Online सट्टेबाजी ऐप्स बैन, क्या Dream 11 जैसे ऐप्स भी होंगे बंद, केंद्र सरकार का Online Gaming पर सख्त कदम। 

केंद्र सरकार ने Online Gaming उद्योग को नियंत्रित करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। 19 अगस्त 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की

Aug 21, 2025 - 11:29
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Online सट्टेबाजी ऐप्स बैन, क्या Dream 11 जैसे ऐप्स भी होंगे बंद, केंद्र सरकार का Online Gaming पर सख्त कदम। 
Online सट्टेबाजी ऐप्स बैन, क्या Dream 11 जैसे ऐप्स भी होंगे बंद, केंद्र सरकार का Online Gaming पर सख्त कदम। 

केंद्र सरकार ने Online Gaming उद्योग को नियंत्रित करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। 19 अगस्त 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 'Online Gaming (प्रमोशन एंड रेगुलेशन) बिल, 2025' को मंजूरी दी गई। इस बिल को 20 अगस्त 2025 को केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में पेश किया और इसे उसी दिन पारित कर दिया गया। इस कानून का मुख्य उद्देश्य सट्टेबाजी और जुए से जुड़े Online Gaming प्लेटफॉर्म्स पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना है, जिसमें फैंटेसी स्पोर्ट्स, पोकर, रमी, और Online लॉटरी जैसे गेम शामिल हैं। इसके साथ ही, इस बिल में सेलिब्रिटी या प्रभावशाली व्यक्तियों द्वारा ऐसे Games के विज्ञापन या प्रचार पर भी रोक लगाई गई है। सरकार का कहना है कि यह कदम युवाओं को लत, आर्थिक नुकसान, और मानसिक स्वास्थ्य जोखिमों से बचाने के लिए उठाया गया है।

  • बिल के प्रमुख प्रावधान

'Online Gaming (प्रमोशन एंड रेगुलेशन) बिल, 2025' में कई सख्त प्रावधान शामिल हैं, जो Online Money Gaming को पूरी तरह नियंत्रित करने के लिए बनाए गए हैं। ये प्रावधान निम्नलिखित हैं:

Real Money Games पर पूर्ण प्रतिबंध: इस बिल के तहत उन सभी Online Games पर रोक लगेगी, जिनमें पैसे का लेन-देन शामिल हो, जैसे फैंटेसी स्पोर्ट्स (ड्रीम11, माय11सर्कल), कार्ड Games (पोकर, रमी), और Online लॉटरी। चाहे गेम कौशल पर आधारित हो या किस्मत पर, अगर उसमें पैसे लगाकर पैसे जीतने का तत्व हो, तो उसे 'Real Money गेम' माना जाएगा और वह अवैध होगा।

विज्ञापन और प्रचार पर रोक: कोई भी व्यक्ति, चाहे वह सेलिब्रिटी हो, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हो, या ब्रांड एंबेसडर, Real Money Games का प्रचार नहीं कर सकेगा। ऐसा करने वालों को 2 साल तक की जेल और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।

वित्तीय लेन-देन पर प्रतिबंध: बैंकों और वित्तीय संस्थानों को इन Games से जुड़े किसी भी लेन-देन को संसाधित करने से रोका जाएगा। इससे अवैध सट्टेबाजी नेटवर्क और Money लॉन्ड्रिंग पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।

कठोर दंड: Real Money Games की पेशकश करने, संचालन करने, या सुविधा प्रदान करने वालों को 3 साल तक की जेल और 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। बार-बार उल्लंघन करने पर 5 साल तक की जेल और 2 करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। हालांकि, खिलाड़ियों को सजा का प्रावधान नहीं है।

Online Gaming अथॉरिटी की स्थापना: सरकार एक राष्ट्रीय स्तर की अथॉरिटी बनाएगी, जो Gaming उद्योग की निगरानी करेगी, Games को पंजीकृत करेगी, और यह तय करेगी कि कौन सा गेम Real Money गेम की श्रेणी में आता है।

ई-स्पोर्ट्स और सोशल Games को प्रोत्साहन: यह बिल ई-स्पोर्ट्स, शैक्षिक Games, और सामाजिक Games को बढ़ावा देगा, जिनमें मौद्रिक दांव शामिल नहीं होते। इसका उद्देश्य भारत को Gaming डेवलपमेंट का वैश्विक केंद्र बनाना है।

सरकार ने इस बिल को लाने के पीछे कई सामाजिक और आर्थिक कारण बताए हैं। सरकारी अनुमानों के अनुसार, भारत में हर साल लगभग 45 करोड़ लोग Online Money Games में फंसकर 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान उठाते हैं। ये Games युवाओं में लत, आर्थिक नुकसान, मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं, और कुछ मामलों में आत्महत्या जैसी गंभीर घटनाओं का कारण बन रहे हैं। इसके अलावा, इन प्लेटफॉर्म्स का उपयोग Money लॉन्ड्रिंग, वित्तीय धोखाधड़ी, और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाली गतिविधियों के लिए भी हो रहा है।

हाल के वर्षों में Online सट्टेबाजी और जुए से जुड़ी ठगी की घटनाएं बढ़ी हैं। उदाहरण के लिए, ड्रीम11 और माय11सर्कल जैसे फैंटेसी स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म्स ने लाखों लोगों को आकर्षित किया, लेकिन कई यूजर्स ने कर्ज में डूबने और आर्थिक संकट का सामना करने की शिकायत की। कुछ मामलों में, अवैध सट्टेबाजी नेटवर्क ने इन प्लेटफॉर्म्स का दुरुपयोग किया। सरकार का कहना है कि यह बिल उपभोक्ताओं की सुरक्षा, पारदर्शिता, और सामाजिक हितों को प्राथमिकता देता है।

  • उद्योग और रोजगार पर प्रभाव

भारत का Online Gaming उद्योग वर्तमान में लगभग 32,000 करोड़ रुपये का है, जिसमें से 86% राजस्व Real Money Games से आता है। इस उद्योग ने पिछले कुछ वर्षों में 25,000 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश आकर्षित किया है और करीब 2 लाख नौकरियां पैदा की हैं। इस बिल के लागू होने से ड्रीम11, Games24x7, विंजो, और Gamesक्राफ्ट जैसी प्रमुख कंपनियां प्रभावित होंगी, क्योंकि उनका बिजनेस मॉडल Real Money Gaming पर आधारित है।

ऑल इंडिया Gaming फेडरेशन (AIGF), ई-Gaming फेडरेशन (EGF), और फेडरेशन ऑफ इंडियन फैंटेसी स्पोर्ट्स (FIFS) ने इस बिल का विरोध किया है। उनका तर्क है कि यह प्रतिबंध संविधान के खिलाफ हो सकता है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने पहले कहा है कि फैंटेसी स्पोर्ट्स और रमी जैसे कौशल-आधारित Games को जुआ नहीं माना जा सकता। इन संगठनों ने गृह मंत्री अमित शाह से "प्रोग्रेसिव रेगुलेशन" की मांग की है, ताकि उद्योग को नष्ट होने से बचाया जा सके।

विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि इस प्रतिबंध से सरकार को हर साल 20,000 करोड़ रुपये के टैक्स राजस्व का नुकसान हो सकता है। इसके अलावा, Gaming प्लेटफॉर्म्स विज्ञापन, मीडिया, और तकनीकी सेवाओं पर 6,000 करोड़ रुपये सालाना खर्च करते हैं, जो संबद्ध उद्योगों को भी प्रभावित करेगा। उद्योग के विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रतिबंध खिलाड़ियों को अनियमित विदेशी प्लेटफॉर्म्स की ओर धकेल सकता है, जहां कोई सुरक्षा नहीं होगी।

इस बिल का एक महत्वपूर्ण पहलू सेलिब्रिटी और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स द्वारा Real Money Games के प्रचार पर रोक है। हाल के वर्षों में, कई मशहूर हस्तियों ने ड्रीम11, माय11सर्कल, और अन्य सट्टेबाजी ऐप्स का प्रचार किया है। उदाहरण के लिए, ड्रीम11 भारतीय क्रिकेट टीम का प्रमुख प्रायोजक है। इस बिल के लागू होने के बाद, ऐसी गतिविधियां अवैध होंगी, और प्रचार करने वालों को कठोर दंड का सामना करना पड़ेगा।

हाल ही में, यूट्यूबर एल्विश यादव के घर पर हुई फायरिंग की घटना में भाऊ गैंग ने सट्टेबाजी ऐप्स को बढ़ावा देने का हवाला दिया था, जिससे इस मुद्दे की गंभीरता और बढ़ गई। यह घटना दर्शाती है कि समाज में Online सट्टेबाजी के प्रचार को लेकर गुस्सा बढ़ रहा है।

सरकार का कहना है कि यह बिल डिजिटल क्षेत्र को भौतिक दुनिया के कानूनों, जैसे भारतीय दंड संहिता, 2023 और विभिन्न राज्य जुआ कानूनों, के अनुरूप बनाता है। Online Money Games को सामाजिक और आर्थिक नुकसान का कारण मानते हुए, सरकार ने राजस्व हानि की आशंका के बावजूद जन कल्याण को प्राथमिकता दी है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह कानून नागरिकों की सुरक्षा करते हुए नवाचार को बढ़ावा देगा और भारत को ई-स्पोर्ट्स और Gaming डेवलपमेंट का वैश्विक केंद्र बनाएगा।

पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने Online Gaming पर सख्ती दिखाई है। अक्टूबर 2023 से इन प्लेटफॉर्म्स पर 28% जीएसटी लागू है, जिसे 2025 में बढ़ाकर 30% कर दिया गया। इसके अलावा, 2022 से फरवरी 2025 तक 1,400 से अधिक सट्टेबाजी और जुआ साइट्स और ऐप्स को ब्लॉक किया गया है।

इस बिल ने Online Gaming उद्योग में व्यापक बहस छेड़ दी है। जहां कुछ लोग इसे उपभोक्ता सुरक्षा और सामाजिक कल्याण के लिए जरूरी मानते हैं, वहीं उद्योग के हितधारक इसे नवाचार और रोजगार के लिए खतरा मानते हैं। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि यह बिल कौशल और किस्मत आधारित Games में अंतर नहीं करता, जो संवैधानिक रूप से चुनौती दी जा सकती है।

सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे को लेकर चर्चा गर्म है। कुछ यूजर्स ने लिखा कि Online सट्टेबाजी की लत ने लाखों परिवारों को बर्बाद किया है, और सरकार का यह कदम स्वागत योग्य है। दूसरी ओर, कुछ यूजर्स का कहना है कि यह प्रतिबंध खिलाड़ियों को गैरकानूनी और असुरक्षित प्लेटफॉर्म्स की ओर ले जाएगा।

'Online Gaming (प्रमोशन एंड रेगुलेशन) बिल, 2025' भारत के Online Gaming उद्योग के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। यह बिल Real Money Games पर पूर्ण प्रतिबंध लगाकर और सेलिब्रिटी प्रचार पर रोक लगाकर उपभोक्ताओं की सुरक्षा और सामाजिक कल्याण को प्राथमिकता देता है। हालांकि, यह उद्योग के लिए चुनौतियां भी लाता है, क्योंकि इससे 2 लाख नौकरियां और 20,000 करोड़ रुपये का राजस्व खतरे में पड़ सकता है। यह बिल अब राज्यसभा में जाएगा, और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून बन जाएगा।

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