गाजियाबाद में भारी बारिश से ABES कॉलेज गर्ल्स हॉस्टल में जलभराव- छात्राओं की परेशानी, वायरल वीडियो पर कॉलेज प्रबंधन की सफाई।
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में 30 जुलाई 2025 की रात हुई मूसलधार बारिश ने ABES इंजीनियरिंग कॉलेज के गर्ल्स हॉस्टल की व्यवस्थाओं की कमियों को ....
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में 30 जुलाई 2025 की रात हुई मूसलधार बारिश ने ABES इंजीनियरिंग कॉलेज के गर्ल्स हॉस्टल की व्यवस्थाओं की कमियों को सामने ला दिया। कॉलेज के बेसमेंट में संचालित हॉस्टल के हिस्से में भारी जलभराव हो गया, जिससे वहां रहने वाली छात्राओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद लोग कॉलेज प्रबंधन पर सवाल उठा रहे हैं। वीडियो में बेसमेंट में घुटनों तक पानी भरा हुआ दिखाई दे रहा है, और छात्राएं अपने सामान को बचाने की कोशिश करती नजर आ रही हैं। कॉलेज प्रबंधन ने सफाई दी है कि पानी केवल बेसमेंट के उस हिस्से में भरा था, जहां खेलकूद, जिम और अन्य गतिविधियों के लिए सुविधाएं हैं, न कि छात्राओं के रहने वाले कमरों में। प्रबंधन ने दावा किया कि पानी निकाल लिया गया है, और स्थिति अब सामान्य है।
घटना बुधवार देर रात करीब 10 बजे शुरू हुई, जब गाजियाबाद में चार घंटे तक लगातार भारी बारिश हुई। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, गाजियाबाद में 31 जुलाई को 8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से अधिक थी। इस बारिश ने शहर के कई हिस्सों, जैसे राज नगर एक्सटेंशन, इंदिरापुरम, लाल कुआं और क्रॉसिंग्स रिपब्लिक में जलभराव की स्थिति पैदा कर दी। ABES इंजीनियरिंग कॉलेज, जो दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर कैंपस-2 में स्थित है, भी इस बारिश से प्रभावित हुआ। कॉलेज के गर्ल्स हॉस्टल के बेसमेंट में पानी भर गया, जिससे वहां रखा सामान, जैसे कपड़े, किताबें, जिम उपकरण और अन्य जरूरी दस्तावेज, खराब हो गए।
वायरल वीडियो में दिखता है कि हॉस्टल के बेसमेंट में पानी घुटनों तक भरा हुआ है, और छात्राएं अपने सामान को ऊंचे स्थानों पर रखने की कोशिश कर रही हैं। कुछ छात्राएं पानी में चलते हुए अपने कमरों तक पहुंचने की कोशिश करती दिख रही हैं। वीडियो में छात्राओं की नाराजगी और परेशानी साफ झलक रही है। एक छात्रा ने वीडियो में कहा, “हमारा सामान खराब हो गया है, और प्रबंधन ने पहले से कोई इंतजाम नहीं किया।” इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं जन्म दीं। कई यूजर्स ने कॉलेज प्रबंधन की लापरवाही पर सवाल उठाए और मांग की कि छात्राओं को हुए नुकसान का मुआवजा दिया जाए।
ABES इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रबंधन ने इस घटना पर बयान जारी किया। कॉलेज के प्रवक्ता ने बताया कि गर्ल्स हॉस्टल की दो इमारतें हैं, जिनमें से एक के बेसमेंट में जलभराव हुआ। यह हिस्सा छात्राओं के रहने के लिए नहीं, बल्कि जिम, खेलकूद और अन्य गतिविधियों के लिए इस्तेमाल होता है। उन्होंने दावा किया कि छात्राओं के रहने वाले कमरे ऊपरी मंजिलों पर हैं, जो पूरी तरह सुरक्षित हैं। प्रवक्ता ने कहा, “भारी बारिश के कारण बाहरी नाले का पानी बेसमेंट में आ गया। हमने तुरंत पंप सेट लगाकर पानी निकाला, और गुरुवार दोपहर तक स्थिति सामान्य हो गई।” कॉलेज ने यह भी बताया कि प्रभावित क्षेत्र को साफ कर लिया गया है, और छात्राओं को कोई खतरा नहीं है।
हालांकि, छात्राओं और उनके अभिभावकों ने प्रबंधन के दावों पर संदेह जताया। कुछ छात्राओं ने बताया कि बेसमेंट में उनके निजी सामान, जैसे किताबें और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, रखे थे, जो पानी में खराब हो गए। एक अभिभावक ने कहा, “कॉलेज को पहले से बारिश की चेतावनी थी। उन्हें जल निकासी की व्यवस्था करनी चाहिए थी।” कुछ छात्राओं ने यह भी शिकायत की कि हॉस्टल में जल निकासी की व्यवस्था अपर्याप्त है, और बारिश के मौसम में ऐसी समस्याएं अक्सर होती हैं।
यह घटना गाजियाबाद में भारी बारिश के कारण हुए व्यापक जलभराव का हिस्सा है। 31 जुलाई को क्रॉसिंग्स रिपब्लिक में एक रिहायशी सोसाइटी का बेसमेंट ढह गया, जिसमें कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं। शहर के कई हिस्सों, जैसे इंदिरापुरम, सिद्धार्थ विहार और लाल कुआं, में सड़कों पर जलभराव के कारण यातायात बाधित हुआ। गाजियाबाद नगर निगम ने 90 पंप सेट लगाकर पानी निकालने का दावा किया, लेकिन स्थानीय लोग निगम की तैयारियों से असंतुष्ट हैं। एक निवासी ने कहा, “हर साल बारिश में यही हाल होता है। नाले साफ नहीं होते, और बेसमेंट में पानी भर जाता है।”
ABES इंजीनियरिंग कॉलेज, जो 2000 में स्थापित हुआ, गाजियाबाद का एक प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थान है। यह 17 एकड़ के कैंपस में फैला है और 5,000 से अधिक छात्रों को शिक्षा देता है। कॉलेज में छह बॉयज और दो गर्ल्स हॉस्टल हैं, जिनमें 1,200 से अधिक छात्राएं रहती हैं। गर्ल्स हॉस्टल में एकल, डबल और ट्रिपल शेयरिंग रूम उपलब्ध हैं, साथ ही जिम, खेल के मैदान और कैंटीन जैसी सुविधाएं भी हैं। हालांकि, इस घटना ने हॉस्टल की बुनियादी सुविधाओं, खासकर जल निकासी व्यवस्था, पर सवाल उठाए हैं।
सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर तीखी बहस छिड़ गई। कुछ यूजर्स ने कॉलेज प्रबंधन की आलोचना की, जबकि अन्य ने इसे शहर की खराब जल निकासी व्यवस्था का परिणाम बताया। एक यूजर ने लिखा, “कॉलेज को इतनी फीस लेने के बाद भी बेसमेंट में हॉस्टल चलाना चाहिए? यह छात्राओं की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है।” एक अन्य यूजर ने टिप्पणी की, “गाजियाबाद में हर साल जलभराव होता है। प्रशासन और कॉलेज दोनों को पहले से तैयारी करनी चाहिए।” इस वीडियो ने न केवल कॉलेज की व्यवस्थाओं, बल्कि पूरे शहर की जल निकासी प्रणाली पर सवाल खड़े किए।
स्थानीय प्रशासन ने इस घटना का संज्ञान लिया है। गाजियाबाद के जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) इंद्र विक्रम सिंह ने कहा कि नगर निगम को सभी शैक्षणिक संस्थानों और रिहायशी इलाकों में जल निकासी की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि बारिश के मौसम में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए विशेष टीमें तैनात की जाएंगी। नगर निगम के जल कार्य विभाग के महाप्रबंधक केपी आनंद ने बताया कि 55 स्थानों पर पंप सेट लगाए गए थे, और गुरुवार दोपहर तक अधिकांश क्षेत्रों से पानी निकाल लिया गया।
चिकित्सा विशेषज्ञों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस घटना को लेकर चिंता जताई। सामाजिक कार्यकर्ता अनीता वर्मा ने कहा कि बेसमेंट में हॉस्टल चलाना सुरक्षा नियमों का उल्लंघन हो सकता है। उन्होंने मांग की कि कॉलेज और प्रशासन को बेसमेंट की सुरक्षा और जल निकासी की जांच करनी चाहिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि छात्राओं को नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा दिया जाए। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी कि जलभराव के कारण बेसमेंट में गंदा पानी जमा होने से बीमारियां फैल सकती हैं, और कॉलेज को तुरंत सैनिटाइजेशन कराना चाहिए।
कॉलेज प्रबंधन ने छात्राओं और अभिभावकों को भरोसा दिलाया कि भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं होंगी। उन्होंने कहा कि जल निकासी व्यवस्था को बेहतर करने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम गठित की गई है। कॉलेज ने यह भी दावा किया कि प्रभावित छात्राओं को नया सामान उपलब्ध कराने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि, कुछ अभिभावकों ने मांग की कि बेसमेंट में गतिविधियों को बंद किया जाए और हॉस्टल को ऊपरी मंजिलों पर स्थानांतरित किया जाए।
यह घटना गाजियाबाद में बारिश के मौसम में बुनियादी ढांचे की कमियों को दर्शाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि शहर में जल निकासी का मास्टर प्लान बनाना जरूरी है। इंदिरापुरम के निवासी कुलदीप सक्सेना ने कहा, “नाले अतिक्रमण और कचरे से भरे हैं। बिना ठोस योजना के हर साल यही समस्या होगी।” इस घटना ने न केवल ABES कॉलेज, बल्कि पूरे शहर के प्रशासन को अपनी तैयारियों की समीक्षा करने के लिए मजबूर किया है।
गाजियाबाद के ABES इंजीनियरिंग कॉलेज के गर्ल्स हॉस्टल में भारी बारिश के कारण हुआ जलभराव छात्राओं के लिए परेशानी का सबब बन गया। वायरल वीडियो ने कॉलेज प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही को सामने लाया। हालांकि प्रबंधन ने स्थिति को नियंत्रित करने का दावा किया है, लेकिन यह घटना बेसमेंट में हॉस्टल सुविधाएं चलाने की सुरक्षा और जल निकासी व्यवस्था की कमियों पर सवाल उठाती है।
गाजियाबाद: ABES कॉलेज के बेसमेंट में चल रहे गर्ल्स हॉस्टल में भरा बारिश का पानी
बारिश का पानी कमरे में भरने से छात्राओं के कपड़े और डॉक्यूमेंट्स हुए खराब
पिछले साल 27 जुलाई को राजेंद्र नगर स्थित एक कोचिंग सेंटर में जलभराव से तीन छात्रों की गई थी जान#Ghaziabad… pic.twitter.com/Kc1cqkIr6H — News India 24x7 (@newsindia24x7_) July 31, 2025
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