हैदराबाद एयरपोर्ट पर डीआरआई की सतर्कता: कुवैत से तस्करी का 1.8 किलो सोना जब्त, मूल्य 2.37 करोड़।

हैदराबाद के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गुरुवार को एक बड़ा तस्करी का मामला सामने आया। निदेशालय राजस्व खुफिया की हैदराबाद जोनल यूनिट ने एक पुरुष यात्री

Oct 17, 2025 - 11:19
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हैदराबाद एयरपोर्ट पर डीआरआई की सतर्कता: कुवैत से तस्करी का 1.8 किलो सोना जब्त, मूल्य 2.37 करोड़।
हैदराबाद एयरपोर्ट पर डीआरआई की सतर्कता: कुवैत से तस्करी का 1.8 किलो सोना जब्त, मूल्य 2.37 करोड़।

हैदराबाद के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गुरुवार को एक बड़ा तस्करी का मामला सामने आया। निदेशालय राजस्व खुफिया की हैदराबाद जोनल यूनिट ने एक पुरुष यात्री को गिरफ्तार किया, जो कुवैत से शारजाह के रास्ते आया था। उसके सामान से 1.798 किलोग्राम सोना बरामद हुआ, जिसकी बाजार मूल्य 2.37 करोड़ रुपये बताई गई। यह कार्रवाई खुफिया जानकारी के आधार पर की गई थी। यात्री ने सोने को चालाकी से छिपाने की कोशिश की थी, लेकिन डीआरआई अधिकारियों की तत्परता से यह साजिश नाकाम हो गई। यह घटना सोने की तस्करी के बढ़ते मामलों को उजागर करती है, जहां तस्कर नए-नए तरीके अपनाते रहते हैं।

राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा हैदराबाद देश के व्यस्ततम हवाई अड्डों में से एक है। यहां रोजाना हजारों यात्री आते-जाते हैं, जिनमें से कुछ तस्करी के इरादे से आते हैं। खासकर मध्य पूर्व के देशों से आने वाली उड़ानों पर नजर रखी जाती है, क्योंकि वहां से सोने की तस्करी के कई मामले पकड़े जाते हैं। इस बार एयर अरबिया की उड़ान जी9 467 पर सवार यात्री संदिग्ध लगा। वह कुवैत से शारजाह होते हुए हैदराबाद पहुंचा था। डीआरआई को पहले से खुफिया इनपुट मिला था कि इस उड़ान में कोई तस्कर सवार है। अधिकारियों ने हवाई अड्डे पर निगरानी बढ़ा दी। जैसे ही यात्री उतरा, उसे रोका गया। प्रारंभिक जांच में उसके सामान में कुछ असामान्य लगा। गहन तलाशी लेने पर सोना बरामद हो गया।

सोने को छिपाने का तरीका काफी चालाकी भरा था। यात्री ने कुल सात सोने की सलाखें तैयार की थीं। इनमें से पांच सलाखों को उसने एक लोहे के दरवाजे के ताले के अंदर फिट कर दिया था। ताला सामान्य दिख रहा था, लेकिन अंदर खोखला बनाकर सोना ठूंस दिया गया था। यह तरीका तस्करों का पुराना हथकंडा है, जहां रोजमर्रा की चीजों में कीमती सामान छिपाया जाता है। बाकी दो सलाखों को तोड़कर छोटे टुकड़ों में बदल दिया गया। इन्हें सूरजमुखी के बीजों के पैकेट में भर दिया गया। पैकेट खुले हुए लग रहे थे, जैसे यात्री ने सफर के दौरान नाश्ता किया हो। बीजों के बीच सोने के टुकड़े इतनी सफाई से रखे गए थे कि सामान्य नजर में कुछ पता न चलता। लेकिन डीआरआई के एक्सरे मशीन और कुत्तों की मदद से यह राज खुल गया। अधिकारियों ने बताया कि सोना विदेशी मूल का था, जिसकी शुद्धता 99.9 प्रतिशत थी। यह कस्टम नियमों का स्पष्ट उल्लंघन था।

डीआरआई के अधिकारियों ने यात्री को कस्टम एक्ट 1962 की धाराओं के तहत गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। यात्री की पहचान गोपनीय रखी गई है, लेकिन बताया गया कि वह भारतीय नागरिक है। उसके पास कुवैत का वीजा था, जो काम के सिलसिले में जारी हुआ था। तस्करी का यह सिलसिला शायद अंतरराष्ट्रीय गिरोह से जुड़ा हो। डीआरआई अब उसके संपर्कों की जांच कर रही है। क्या कुवैत में कोई हैंडलर था, जो सोना मुहैया कराया? या शारजाह में कोई लिंक था? ये सवाल अभी अनसुलझे हैं। गिरोह के अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है। इस जब्ती से तस्करों को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि इतना सोना बाजार में बेचा जाता तो लाखों रुपये का काला कारोबार चलता।

यह घटना हैदराबाद एयरपोर्ट पर तस्करी रोकने के डीआरआई के प्रयासों को रेखांकित करती है। पिछले कुछ महीनों में यहां कई बड़ी जब्तियां हुई हैं। उदाहरण के लिए, सितंबर 2025 में डीआरआई ने दो प्रयासों को नाकाम कर 3.38 किलोग्राम सोना जब्त किया था, जिसकी कीमत 3.36 करोड़ थी। वह मामला भी कुवैत से जुड़ा था, जहां यात्रियों ने बैग छोड़ दिए थे। बैगों में सोना लोहे के बक्सों में छिपा था। तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था। मई 2025 में एक अन्य घटना में 3.5 किलोग्राम सोना पकड़ा गया, मूल्य 3.45 करोड़। वहां यात्री ने एयरपोर्ट स्टाफ को सोना सौंपने की कोशिश की थी। जुलाई में भी 2.279 किलोग्राम सोना बरामद हुआ। इन मामलों से साफ है कि तस्करी का जाल मजबूत हो रहा है। तस्कर अब एयरपोर्ट स्टाफ को रिश्वत देकर मदद लेने लगे हैं। इसलिए डीआरआई ने निगरानी बढ़ाई है। एडवांस्ड स्कैनर, प्रोफाइलिंग और इंटेलिजेंस नेटवर्क का इस्तेमाल हो रहा है।

सोने की तस्करी भारत में एक बड़ी समस्या है। देश में सोने की मांग बहुत ज्यादा है। शादियां, त्योहार और निवेश के लिए लोग सोना खरीदते हैं। लेकिन वैध आयात पर भारी टैक्स लगता है, इसलिए काला बाजार फलता-फूलता है। मध्य पूर्व के देश सोने के बड़े उत्पादक हैं। कुवैत, दुबई और शारजाह जैसे रास्ते तस्करों के पसंदीदा हैं। वहां से सस्ता सोना लाकर भारत में ऊंचे दाम पर बेचा जाता है। एक किलोग्राम सोने की तस्करी से तस्करों को लाखों का फायदा होता है। लेकिन यह अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाता है। सरकार का राजस्व कम होता है और काला धन बढ़ता है। डीआरआई जैसी एजेंसियां इस पर लगाम कस रही हैं। 2025 में ही देशभर में सैकड़ों किलोग्राम सोना जब्त हो चुका है। हैदराबाद एयरपोर्ट इस मामले में अग्रणी रहा है। यहां सालाना करोड़ों का सोना पकड़ा जाता है।

इस घटना से यात्री सुरक्षा और कस्टम नियमों का महत्व समझ आता है। हर यात्री को सामान की जांच के समय सहयोग करना चाहिए। तस्करी रोकने के लिए जागरूकता जरूरी है। डीआरआई ने बयान जारी कर कहा कि वे सतर्क रहेंगे। भविष्य में ऐसी कार्रवाइयां तेज होंगी। गिरफ्तार यात्री को अदालत में पेश किया जाएगा। जब्त सोना और पैकिंग सामग्री सबूत के तौर पर रखी गई है। यह मामला तस्करी नेटवर्क को तोड़ने में मददगार साबित होगा। हैदराबाद पुलिस भी सहयोग कर रही है। कुल मिलाकर, यह सफलता डीआरआई की मेहनत का नतीजा है। इससे आम नागरिकों में विश्वास बढ़ेगा कि कानून अपना काम कर रहा है।

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