Viral: कार में आगे की सीट पर बैठने को लेकर बेटे ने की पिता की हत्या
बात इतनी बढ़ गई कि दीपक ने गुस्से में आकर अपने पिता की लाइसेंसी बंदूक उठाई और उनके बाएं गाल पर गोली चला दी। गोली से सुरेंद्र सिंह के चेहरे पर कई छर्रों के निशान ब...
दिल्ली के तिमारपुर इलाके में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक 26 वर्षीय युवक ने कार की आगे की सीट पर बैठने के विवाद में अपने पिता की गोली मारकर हत्या कर दी। मृतक की पहचान 60 वर्षीय सुरेंद्र सिंह के रूप में हुई है, जो केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के रिटायर्ड सब-इंस्पेक्टर थे। पुलिस ने आरोपी बेटे दीपक को मौके से गिरफ्तार कर लिया और हत्या में इस्तेमाल हुई लाइसेंसी बंदूक के साथ 11 जिंदा कारतूस बरामद किए। यह घटना गुरुवार, 26 जून 2025 को शाम करीब 7:30 बजे तिमारपुर के एमएस ब्लॉक के पास हुई। सुरेंद्र सिंह का परिवार उत्तराखंड के अपने पैतृक गांव में बसने की तैयारी कर रहा था। इसके लिए उन्होंने अपना सामान ले जाने के लिए एक कार किराए पर लिया था। सामान लादने के दौरान सुरेंद्र सिंह और उनके बेटे दीपक के बीच कार की आगे की सीट पर बैठने को लेकर बहस शुरू हो गई। सुरेंद्र सिंह ने सामान की वजह से आगे की सीट पर बैठने की बात कही, लेकिन दीपक इस बात पर अड़ गया कि वह आगे बैठेगा।
बात इतनी बढ़ गई कि दीपक ने गुस्से में आकर अपने पिता की लाइसेंसी बंदूक उठाई और उनके बाएं गाल पर गोली चला दी। गोली से सुरेंद्र सिंह के चेहरे पर कई छर्रों के निशान बने और वह मौके पर ही खून से लथपथ होकर गिर पड़े। आसपास के लोगों ने दीपक से बंदूक छीनने की कोशिश की, तभी गश्त पर निकली पुलिस ने गोली की आवाज सुनकर मौके पर पहुंचकर दीपक को हिरासत में ले लिया। सुरेंद्र सिंह को तुरंत एचआरएच अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने दीपक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया है। जांच में पता चला कि सुरेंद्र सिंह ने छह महीने पहले रिटायर हुए थे। पड़ोसियों ने इस घटना पर गहरा शोक और आश्चर्य व्यक्त किया है। एक पड़ोसी ने बताया कि सुरेंद्र सिंह का परिवार पिछले कई सालों से इलाके में रह रहा था और सभी के साथ उनका व्यवहार अच्छा था। दीपक के बारे में कुछ लोगों ने बताया कि वह मानसिक रूप से अस्थिर था और अक्सर छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा हो जाता था।
- जांच में क्या सामने आया?
इस घटना ने समाज में पारिवारिक रिश्तों और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं। सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस तरह की घटनाएं यह दर्शाती हैं कि परिवार के अंदर संवाद की कमी और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को नजरअंदाज करना कितना खतरनाक हो सकता है। कुछ लोगों ने बंदूक के लाइसेंस और उनके सुरक्षित रखरखाव पर भी सवाल उठाए हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, दीपक ने अपने पिता की लाइसेंसी बंदूक का इस्तेमाल किया, जो सुरेंद्र सिंह के पास थी। प्रारंभिक जांच में पता चला कि दीपक और उसके पिता के बीच पहले भी छोटे-मोटे विवाद होते रहते थे, लेकिन किसी ने इस तरह की भयानक घटना की कल्पना नहीं की थी। पुलिस ने बताया कि दीपक को गिरफ्तार कर लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है। आगे की जांच में यह पता लगाया जा रहा है कि दीपक की मानसिक स्थिति और इस घटना के पीछे के अन्य कारण क्या थे।
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