जम्मू में भारी बारिश से तबाही, तवी नदी उफान पर, फोर्थ तवी पुल क्षतिग्रस्त, वाहन फंसे।
Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है। जम्मू शहर में तवी नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है, जिससे नदी किनारे
जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है। जम्मू शहर में तवी नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है, जिससे नदी किनारे बने कई ढांचों को नुकसान पहुंचा है। इस बीच, एक बड़ी घटना में एशिया रोड से भगवती नगर को जोड़ने वाला चौथा तवी पुल भारी बारिश और नदी के तेज बहाव के कारण क्षतिग्रस्त हो गया। इस हादसे में कई वाहन पुल पर बने गड्ढे में फंस गए, जिससे वहां अफरा-तफरी का माहौल बन गया। इस भयावह दृश्य को कैमरों में कैद किया गया, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन भारी बारिश के कारण राहत कार्यों में बाधा आ रही है।
जम्मू में पिछले 24 घंटों में 190.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जो पिछले 100 सालों में अगस्त महीने में हुई दूसरी सबसे बड़ी बारिश है। मौसम विभाग के अनुसार, 5 अगस्त 1926 को 228.6 मिलीमीटर बारिश हुई थी, जो अब तक का रिकॉर्ड है। इस बार की बारिश ने 2022 के 189.6 मिलीमीटर के रिकॉर्ड को तोड़ दिया। इस भारी बारिश के कारण जम्मू के कई निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। जानीपुर, रूप नगर, तालाब टिल्लू, ज्वेल चौक, न्यू प्लॉट और संजय नगर जैसे क्षेत्रों में पानी घरों में घुस गया, जिससे कई घरों की दीवारें क्षतिग्रस्त हो गईं और करीब एक दर्जन वाहन बाढ़ के पानी में बह गए।
तवी नदी का जलस्तर इतनी तेजी से बढ़ा कि नदी के ऊपर बने सभी पुलों को छूने लगा। मंगलवार, 26 अगस्त 2025 को, एशिया रोड से भगवती नगर जाने वाले चौथे तवी पुल का एक हिस्सा अचानक ढह गया। समाचार एजेंसी एएनआई और पीटीआई द्वारा साझा किए गए वीडियो में दिखाया गया कि तेज बारिश के बीच लोग अपनी गाड़ियों के साथ पुल पार करने की कोशिश कर रहे थे, तभी अचानक सड़क का एक हिस्सा धंस गया। इस हादसे में कई वाहन गड्ढे में फंस गए, और लोग अपनी जान बचाने के लिए गाड़ियों से निकलकर भागते नजर आए। इस घटना ने 2014 की बाढ़ की यादें ताजा कर दीं, जब इसी पुल का कनेक्शन टूट गया था।
प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए तवी नदी के सभी पुलों पर यातायात बंद कर दिया। सुरक्षा के लिहाज से लोगों से नदी किनारे न जाने की अपील की गई है। जम्मू के एसपी सिटी साउथ, अजय शर्मा ने कहा कि बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है और भारतीय सेना से भी सहायता मांगी गई है। उन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि वे बचाव कार्यों में बाधा न डालें और सड़कों पर वाहन खड़े न करें, क्योंकि इससे राहत दलों को घटनास्थल तक पहुंचने में दिक्कत हो रही है।
जम्मू-कश्मीर के कई अन्य जिलों जैसे डोडा, किश्तवाड़, रियासी, राजौरी, रामबन और पुंछ में भी भारी बारिश ने कहर बरपाया है। इन इलाकों में भूस्खलन और बाढ़ के कारण व्यापक नुकसान हुआ है। डोडा जिले में मंगलवार को कम से कम चार लोगों की मौत की खबर है, जिनमें से तीन लोग नदी के तेज बहाव में बह गए और एक व्यक्ति की मौत घर ढहने से हुई। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-44) पर रामबन जिले में कई जगहों पर भूस्खलन के कारण यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। अधिकारियों ने लोगों से इस मार्ग पर अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है।
मौसम विभाग ने जम्मू, कठुआ, सांबा, डोडा, रामबन और किश्तवाड़ जिलों के लिए भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। अगले कुछ दिनों तक तेज बारिश, बादल फटने और भूस्खलन की आशंका जताई गई है। बाढ़ के खतरे को देखते हुए प्रशासन ने संभावित निकासी की तैयारियां शुरू कर दी हैं। सेना, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और स्थानीय पुलिस राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई है। जम्मू में भारतीय एकीकृत चिकित्सा संस्थान (आईआईआईएम) के हॉस्टल में फंसे 45 छात्रों को एसडीआरएफ और पुलिस ने पांच घंटे के कठिन अभियान के बाद सुरक्षित निकाला।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने स्थिति को गंभीर बताया और आपात बैठक बुलाकर सभी जिला प्रशासकों को हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया। उन्होंने लोगों से सतर्क रहने और जलाशयों के पास न जाने की सलाह दी। भारी बारिश के कारण मोबाइल नेटवर्क भी प्रभावित हुए हैं, जिससे लोगों को एक-दूसरे से संपर्क करने में परेशानी हो रही है।
इस आपदा ने जम्मू के बुनियादी ढांचे को गहरा नुकसान पहुंचाया है। जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर कठुआ जिले में सहार खाद नाले के पास एक पुल क्षतिग्रस्त हो गया। मुगल रोड और सिंथन रोड को भी भूस्खलन के कारण बंद कर दिया गया है। वैष्णो देवी यात्रा को भी अस्थायी रूप से रोक दिया गया है, क्योंकि भूस्खलन और बाढ़ के कारण मार्ग असुरक्षित हो गया है।
स्थानीय लोगों में डर का माहौल है। कई लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर जा रहे हैं। प्रशासन ने स्कूलों और कॉलेजों को बंद करने का आदेश दिया है और लोगों से घरों में रहने की अपील की है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले कुछ दिनों तक बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है।
Also Read- भारत का सुदर्शन चक्र- ओडिशा तट पर स्वदेशी IADWS का सफल परीक्षण हुआ, चीन ने भी की तारीफ।
View this post on Instagram
What's Your Reaction?