13 अगस्त 2025 को भारत में सोने-चांदी के दाम- प्रमुख शहरों में कीमतों में उतार-चढ़ाव।
Today Gold Prices: भारत में सोने और चांदी की कीमतें हमेशा से निवेशकों, खरीदारों और व्यापारियों के लिए महत्वपूर्ण रही हैं। 13 अगस्त 2025 को सोने और चांदी के दामों में...
भारत में सोने और चांदी की कीमतें हमेशा से निवेशकों, खरीदारों और व्यापारियों के लिए महत्वपूर्ण रही हैं। 13 अगस्त 2025 को सोने और चांदी के दामों में मामूली बदलाव देखने को मिला, जो वैश्विक बाजारों, मुद्रा विनिमय दरों और घरेलू मांग-आपूर्ति जैसे कारकों का परिणाम था। यह खबर दिल्ली, लखनऊ, कानपुर, आगरा, बरेली, मुंबई, कोलकाता, पुणे, चेन्नई, तमिलनाडु, असम और मध्य प्रदेश जैसे प्रमुख शहरों और क्षेत्रों में 13 अगस्त 2025 के सोने और चांदी के दामों को कवर करती है। इसके साथ ही, यह लेख 30 अगस्त 2025 तक के अनुमानित रुझानों को भी शामिल करता है। यह जानकारी इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA), मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) और अन्य विश्वसनीय स्रोतों के आधार पर तैयार की गई है, जिसमें 24 कैरेट, 22 कैरेट, 18 कैरेट और 14 कैरेट सोने के साथ-साथ चांदी की कीमतों का विवरण दिया गया है। कीमतें प्रति 10 ग्राम (सोना) और प्रति किलोग्राम (चांदी) में दी गई हैं, और ये स्थानीय करों (GST, TCS) को छोड़कर हैं, जो शहरों के आधार पर भिन्न हो सकते हैं।
13 अगस्त 2025 को सुबह के कारोबारी सत्र में सोने की कीमतों में मामूली गिरावट दर्ज की गई। IBJA के अनुसार, 24 कैरेट सोने की कीमत 10 ग्राम के लिए 1,01,390 रुपये थी, जो पिछले दिन की तुलना में 10 रुपये कम थी। 22 कैरेट सोना, जो आभूषणों में आमतौर पर इस्तेमाल होता है, 92,940 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था। 18 कैरेट सोने की कीमत 75,043 रुपये प्रति 10 ग्राम थी, जबकि 14 कैरेट सोना 59,294 रुपये प्रति 10 ग्राम पर था। चांदी की कीमतों में भी 100 रुपये की कमी देखी गई, और यह 1,14,900 रुपये प्रति किलोग्राम पर बिकी। ये कीमतें MCX पर भी समान थीं, जहां 24 कैरेट सोना 1,01,498 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी 1,14,967 रुपये प्रति किलोग्राम पर थी।
शहरों के आधार पर कीमतों में मामूली अंतर देखा गया, जो स्थानीय करों, परिवहन लागत और मांग-आपूर्ति के कारण था। दिल्ली में 24 कैरेट सोना 1,01,714 रुपये और 22 कैरेट सोना 93,204 रुपये प्रति 10 ग्राम था। लखनऊ में 24 कैरेट सोना 1,01,010 रुपये और 22 कैरेट 92,590 रुपये प्रति 10 ग्राम था। कानपुर में 24 कैरेट सोना 1,01,595 रुपये और 22 कैरेट 93,128 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बिका। आगरा में 24 कैरेट सोने की कीमत 1,01,010 रुपये और 22 कैरेट 92,590 रुपये थी। बरेली में 24 कैरेट सोना 1,00,960 रुपये और 22 कैरेट 92,546 रुपये प्रति 10 ग्राम था।
मुंबई में 24 कैरेट सोना 1,01,498 रुपये और 22 कैरेट 93,040 रुपये प्रति 10 ग्राम था। कोलकाता में 24 कैरेट सोना 1,01,554 रुपये और 22 कैरेट 93,091 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था। पुणे में 24 कैरेट सोना 1,01,498 रुपये और 22 कैरेट 93,040 रुपये था। चेन्नई और तमिलनाडु के अन्य हिस्सों में 24 कैरेट सोना 1,01,664 रुपये और 22 कैरेट 93,191 रुपये प्रति 10 ग्राम था। असम में 24 कैरेट सोना 1,01,050 रुपये और 22 कैरेट 92,629 रुपये था। मध्य प्रदेश के भोपाल और इंदौर जैसे शहरों में 24 कैरेट सोना 1,01,760 रुपये और 22 कैरेट 93,278 रुपये प्रति 10 ग्राम पर था। चांदी की कीमतें सभी शहरों में लगभग 1,14,900 से 1,15,380 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच थीं।
सोने और चांदी की कीमतों में यह बदलाव वैश्विक बाजारों में उतार-चढ़ाव, अमेरिकी डॉलर की मजबूती और भारत में मांग के रुझानों से प्रभावित था। वैश्विक स्तर पर, COMEX पर सोना 3,458.20 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस और चांदी 38.51 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस पर थी। भारतीय रुपये में यह कीमतें क्रमशः 9,755 रुपये और 3,271 रुपये प्रति 10 ग्राम के बराबर थीं। अमेरिकी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) 2.7% पर स्थिर रहने और वैश्विक तेल की कीमतों में कमी (66.1 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल) के कारण सोने की कीमतों पर दबाव रहा। इसके अलावा, भारत में आयात शुल्क और स्थानीय करों ने भी कीमतों को प्रभावित किया।
13 अगस्त से 30 अगस्त 2025 तक की अवधि में सोने और चांदी की कीमतों में मामूली वृद्धि की उम्मीद थी। विशेषज्ञों के अनुसार, इस अवधि में रक्षाबंधन, स्वतंत्रता दिवस और ओणम जैसे त्योहारों के कारण भारत में सोने की मांग बढ़ने की संभावना थी। रक्षाबंधन पर उपहार के रूप में सोने-चांदी के आभूषणों और सिक्कों की खरीदारी बढ़ती है, जिससे कीमतों में हल्की उछाल आ सकती है। अनुमान के मुताबिक, 30 अगस्त 2025 तक 24 कैरेट सोना 1,01,300 रुपये से 1,02,000 रुपये प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोना 92,900 रुपये से 93,500 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है। चांदी की कीमतें 1,15,000 रुपये से 1,16,000 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच रहने की उम्मीद थी।
सोने की कीमतों को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारकों में मांग और आपूर्ति, ब्याज दरें, मुद्रास्फीति, आयात शुल्क और सरकारी भंडार शामिल हैं। भारत में सोने की मांग मुख्य रूप से आभूषणों, निवेश और शादी-विवाह जैसे अवसरों के लिए होती है। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सोने का उपभोक्ता है, लेकिन उत्पादन में उसका योगदान 1% से भी कम है। इसलिए, आयात शुल्क और अंतरराष्ट्रीय कीमतें भारतीय बाजार को सीधे प्रभावित करती हैं। जब ब्याज दरें कम होती हैं, तो लोग निश्चित आय वाले निवेशों से हटकर सोने में निवेश करते हैं, जिससे मांग बढ़ती है। इसके विपरीत, उच्च ब्याज दरें सोने की मांग को कम कर सकती हैं। मुद्रास्फीति के समय सोना एक सुरक्षित निवेश माना जाता है, क्योंकि यह मुद्रा के मूल्य में कमी से प्रभावित नहीं होता।
पिछले कुछ महीनों में सोने की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। जुलाई 2025 में सोने की कीमतें 1,00,009 रुपये (24 कैरेट, प्रति 10 ग्राम) के निम्नतम स्तर से 99,683 रुपये तक पहुंची थीं। अगस्त 2025 की शुरुआत में कीमतें 99,123 रुपये से शुरू हुईं और 13 अगस्त तक 1,01,390 रुपये तक पहुंच गईं। चांदी की कीमतें भी जुलाई में 1,13,250 रुपये से बढ़कर 1,14,900 रुपये प्रति किलोग्राम हो गईं। पिछले एक साल में सोने की कीमतों में 45.97% और चांदी की कीमतों में 42.78% की वृद्धि दर्ज की गई, जो निवेशकों के लिए सोने-चांदी को आकर्षक बनाता है।
शहरों के बीच कीमतों में अंतर स्थानीय करों और परिवहन लागत के कारण होता है। उदाहरण के लिए, दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों में सोने की कीमतें अन्य शहरों की तुलना में थोड़ी अधिक होती हैं, क्योंकि वहां मांग अधिक है और ज्वैलर्स प्रीमियम चार्ज करते हैं। तमिलनाडु और चेन्नई में आभूषणों की मजबूत सांस्कृतिक मांग के कारण कीमतें स्थिर रहती हैं। असम और मध्य प्रदेश जैसे क्षेत्रों में मांग अपेक्षाकृत कम होने के कारण कीमतें थोड़ी कम हो सकती हैं। लखनऊ, कानपुर, आगरा और बरेली जैसे उत्तर प्रदेश के शहरों में भी स्थानीय मांग और आपूर्ति के आधार पर कीमतें बदलती रहती हैं।
अनुमानों के अनुसार, सोने की कीमतों में हल्की वृद्धि की उम्मीद है। विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं, जैसे कि भू-राजनीतिक तनाव और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियां, सोने की कीमतों को समर्थन दे सकती हैं। भारत में त्योहारी सीजन शुरू होने से मांग बढ़ने की संभावना है, जो कीमतों को और ऊपर ले जा सकती है। चांदी की कीमतें भी औद्योगिक मांग और निवेशकों की रुचि के कारण स्थिर रहने की उम्मीद है।
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