डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान से तेल डील कर भारत को बड़ा झटका दिया, भारत पर 25% टैरिफ लगाया और ब्रिक्स सदस्यता को कारण बताया।
International News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा ऐलान किया, जिसमें उन्होंने कहा कि अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ एक व्यापारिक सौदा किया है, जिसके तहत...
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा ऐलान किया, जिसमें उन्होंने कहा कि अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ एक व्यापारिक सौदा किया है, जिसके तहत दोनों देश मिलकर पाकिस्तान के विशाल तेल भंडारों को विकसित करेंगे। ट्रंप ने यह भी संकेत दिया कि भविष्य में यह तेल भारत को बेचा जा सकता है। यह घोषणा भारत के लिए उस समय आई, जब ट्रंप ने भारत से आयात होने वाले सामानों पर 25% टैरिफ और रूस के साथ भारत के व्यापार के लिए अतिरिक्त दंड की घोषणा की। ट्रंप ने भारत की ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका और अन्य) सदस्यता को भी इस टैरिफ का एक कारण बताया। इस खबर ने भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों और क्षेत्रीय भू-राजनीति पर कई सवाल खड़े किए हैं।
डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया साइट ट्रुथ सोशल पर पोस्ट किया, “हमने पाकिस्तान के साथ एक सौदा किया है, जिसके तहत पाकिस्तान और अमेरिका मिलकर उनके विशाल तेल भंडारों को विकसित करेंगे। हम इस साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए तेल कंपनी चुनने की प्रक्रिया में हैं। कौन जानता है, शायद एक दिन वे भारत को तेल बेच रहे होंगे!” यह बयान 30 जुलाई 2025 को दिया गया।
पाकिस्तान वर्तमान में अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए मध्य पूर्व से तेल आयात करता है। हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान के पास अपतटीय (ऑफशोर) तेल भंडार हैं, जो तकनीकी विशेषज्ञता और धन की कमी के कारण अभी तक पूरी तरह से उपयोग नहीं किए गए हैं। ट्रंप ने यह स्पष्ट नहीं किया कि वे किन विशाल तेल भंडारों की बात कर रहे हैं, और पाकिस्तान की ओर से इस सौदे पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। इस सौदे को लेकर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि अमेरिका पाकिस्तान में तेल अन्वेषण और उत्पादन के लिए तकनीकी और वित्तीय सहायता दे सकता है।
पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार ने हाल ही में कहा था कि अमेरिका और पाकिस्तान एक व्यापारिक सौदे के “बेहद करीब” हैं। यह बयान उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ मुलाकात के बाद दिया। दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण खनिजों और खनन क्षेत्र में व्यापार बढ़ाने पर चर्चा हुई थी। यह सौदा दक्षिण एशिया में अमेरिका की रणनीतिक स्थिति को मजबूत करने का एक हिस्सा माना जा रहा है।
- भारत पर 25% टैरिफ और ब्रिक्स विवाद
ट्रंप ने उसी दिन भारत से आयात होने वाले सभी सामानों पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की, जो 1 अगस्त 2025 से लागू होगा। इसके साथ ही, भारत के रूस से तेल और हथियार खरीदने के लिए अतिरिक्त दंड की भी बात कही। ट्रंप ने भारत की व्यापार नीतियों को “कठिन और आपत्तिजनक” बताया और कहा कि भारत अमेरिका के साथ ज्यादा व्यापार नहीं करता, बल्कि अमेरिका को बहुत कुछ बेचता है। उन्होंने भारत की ब्रिक्स सदस्यता को भी एक बड़ा कारण बताया, जिसे वे “अमेरिका विरोधी” समूह मानते हैं।
ट्रंप ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हम भारत के साथ बातचीत कर रहे हैं, और यह ब्रिक्स का भी मामला है। ब्रिक्स उन देशों का समूह है जो अमेरिका के खिलाफ हैं, और भारत उसका हिस्सा है। यह अमेरिकी डॉलर पर हमला है, और हम किसी को भी डॉलर पर हमला नहीं करने देंगे।” ट्रंप ने यह भी संकेत दिया कि भारत अपनी टैरिफ दरों को “काफी हद तक” कम करने को तैयार है, और इस सप्ताह के अंत तक स्थिति स्पष्ट हो सकती है।
भारत और अमेरिका पिछले कुछ महीनों से एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बाइलैटरल ट्रेड एग्रीमेंट) पर बातचीत कर रहे हैं। फरवरी 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान इसकी शुरुआत हुई थी। मई में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में भारतीय दल ने अमेरिका का दौरा किया, और जून में अमेरिकी वार्ताकारों का एक दल भारत आया। ट्रंप ने कहा कि वह भारत के साथ “अच्छा सौदा” चाहते हैं, न कि जल्दबाजी में कोई समझौता।
- भारत-रूस व्यापार और टैरिफ का कारण
ट्रंप ने भारत के रूस के साथ तेल और हथियारों के व्यापार को टैरिफ का एक प्रमुख कारण बताया। 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से भारत ने रूस से तेल आयात में काफी वृद्धि की है। पहले भारत अपनी तेल जरूरतों का केवल 1% रूस से आयात करता था, लेकिन अब यह लगभग एक-तिहाई हो गया है। यह तेल सस्ती कीमतों पर उपलब्ध होने के कारण भारत के लिए फायदेमंद रहा है, लेकिन अमेरिका और उसके सहयोगी इसे रूस के प्रति अप्रत्यक्ष समर्थन मानते हैं, जो अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को कमजोर करता है।
ट्रंप ने भारत के उच्च टैरिफ को भी निशाना बनाया, जिसे वे दुनिया में सबसे अधिक मानते हैं। उन्होंने कहा कि भारत अमेरिका को बहुत कुछ बेचता है, लेकिन अमेरिकी सामानों पर ऊंची टैरिफ दरों के कारण अमेरिका भारत से ज्यादा खरीदारी नहीं करता। भारत ने जवाब में कहा कि वह ट्रंप के बयानों पर ध्यान दे रहा है और इसका प्रभाव अध्ययन कर रहा है। भारतीय सरकार ने एक “निष्पक्ष और पारस्परिक रूप से लाभकारी” व्यापार समझौते के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।
- ब्रिक्स और अमेरिकी डॉलर पर विवाद
ट्रंप ने ब्रिक्स को बार-बार “अमेरिका विरोधी” समूह कहा है और इसके सदस्य देशों पर अतिरिक्त 10% टैरिफ की धमकी दी है। उन्होंने पिछले साल नवंबर में कहा था कि अगर ब्रिक्स देश अमेरिकी डॉलर को वैश्विक व्यापार से हटाने की कोशिश करेंगे, तो उन्हें 100% टैरिफ का सामना करना पड़ेगा। ब्रिक्स, जिसमें अब 11 देश शामिल हैं, वैश्विक व्यापार का 24% और विश्व जीडीपी का 39% हिस्सा रखता है। यह समूह वैश्विक दक्षिण के लिए एक मंच के रूप में उभरा है, जो व्यापार, सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर सहयोग करता है।
भारत ने ब्रिक्स में एक संतुलित रुख अपनाया है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि भारत किसी ब्रिक्स मुद्रा को बढ़ावा नहीं दे रहा, बल्कि रूस जैसे प्रतिबंधित देशों के साथ व्यापार के लिए व्यावहारिक समाधान चाहता है। भारत का 2024 में अमेरिका के साथ 120 अरब डॉलर का व्यापार था, जिसमें आईटी, दवाइयां और कपड़ा प्रमुख निर्यात थे। भारत ब्रिक्स के जरिए अपनी व्यापारिक निर्भरता को कम करने और अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं के साथ सहयोग बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।
- भारत के लिए इसका क्या मतलब?
ट्रंप का यह कदम भारत के लिए कई चुनौतियां और अवसर लेकर आया है। 25% टैरिफ से भारत के निर्यात, खासकर आईटी, दवाइयां और कपड़ा जैसे क्षेत्रों पर असर पड़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे भारत की जीडीपी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। दूसरी ओर, भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापारिक बातचीत एक संतुलित समझौते की ओर बढ़ सकती है, जिसमें भारत अपनी टैरिफ दरें कम करने पर विचार कर सकता है।
पाकिस्तान के तेल सौदे का भारत पर सीधा असर अभी स्पष्ट नहीं है, क्योंकि यह सौदा अभी प्रारंभिक चरण में है। हालांकि, यह दक्षिण एशिया में अमेरिका की रणनीतिक उपस्थिति को बढ़ाने का संकेत देता है। भारत को अपनी रणनीति में संतुलन बनाए रखना होगा, ताकि वह अमेरिका के साथ व्यापारिक संबंधों को मजबूत करते हुए ब्रिक्स में अपनी स्थिति को भी बनाए रखे। डोनाल्ड ट्रंप का पाकिस्तान के साथ तेल सौदा और भारत पर 25% टैरिफ की घोषणा वैश्विक व्यापार और भू-राजनीति में नए बदलावों का संकेत देती है। भारत को इस स्थिति में सावधानी से कदम उठाने होंगे, ताकि वह अपनी आर्थिक और रणनीतिक स्वायत्तता को बनाए रख सके।
Also Read- अमेरिका के 25% टैरिफ के जवाब में भारत ने राष्ट्रीय हितों की रक्षा का संकल्प लिया।
What's Your Reaction?