बताया। यह विवाद ट्रंप प्रशासन की एपस्टीन मामले से ध्यान हटाने की कोशिश को दर्शाता है। यह देखना बाकी है कि क्या ये आरोप कानूनी जांच में आगे बढ़ेंगे या सिर्फ राजनीतिक शोर बनकर रह जाएंगे।

Also Read- ऊर्जा मंत्री एके शर्मा की बिजली अधिकारियों को कड़ी चेतावनी- दिल्ली तक भागो, कोई बचाने वाला नहीं मिलेगा।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow