सीतापुर में शिक्षक भर्ती घोटाला: 16 फर्जी शिक्षकों की बर्खास्तगी, फर्जी दस्तावेजों से हासिल की थी नौकरी। 

उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में 12,460 सहायक शिक्षक भर्तियों के सत्यापन के दौरान 16 शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए, जिसके बाद ...

May 21, 2025 - 15:50
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सीतापुर में शिक्षक भर्ती घोटाला: 16 फर्जी शिक्षकों की बर्खास्तगी, फर्जी दस्तावेजों से हासिल की थी नौकरी। 

सीतापुर: उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में 12,460 सहायक शिक्षक भर्तियों के सत्यापन के दौरान 16 शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए, जिसके बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया और उनके खिलाफ विभिन्न थानों में प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई। ये शिक्षक जुलाई 2024 में सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्त हुए थे, लेकिन जांच में उनके शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) और डीएलएड प्रमाणपत्र जाली पाए गए। बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) अखिलेश प्रताप सिंह ने बताया कि इन शिक्षकों को नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन कोई भी अपना पक्ष रखने नहीं आया। इस घोटाले ने शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा दिया है, और अभी 600 से अधिक शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच बाकी है, जिससे फर्जी शिक्षकों की संख्या बढ़ने की आशंका है।

  • बर्खास्त शिक्षकों के नाम और उनके पद

नीचे उन 16 शिक्षकों के नाम और उनके तैनाती वाले स्कूलों की सूची दी गई है, जिन्हें फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी पाने के आरोप में बर्खास्त किया गया है:

बब्लू यादव - सहायक अध्यापक, प्राथमिक विद्यालय बगचन, सीतापुर
रंजना पुत्री सुरेश यादव - सहायक अध्यापक, प्राथमिक विद्यालय शाहपुर, सीतापुर
अभिषेक कुमार - सहायक अध्यापक, प्राथमिक विद्यालय जमुनहां, सीतापुर
विनोद कुमार - सहायक अध्यापक, प्राथमिक विद्यालय (विशिष्ट स्थान उपलब्ध नहीं), सीतापुर
मनोज कुमार - सहायक अध्यापक, प्राथमिक विद्यालय (विशिष्ट स्थान उपलब्ध नहीं), सीतापुर
अरविंद कुमार - सहायक अध्यापक, प्राथमिक विद्यालय चौखड़िया, विकास खंड मिश्रिख, सीतापुर
गोपाल सिंह - सहायक अध्यापक, प्राथमिक विद्यालय (विशिष्ट स्थान उपलब्ध नहीं), सीतापुर
जीतेंद्र कुमार - सहायक अध्यापक, प्राथमिक विद्यालय ढकिया कला, सीतापुर
राहुल कुमार - सहायक अध्यापक, प्राथमिक विद्यालय बांसी, सीतापुर
अकबर शाह - सहायक अध्यापक, प्राथमिक विद्यालय फखरपुर, सीतापुर
प्रदीप कुमार यादव - सहायक अध्यापक, प्राथमिक विद्यालय (विशिष्ट स्थान उपलब्ध नहीं), सीतापुर
दिनेश कुमार यादव - सहायक अध्यापक, प्राथमिक विद्यालय (विशिष्ट स्थान उपलब्ध नहीं), सीतापुर
प्रमोद कुमार - सहायक अध्यापक, प्राथमिक विद्यालय (विशिष्ट स्थान उपलब्ध नहीं), सीतापुर
भूपेंद्र सिंह - सहायक अध्यापक, प्राथमिक विद्यालय अमिरिती, सीतापुर
सुनील कुमार - सहायक अध्यापक, प्राथमिक विद्यालय बिलरिया, सीतापुर
ओमवीर सिंह - सहायक अध्यापक, उच्च प्राथमिक विद्यालय बिचपरी, विकास खंड बिसवां, सीतापुर
घोटाले का खुलासा और कार्रवाई

पिछले वर्ष सीतापुर जिले में 12,460 शिक्षक भर्ती के तहत 1,100 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति हुई थी। इनमें से 500 शिक्षकों के दस्तावेजों का सत्यापन हो चुका है, जिसमें 16 शिक्षकों के TET और डीएलएड प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए। संबंधित विश्वविद्यालयों और संस्थानों से सत्यापन के बाद इन शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई। पिसावां के खंड शिक्षा अधिकारी अवनीश कुमार ने राहुल कुमार, अकबर शाह, और जीतेंद्र कुमार के खिलाफ महोली और पिसावां थानों में मुकदमा दर्ज कराया। मिश्रिख के खंड शिक्षा अधिकारी कपिल देव द्विवेदी ने अरविंद कुमार के खिलाफ पिसावां थाने में FIR दर्ज की। अन्य शिक्षकों के खिलाफ भी विभिन्न थानों में मामले दर्ज किए गए हैं।

बेसिक शिक्षा अधिकारी अखिलेश प्रताप सिंह ने बताया कि सभी 16 शिक्षकों को नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन कोई भी जवाब देने या अपने दस्तावेजों का सत्यापन कराने नहीं आया। इसके बाद उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गईं, और उनके खिलाफ भारतीय नवीन संहिता (BNS) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (महत्वपूर्ण दस्तावेजों की जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के लिए जालसाजी), और 471 (जाली दस्तावेज को असली के रूप में उपयोग) के तहत मुकदमे दर्ज किए गए।

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शिक्षा विभाग ने अभी 600 से अधिक शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच पूरी करने की प्रक्रिया शुरू की है। BSA ने कहा कि जैसे-जैसे जांच का दायरा बढ़ेगा, फर्जी शिक्षकों की संख्या बढ़ सकती है। शिक्षा विभाग ने डिजिटल सत्यापन प्रणाली को मजबूत करने और भविष्य में ऐसी जालसाजी को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने का निर्णय लिया है। बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने निर्देश दिए हैं कि फर्जी नियुक्तियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाए, और दोषियों को कठोर दंड दिया जाए।

इस घोटाले ने सीतापुर के शिक्षा तंत्र पर गंभीर सवाल उठाए हैं। फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति से योग्य उम्मीदवारों का हक छीना गया और बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हुई। अभिभावकों और स्थानीय लोगों ने शिक्षा विभाग से भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की मांग की है। यह मामला 2018 में सीतापुर में 28 फर्जी शिक्षकों की बर्खास्तगी और 2020 में "अनामिका शुक्ला" घोटाले की याद दिलाता है, जिसमें एक ही नाम से कई शिक्षकों ने नौकरी हासिल की थी।

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