Trump ने Intel के CEO लिप-बू टैन से तत्काल इस्तीफे की मांग की: चीन से संबंधों पर विवाद। 

International: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड Trump ने 7 अगस्त 2025 को इंटेल कॉर्पोरेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) लिप-बू टैन से तत्काल इस्तीफा देने की मांग की। Trump ने ....

Aug 8, 2025 - 12:14
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Trump ने Intel के CEO लिप-बू टैन से तत्काल इस्तीफे की मांग की: चीन से संबंधों पर विवाद। 
Trump ने Intel के CEO लिप-बू टैन से तत्काल इस्तीफे की मांग की: चीन से संबंधों पर विवाद। 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड Trump ने 7 अगस्त 2025 को इंटेल कॉर्पोरेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) लिप-बू टैन से तत्काल इस्तीफा देने की मांग की। Trump ने अपने सोशल मीडिया मंच ट्रूथ सोशल पर लिखा, "इंटेल का CEO बहुत हद तक विवादों में घिरा है और उसे तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। इस समस्या का कोई और समाधान नहीं है।" यह मांग लिप-बू टैन के कथित तौर पर चीनी कंपनियों और सैन्य से संबंधों को लेकर उठे विवाद के बाद आई है। Trump का यह बयान इंटेल के लिए नई चुनौतियां लेकर आया है, जो पहले से ही चिप उद्योग में प्रतिस्पर्धा और आर्थिक दबावों से जूझ रही है।

लिप-बू टैन को मार्च 2025 में इंटेल का CEO नियुक्त किया गया था। उनका कार्यकाल कंपनी के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा था, क्योंकि इंटेल को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और मोबाइल चिप्स के क्षेत्र में नvidia और AMD जैसी कंपनियों से पिछड़ने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। टैन को उनके अनुभव और चिप उद्योग में गहरी समझ के लिए जाना जाता है। उन्होंने पहले कैडेंस डिज़ाइन सिस्टम्स (2008-2021) के CEO के रूप में काम किया और वाल्डेन इंटरनेशनल नामक वेंचर कैपिटल फर्म की स्थापना की, जो एशिया में निवेश के लिए जानी जाती है।

Trump की मांग का आधार टैन के कथित चीनी कंपनियों में निवेश और उनके चीनी सैन्य से संभावित संबंध हैं। अप्रैल 2025 में रॉयटर्स ने एक रिपोर्ट में बताया कि टैन ने व्यक्तिगत रूप से और अपनी वेंचर कैपिटल फर्म वाल्डेन इंटरनेशनल के माध्यम से सैकड़ों चीनी टेक्नोलॉजी कंपनियों में निवेश किया है। इनमें से कम से कम आठ कंपनियों का संबंध चीनी जनमुक्ति सेना (PLA) से बताया गया। इसके अलावा, टैन के कैडेंस डिज़ाइन सिस्टम्स के CEO रहते हुए कंपनी ने चीनी सैन्य विश्वविद्यालय, नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ डिफेंस टेक्नोलॉजी को चिप डिज़ाइन तकनीक बेची थी, जो अमेरिकी निर्यात नियंत्रणों का उल्लंघन था। इस मामले में कैडेंस ने पिछले महीने $140 मिलियन का जुर्माना भरकर दोष स्वीकार किया।

  • Trump का बयान और सीनेटर कॉटन की चिट्ठी

Trump की यह मांग रिपब्लिकन सीनेटर टॉम कॉटन के एक पत्र के एक दिन बाद आई, जिसमें उन्होंने इंटेल के बोर्ड चेयरमैन फ्रैंक येरी से टैन के चीनी कंपनियों से संबंधों पर सवाल उठाए। कॉटन ने अपने पत्र में लिखा कि टैन के निवेश "इंटेल की अमेरिकी करदाताओं के पैसे के जिम्मेदार प्रबंधन और सुरक्षा नियमों का पालन करने की क्षमता पर सवाल उठाते हैं।" उन्होंने यह भी पूछा कि क्या इंटेल ने टैन से उनकी चीनी कंपनियों में हिस्सेदारी छोड़ने को कहा और क्या कैडेंस के दौरान प्राप्त सबपोना के बारे में बोर्ड को जानकारी दी गई थी।

कॉटन ने विशेष रूप से इंटेल द्वारा प्राप्त $8 बिलियन की CHIPS एक्ट अनुदान का उल्लेख किया, जो बाइडेन प्रशासन ने अमेरिकी चिप उद्योग को बढ़ावा देने के लिए दिया था। इस अनुदान का उद्देश्य अमेरिका में सेमीकंडक्टर विनिर्माण को मजबूत करना और विदेशी चिप उत्पादन पर निर्भरता कम करना है। कॉटन ने कहा कि टैन के चीनी संबंध इस राष्ट्रीय सुरक्षा लक्ष्य को खतरे में डाल सकते हैं।

  • इंटेल का जवाब

इंटेल ने Trump के बयान के जवाब में एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया, "इंटेल, इसका बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स और लिप-बू टैन अमेरिकी राष्ट्रीय और आर्थिक सुरक्षा हितों को आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। हम राष्ट्रपति के 'अमेरिका फर्स्ट' एजेंडे के अनुरूप महत्वपूर्ण निवेश कर रहे हैं।" कंपनी ने यह भी बताया कि वह अमेरिका में सेमीकंडक्टर अनुसंधान और विनिर्माण में अरबों डॉलर का निवेश कर रही है, जिसमें एरिज़ोना में एक नई फैब शामिल है, जो अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करेगी।

हालांकि, टैन ने व्यक्तिगत रूप से इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की। रॉयटर्स के अनुसार, एक सूत्र ने बताया कि टैन ने अपनी चीनी कंपनियों में हिस्सेदारी बेच दी थी, लेकिन इसका पूरा ब्योरा उपलब्ध नहीं है।

Trump का यह कदम उनकी उस शैली का हिस्सा है, जिसमें वह निजी कंपनियों के नेताओं पर सार्वजनिक रूप से दबाव बनाते हैं। पहले भी उन्होंने कई टेक कंपनियों जैसे ऐपल और ओपनएआई पर दबाव डाला है, जिसके बाद इन कंपनियों ने अमेरिका में निवेश की घोषणाएं कीं। उदाहरण के लिए, हाल ही में ऐपल के CEO टिम कुक ने व्हाइट हाउस से $100 बिलियन के अमेरिकी निवेश की घोषणा की। Trump ने एक दिन पहले ही आयातित चिप्स पर 100% टैरिफ लगाने की धमकी दी थी, जिसमें उन्होंने उन कंपनियों को छूट देने की बात कही जो अमेरिका में विनिर्माण करेंगी।

इंटेल के लिए यह विवाद एक नाजुक समय पर आया है। कंपनी पहले से ही आर्थिक और तकनीकी चुनौतियों से जूझ रही है। टैन ने अपने कार्यकाल में लागत कम करने के लिए 15% कर्मचारियों की छंटनी की और जर्मनी, पोलैंड और ओहियो में फैक्ट्री परियोजनाओं को रद्द या स्थगित कर दिया। ओहियो में एक फैक्ट्री का निर्माण अब 2030-31 तक पूरा होने की उम्मीद है। इसके अलावा, इंटेल की नई उत्पादन प्रक्रिया में तकनीकी समस्याएं भी सामने आई हैं, जिससे कंपनी की प्रतिस्पर्धी स्थिति और कमजोर हुई है।

कुछ विश्लेषकों का मानना है कि टैन का चीनी सेमीकंडक्टर उद्योग का गहरा ज्ञान इंटेल के लिए एक संपत्ति है। बर्नस्टीन के विश्लेषक स्टेसी रैसगन ने कहा, "लिप-बू एक सेमीकंडक्टर उद्योग के दिग्गज हैं, और उनके चीन से संबंध सभी को पता हैं।" हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि Trump प्रशासन के माहौल में ये संबंध एक "खराब छवि" बना रहे हैं। कुछ निवेशकों का मानना है कि Trump का यह कदम अमेरिकी कंपनियों को देश में निवेश के लिए प्रेरित करने की रणनीति का हिस्सा है।

Trump की लिप-बू टैन से इस्तीफे की मांग ने इंटेल और अमेरिकी चिप उद्योग में एक नया विवाद पैदा कर दिया है। यह घटना अमेरिका-चीन संबंधों और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों को फिर से सामने लाती है। इंटेल के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण समय है, क्योंकि कंपनी को न केवल तकनीकी और आर्थिक समस्याओं से निपटना है, बल्कि अब राजनीतिक दबाव का भी सामना करना पड़ रहा है। यह देखना बाकी है कि इंटेल और टैन इस स्थिति का जवाब कैसे देते हैं और क्या टैन अपने पद पर बने रहेंगे।

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