एक्टर राजकुमार राव ने जालंधर कोर्ट में किया सरेंडर, ‘बहन होगी तेरी’ फिल्म से जुड़े मामले में मिली जमानत।
Bollywood News: बॉलीवुड अभिनेता राजकुमार राव हाल ही में पंजाब के जालंधर में एक आठ साल पुराने कानूनी मामले को लेकर सुर्खियों में आए। यह मामला....
Bollywood News: बॉलीवुड अभिनेता राजकुमार राव हाल ही में पंजाब के जालंधर में एक आठ साल पुराने कानूनी मामले को लेकर सुर्खियों में आए। यह मामला उनकी 2017 में रिलीज हुई फिल्म ‘बहन होगी तेरी’ से जुड़ा है, जिसमें उन पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगा था। 28 जुलाई 2025 को राजकुमार राव ने जालंधर की जेएमआईसी कोर्ट में सरेंडर किया, जहां जज श्रीजन शुक्ला ने उन्हें सशर्त जमानत दे दी। इस मामले की अगली सुनवाई 5 सितंबर 2025 को होगी।
2017 में रिलीज हुई फिल्म ‘बहन होगी तेरी’ के एक पोस्टर और दृश्य को लेकर विवाद शुरू हुआ। इस पोस्टर में राजकुमार राव को भगवान शिव के रूप में मोटरसाइकिल पर बैठे हुए दिखाया गया था, जिसमें चंद्रमा का प्रतीक और रुद्राक्ष की माला जैसे धार्मिक प्रतीक भी शामिल थे। कुछ लोगों ने इस चित्रण को अपमानजनक माना और इसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताया। जालंधर के एक शिवसेना नेता और फिल्म निर्माता ईशांत शर्मा ने पुलिस डिवीजन नंबर 5 में शिकायत दर्ज की, जिसमें दावा किया गया कि यह चित्रण हिंदू समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करता है।
इस शिकायत के आधार पर राजकुमार राव, फिल्म के निर्देशक नितिन कक्कड़, निर्माता अमूल विकास मोहले और अभिनेत्री श्रुति हासन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 295-ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य), धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 के तहत मामला दर्ज किया गया। इस मामले में पहले ही श्रुति हासन को कोर्ट ने बरी कर दिया था, जबकि निर्देशक और निर्माता को 26 मई 2017 को गिरफ्तार किया गया था, जिन्हें बाद में जमानत मिल गई थी।
- कोर्ट में सरेंडर और जमानत
राजकुमार राव के खिलाफ कोर्ट ने समन जारी किए थे, लेकिन उनके वकील दर्शन सिंह दयाल के अनुसार, समन उनके पुराने गुरुग्राम के पते पर भेजे गए थे, जबकि अभिनेता अब मुंबई के अंधेरी में रहते हैं। इस कारण राजकुमार को समन नहीं मिले और वह कोर्ट में पेश नहीं हो सके। इसके चलते कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया। जैसे ही यह मामला उनके नोटिस में आया, राजकुमार राव ने 28 जुलाई 2025 को जालंधर की जेएमआईसी कोर्ट में सरेंडर कर दिया।
उनके वकील ने कोर्ट में दलील दी कि राजकुमार राव का किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का कोई इरादा नहीं था। उन्होंने बताया कि फिल्म में राजकुमार ने एक किरदार निभाया था, जो एक जागरण मंडली में भगवान शिव की भूमिका निभाता था। यह एक कलात्मक प्रस्तुति थी और इसे सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) ने ‘यूए’ प्रमाणपत्र के साथ मंजूरी दी थी। वकील ने यह भी कहा कि राजकुमार की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत संरक्षित है। कोर्ट ने इन दलीलों से सहमत होते हुए राजकुमार राव को सशर्त जमानत दे दी।
‘बहन होगी तेरी’ एक रोमांटिक कॉमेडी फिल्म थी, जिसमें राजकुमार राव ने गट्टू नामक किरदार निभाया था, जो अपनी पड़ोसन बिन्नी (श्रुति हासन) से प्यार करता है। कहानी में गट्टू एक जागरण मंडली में भगवान शिव की भूमिका निभाता है, जो सामुदायिक धार्मिक आयोजनों का हिस्सा है। फिल्म के एक दृश्य में राजकुमार को भगवान शिव के रूप में मोटरसाइकिल पर दिखाया गया, जिसमें उनके पैरों में चप्पलें थीं, जिसे कुछ लोगों ने अपमानजनक माना।
सीबीएफसी ने शुरू में फिल्म के एक दृश्य को हटाने की सलाह दी थी, जिसमें राजकुमार भगवान शिव के रूप में बाइक से गिरते हैं, क्योंकि इसे धार्मिक भावनाओं के लिए आपत्तिजनक माना जा सकता था। हालांकि, अंतिम रूप से फिल्म को ‘यूए’ प्रमाणपत्र के साथ रिलीज की अनुमति दी गई थी। फिल्म 9 जून 2017 को रिलीज हुई और इसने विश्व स्तर पर लगभग 3.06 करोड़ रुपये की कमाई की। समीक्षकों से फिल्म को मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली थी।
- कोर्ट की कार्यवाही और अगली सुनवाई
28 जुलाई को राजकुमार राव ने कोर्ट में सरेंडर किया और शाम 4 बजे के करीब अपनी उपस्थिति दर्ज की। जज श्रीजन शुक्ला ने उनकी जमानत याचिका स्वीकार की और सशर्त जमानत दी। इस मामले की अगली सुनवाई 5 सितंबर 2025 को निर्धारित की गई है। 30 जुलाई को हुई सुनवाई में राजकुमार राव उपस्थित नहीं थे, लेकिन उनके वकील ने कोर्ट में उनकी ओर से पैरवी की। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने भी इस मामले में पुलिस से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है, क्योंकि राजकुमार ने इस एफआईआर को रद्द करने के लिए याचिका दायर की है।
- राजकुमार राव की ओर से कोई बयान नहीं
राजकुमार राव या उनकी टीम की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। अभिनेता ने कोर्ट में सरेंडर करने के दौरान सादगी बरती और मास्क पहनकर कोर्ट पहुंचे, ताकि उनकी मौजूदगी को लेकर ज्यादा ध्यान न जाए।
यह मामला 2017 से चल रहा है और आठ साल बाद फिर से चर्चा में आया है। इसने एक बार फिर धार्मिक भावनाओं और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बीच संतुलन को लेकर बहस छेड़ दी है। कुछ लोगों का मानना है कि फिल्म में धार्मिक प्रतीकों का इस्तेमाल सावधानी से करना चाहिए, जबकि अन्य का कहना है कि यह एक कलात्मक स्वतंत्रता का हिस्सा है। इस मामले ने राजकुमार राव की छवि पर भी असर डाला है, जो हाल ही में अपनी फिल्म ‘स्त्री 2’ की सफलता के लिए सराहे गए थे।
राजकुमार राव का यह मामला धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोपों और कानूनी प्रक्रिया के बीच एक जटिल स्थिति को दर्शाता है। कोर्ट ने अभिनेता को सशर्त जमानत दे दी है, लेकिन इस मामले की अगली सुनवाई में और तथ्य सामने आ सकते हैं। प्रशासन और पुलिस इस मामले की निष्पक्ष जांच कर रहे हैं, और हाईकोर्ट की स्टेटस रिपोर्ट इस मामले में महत्वपूर्ण हो सकती है। यह मामला न केवल राजकुमार राव, बल्कि फिल्म उद्योग के लिए भी एक सबक हो सकता है कि धार्मिक और सांस्कृतिक संवेदनशीलता को ध्यान में रखना कितना जरूरी है।
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