देश- विदेश: 20 अमेरिकी राज्यों ने ट्रंप प्रशासन पर मेडिकेड डेटा साझा करने के लिए मुकदमा दायर किया, गोपनीयता कानूनों के उल्लंघन का आरोप।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन को एक बड़े कानूनी संकट का सामना करना पड़ रहा है। कैलिफोर्निया के नेतृत्व में 20 राज्यों के अटॉर्नी....
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन को एक बड़े कानूनी संकट का सामना करना पड़ रहा है। कैलिफोर्निया के नेतृत्व में 20 राज्यों के अटॉर्नी जनरल ने ट्रंप प्रशासन के खिलाफ संघीय अदालत में मुकदमा दायर किया है, जिसमें मेडिकेड डेटा को अवैध रूप से निर्वासन अधिकारियों के साथ साझा करने का आरोप लगाया गया है। यह डेटा, जिसमें लाखों लोगों के नाम, पते, सामाजिक सुरक्षा नंबर, आप्रवासन स्थिति और चिकित्सा दावों की जानकारी शामिल है, को कथित तौर पर स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग (HHS) ने पिछले महीने होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (DHS) के साथ साझा किया। इन राज्यों का दावा है कि यह कदम स्वास्थ्य बीमा पोर्टेबिलिटी और जवाबदेही अधिनियम (HIPAA), सामाजिक सुरक्षा अधिनियम और गोपनीयता अधिनियम 1974 सहित कई संघीय गोपनीयता कानूनों का उल्लंघन करता है।
इस विवाद की शुरुआत मई 2025 में हुई, जब सेंटर्स फॉर मेडिकेयर एंड मेडिकेड सर्विसेज (CMS) ने घोषणा की कि वह कुछ राज्यों के मेडिकेड रोल्स की समीक्षा करेगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि संघीय धन का उपयोग "असंतोषजनक आप्रवासन स्थिति" वाले लोगों के लिए कवरेज के लिए नहीं किया गया है। 6 जून को, CMS की उप निदेशक सारा विटोलो द्वारा हस्ताक्षरित एक आंतरिक ज्ञापन में कैलिफोर्निया, वाशिंगटन और इलिनोइस से गैर-अमेरिकी नागरिकों के मेडिकेड डेटा का विवरण साझा करने का अनुरोध किया गया। इस ज्ञापन में CMS अधिकारियों ने डेटा साझा करने के अनुरोध का विरोध किया, यह तर्क देते हुए कि यह सामाजिक सुरक्षा अधिनियम और गोपनीयता अधिनियम जैसे कानूनों का उल्लंघन करेगा। इसके बावजूद, HHS के दो शीर्ष सलाहकारों, जो स्वास्थ्य और मानव सेवा सचिव रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर के अधीन काम करते थे, ने डेटा को DHS के साथ साझा करने का आदेश दिया, जिसमें आप्रवासन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) शामिल है।
इस डेटा में संवेदनशील व्यक्तिगत जानकारी शामिल थी, जैसे कि व्यक्तियों के नाम, पते, सामाजिक सुरक्षा नंबर, आप्रवासन स्थिति और चिकित्सा दावों का विवरण। कैलिफोर्निया के अटॉर्नी जनरल रॉब बोंटा ने इसे "सात दशकों की संघीय कानून नीति और प्रथा का उल्लंघन" करार दिया, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि व्यक्तिगत स्वास्थ्य डेटा गोपनीय है और इसे केवल विशिष्ट परिस्थितियों में ही साझा किया जा सकता है जो सार्वजनिक स्वास्थ्य या मेडिकेड कार्यक्रम के लिए लाभकारी हों।
कैलिफोर्निया के नेतृत्व में, इस मुकदमे में शामिल अन्य राज्य हैं: एरिजोना, कोलोराडो, कनेक्टिकट, डेलावेयर, हवाई, इलिनोइस, मेन, मैरीलैंड, मैसाचुसेट्स, मिशिगन, मिनेसोटा, नेवाडा, न्यू जर्सी, न्यू मैक्सिको, न्यूयॉर्क, ओरेगन, रोड आइलैंड, वर्मोंट और वाशिंगटन। ये सभी राज्य अपने मेडिकेड कार्यक्रमों में गैर-अमेरिकी नागरिकों को नामांकन की अनुमति देते हैं, जो राज्य के करदाताओं के धन से संचालित होते हैं। मुकदमे में मांग की गई है कि अदालत HHS को मेडिकेड डेटा को किसी अन्य संघीय एजेंसी के साथ साझा करने से रोके और DHS, ICE, या व्हाइट हाउस के डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) को इस डेटा का उपयोग आप्रवासन प्रवर्तन या "जनसंख्या निगरानी" के लिए करने से रोक दे। इसके अलावा, मुकदमे में यह भी अनुरोध किया गया है कि पहले से साझा किए गए सभी डेटा को जब्त, नष्ट और वापस लिया जाए। ट्रंप प्रशासन ने इस डेटा साझाकरण को कानूनी ठहराया है। HHS के प्रवक्ता एंड्रयू निक्सन ने कहा कि डेटा साझाकरण "पूरी तरह से कानूनी था और सभी लागू कानूनों के अनुपालन में था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मेडिकेड लाभ केवल उन लोगों को मिले जो इसके लिए कानूनी रूप से हकदार हैं।" DHS की प्रवक्ता ट्रिशिया मैकलॉघलिन ने NPR को बताया कि CMS और DHS एक पहल पर काम कर रहे हैं ताकि "गैर-कानूनी आप्रवासियों को मेडिकेड लाभ न मिले जो कानून का पालन करने वाले अमेरिकियों के लिए हैं।" हालांकि, प्रशासन ने यह स्पष्ट नहीं किया कि डेटा का उपयोग कैसे किया जाएगा या इसे साझा करने का क्या आधार था।
- गोपनीयता और सामाजिक प्रभाव
इस डेटा साझाकरण ने न केवल कानूनी, बल्कि सामाजिक चिंताएं भी पैदा की हैं। रॉब बोंटा ने चेतावनी दी कि इस कदम ने "डर का माहौल" पैदा किया है, जिसके परिणामस्वरूप कम लोग आपातकालीन चिकित्सा देखभाल लेने की हिम्मत करेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि यह डेटा DHS को बड़े पैमाने पर निर्वासन अभियान में मदद कर सकता है, जिससे आप्रवासी समुदायों में भय और अविश्वास बढ़ेगा। कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूजम ने इस कदम को "कानूनी रूप से संदिग्ध" बताया, और कैलिफोर्निया के सीनेटरों ने इसे HIPAA, सामाजिक सुरक्षा अधिनियम और गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन करार दिया।
यह मुकदमा ट्रंप प्रशासन की आप्रवासन नीतियों और डेटा गोपनीयता के मुद्दों पर एक महत्वपूर्ण कानूनी और नैतिक बहस को जन्म देता है। 20 राज्यों का एक साथ मुकदमा दायर करना यह दर्शाता है कि गोपनीयता और सार्वजनिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर गहरी चिंताएं हैं। यदि अदालत इन राज्यों के पक्ष में फैसला सुनाती है, तो यह ट्रंप प्रशासन की डेटा साझाकरण नीतियों पर रोक लगा सकता है और आप्रवासी समुदायों के लिए एक सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित कर सकता है। दूसरी ओर, यह मामला संघीय और राज्य सरकारों के बीच तनाव को और बढ़ा सकता है। इ इसके अलावा, यह मुकदमा उस दिन दायर किया गया जब सीनेट ने मेडिकेड और अन्य संघीय लाभ कार्यक्रमों में गहरी कटौती को मंजूरी दी, जो ट्रंप की प्रमुख घरेलू नीति विधेयक का हिस्सा है। यह विधेयक अब सदन में अंतिम मतदान के लिए जाएगा, जिससे मेडिकेड लाभों पर और सवाल उठ रहे हैं। एक अन्य यूजर ने इसे आप्रवासी विरोधी नीतियों का हिस्सा बताते हुए ट्रंप की नीतियों की आलोचना की।
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