अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने बीफ, कॉफी और उष्णकटिबंधीय फलों पर लगे टैरिफ हटाए, उपभोक्ता दबाव के बीच कार्यकारी आदेश से कीमतें कम करने की कोशिश
ट्रंप का दूसरा कार्यकाल जनवरी 2025 में शुरू हुआ था। उन्होंने अपनी पहली अवधि की तरह ही व्यापार नीति को प्राथमिकता दी। 2 अप्रैल 2025 को उन्होंने एक कार्यकारी आदेश
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उपभोक्ताओं की बढ़ती कीमतों पर हो रही शिकायतों के बीच एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। 14 नवंबर 2025 को उन्होंने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत बीफ, कॉफी, उष्णकटिबंधीय फलों और अन्य कृषि उत्पादों पर लगे आयात शुल्कों को समाप्त कर दिया गया। यह कदम ट्रंप प्रशासन की व्यापार नीति में एक बड़ा बदलाव है, जो अप्रैल 2025 में शुरू किए गए व्यापक पारस्परिक टैरिफ (reciprocal tariffs) को संशोधित करता है। इन टैरिफों का उद्देश्य अमेरिकी उत्पादन को बढ़ावा देना था, लेकिन इससे खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ गईं, जिससे आम उपभोक्ता परेशान हो गए। आदेश में चाय, फलों का रस, कोको, मसाले, केले, संतरे, टमाटर और कुछ उर्वरकों पर भी टैरिफ हटाए गए हैं। यह फैसला इक्वाडोर, ग्वाटेमाला, एल सल्वाडोर और अर्जेंटीना जैसे देशों के साथ पहुंचे व्यापार समझौतों के बाद आया है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था में महंगाई को नियंत्रित करने के लिए यह कदम उठाया गया, जो 2025 में 3.5 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है।
ट्रंप का दूसरा कार्यकाल जनवरी 2025 में शुरू हुआ था। उन्होंने अपनी पहली अवधि की तरह ही व्यापार नीति को प्राथमिकता दी। 2 अप्रैल 2025 को उन्होंने एक कार्यकारी आदेश जारी किया, जिसके तहत वैश्विक स्तर पर पारस्परिक टैरिफ लगाए गए। इसका मतलब था कि अगर कोई देश अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ लगाता है, तो अमेरिका भी उसी स्तर पर जवाबी टैरिफ लगाएगा। यह नीति व्यापार घाटे को कम करने और घरेलू उद्योगों को मजबूत करने के लिए थी। लेकिन कृषि उत्पादों पर इन टैरिफों ने उल्टा असर किया। बीफ, जो मुख्य रूप से ब्राजील और अर्जेंटीना से आयात होता है, पर 25 प्रतिशत तक टैरिफ लग गया। इससे सुपरमार्केट में बीफ की कीमतें 15 प्रतिशत बढ़ गईं। इसी तरह, कॉफी, जो कोलंबिया और वियतनाम से आती है, पर 10 प्रतिशत टैरिफ ने कॉफी की कीमतों को 20 प्रतिशत ऊंचा कर दिया। उष्णकटिबंधीय फल जैसे केले और संतरे, जो मध्य अमेरिकी देशों से आते हैं, पर भी टैरिफ ने फलों की कीमतों को प्रभावित किया। अमेरिकी उपभोक्ता संघों ने शिकायत की कि ये टैरिफ महंगाई बढ़ा रहे हैं, जबकि अमेरिका में इन उत्पादों का उत्पादन कम है।
उपभोक्ता दबाव बढ़ता गया। सितंबर 2025 में अमेरिकी उपभोक्ता उत्पाद सुरक्षा आयोग (CPSC) ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें कहा गया कि खाद्य पदार्थों की कीमतें 2024 के मुकाबले 12 प्रतिशत बढ़ी हैं। ट्रंप प्रशासन पर आरोप लगा कि टैरिफ नीति उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचा रही है। रिपब्लिकन सीनेटरों ने भी चिंता जताई। ट्रंप ने 13 नवंबर को एयर फोर्स वन पर पत्रकारों से कहा, "हम थोड़ा रोल बैक कर रहे हैं, जैसे कॉफी पर।" अगले ही दिन व्हाइट हाउस में हस्ताक्षर हुए। कार्यकारी आदेश 14257 के संशोधन के रूप में आया, जिसमें एनेक्स II को अपडेट किया गया। अब ये उत्पाद टैरिफ से मुक्त हैं, और बदलाव 13 नवंबर से प्रभावी हो गए। व्हाइट हाउस के फैक्ट शीट में कहा गया कि यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए है। ट्रंप ने कहा कि व्यापार सौदों के बाद यह संशोधन जरूरी था।
इस आदेश का प्रभाव तुरंत दिखने लगा। अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि बीफ की कीमतें अगले तीन महीनों में 5-7 प्रतिशत कम होंगी। कॉफी और फलों पर भी राहत मिलेगी। अमेरिकी कृषि विभाग (USDA) ने कहा कि इससे आयात बढ़ेगा, जो उपभोक्ताओं को फायदा देगा। लेकिन अमेरिकी किसानों को चिंता है। वे कहते हैं कि टैरिफ हटने से विदेशी उत्पाद सस्ते हो जाएंगे, जिससे घरेलू बाजार प्रभावित होगा। ब्राजील से बीफ आयात पहले ही 20 प्रतिशत बढ़ चुका है। ट्रंप प्रशासन ने स्पष्ट किया कि ये टैरिफ घरेलू उत्पादन पर लागू नहीं होंगे। व्यापार विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम 2026 के मध्यावधि चुनावों को ध्यान में रखकर उठाया गया, जहां महंगाई बड़ा मुद्दा है। डेमोक्रेट्स ने इसे यू-टर्न बताया। सीनेटर एलिजाबेथ वॉरेन ने कहा कि ट्रंप की नीतियां अस्थिर हैं।
ट्रंप की व्यापार नीति हमेशा विवादास्पद रही है। पहली अवधि में उन्होंने चीन पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाए, जो अब भी जारी हैं। लेकिन कृषि क्षेत्र में यह पहला बड़ा संशोधन है। इक्वाडोर के साथ समझौते से केले और फलों का आयात आसान होगा। ग्वाटेमाला और एल सल्वाडोर से कॉफी सस्ती आएगी। अर्जेंटीना से बीफ पर छूट से मीट पैकर्स को राहत। व्हाइट हाउस ने कहा कि ये समझौते पारस्परिक व्यापार और सुरक्षा पर आधारित हैं। ट्रंप ने ट्विटर पर पोस्ट किया, "अमेरिकी परिवारों के लिए अच्छी खबर! कीमतें कम होंगी।" उपभोक्ता समूहों ने स्वागत किया। नेशनल कंज्यूमर लीग ने कहा कि यह सही दिशा है। लेकिन अर्थव्यवत्ता में महंगाई अभी भी चुनौती है। फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरें स्थिर रखी हैं।
यह आदेश अमेरिकी अर्थव्यवस्था को कैसे प्रभावित करेगा? शॉर्ट टर्म में उपभोक्ताओं को फायदा। लॉन्ग टर्म में व्यापार संतुलन पर असर। विश्व व्यापार संगठन (WTO) ने पहले ट्रंप के टैरिफों की आलोचना की थी। अब यह संशोधन अंतरराष्ट्रीय संबंध सुधार सकता है। भारत जैसे देशों के लिए भी संकेत है, जहां कृषि निर्यात महत्वपूर्ण है। अमेरिकी बाजार में भारतीय मसालों पर टैरिफ पहले से कम हैं, लेकिन यह कदम वैश्विक व्यापार को प्रोत्साहित करेगा। ट्रंप ने कहा कि वे और सौदे करेंगे। यह फैसला उनकी 'अमेरिका फर्स्ट' नीति का हिस्सा है, लेकिन उपभोक्ता हित को प्राथमिकता देता है।
What's Your Reaction?