Trending: प्रसिद्ध व्यवसायी और मगध अस्पताल के मालिक गोपाल खेमका की आज गोली मारकर हत्या, पूरे इलाके में सनसनी।
gopal khemka murder: बिहार की राजधानी पटना, जो अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के लिए जानी जाती है, एक बार फिर अपराध की भयावह घटना से दहल उठी...
बिहार की राजधानी पटना, जो अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के लिए जानी जाती है, एक बार फिर अपराध की भयावह घटना से दहल उठी है। शहर के गांधी मैदान थाना क्षेत्र में 4 जुलाई 2025 की देर रात प्रसिद्ध व्यवसायी और मगध मेडिवर्सल अस्पताल के मालिक गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस सनसनीखेज वारदात ने न केवल स्थानीय लोगों में दहशत पैदा की है, बल्कि बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना उस समय हुई, जब खेमका अपने घर के पास रामगुलाम चौक स्थित पनाश होटल के निकट अपनी गाड़ी से उतर रहे थे। अज्ञात अपराधियों ने घात लगाकर उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
पुलिस और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह घटना रात करीब 11 बजे की है। गोपाल खेमका, जो पटना के एक प्रमुख उद्योगपति और मगध मेडिवर्सल अस्पताल के मालिक थे, अपने अपार्टमेंट की ओर लौट रहे थे। जैसे ही वे अपनी गाड़ी से उतरे, पहले से घात लगाए बैठे हमलावरों ने उन पर गोलियां चला दीं। बताया जा रहा है कि अपराधियों ने खेमका के सिर और सीने को निशाना बनाया, जिससे उनकी तत्काल मृत्यु हो गई। गोलियों की आवाज सुनकर आसपास के लोग दहशत में आ गए, और कुछ ही देर में घटनास्थल पर भीड़ जमा हो गई। स्थानीय लोगों ने तुरंत खेमका को मेडिवर्सल अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पटना के सेंट्रल एसपी दीक्षा ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस ने तुरंत घटनास्थल का दौरा किया और जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू की है, ताकि हमलावरों की पहचान की जा सके। हालांकि, घटना के समय पुलिस की मौजूदगी और त्वरित प्रतिक्रिया पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि गांधी मैदान थाना घटनास्थल से मात्र 300 मीटर की दूरी पर स्थित है, फिर भी पुलिस को मौके पर पहुंचने में लगभग 30 मिनट का समय लग गया।
गोपाल खेमका पटना के व्यवसायिक जगत में एक जाना-माना नाम थे। मगध मेडिवर्सल अस्पताल के मालिक होने के साथ-साथ वे कई अन्य व्यवसायों से भी जुड़े थे, जिनमें रियल एस्टेट और अन्य व्यापारिक गतिविधियां शामिल थीं। उनकी सामाजिक और व्यावसायिक सक्रियता ने उन्हें शहर में एक सम्मानित व्यक्तित्व बनाया था। हालांकि, उनकी हत्या ने यह सवाल उठाया है कि क्या बिहार में बड़े व्यवसायी भी सुरक्षित नहीं हैं। दुखद बात यह है कि खेमका परिवार पहले भी ऐसी त्रासदी का सामना कर चुका है। कुछ वर्ष पहले उनके बेटे, गुंजन खेमका, की भी वैशाली जिले में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस मामले में पुलिस ने एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया था, लेकिन उसकी भी बाद में हत्या कर दी गई थी, जिसके कारण गुंजन की हत्या का रहस्य अनसुलझा रह गया। गोपाल खेमका की हत्या ने इस परिवार पर दोहरी मार डाली है और समाज में असुरक्षा की भावना को और गहरा कर दिया है।
पटना में गोपाल खेमका की हत्या कोई अकेली घटना नहीं है। हाल के महीनों में बिहार की राजधानी में अपराध की कई बड़ी वारदातें सामने आई हैं। जून 2025 में पुनपुन के सोहगी-कंडाप पथ पर जमीन कारोबारी अंजनी सिंह की गोली मारकर हत्या, दिसंबर 2024 में नदी थाना क्षेत्र में सरिया कारोबारी उदय राय की हत्या, और मार्च 2025 में बुद्धा कॉलोनी और राजीव नगर में हुई हत्याएं इस बात का सबूत हैं कि अपराधी बेखौफ होकर अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। इन घटनाओं ने न केवल आम लोगों में भय पैदा किया है, बल्कि पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं।
गोपाल खेमका की हत्या के बाद पटना के व्यापारी समुदाय में गुस्सा और आक्रोश देखा जा रहा है। कई व्यापारियों और सामाजिक संगठनों ने इस घटना की निंदा की है और सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कई लोगों ने इस घटना को बिहार में कानून-व्यवस्था की विफलता का प्रतीक बताया है। एक यूजर ने लिखा, “बिहार में अब व्यापारी होना भी गुनाह हो गया है।” वहीं, विपक्षी दलों ने इस घटना को लेकर सत्तारूढ़ सरकार पर निशाना साधा है और इसे “गुंडाराज” का उदाहरण बताया है। पटना पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई का दावा किया है। सेंट्रल एसपी दीक्षा ने कहा कि अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पुलिस ने फोरेंसिक और डॉग स्क्वॉड की मदद से साक्ष्य जुटाने शुरू कर दिए हैं। इसके अलावा, घटनास्थल के आसपास के सभी सीसीटीवी फुटेज की गहन जांच की जा रही है।
लेकिन, इस तरह की घटनाओं का बार-बार होना पुलिस की कार्यक्षमता और खुफिया तंत्र की कमजोरियों को उजागर करता है। गोपाल खेमका की हत्या न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि यह बिहार में बढ़ते अपराध और असुरक्षा की भावना का प्रतीक भी है। यह घटना समाज के हर वर्ग, खासकर व्यापारियों और उद्यमियों, के लिए एक चेतावनी है। बिहार सरकार और पुलिस प्रशासन को इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए ठोस और प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है। गांधी मैदान थाना क्षेत्र, जो पटना का हृदयस्थल माना जाता है, वहां अपराधियों का इस तरह खुलेआम तांडव करना चिंता का विषय है। सोशल मीडिया पर लोगों ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कई यूजर्स ने बिहार में “जंगलराज” की वापसी की बात कही है, जबकि अन्य ने सरकार और पुलिस प्रशासन से कठोर कदम उठाने की मांग की है।
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