तमिलनाडु के एरोड जंक्शन पर RPF हेड कांस्टेबल जगदीशन की तत्परता से बची महिला की जान, रेलवे ने की सराहना।
भारतीय रेलवे देश की जीवन रेखा है, जो लाखों यात्रियों को प्रतिदिन सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाती है। लेकिन कभी-कभी यात्रियों की जल्दबाजी या प्लेटफॉर्म पर भीड़भाड़ के कारण
भारतीय रेलवे देश की जीवन रेखा है, जो लाखों यात्रियों को प्रतिदिन सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाती है। लेकिन कभी-कभी यात्रियों की जल्दबाजी या प्लेटफॉर्म पर भीड़भाड़ के कारण दुर्घटनाएं हो जाती हैं। ऐसी ही एक घटना तमिलनाडु के एरोड जंक्शन रेलवे स्टेशन पर घटी, जहां एक महिला ट्रेन में चढ़ते समय फिसल गई। सौभाग्य से, रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) के हेड कांस्टेबल जगदीशन ने अपनी फुर्ती से उसे बचा लिया। यह घटना 27 अक्टूबर 2025 की रात की है, जब स्टेशन पर सीसीटीवी कैमरों ने इस साहसिक बचाव को कैद कर लिया। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और लोगों ने जगदीशन की बहादुरी की खूब तारीफ की।
एरोड जंक्शन तमिलनाडु का एक प्रमुख रेलवे स्टेशन है, जो कोयंबटूर से करीब 100 किलोमीटर दूर स्थित है। यह स्टेशन दक्षिण भारत के कई महत्वपूर्ण ट्रेनों का ठहराव स्थल है। यहां प्रतिदिन हजारों यात्री आते-जाते हैं, जिनमें से कई लोकल ट्रेनों या एक्सप्रेस ट्रेनों से यात्रा करते हैं। 27 अक्टूबर की रात करीब 9 बजे, ट्रेन नंबर 22650 येरकॉड एक्सप्रेस चेन्नई के लिए रवाना होने वाली थी। यह ट्रेन तमिलनाडु के विभिन्न जिलों से यात्रियों को चेन्नई ले जाती है। प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर खड़ी इस ट्रेन में चढ़ने के लिए यात्रियों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। एक युवा महिला, जिसकी उम्र करीब 25-30 वर्ष बताई जा रही है, ट्रेन में चढ़ने की जल्दी में थी। वह सामान के साथ दौड़ रही थी, ताकि सीट मिल सके। लेकिन जैसे ही ट्रेन धीरे-धीरे चलने लगी, महिला का पैर फिसल गया। वह प्लेटफॉर्म और ट्रेन के बीच के गैप में गिरने लगी। अगर ऐसा होता, तो ट्रेन के पहियों के नीचे दबकर उसकी जान जा सकती थी।
इस बीच, RPF हेड कांस्टेबल श्री जगदीशन प्लेटफॉर्म पर गश्त कर रहे थे। जगदीशन करूर रेलवे स्टेशन पर तैनात हैं, लेकिन उस दिन वे एरोड जंक्शन पर विशेष ड्यूटी पर थे। दक्षिणी रेलवे के अधीन कार्यरत जगदीशन पिछले 10 वर्षों से RPF में सेवा दे रहे हैं। वे स्थानीय निवासी हैं और रेलवे सुरक्षा में अपनी सतर्कता के लिए जाने जाते हैं। घटना के समय वे पास ही खड़े थे। यात्रियों के चीखने की आवाज सुनते ही वे दौड़े। वीडियो में साफ दिख रहा है कि जगदीशन ने बिना एक सेकंड गंवाए महिला का हाथ पकड़ लिया। महिला का आधा शरीर ट्रेन और प्लेटफॉर्म के बीच लटक रहा था, लेकिन जगदीशन ने पूरी ताकत से उसे खींचा। ट्रेन की गति धीमी होने के कारण उन्हें थोड़ा समय मिल गया, लेकिन खतरा अभी भी मंडरा रहा था। जगदीशन ने खुद को संभाला और एक साथी यात्री की मदद से महिला को प्लेटफॉर्म पर खींच लिया। पूरा बचाव मात्र 5-6 सेकंड में हो गया। महिला को कोई गंभीर चोट नहीं लगी, सिर्फ हल्की खरोंच और सदमा लगा। स्टेशन स्टाफ ने तुरंत उसे मेडिकल सहायता दी और अगली ट्रेन से भेजा।
यह घटना स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज में रिकॉर्ड हो गई, जिसे रेलवे अधिकारियों ने सोशल मीडिया पर शेयर किया। हिंदुस्तान टाइम्स और द हिंदू जैसे समाचार पत्रों ने इसे प्रमुखता से कवर किया। वीडियो में जगदीशन की फुर्ती साफ झलक रही है। एक यात्री ने बताया कि महिला ट्रेन पकड़ने की जल्दी में थी, क्योंकि उसका सामान पहले ही चढ़ा दिया गया था। लेकिन प्लेटफॉर्म पर फर्श गीला होने से पैर फिसल गया। एरोड जंक्शन पर रात के समय प्लेटफॉर्म पर भीड़ अधिक रहती है, खासकर लोकल और एक्सप्रेस ट्रेनों के समय। रेलवे के अनुसार, पिछले वर्ष तमिलनाडु में 50 से अधिक ऐसी घटनाएं हुईं, जहां यात्रियों को गिरने से बचाया गया। लेकिन जगदीशन का यह कार्य विशेष रूप से सराहनीय है, क्योंकि ट्रेन चल रही थी।
रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स की भूमिका रेल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की है। RPF को 1957 में स्थापित किया गया था और यह रेल मंत्रालय के अधीन कार्य करती है। दक्षिणी रेलवे जोन में करीब 5,000 RPF जवान तैनात हैं, जो स्टेशनों पर गश्त, यात्रियों की सहायता और अपराध रोकथाम करते हैं। जगदीशन जैसे जवान रोजाना ऐसी चुनौतियों का सामना करते हैं। दक्षिणी रेलवे के महाप्रबंधक ने जगदीशन को तत्काल प्रशंसा पत्र दिया। रेल मंत्री ने भी ट्वीट कर उनकी बहादुरी की सराहना की। एरोड डिवीजन के अधिकारियों ने कहा कि जगदीशन को विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इसके अलावा, रेलवे ने सभी स्टेशनों पर जागरूकता अभियान चलाने का फैसला किया, ताकि यात्री ट्रेन रुकने पर ही चढ़ें।
यह घटना सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई। एक्स (पूर्व ट्विटर) पर हजारों यूजर्स ने वीडियो शेयर किया। एक यूजर ने लिखा, "RPF के इस जवान को सलाम। उनकी ट्रेनिंग और साहस ने एक जान बचाई।" दूसरे ने कहा, "ऐसे हीरो को आर्थिक पुरस्कार मिलना चाहिए।" दक्षिणी रेलवे के आधिकारिक हैंडल ने वीडियो पोस्ट किया, जिसे लाखों व्यूज मिले। कई लोगों ने RPF को धन्यवाद दिया और कहा कि ऐसी घटनाएं रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर भरोसा बढ़ाती हैं। जगदीशन ने मीडिया से बातचीत में कहा, "यह मेरा कर्तव्य था। मैं रोजाना स्टेशन पर गश्त करता हूं ताकि कोई हादसा न हो।" वे पत्नी और दो बच्चों के पिता हैं और कहते हैं कि परिवार ही उनकी प्रेरणा है।
तमिलनाडु में रेलवे स्टेशन पर ऐसी घटनाएं आम हैं। एरोड, कोयंबटूर और चेन्नई जैसे व्यस्त स्टेशनों पर यात्रियों की संख्या अधिक होने से जोखिम बढ़ जाता है। रेलवे ने हाल ही में प्लेटफॉर्म पर नॉन-स्किड फर्श लगाने का काम शुरू किया है। साथ ही, सीसीटीवी कवरेज को 100 प्रतिशत करने का लक्ष्य है। विशेषज्ञों का कहना है कि यात्रियों को ट्रेन के पूरी तरह रुकने का इंतजार करना चाहिए। बच्चों और बुजुर्गों के साथ यात्रा करने वालों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए। रेलवे का 'मिशन जीवन रक्षा' अभियान इसी दिशा में काम कर रहा है, जिसमें पिछले दो वर्षों में 1,000 से अधिक यात्रियों को बचाया गया।
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