पुलवामा (Pulwama) हमले में Amazon से खरीदा गया विस्फोटक, पेपैल से हुई फंडिंग: FATF की चौंकाने वाली रिपोर्ट। 

Pulwama Terrorist Attack: 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा (Pulwama) में हुआ आतंकी हमला देश के सबसे दुखद और घातक हमलों में से एक था...

Jul 9, 2025 - 11:19
Jul 9, 2025 - 17:05
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पुलवामा (Pulwama) हमले में Amazon से खरीदा गया विस्फोटक, पेपैल से हुई फंडिंग: FATF की चौंकाने वाली रिपोर्ट। 
पुलवामा हमले में Amazon से खरीदा गया विस्फोटक, पेपैल से हुई फंडिंग, FATF की चौंकाने वाली रिपोर्ट। 
Pulwama Attack 2019:14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा (Pulwama) में हुआ आतंकी हमला देश के सबसे दुखद और घातक हमलों में से एक था। इस हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के 40 जवान शहीद हो गए थे। अब, छह साल बाद, आतंकी फंडिंग पर नजर रखने वाली वैश्विक संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की एक ताजा रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, इस हमले में इस्तेमाल किया गया विस्फोटक सामग्री ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म Amazon से खरीदी गई थी, और इसका भुगतान ऑनलाइन पेमेंट सेवा पेपैल के जरिए किया गया था।

पुलवामा (Pulwama) हमला जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर लेथपोरा के पास हुआ था। आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार, जो काकापोरा का रहने वाला था, ने विस्फोटकों से भरी एक महिंद्रा स्कॉर्पियो कार को CRPF के काफिले में टक्कर मार दी। इस हमले में 40 जवानों की जान गई और कई अन्य घायल हुए। जांच में पता चला कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का हाथ था। हमलावर ने लगभग 300 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल किया, जिसमें से कुछ सामग्री सीमा पार से लाई गई थी। लेकिन FATF की 131 पेज की रिपोर्ट ने एक नया तथ्य सामने लाया कि इस हमले में इस्तेमाल किया गया एल्यूमिनियम पाउडर, जो इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) की ताकत बढ़ाने के लिए जरूरी था, Amazon से खरीदा गया था।

FATF की रिपोर्ट में बताया गया है कि आतंकी संगठन अब पारंपरिक तरीकों के बजाय डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का सहारा ले रहे हैं। 2019 के पुलवामा (Pulwama) हमले में आतंकियों ने Amazon से एल्यूमिनियम पाउडर मंगवाया, जो IED को और घातक बनाने में इस्तेमाल हुआ। इस खरीदारी के लिए वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) का उपयोग कर अपनी पहचान और स्थान छिपाया गया। भुगतान के लिए पेपैल का इस्तेमाल किया गया, जिससे लेनदेन को ट्रैक करना मुश्किल हो गया। यह पहली बार नहीं है कि आतंकियों ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स का दुरुपयोग किया हो। 2022 में उत्तर प्रदेश के गोरखनाथ मंदिर पर हुए हमले में भी आरोपी ने पेपैल के जरिए 6.7 लाख रुपये की फंडिंग इस्लामिक स्टेट (ISIS) समर्थकों को भेजी थी। इस मामले में भी उसने VPN का सहारा लिया ताकि उसकी गतिविधियां गुप्त रहें।

FATF ने अपनी रिपोर्ट में गोरखनाथ मंदिर हमले को भी शामिल किया है। 3 अप्रैल 2022 को गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में एक व्यक्ति ने सुरक्षाकर्मियों पर दरांती से हमला किया था। जांच में पता चला कि हमलावर ISIS की विचारधारा से प्रभावित था और उसने पेपैल के जरिए 6,69,841 रुपये विदेशी खातों में ट्रांसफर किए थे। इसके अलावा, उसे एक विदेशी स्रोत से 10,323 रुपये भी प्राप्त हुए थे। इस लेनदेन को छिपाने के लिए उसने VPN सेवाओं का उपयोग किया। पेपैल ने बाद में संदिग्ध गतिविधियों को देखते हुए उसके खाते को निलंबित कर दिया। यह मामला डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के दुरुपयोग का एक और उदाहरण है

रिपोर्ट में बताया गया है कि आतंकी संगठन अब केवल विस्फोटक सामग्री ही नहीं, बल्कि 3D प्रिंटर, रसायन, और हथियारों के पुर्जे भी ई-कॉमर्स साइट्स से मंगवा रहे हैं। कुछ संगठन प्रचार सामग्री जैसे किताबें, कपड़े, और संगीत बेचकर भी फंड जुटा रहे हैं। यह प्रक्रिया तेज, कम खर्चीली, और कम ट्रेस होने वाली है, जिससे आतंकियों को अपनी गतिविधियां छिपाने में आसानी होती है। FATF ने चेतावनी दी है कि अगर इन डिजिटल माध्यमों पर निगरानी नहीं बढ़ाई गई, तो आतंकी संगठन इन कमजोरियों का फायदा उठाते रहेंगे।

यह पहली बार नहीं है जब Amazon पर आतंकी गतिविधियों से जुड़ा सवाल उठा हो। 2021 में कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने दावा किया था कि पुलवामा (Pulwama) हमले में अमोनियम नाइट्रेट जैसी प्रतिबंधित सामग्री Amazon से खरीदी गई थी। CAIT ने इसके लिए Amazon पर देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की थी। हालांकि, उस समय यह स्पष्ट नहीं था कि यह सामग्री किस तरह खरीदी गई। FATF की ताजा रिपोर्ट ने इस बात को और पुख्ता किया है कि आतंकी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स का दुरुपयोग कर रहे हैं।

FATF की रिपोर्ट में कहा गया है कि कई देशों में आतंकी फंडिंग को समझने और रोकने की क्षमता अभी भी कमजोर है। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और फिनटेक के बढ़ते उपयोग ने आतंकियों को सस्ता और कम ट्रेस होने वाला रास्ता दे दिया है। भारत की जांच एजेंसियों ने पुलवामा (Pulwama) हमले के 19 आरोपियों की पहचान की थी, जिनमें सात विदेशी नागरिक शामिल थे। इनके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया गया, और उनकी संपत्तियां जब्त की गईं। लेकिन डिजिटल माध्यमों की निगरानी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।

भारत ने इस रिपोर्ट के बाद पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में दोबारा शामिल करने की मांग की है। भारत का कहना है कि पाकिस्तान आतंकी संगठनों को आर्थिक और सैन्य सहायता देता है, जिससे जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठन भारत में हमले कर पाते हैं। 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भी भारत ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था। FATF ने भी इस हमले की निंदा की और सभी देशों से आतंकी फंडिंग को रोकने की अपील की।

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