Bollywood News: कमल हासन के कन्नड़ भाषा पर बयान से कर्नाटक में बवाल- 'थग लाइफ' पर बैन की धमकी, माफी की मांग तेज।
तमिल सिनेमा के दिग्गज अभिनेता और मक्कल निधि मय्यम (MNM) के अध्यक्ष कमल हासन एक बार फिर विवादों के केंद्र में हैं। 25 मई 2025 को...

तमिल सिनेमा के दिग्गज अभिनेता और मक्कल निधि मय्यम (MNM) के अध्यक्ष कमल हासन एक बार फिर विवादों के केंद्र में हैं। 25 मई 2025 को चेन्नई में अपनी आगामी फिल्म थग लाइफ के ऑडियो लॉन्च के दौरान, कमल हासन ने कथित तौर पर कहा कि “कन्नड़ भाषा का जन्म तमिल से हुआ है।” इस बयान ने कर्नाटक में भारी विवाद खड़ा कर दिया, जिसके बाद कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स (KFCC) ने उनकी फिल्म थग लाइफ के प्रदर्शन पर रोक लगाने की चेतावनी दी। कर्नाटक के कन्नड़ और संस्कृति मंत्री शिवराज तंगडगी ने भी कमल हासन से तत्काल माफी की मांग की, और कहा कि माफी न देने पर उनकी फिल्मों पर राज्य में प्रतिबंध लगाया जाएगा। इस घटना ने कन्नड़ और तमिल भाषाई समुदायों के बीच तनाव को बढ़ा दिया है, और सामाजिक, सांस्कृतिक, और राजनीतिक स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है।
- विवाद की शुरुआत: कमल हासन का बयान
चेन्नई में मणिरत्नम द्वारा निर्देशित फिल्म थग लाइफ के ऑडियो लॉन्च समारोह में कमल हासन ने कन्नड़ अभिनेता शिवराजकुमार की उपस्थिति की सराहना की। अपने भाषण में, उन्होंने तमिल भाषा के प्रति अपने प्रेम को व्यक्त करते हुए कहा, “मेरा जीवन और मेरा परिवार तमिल है। आपकी भाषा (कन्नड़) तमिल से जन्मी है, इसलिए आप भी इस परिवार का हिस्सा हैं।” इस बयान को कन्नड़ समुदाय ने अपनी भाषा और संस्कृति का अपमान माना। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और कहा, “कन्नड़ की समृद्ध और लंबी इतिहास है। कमल हासन को इसकी जानकारी नहीं है।”
कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने भी कमल हासन की निंदा की और इसे “कन्नड़ भाषा का अपमान” करार देते हुए बिना शर्त माफी की मांग की। कर्नाटक रक्षना वेदике (KRV) जैसे प्रो-कन्नड़ संगठनों ने बेलगावी, मैसूर, हुबली, और बेंगलुरु में विरोध प्रदर्शन किए, जिसमें कमल हासन के पुतले और पोस्टर जलाए गए। KRV के अध्यक्ष प्रवीण शेट्टी ने चेतावनी दी कि अगर कमल हासन माफी नहीं मांगते, तो उनकी फिल्मों का कर्नाटक में बहिष्कार किया जाएगा।विवाद बढ़ने के बाद, 28 मई को कमल हासन ने चेन्नई में मीडिया से बातचीत में अपने बयान पर सफाई दी। उन्होंने कहा, “मैंने जो कहा, वह प्रेम और इतिहासकारों से प्राप्त जानकारी के आधार पर कहा। मैंने किसी का अपमान करने का इरादा नहीं किया।
राजनेता भाषा के मूल पर चर्चा करने के लिए योग्य नहीं हैं; यह काम भाषाविदों और इतिहासकारों का है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि उनकी टिप्पणी को गलत संदर्भ में लिया गया और वह कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और केरल से सच्चा प्रेम करते हैं। 30 मई को, कमल हासन ने फिर से माफी मांगने से इनकार कर दिया। चेन्नई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा, “यह एक लोकतांत्रिक देश है। मैं कानून और न्याय में विश्वास करता हूं। अगर मैं गलत हूं, तो माफी मांगूंगा, लेकिन मुझे नहीं लगता कि मैंने कुछ गलत कहा।” उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि उन्हें पहले भी धमकियां मिल चुकी हैं, और वह कर्नाटक के प्रति अपने प्रेम पर संदेह करने वालों को “एजेंडा” रखने वाला करार दिया।
- कर्नाटक सरकार और KFCC
कर्नाटक के कन्नड़ और संस्कृति मंत्री शिवराज तंगडगी ने 29 मई को KFCC को पत्र लिखकर कमल हासन की फिल्मों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। उन्होंने कहा, “चाहे कोई कितना भी बड़ा व्यक्ति हो, हम अपनी भाषा, भूमि, और पानी के खिलाफ अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे। कमल हासन को तुरंत माफी मांगनी चाहिए।” 30 मई को, KFCC ने घोषणा की कि कमल हासन की फिल्म थग लाइफ, जो 5 जून को रिलीज होने वाली है, को कर्नाटक में प्रदर्शित नहीं होने दिया जाएगा, जब तक कि वह सार्वजनिक माफी नहीं मांगते।
KFCC के अध्यक्ष एम. नरसिम्हालु ने कहा, “हमने दक्षिण भारतीय फिल्म चैंबर को इस मुद्दे पर पत्र लिखा है। कमल हासन को जल्द से जल्द माफी मांगनी होगी।” पूर्व KFCC अध्यक्ष सा. रा. गोविंदु ने और सख्त रुख अपनाते हुए कहा, “कमल हासन के लिए हमारी कोई सहानुभूति नहीं है। अगर वह माफी नहीं मांगते, तो हम कन्नड़ संगठनों के साथ मिलकर विरोध करेंगे।” बेंगलुरु पुलिस में KRV ने कमल हासन के खिलाफ शिकायत दर्ज की, जिसमें उनके बयान को कन्नड़िगा और तमिल समुदायों के बीच शांति भंग करने वाला बताया गया।
- कन्नड़ और तमिल समुदायों का समर्थन और विरोध
इस विवाद ने कन्नड़ और तमिल समुदायों के बीच तनाव को बढ़ा दिया। कर्नाटक में KRV और अन्य प्रो-कन्नड़ संगठनों ने कमल हासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज कर दिए। बेलगावी में, KRV कार्यकर्ताओं ने कमल हासन के पोस्टर जलाए, और बेंगलुरु में एक कार्यकर्ता के खिलाफ पोस्टर जलाने के लिए FIR दर्ज की गई। कन्नड़ अभिनेत्री और पूर्व KFCC अध्यक्ष जयमाला ने कहा, “चाहे जानबूझकर हो या अनजाने में, कमल हासन का बयान गलत था। कन्नड़िगा एकजुट होकर इसका विरोध करेंगे।”
दूसरी ओर, तमिल सिनेमा जगत और दक्षिण भारतीय कलाकार संघ (SIAA) ने कमल हासन का समर्थन किया। SIAA ने बयान जारी कर कहा, “कमल हासन ने हमेशा क्षेत्रीय एकता की वकालत की है। जब कन्नड़ अभिनेता डॉ. राजकुमार का अपहरण हुआ था, तब कमल हासन ने उनकी रिहाई के लिए आवाज उठाई थी। उन्हें कन्नड़ विरोधी बताना गलत है।” कन्नड़ अभिनेता शिवराजकुमार ने भी कमल हासन का बचाव करते हुए कहा, “वह हमेशा कन्नड़ भाषा की तारीफ करते रहे हैं। उनके बयान को गलत संदर्भ में लिया गया।” अभिनेत्री रम्या ने भी कमल हासन का समर्थन किया और कहा कि एक छोटी सी गलती को माफ किया जा सकता है। यह विवाद भाषाई गौरव और क्षेत्रीय पहचान के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाता है। कन्नड़ भाषा का इतिहास 2,000 वर्ष से अधिक पुराना है, और यह द्रविड़ भाषा परिवार का हिस्सा है। भाषाविदों के अनुसार, कन्नड़ और तमिल में सांस्कृतिक और भाषाई समानताएं हैं, लेकिन दोनों का स्वतंत्र विकास हुआ है। कमल हासन का बयान भाषाई इतिहास की जटिलताओं को सरलीकृत करने का प्रयास था, जिसे कन्नड़ समुदाय ने अपनी पहचान पर हमला माना।
समाजशास्त्री डॉ. अनीता राठौर ने हिंदुस्तान टाइम्स से कहा, “भाषा और संस्कृति लोगों की भावनाओं से गहरे जुड़े होते हैं। इस तरह के बयान क्षेत्रीय तनाव को बढ़ा सकते हैं।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सार्वजनिक हस्तियों को अपनी टिप्पणियों में सावधानी बरतनी चाहिए। मनोवैज्ञानिक डॉ. रमेश ठाकुर ने कहा, “कमल हासन का माफी न मांगना उनके आत्मविश्वास को दर्शाता है, लेकिन यह विवाद को और भड़का सकता है। संवाद और मध्यस्थता ही इसका समाधान है।”
सोशल मीडिया, विशेष रूप से एक्स पर, इस मुद्दे ने व्यापक चर्चा को जन्म दिया। @IndiaToday ने 30 मई को पोस्ट किया, “कमल हासन को 24 घंटे की डेडलाइन माफी के लिए।” @PTI_News ने लिखा, “कमल हासन की फिल्में कर्नाटक में बैन होंगी अगर वह माफी नहीं मांगते।” @htshowbiz ने 31 मई को पोस्ट किया, “कमल हासन की सभी फिल्में कर्नाटक में बैन, मंत्री ने दी चेतावनी।” कन्नड़ समर्थकों ने #ApologiseKamalHaasan जैसे हैशटैग का इस्तेमाल कर माफी की मांग की, जबकि तमिल समर्थकों ने #WeStandWithKamalHaasan के साथ उनका समर्थन किया। कमल हासन के खिलाफ बेंगलुरु के आरटी नगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई, जिसमें उनके बयान को “कन्नड़ और तमिल समुदायों के बीच शांति भंग करने वाला” बताया गया। हालांकि, कमल हासन ने कानून और न्याय पर भरोसा जताया और कहा कि वह सही होने पर माफी नहीं मांगेंगे। यह विवाद कला और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बनाम सांस्कृतिक संवेदनशीलता के बीच तनाव को भी दर्शाता है।
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