Trending: राजा रघुवंशी हत्याकांड- 39 दिन, 234 कॉल्स और एक सनसनीखेज साजिश का खुलासा। 

इंदौर के चर्चित राजा रघुवंशी हत्याकांड ने न केवल मध्य प्रदेश बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। यह मामला, जो एक हनीमून ट्रिप के दौरान....

Jun 19, 2025 - 11:05
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Trending: राजा रघुवंशी हत्याकांड- 39 दिन, 234 कॉल्स और एक सनसनीखेज साजिश का खुलासा। 

इंदौर के चर्चित राजा रघुवंशी हत्याकांड ने न केवल मध्य प्रदेश बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। यह मामला, जो एक हनीमून ट्रिप के दौरान हुए हत्याकांड के इर्द-गिर्द घूमता है, प्रेम, धोखे, और सुनियोजित साजिश की एक ऐसी कहानी है जो किसी क्राइम थ्रिलर फिल्म से कम नहीं लगती। मेघालय के शिलॉन्ग में 23 मई 2025 को हुई इस वारदात ने कई सवाल खड़े किए हैं, जिनके जवाब अब पुलिस की जांच और कॉल डिटेल्स के जरिए सामने आ रहे हैं। इस खबर में हम इस हत्याकांड की पूरी कहानी, 39 दिनों की कॉल हिस्ट्री, और 234 फोन कॉल्स के रहस्य को विस्तार से समझेंगे।

  • हनीमून से हत्या तक: कहानी की शुरुआत

राजा रघुवंशी, इंदौर के एक प्रतिष्ठित ट्रांसपोर्ट कारोबारी परिवार से ताल्लुक रखते थे। 11 मई 2025 को उनकी शादी सोनम रघुवंशी से हुई, और यह जोड़ा 20 मई को हनीमून के लिए मेघालय के शिलॉन्ग रवाना हुआ। शुरूआत में यह एक सामान्य नवविवाहित जोड़े की रोमांटिक यात्रा लग रही थी, लेकिन 23 मई को सोहरा (चेरापूंजी) के वेसॉडोंग वॉटरफॉल्स के पास राजा की निर्मम हत्या ने इस कहानी को एक खौफनाक मोड़ दे दिया। 2 जून को राजा का क्षत-विक्षत शव एक गहरी खाई में मिला। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला कि उनकी हत्या पेड़ काटने वाले धारदार हथियार (दाव) से की गई थी। शव के पास मिले एक टूटे मोबाइल, स्मार्टवॉच, और खून से सने कपड़ों ने पुलिस को हत्या की पुष्टि करने में मदद की। लेकिन सबसे बड़ा सवाल था कि सोनम, जो उस वक्त राजा के साथ थी, कहां थी?

  • सोनम का सरेंडर और साजिश का खुलासा

9 जून की रात, उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के नंदगंज थाना क्षेत्र में एक ढाबे पर एक डरी-सहमी महिला मिली, जिसने खुद को सोनम रघुवंशी बताया। उसने दावा किया कि अज्ञात लोगों ने राजा की हत्या कर दी और उसे अगवा कर लिया। लेकिन मेघालय पुलिस की जांच ने इस कहानी को झूठा साबित कर दिया। सोनम को मुख्य आरोपी के रूप में गिरफ्तार किया गया, और उसके प्रेमी राज कुशवाहा के साथ-साथ तीन अन्य आरोपियों—विशाल चौहान, आकाश राजपूत, और आनंद कुर्मी—को भी हिरासत में लिया गया।

पुलिस ने खुलासा किया कि यह हत्या एक सुनियोजित साजिश थी, जिसके पीछे सोनम और राज कुशवाहा का प्रेम प्रसंग था। राज कुशवाहा, जो सोनम के पिता की प्लाईवुड फैक्ट्री में काम करता था, सोनम से कई सालों से रिलेशनशिप में था। शादी के बाद भी दोनों का संपर्क बना रहा, और उन्होंने राजा को रास्ते से हटाने की ठान ली।

  • 39 दिन की कॉल हिस्ट्री: साजिश की परतें

पुलिस ने सोनम के मोबाइल फोन की 39 दिन की कॉल डिटेल्स खंगाली, जिसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। 1 मार्च से 8 अप्रैल 2025 के बीच सोनम ने एक नंबर पर 234 बार कॉल की थी, जो उनके फोन में "संजय वर्मा होटल" के नाम से सेव था। प्रत्येक कॉल आधे से एक घंटे तक की थी, जिससे साफ होता है कि यह कोई सामान्य बातचीत नहीं थी। हत्या के बाद से यह नंबर बंद है, और पुलिस को संदेह है कि "संजय वर्मा" कोई और नहीं, बल्कि राज कुशवाहा का ही छद्म नाम था। इसके अलावा, 1 से 25 मार्च के बीच सोनम ने संजय वर्मा को 112 बार कॉल किया था, जो औसतन प्रतिदिन 4-5 कॉल्स बनता है। पुलिस का मानना है कि इन कॉल्स के जरिए हत्या की साजिश को अंजाम देने की योजना बनाई गई। सोनम और राज कुशवाहा ने व्हाट्सएप और अन्य मैसेजिंग ऐप्स के जरिए भी लगातार संपर्क बनाए रखा, जिसमें राजा की लोकेशन और मूवमेंट की जानकारी शेयर की जाती थी।

  • संजय वर्मा: रहस्यमयी किरदार

संजय वर्मा का नाम इस केस में एक नया मोड़ लाया है। पुलिस की जांच में पता चला कि यह नंबर संजय वर्मा के नाम पर रजिस्टर्ड था, लेकिन इसका इस्तेमाल राज कुशवाहा कर रहा था। यह भी संभावना है कि इस नंबर का उपयोग साजिश को छुपाने के लिए किया गया ताकि असली कॉलर की पहचान न हो सके। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि क्या संजय वर्मा कोई वास्तविक व्यक्ति है या सिर्फ एक फर्जी पहचान।

  • क्राइम सीन रीक्रिएशन और नए सबूत

17 जून को मेघालय पुलिस ने सोनम और अन्य आरोपियों को लेकर वेसॉडोंग वॉटरफॉल्स पर क्राइम सीन रीक्रिएट किया। इस दौरान एक दूसरा हथियार (मछेती) बरामद हुआ, जिससे हत्या की पुष्टि हुई। पुलिस ने बताया कि हत्या से पहले तीन असफल प्रयास किए गए थे, और चौथी कोशिश में राजा को मार दिया गया। सोनम ने घटनास्थल पर ही राजा का फोन तोड़ दिया, और बाद में आकाश ने सोनम के फोन को भी नष्ट कर दिया। हालांकि, सोनम का एक फोन इंदौर में व्हाट्सएप चेक करने के लिए एक्टिव हुआ, जो उसकी सबसे बड़ी भूल साबित हुई।

  • गाजीपुर से बनारस तक: सोनम का सफर

हत्या के बाद सोनम शिलॉन्ग से गुवाहाटी, फिर इंदौर पहुंची, जहां वह दो दिन तक देवास में एक फ्लैट में रुकी। इसके बाद वह बनारस और फिर गाजीपुर पहुंची। गाजीपुर में एक युवती ने दावा किया कि उसने सोनम को बनारस बस स्टैंड पर दो अज्ञात लड़कों के साथ देखा था। इस जानकारी ने पुलिस की जांच को नई दिशा दी। इस हत्याकांड ने मेघालय के पर्यटन पर भी सवाल उठाए। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इसे एक दुखद घटना बताते हुए समाज के लिए सबक करार दिया। मेघालय सरकार के मंत्री लालू हेक ने कहा कि पुलिस ने इस मामले को सुलझाकर अपनी जिम्मेदारी निभाई है। राजा रघुवंशी हत्याकांड प्रेम, विश्वासघात, और साजिश की एक ऐसी कहानी है जो समाज को सोचने पर मजबूर करती है। 39 दिन की कॉल हिस्ट्री और 234 फोन कॉल्स ने इस सनसनीखेज मामले की परतें खोली हैं, लेकिन अभी भी कई सवाल अनुत्तरित हैं। क्या संजय वर्मा इस साजिश का हिस्सा था? क्या कोई और भी इस हत्याकांड में शामिल था? मेघालय पुलिस की जांच जारी है, और उम्मीद है कि जल्द ही इस रहस्य से पर्दा उठेगा।

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